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Incest घर की प्यासी बुर

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black_Cobra

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हैलो रीडर्स I AM Back once again
तो अपने लण्ङ और बुर का रस निचोड़ने के लिए तैयार हो जाओ आज एक ऐसी स्टोरी स्टार्ट कर रहा हूं जिसे पढ़ के अपने घर में ही बुर को चोदने और chudwane के लिए तड़प उठोगे तो अपना support बनाए रखें ❤️🙏💦
 

black_Cobra

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Update - 1

ये एक बहुत ही मिडिल क्लास फैमिली की स्टोरी हैं जिसमें भरपूर chudai भरी पड़ी है तो दोस्तो अपने Lund और बुर पे तेल लगा कर रेडी हो जाओ शुरू करते हैं फैमिली के परिचय से

अविनाश- उम्र ४५ वर्ष.
एक बहुत बड़ा बिजनेसमैन, गुड लुकिंग लेकिन गलत संगत मे पड़ने के कारन उसे हैवी ड्रिंकिंग की आदत पड़ गइ... कई बार तो वो इतनी पी लेता की उसे कुछ अपना होश ही नहीं रहता और उसके दोस्त उसे घर तक छोड़ने आते...

सोनाली- उम्र ४०, फिगर- ३४-३०-३६

एक अच्छी पढ़ीलिखी औरत, बहुत ही खूबसूरत और क़ातिलाना सांचे मे ढला हुआ जिस्म, जिसे देख कर बुड्ढे भी जवानी की दुहाई माँगते है जहाँ से वो गुज़रती वहां के लोगो को अपने हुस्न का दीवाना बना देती.. उसने अपना फिगर मेन्टेन करके रखा है योग ओर एक्सरसाइज के द्वारा... कोई भी उसे देख कर ये नहीं कह सकता की उसकी उम्र ४० की होगी, उसकी उम्र ३० साल से भी कम लगती थी..,

उम्र के साथ ही सोनाली की बदन की आग बढ़ती जा रही थि, पर उस आग को शांत करने वाला रोज शराब के नशे मे आता और आते ही बिस्तर पर गिर पडता... और सोनाली ऐसे ही तड़प कर रह जाति, २ साल से ऊपर हो गया था उसे सेक्स करे रोज रात को उसे अपनी उंगलि, और अब कुछ समय से डिलडो से अपने बदन को शांत करना पडता, वो चाहती तो बाहर भी मुह मार सकती थी पर अपनी फॅमिली की इज्जत की बजह से उसने कभी भी बाहर ट्राय नहीं किया... और ऐसे ही अपनी जिस्म की आग को मिटाने की कोशिश करने लगी... पर जिस्म की आग भला हाथ और डिलडो से कभी शांत हुई है... उसके लिए तो एक असली लंड की जरुरत होती है...
श्वेता- उम्र-२०, फिगर- ३4-२८-३4
एक सिंपल लड़की है, जवानी पुरे शबाब पर थि, उसके अंग अंग से जवानी छलकती थी... कॉलेज में हर लड़का उसके पीछे पड़ा था पर वो किसी को भी लिफ्ट नही देती थी... बेचारे सभी लड़के उसके दूध और गांड देख कर आहें भरते रहते है..

सतीश- स्टोरी का हीरो है, अपने डैड की तरह गुड लुकिंग एंड मस्कुलर बॉडी का मालिक जो की उसने जिम मे २ साल की मेहनत से बनाई थी...
उम्र-१९, हाइट-५ फट. ९ इंच और सबसे खास उसका हथियार 9 इंच" लम्बा 4 इंच' मोटा, न जाने अब तक कितनो की सील तोड़ चुका था...
सतीश बहुत चुदक्कड़ किस्म का बंदा था, अगर किसी चुत पर उसके लौडे का दिल आ जाता तो वो उसे ठोंक कर ही रहता...
शिप्रा- उम्र-१८ फिगर- २८-२६-३०
नन्ही चुलबुली सी लडकि, जिस पर अभी अभी जवानी आनी शुरू हुई थी...
------ ----- -------- -------
कहानी के बाकि के किरदार समय आने पर इंट्रोडुस करा दिए जाएंगे...

रात के १२ बज रहे थे, सतीश और शिप्रा अपने अपने रूम मे सो रहे थे जब कि दूसरी तरफ सोनाली अपने रूम मे अपनी चुत की आग को बुजाने मे लगी थी... टेबल लैंप की दूधिया रौशनी मे उसका नंगा दूधिया जिस्म और भी मादक और कामुक लग रहा था... उसके ३४ साइज के वेल शेप्ड मख़मली बॉब्स और उन पर पिंकिश निप्पल जो की अभी तन कर १" के करीब हो गई थी, किसी भी साधू और मुनि का पानी निकालने के लिए काफी था.... और कमरे का दृश्य(सीन) तो किसी मुर्दे को भी जिंदा कर देता, कमरे में सोनाली पूरी नंगी लेटी हुई थि, उसका सुन्दर चेहरा इस समय सेक्स की आग मे झुलस कर लाल पड़ गया था, वो अपने एक हाथ से अपनी चूचियां एक-२ करके मसल रही थि, और दूसरा हाथ निचे उसकी चुत मे ५ इंच" के डिलडो को अंदर बाहर करने मे लगा हुआ था... पुरे रूम मे सोनाली की सिसकियाँ गुंज रही थी.... अब सोनाली तेजी के साथ अपनी चुत मे डिलडो को अंदर बाहर करने लगती है, सिसकियाँ और तेज हो जाती हे, और सोनाली की आँखें भी मजे की अधिक्ता के कारन बंद हो जाती हे.... उसको देख कर कोई भी बता सकता था की अब वो अपने ओर्गास्म की तरफ है... तभी डोर बेल बजती है पर सोनाली उसको इग्नोर करके अपनी मस्ती मे लगी रहती है और हाथ की स्पीड और तेज कर देती है... पर गेट पर खड़े बन्दे को वेट करना शायद पसंद नहीं था तभी तो वो एक के बाद लगतार बेल बजाते जाता है.... बेल के लगातार बजने पर सोनाली ये सोच कर की कही सतीश या शिप्रा मे से कोई न जाग जाए, बड़ी मुस्किल से बेड से उठती है और निचे पड़ी ब्लैक कलर की नाइटी उठा कर पहन लेती है और गेट खोलने चल देती है....सोनाली- कमीना कही का खुद तो कुछ करता नहीं और जब मे खुद अपनी प्यास बुजा रही हूँ तो भी साला गलत वक़्त पर अपनी गांड मराने आ गया...

वैसे सोनाली कभी गाली नहीं देती थी लेकिन अपने ओर्गास्म पर आकर रह जाने के कारन ग़ुस्से मे उसके मुह से ये वर्ड्स अनायास निकल गए थे... और गुस्सा आना लाज़मी भी है क्योकि
अगर आप किसी लड़की को ओर्गास्म की स्टेज तक लेकर उसे छोड़ दे तो वो आपको गाली ही देगि, प्यार तो नहीं करेगी ना...

सोनाली गेट ओपन करती है, सामने अविनाश ही था रोज की तरह बेहोषी की हालत में... और साथ में उसका दोस्त कम बिज़नेस पार्टनर दुष्यंत था, जो की रोज की तरह उसे घर छोड़ने आया था....सामने का दृश्य देख कर दुष्यंत की तो आज लॉटरी लग गई थि, क्योकि जो नाइटी सोनाली ने अपने बॉडी पर डाली थी वो सेमि ट्रांसपेरेंट टाइप की थि, और जिसके अंदर उसने कुछ नहीं पहना था, और उस नाइटी मे से उसकी आधी से ज्यादा क्लीवेज नाइटी से एक्सपोस हो रहे थे...

दुश्यंत अपने चेहरे पर कमिनि मुस्कान के साथ- नमस्ते भाभी जि, मेरे लाख समझाने के बाद भी आज फिर ईसने कुछ ज्यादा ही पी ली...

सोनाली उसकी नजर से समझ जाती है की वो उसकी बॉडी को खा जाने वाली नजर से घुर रहा है...

सोनाली थँक्स कहकर अविनाश का हाथ पकड़ कर अपने कंधे मे डाल लेती है और उसे सहारा देते हुए अंदर ले जाने लगती है... सोनाली को अविनाश को अंदर ले जाने मे दिक्कत हो रही थी...

दुश्यंत- अरे भाभी आप क्यों परेशान हो रही हो में छोड़ आता हूँ इसे रूम में... और दुश्यंत आगे बड़कर अविनाश का दूसरा हाथ अपने कंधे पर रखता है, और दूसरा हाथ जानकर उसका दूसरे हाथ (जिधर से सोनाली उसे अपने ऊपर डाले हुए थी ) के कंधे पर रखकर निचे लाते हुए सोनाली की चूचि पर फेर देता है....

ये सब इतनी तेजी से हुआ की न तो सोनाली को कुछ कहने का मौका मिला और न ही कुछ करने का... पर अपने चूचि पर दुश्यंत का हाथ पड़ते ही उसका बदन एक दम सिहर उठता है... और वो उसके तरफ देख कर- नहीं इसकी जरुरत नहीं है में इन्हे खुद ले जाउंगी...

दुश्यंत- एज यु विश्, मैं तो बस आपकी मदद करना चाहता था... और इसी के साथ दुश्यंत अपना हाथ हटाते हुए जान बुज कर सोनाली के दूध को हलके से दबा देता है... सोनाली उसकी इस हरकत पर उसे घूर कर देखती है तो दुश्यंत ऐसे शो करता है की जैसे ये अन्जाने में हुआ हो, और फिर वो सोनाली को गुड नाईट बोलकर निकल जाता है....

दोस्तो अगला भाग जल्दी ही आएगा आप अपने importent feedback jarur de aur comment kar ke support kre 🙏
 

parkas

Well-Known Member
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ये एक बहुत ही मिडिल क्लास फैमिली की स्टोरी हैं जिसमें भरपूर chudai भरी पड़ी है तो दोस्तो अपने Lund और बुर पे तेल लगा कर रेडी हो जाओ शुरू करते हैं फैमिली के परिचय से

अविनाश- उम्र ४५ वर्ष.
एक बहुत बड़ा बिजनेसमैन, गुड लुकिंग लेकिन गलत संगत मे पड़ने के कारन उसे हैवी ड्रिंकिंग की आदत पड़ गइ... कई बार तो वो इतनी पी लेता की उसे कुछ अपना होश ही नहीं रहता और उसके दोस्त उसे घर तक छोड़ने आते...

सोनाली- उम्र ४०, फिगर- ३४-३०-३६

एक अच्छी पढ़ीलिखी औरत, बहुत ही खूबसूरत और क़ातिलाना सांचे मे ढला हुआ जिस्म, जिसे देख कर बुड्ढे भी जवानी की दुहाई माँगते है जहाँ से वो गुज़रती वहां के लोगो को अपने हुस्न का दीवाना बना देती.. उसने अपना फिगर मेन्टेन करके रखा है योग ओर एक्सरसाइज के द्वारा... कोई भी उसे देख कर ये नहीं कह सकता की उसकी उम्र ४० की होगी, उसकी उम्र ३० साल से भी कम लगती थी..,

उम्र के साथ ही सोनाली की बदन की आग बढ़ती जा रही थि, पर उस आग को शांत करने वाला रोज शराब के नशे मे आता और आते ही बिस्तर पर गिर पडता... और सोनाली ऐसे ही तड़प कर रह जाति, २ साल से ऊपर हो गया था उसे सेक्स करे रोज रात को उसे अपनी उंगलि, और अब कुछ समय से डिलडो से अपने बदन को शांत करना पडता, वो चाहती तो बाहर भी मुह मार सकती थी पर अपनी फॅमिली की इज्जत की बजह से उसने कभी भी बाहर ट्राय नहीं किया... और ऐसे ही अपनी जिस्म की आग को मिटाने की कोशिश करने लगी... पर जिस्म की आग भला हाथ और डिलडो से कभी शांत हुई है... उसके लिए तो एक असली लंड की जरुरत होती है...
श्वेता- उम्र-२०, फिगर- ३4-२८-३4
एक सिंपल लड़की है, जवानी पुरे शबाब पर थि, उसके अंग अंग से जवानी छलकती थी... कॉलेज में हर लड़का उसके पीछे पड़ा था पर वो किसी को भी लिफ्ट नही देती थी... बेचारे सभी लड़के उसके दूध और गांड देख कर आहें भरते रहते है..

सतीश- स्टोरी का हीरो है, अपने डैड की तरह गुड लुकिंग एंड मस्कुलर बॉडी का मालिक जो की उसने जिम मे २ साल की मेहनत से बनाई थी...
उम्र-१९, हाइट-५ फट. ९ इंच और सबसे खास उसका हथियार 9 इंच" लम्बा 4 इंच' मोटा, न जाने अब तक कितनो की सील तोड़ चुका था...
सतीश बहुत चुदक्कड़ किस्म का बंदा था, अगर किसी चुत पर उसके लौडे का दिल आ जाता तो वो उसे ठोंक कर ही रहता...
शिप्रा- उम्र-१८ फिगर- २८-२६-३०
नन्ही चुलबुली सी लडकि, जिस पर अभी अभी जवानी आनी शुरू हुई थी...
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कहानी के बाकि के किरदार समय आने पर इंट्रोडुस करा दिए जाएंगे...

रात के १२ बज रहे थे, सतीश और शिप्रा अपने अपने रूम मे सो रहे थे जब कि दूसरी तरफ सोनाली अपने रूम मे अपनी चुत की आग को बुजाने मे लगी थी... टेबल लैंप की दूधिया रौशनी मे उसका नंगा दूधिया जिस्म और भी मादक और कामुक लग रहा था... उसके ३४ साइज के वेल शेप्ड मख़मली बॉब्स और उन पर पिंकिश निप्पल जो की अभी तन कर १" के करीब हो गई थी, किसी भी साधू और मुनि का पानी निकालने के लिए काफी था.... और कमरे का दृश्य(सीन) तो किसी मुर्दे को भी जिंदा कर देता, कमरे में सोनाली पूरी नंगी लेटी हुई थि, उसका सुन्दर चेहरा इस समय सेक्स की आग मे झुलस कर लाल पड़ गया था, वो अपने एक हाथ से अपनी चूचियां एक-२ करके मसल रही थि, और दूसरा हाथ निचे उसकी चुत मे ५ इंच" के डिलडो को अंदर बाहर करने मे लगा हुआ था... पुरे रूम मे सोनाली की सिसकियाँ गुंज रही थी.... अब सोनाली तेजी के साथ अपनी चुत मे डिलडो को अंदर बाहर करने लगती है, सिसकियाँ और तेज हो जाती हे, और सोनाली की आँखें भी मजे की अधिक्ता के कारन बंद हो जाती हे.... उसको देख कर कोई भी बता सकता था की अब वो अपने ओर्गास्म की तरफ है... तभी डोर बेल बजती है पर सोनाली उसको इग्नोर करके अपनी मस्ती मे लगी रहती है और हाथ की स्पीड और तेज कर देती है... पर गेट पर खड़े बन्दे को वेट करना शायद पसंद नहीं था तभी तो वो एक के बाद लगतार बेल बजाते जाता है.... बेल के लगातार बजने पर सोनाली ये सोच कर की कही सतीश या शिप्रा मे से कोई न जाग जाए, बड़ी मुस्किल से बेड से उठती है और निचे पड़ी ब्लैक कलर की नाइटी उठा कर पहन लेती है और गेट खोलने चल देती है....सोनाली- कमीना कही का खुद तो कुछ करता नहीं और जब मे खुद अपनी प्यास बुजा रही हूँ तो भी साला गलत वक़्त पर अपनी गांड मराने आ गया...

वैसे सोनाली कभी गाली नहीं देती थी लेकिन अपने ओर्गास्म पर आकर रह जाने के कारन ग़ुस्से मे उसके मुह से ये वर्ड्स अनायास निकल गए थे... और गुस्सा आना लाज़मी भी है क्योकि
अगर आप किसी लड़की को ओर्गास्म की स्टेज तक लेकर उसे छोड़ दे तो वो आपको गाली ही देगि, प्यार तो नहीं करेगी ना...

सोनाली गेट ओपन करती है, सामने अविनाश ही था रोज की तरह बेहोषी की हालत में... और साथ में उसका दोस्त कम बिज़नेस पार्टनर दुष्यंत था, जो की रोज की तरह उसे घर छोड़ने आया था....सामने का दृश्य देख कर दुष्यंत की तो आज लॉटरी लग गई थि, क्योकि जो नाइटी सोनाली ने अपने बॉडी पर डाली थी वो सेमि ट्रांसपेरेंट टाइप की थि, और जिसके अंदर उसने कुछ नहीं पहना था, और उस नाइटी मे से उसकी आधी से ज्यादा क्लीवेज नाइटी से एक्सपोस हो रहे थे...

दुश्यंत अपने चेहरे पर कमिनि मुस्कान के साथ- नमस्ते भाभी जि, मेरे लाख समझाने के बाद भी आज फिर ईसने कुछ ज्यादा ही पी ली...

सोनाली उसकी नजर से समझ जाती है की वो उसकी बॉडी को खा जाने वाली नजर से घुर रहा है...

सोनाली थँक्स कहकर अविनाश का हाथ पकड़ कर अपने कंधे मे डाल लेती है और उसे सहारा देते हुए अंदर ले जाने लगती है... सोनाली को अविनाश को अंदर ले जाने मे दिक्कत हो रही थी...

दुश्यंत- अरे भाभी आप क्यों परेशान हो रही हो में छोड़ आता हूँ इसे रूम में... और दुश्यंत आगे बड़कर अविनाश का दूसरा हाथ अपने कंधे पर रखता है, और दूसरा हाथ जानकर उसका दूसरे हाथ (जिधर से सोनाली उसे अपने ऊपर डाले हुए थी ) के कंधे पर रखकर निचे लाते हुए सोनाली की चूचि पर फेर देता है....

ये सब इतनी तेजी से हुआ की न तो सोनाली को कुछ कहने का मौका मिला और न ही कुछ करने का... पर अपने चूचि पर दुश्यंत का हाथ पड़ते ही उसका बदन एक दम सिहर उठता है... और वो उसके तरफ देख कर- नहीं इसकी जरुरत नहीं है में इन्हे खुद ले जाउंगी...

दुश्यंत- एज यु विश्, मैं तो बस आपकी मदद करना चाहता था... और इसी के साथ दुश्यंत अपना हाथ हटाते हुए जान बुज कर सोनाली के दूध को हलके से दबा देता है... सोनाली उसकी इस हरकत पर उसे घूर कर देखती है तो दुश्यंत ऐसे शो करता है की जैसे ये अन्जाने में हुआ हो, और फिर वो सोनाली को गुड नाईट बोलकर निकल जाता है....

दोस्तो अगला भाग जल्दी ही आएगा आप अपने importent feedback jarur de aur comment kar ke support kre 🙏
Nice and beautiful update....
 
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Raj incest lover

Well-Known Member
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4,232
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हैलो रीडर्स I AM Back once again
तो अपने लण्ङ और बुर का रस निचोड़ने के लिए तैयार हो जाओ आज एक ऐसी स्टोरी स्टार्ट कर रहा हूं जिसे पढ़ के अपने घर में ही बुर को चोदने और chudwane के लिए तड़प उठोगे तो अपना support बनाए रखें ❤️🙏💦
Ghar ki bur ki baat hi nirali hoti ha jo koi bhi sach me apni Ghar ki bur me apna louda dala wo sada ke lye uska dweena ho gaya
 

black_Cobra

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Update - 2


सोनाली अविनाश को लेकर अपने रूम की तरफ बढ़ जाती है... और रूम में मे पहुच कर अविनाश को बेड पर लिटा देती है... और फिर में डोर को लॉक करके आती है, फिर अविनाश के शूज और शॉक्स उतार कर उसे ठीकसे बेड पर लिटा देती है... और फिर थोड़ी देर अपनी किस्मत को कोसने के बाद अपनी नाइटी को उतार कर फेक देती है और अपना अधुरा काम पूरा करने में लग जाती है यानी की चुत की खुजली मिटने में, उसके हाथ और चुत में फिर एक जंग छिड़ जाती है...
उसी रात जहाँ एक तरफ सोनाली अपने जिस्म की आग बुजाने में लगी हुई थी... वही दूसरी तरफ लगातार बेल्ल बजने के कारन सतीश की आँख भी खुल गई थि, सतीश को समझते देर न लगी की गेट पर उसके डैड हैं जो की रोज की तरह लेट नाईट ड्रिंक करके आये हे, इसलिये सतीश दोबारा सोने के लिए लेट गया पर बहुत देर ट्राय करने के बाद भी उसे नींद नहीं आई, तभी उसे प्रेशर लगा तो वो उठ कर अपने रूम के टॉयलेट में चला गया और हल्का होने के बाद वापस अपने बेड पर आकर लेट गया, और सोने की कोशिश करने लगा अभी आँख लगने ही वाली थी की उसे जोर की प्यास लगती है, वो अपने बेड की साइड में रखी टेबल पे रखी बोतल को उठता है, पर बोतल बिलकुल खली थि, इसलिए सतीश अपने रूम से निकलकर निचे पानी लेने के लिए चल देता.... सीढ़ियों पे से ही उसकी नजर अपनी माँ के बेडरूम के थोड़े से खुले डोर से आती रौशनी पर पड़ती है...

सतीश- माँ इतनी लेट नाईट लाइट जला कर क्या कर रही हे... खैर मुझे क्या? अभी तो पानी पीलु पहले क्योकि- ये प्यास है बड़ी...

ओर सतीश किचन की तरफ बढ़ जाता है... और पानी पीने के बाद वो सीढ़ियों की तरफ चल देता है... सीढ़ियों और किचन के बीच मे ही उसके माँ डैड का रूम था अभी वो अपने माँ के रूम से जरा सा आगे बड़ा ही था की तभी उसके कान में एक आवाज़ पड़ी और उसके कदम एक दम ठिठक गए और तभी उसे दूसरी आवाज़ सुनाई दि... आवाज हलकी होने के कारन उसे कुछ समझ नहीं आया... पर उसके कदम उसके माँ के रूम की तरफ बढ़ गए और उसने थोड़ेसे खुले डोर को हलके से खोला और फिर अंदर का सिन देख कर उसके होश उड़ गये... उसकी आँखें आस्चर्य की अधिक्ता के कारन फैलती चलि गई... और अभी थोड़ी देर पहले तर किया हुआ गला वापस ऐसे सुक्ख गया जैसे वर्षो का प्यासा हो.....
सामने का दृश्य देख कर उसकी साँसे थम सी गई...

सामने उसकी माँ उसकी आँखों के सामने अपने नंगे जिस्म में वासना का नंगा नाच कर रही थी... एक पल को तो सतीश वहां से हटा पर दूसरे ही पल वो वापस गेट पर आकर अंदर का दृश्य देखने लगा...
सतीश (अपने आप से)- नहीं ये गलत है मुझे अपनी माँ को इस हालत में नहीं देखना चाहिए... वैसे ही सतीशने उनके डोर को बिना नॉक करे खोलकर पाप किया है और अब में माँ को ऐसा देखकर महापाप नहीं कर सकता...

सतीश का हरामी दिमाग- अबे कोई पाप नहीं है बे... सामने का दृश्य देख भूल जा की सामने जो नंगी औरत है वो तेरी माँ है... और बता की आज तक तूने अपनी लाइफ में इतना हसीन जिस्म देखा है... साले देख उसके बॉब्स को कितने बड़े, गोल और सुड़ौल हे... कितना मजा
आएगा जब वो चूचियां तेरे हाथ में होंगीं और तू उन्हें मसल रहा होगा...

सतीश- नहीं मे इस बारे में सोच भी नहीं सकता वो मेरी माँ हे... तुम मुझे बहका रहे हो...
ह. द.(हरामी दीमाग )- अबे ध्यान से देख सामने जो है वो किसी की माँ बहन नहीं हो सकती, वो तो एक लाचार औरत है, जिसका पति उसकी सेक्स की आग को कम नहीं करता... देख इस औरत को इसे देख कर ही लगता है की ये बर्षो से किसी मर्द के स्पर्श को तड़प रही है, बरसो की प्यासी है ये औरत... और देख इसे अगर ये एक इशारा भी कर दे तो लोगो की भीड़ लग जायेगी पर ईसने अपने परिवार की इज्जत के लिए इस आग में झुलसना क़बूल किया... तु इसकी प्यास बुजा सकता है..
सतीश- “मैं... मैं कैसे,.. ये मेरी माँ है”
ह.दी.- “आगे कुछ बोलने से पहले अपने शार्ट में बने टेंट को देख ले...
सतीश अपने शार्ट की तरफ देखता है तो उसे पता चलता है की उसका लंड पूरा खड़ा हो कर उसके शार्ट में टेंट बना रखा है...
सतीश चौकते हुये- ये कैसे खड़ा हो गया, वो भी अपनी माँ को देख कर...
ह.दी- दोस्त लंड की कोई माँ और बहन नहीं होति, इसे बस चुत से मतलब होता है चाहे वो किसी की भी हो... और इसे तुम जितनी जल्दी समझ लोगे उतने ही ज्यादा तुम जिन्दगी को एन्जॉय करोगे.... जैसे की अभी अपनी माँ को देख कर, कर रहे हो...
सतीश- शायद तुम सही कह रहे हो... क्योकि मुझे पता ही नहीं चला की कब मेरा हाथ मेरे लंड को सहलाने लगा...
अब सतीश अंदर का सिन देख के बहुत गरम हो गया था और अपने शार्ट को निचे खिसका देता है, और अपने लंड को हाथ में लेकर हिलाना शुरू कर देता है... रूम में सोनाली अपने एक हाथ से अपनी चुत में तेजी से डिलडो को अंदर बाहर कर रही थी जबकि दूसरे हाथ से अपनी चुत की क्लीट को रगड रही थी... पूरे रूम में उसके मुह से निकलती सिसकारियां गुंज रही थी जिन्हे सुनकर गेट पर खड़ा सतीश और भी गरम होकर अपने लंड को तेजी से हिलाने लगा... अन्दर सोनाली की आँखे पूरी मस्ती में बंद हो गई थी और वो तेजी से अपनी चुत को चोदने लगि, सोनाली मस्ती में अपने चूतडो को उछाल-२ कर डिलडो को अपने अंदर लेने लगी थी और थोड़ी देर में ही उसका जिस्म अकड जाता है, और उसकी चुत का बंद टूट जाता है, और उससे ढेरसारा कामरस निकलने लगता है...
सतीश की तो हालत ही ख़राब हो गई थी ये सब देख कर, एक पल को उसका मन किया की अभी अंदर जाकर अपनी माँ की चुत में अपना मुह घूसा दे और उसका सारा रस पि जाए, पर उसने अपने आपको रोक लिया क्योकि वो जल्दवाजी करके काम बिगाडना नहीं चाहता था...

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