Congratulations Bhai for your first thread bahut jabardast start hai jaldi jaldi updates do please bahut dirty aur rough sex hona chahiye aur lund size bada rakhnaUpdate 01
ये हे मेरी मां रानी दिखने एक दम हिंदी फिल्म की हीरोइन रानी मुखर्जी जी जेसी हे.. छोटे छोटे स्तन और भरवादार बदन की मालकिन.. पति के अलावा किसी को चुने तक नही दे खुद के जिस्म को लेकिन स्वभाव से बड़ी ही नटखट और कामुक होने से कोई भी मर्द हो उसे अपने इशारे पे नचाने में बड़ी माहिर है...
मां को अपने गोरे और चिकने बदन पे बड़ा गर्व या कहे तो अभिमान था जितना हो पाए वो दिखाने से जरा भी शर्माती नही..
बैकलेस स्लीवलेस ब्लाउज पहन के सब का लिंग खड़ा करने में माहिर है मेरी मां...
मां की उम्र अब 50 साल हो गई थी और पापा की 60 साल और में 25 वर्ष का था..में अब खुद कमाने लगा था.. और मां ने अब मुझे घर के मर्द के रूप में स्वीकार कर लिया था... मां की एक बात मुझे बड़ी ही आकर्षक लगती की वो एक मर्द के आगे न घुटने टेक देती नही उस मर्द को अपने से नीचा दिखाने की कोसिस करती.. बल्कि वो पूरी तरह से घर के मर्द यानी जो घर चलता है उसे मान सम्मान और अपनी मीठी मीठी बातों से अपनी पकड़ मे रखती...
जब में छोटा था मां दादाजी का इतना खयाल रखती की जैसे उनकी पत्नी हो और अब मेरा वो वैसे ही खयाल रखती है...
जैसे की सुबह चाय नाश्ता बना के मुझे खुद उठाने आती है.. में अक्सर मां को बिस्तर में गिरा देता हूं और मां को चूमता और उन्हे बहोत प्यार करता.. मां को मेरा यू उन्हें प्यार करना कही न कही बड़ा ही आकर्षित करता था.. मेने देखा कि मां अब और अच्छे से तैयार होकर कमरे में आती थी और रोज सुबह कुछ पल आनद मस्ती करती...
"मां ये वाली साड़ी में आप रानी मुखर्जी जेसी लगती हो एक दम क्यूट और..." मेने मां को पीछे से पकड़ के कहा.. मां आयने के आगे खड़ी हुए मुस्करा रही थी...और अपनी मीठी आवाज में बोली...
"अच्छा और क्या मां से इतना शर्मा रहा ही तो अपनी बीवी को केसे बोएगा हा हा"
में बड़ा ही हैरान रह गया लेकिन फिर मां को और कस के अपनी बाहों मे भरते हुए मां के कानो को चूम के कहा "मां आप बड़ी ही खूबसूरत लग रही हो जैसे कि... एक दम अप्सरा"
"बस अप्सरा हा...." मां ने अजीब सा मुंह बना के कहा.. जैसे नाराज हो... में सोच में पड़ गया अब क्या कहूं...
"मां बोल तो दू लेकिन आप गुस्सा होगी" मेने धीमी आवाज में मां के गले को चूमते हुए कहा..मां अब खुद को मेरी बाहों से आजाद कराने के लिए हल्का सा धक्का देने लगी लेकिन मेने पकड़ मजबूत रखी...
"हट अब जाने दे बहोत काम हे बोलना है बोल और मुझे जाने दे"
"मां आप को लोग सही लगते है है आप सच में माल हो दिल करता है आप से ही शादी कर लूं" और मेने मां को अपनी और किया और मां के गालों को चूम लिया और जैसे ही में मां के होठ की और अपने होठ ले गया मां ने मुजे जोर से धक्का दिया और बड़ी ही मस्ती से बड़ी सी मुस्कान के साथ बोली..."हट बदमाश तू भी बिगड़ गया हे" और मां की पूरी नंगी पीठ उनकी काली बैकलेस ब्लाउज से मेरी आखों के सामने से जाने लगी उनकी गुलाबी ब्रा भी साफ साफ दिख रही थी....
में बाथरूम में घुस गया और मां के नाम की मूठ मारी और सारा वीर्य एक कप में जमा किया और.. कप लेके रसोई घर में घुस गया मां बाहर बैठी थी नाश्ता टेबल ले लगा के.. मेने प्रोटीन लिया और बनाना डाल मिल्क मिक्स किया बनाना शेक बना के दो ग्लास में भरा और एक में मेरा वीर्य भी डाल दिया... जो उपर ही था ग्लास में लेकिन पता नहीं चल रहा था....
मेने मां को बनाना शेक दिया और कहा "ये लो मां आप के लिए शेक"
"मुझे नहीं पीना तू ही पी" मां ने कहा
मेने मां के मुंह पे ग्लास रख दिया और कहा "पीना पड़ेगा प्रोटीन की भी जरूरी होता है आप एक दम पतली हो गई हो"
"में और पतली हा हा उड़ा ले मज़ाक तू भी" और मां ने ग्लास अपने होठ से लगा दिया...मां को एक दो घुट अजीब से लगे जो मेरे वीर्य वाले थे... मां के होठों पे मेरा गिराया हुआ पानी देख में एक दम गर्व महसूस करने लगा अपने आप पे जैसे की मां मेरी सच में पत्नी हो"
और फिर ने ऑफिस के लिए निकल पड़ा...
मेरे जाने से आस पास के मर्द बड़े खुस दिख रहे थे अब वो सारा दिन मां को ताड़ने वाले जो थे और कुछ तो मां करने नही देगी तो यही एक काम ही सब का...
Bahot Zordar story hai ....keep it up
Update 01
ये हे मेरी मां रानी दिखने एक दम हिंदी फिल्म की हीरोइन रानी मुखर्जी जी जेसी हे.. छोटे छोटे स्तन और भरवादार बदन की मालकिन.. पति के अलावा किसी को चुने तक नही दे खुद के जिस्म को लेकिन स्वभाव से बड़ी ही नटखट और कामुक होने से कोई भी मर्द हो उसे अपने इशारे पे नचाने में बड़ी माहिर है...
मां को अपने गोरे और चिकने बदन पे बड़ा गर्व या कहे तो अभिमान था जितना हो पाए वो दिखाने से जरा भी शर्माती नही..
बैकलेस स्लीवलेस ब्लाउज पहन के सब का लिंग खड़ा करने में माहिर है मेरी मां...
मां की उम्र अब 50 साल हो गई थी और पापा की 60 साल और में 25 वर्ष का था..में अब खुद कमाने लगा था.. और मां ने अब मुझे घर के मर्द के रूप में स्वीकार कर लिया था... मां की एक बात मुझे बड़ी ही आकर्षक लगती की वो एक मर्द के आगे न घुटने टेक देती नही उस मर्द को अपने से नीचा दिखाने की कोसिस करती.. बल्कि वो पूरी तरह से घर के मर्द यानी जो घर चलता है उसे मान सम्मान और अपनी मीठी मीठी बातों से अपनी पकड़ मे रखती...
जब में छोटा था मां दादाजी का इतना खयाल रखती की जैसे उनकी पत्नी हो और अब मेरा वो वैसे ही खयाल रखती है...
जैसे की सुबह चाय नाश्ता बना के मुझे खुद उठाने आती है.. में अक्सर मां को बिस्तर में गिरा देता हूं और मां को चूमता और उन्हे बहोत प्यार करता.. मां को मेरा यू उन्हें प्यार करना कही न कही बड़ा ही आकर्षित करता था.. मेने देखा कि मां अब और अच्छे से तैयार होकर कमरे में आती थी और रोज सुबह कुछ पल आनद मस्ती करती...
"मां ये वाली साड़ी में आप रानी मुखर्जी जेसी लगती हो एक दम क्यूट और..." मेने मां को पीछे से पकड़ के कहा.. मां आयने के आगे खड़ी हुए मुस्करा रही थी...और अपनी मीठी आवाज में बोली...
"अच्छा और क्या मां से इतना शर्मा रहा ही तो अपनी बीवी को केसे बोएगा हा हा"
में बड़ा ही हैरान रह गया लेकिन फिर मां को और कस के अपनी बाहों मे भरते हुए मां के कानो को चूम के कहा "मां आप बड़ी ही खूबसूरत लग रही हो जैसे कि... एक दम अप्सरा"
"बस अप्सरा हा...." मां ने अजीब सा मुंह बना के कहा.. जैसे नाराज हो... में सोच में पड़ गया अब क्या कहूं...
"मां बोल तो दू लेकिन आप गुस्सा होगी" मेने धीमी आवाज में मां के गले को चूमते हुए कहा..मां अब खुद को मेरी बाहों से आजाद कराने के लिए हल्का सा धक्का देने लगी लेकिन मेने पकड़ मजबूत रखी...
"हट अब जाने दे बहोत काम हे बोलना है बोल और मुझे जाने दे"
"मां आप को लोग सही लगते है है आप सच में माल हो दिल करता है आप से ही शादी कर लूं" और मेने मां को अपनी और किया और मां के गालों को चूम लिया और जैसे ही में मां के होठ की और अपने होठ ले गया मां ने मुजे जोर से धक्का दिया और बड़ी ही मस्ती से बड़ी सी मुस्कान के साथ बोली..."हट बदमाश तू भी बिगड़ गया हे" और मां की पूरी नंगी पीठ उनकी काली बैकलेस ब्लाउज से मेरी आखों के सामने से जाने लगी उनकी गुलाबी ब्रा भी साफ साफ दिख रही थी....
में बाथरूम में घुस गया और मां के नाम की मूठ मारी और सारा वीर्य एक कप में जमा किया और.. कप लेके रसोई घर में घुस गया मां बाहर बैठी थी नाश्ता टेबल ले लगा के.. मेने प्रोटीन लिया और बनाना डाल मिल्क मिक्स किया बनाना शेक बना के दो ग्लास में भरा और एक में मेरा वीर्य भी डाल दिया... जो उपर ही था ग्लास में लेकिन पता नहीं चल रहा था....
मेने मां को बनाना शेक दिया और कहा "ये लो मां आप के लिए शेक"
"मुझे नहीं पीना तू ही पी" मां ने कहा
मेने मां के मुंह पे ग्लास रख दिया और कहा "पीना पड़ेगा प्रोटीन की भी जरूरी होता है आप एक दम पतली हो गई हो"
"में और पतली हा हा उड़ा ले मज़ाक तू भी" और मां ने ग्लास अपने होठ से लगा दिया...मां को एक दो घुट अजीब से लगे जो मेरे वीर्य वाले थे... मां के होठों पे मेरा गिराया हुआ पानी देख में एक दम गर्व महसूस करने लगा अपने आप पे जैसे की मां मेरी सच में पत्नी हो"
और फिर ने ऑफिस के लिए निकल पड़ा...
मेरे जाने से आस पास के मर्द बड़े खुस दिख रहे थे अब वो सारा दिन मां को ताड़ने वाले जो थे और कुछ तो मां करने नही देगी तो यही एक काम ही सब का...