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Adultery अनर्तवासना कहानी कमेंट से मिले कपल के साथ थ्रीसम चुदाई

DesiPathan87

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नमस्ते दोस्तों मेरी थ्रीसम की गरम चुदाई कहानी यहां पढ़ें :

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DesiPathan87

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एक हिंदी कहानी साइट पर किए कमेंट से मिले कपल के साथ थ्रीसम चुदाई

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नमस्कार दोस्तों । मेरा नाम राज है और मैं यू पी से हूं । मेरी आयु 37 साल है । मैं एक वीडियो एडिटर, वीएफएक्स आर्टिस्ट तथा 3डी मॉडलिंग आर्टिस्ट हूं । मुझे चुसाई और चुदाई का बहुत शौक है, अब तक 56 लड़कियों, भाभियों और आंटियों को चोद चुका हूं, यह मेरा प्रथम थ्रीसम सेक्स अनुभव है जिसको आपके साथ साझा कर रहा हूं । यह एकदम सच्ची घटना है, स्थान और पात्रों के नाम गोपनीयता की वजह से बदल दिए गए हैं । मैंने नेट से कई कपल से बात की परंतु सब फर्जी मिले । किंतु कल 23 सितंबर को एक व्यक्ति का मुझे मैसेज आया कि मेरी बीवी को पेलोगे ?!
मैसेज पढ़कर मन में लड्डू भी फूटे तथा शंकित भी हुआ कि कहीं इस बार भी केएलपीडी (खड़े लंड पे धोखा) ना हो जाए । परंतु फोटो वगैरह एक्सचेंज हो जाने के बाद लगा कि सही पार्टी है तो मिलने की बात तय हो गई ।
मैं शाम पांच बजे अपने घर से उनके गांव के लिए निकल पड़ा जो मेरे शहर के पास ही है लेकिन आता दूसरे जिले के अंतर्गत है । रास्ते में मुझे रवि जी (पति का परिवर्तित नाम) का फोन आया । उन्होंने पूछा, “कहां पहुंचे हो” ? तो जो एक ढाबा क्रॉस किया था मेरे टेंपो ने उसका नाम बता दिया (शुभमंगल ढाबा ) । फिर लगभग एक घंटे की यात्रा के बाद मैं उनके गांव से पंद्रह किलोमीटर दूर एक बाज़ार में पहुंच गया, जामुनी बाज़ार । रवि भैया करीब बीस मिनट बाद वहां पहुंच गए । हमने उनके कहने पर पास के एक ठेके से एक व्हिस्की का क्वार्टर लिया और चखने के साथ दो दो पैग खींच लिए । मौसम बनाकर हम बाइक से उनके गांव के लिए निकले और रास्ते में उन्होंने भाभी जी से मेरी बात करवाई । मैंने उनसे थोड़ी गर्म बातें कीं लेकिन किसी परपुरुष के साथ पहली बार था उनका तो वे शर्मा रहीं थीं । फिर मैं और भैया बातें करते उनके एक मित्र की क्लिनिक पर पहुंचे और कुछ देर वहां बैठे , उनसे उनके काम काज और मेरे काम काज, पढ़ाई की बातें हुईं । फिर एक बार भाभी का कॉल आया और भैया से उन्होंने बोला वीडियो कॉल लगाऊं ? तो भैया के हां बोलते ही वीडियो कॉल लगाया भाभी ने और दोस्तों कसम से जो नाइटी उन्होंने पहनी थीं उस में बिलकुल पटाखा माल लग रहीं थीं । औपचारिक अभिवादन के बाद मैंने उनसे पूछा “और भौजाई कसकर दोगी अच्छे से” ? तो उन्होंने एक कंटीली मुस्कान दी और शर्माकर बोलीं “हां” ! फिर मैं और भैया उनके घर पहुंच गए थोड़ी देर में । उनके घर में एक कमरे में एक कच्ची ज़मीन पर गद्दा बिछा था, हम उसपर बैठ गए । भाभी बोलीं कि बच्चे गहरी नींद सो जाएं फिर शुरू करते हैं। करीब दस पंद्रह मिनट बाद उनके बच्चे गहरी नींद में सो गए और हम तीनों ने फोरप्ले चालू कर दिया, मैंने कसकर भाभी को अपने से भींच लिया और उनकी सेक्सी चूचियां दबाने लगा और भैया उनकी गांड में नाइटी के ऊपर से लंड घिसते हुए उनकी गर्दन और पीठ पर किस करने लगे ।
भाभी मादक सिसकारियां निकालने लगीं , “आह ऊंह….” उनकी सिसकारियां सुनकर मुझे और जोश चढ़ गया और मैं उनके चूचे और तेज़ दबाते हुए सामने से उनके गाल और गर्दन चूमने लगा । फिर मैंने और भैया ने अपनी अपनी टी शर्ट और लोअर उतार दिए और भाभी भी नाइटी उतारने लगीं । मैंने नाइटी उतारने के बाद भाभी की ब्रा के हुक खोले, लेकिन खुल नहीं रहे थे कायदे से तो भाभी ने कंधों पर से ब्रा के स्ट्रैप हटाकर उसको नीचे खिसकाया और कमर पर लाकर हुक खोलकर उतार दिया और एक तरफ फेंक दिया । मैंने और भैया ने अपनी अपनी चड्ढी उतार फैंकी और भाभी की पैंटी मैंने उतार दी और उनकी मस्त, चिकनी जांघों और हल्के बालों से ढंकी बुर का ज़ोरदार चुम्मा लिया । भाभी फिर सिसक पड़ीं । फिर मैं और भैया भाभी के एक एक तरफ से चिपक गए उनसे और भाभी हम दोनों की पीठ और कमर सहलाने लगीं और भैया के होंठ चूसने लगीं, साथ ही हम दोनों के लंड बड़े प्यार से सहलाने लगीं और मैं उनकी गर्दन और कंधों, पीठ को ताबड़तोड़ चूमने, चाटने लगा ! कमरे में चारों तरफ हम तीनों की सांसों का शोर, चुम्बन के चटखारों की आवाज़ और भाभी की हल्की आवाज़ में सिसकारियां गूंज रहीं थीं !
अब हमने भाभी को चित्त लिटा दिया और भैया भाभी के मुंह में अपना लंड देकर चुसवाने लगे और मैं भाभी की जांघें फैलाकर उनकी जांघों को चूमने, चाटने के बाद उनकी मस्तानी बुर की फांकें फैलाकर उसके अंदर गहराई तक अपनी जीभ डालकर चूसने लगा और चाटने लगा । भाभी ने अपनी टांगों से मेरी पीठ जकड़ ली और मेरे बाल सहलाने लगीं और उनकी भैया का लंड चूसने की स्पीड बहुत तेज़ हो गई जिससे की कमरे में उम्म् उम्म पुछ पुछ की आवाज़ तेज़ हो गई । मैंने चूसते हुए भाभी की बुर में एक उंगली पेल दी और अंदर, बाहर करने लगा । फिर दो और फिर तीन उंगलियां गच्च से बुर में पेल दीं और अंदर बाहर पेलते हुए बुर की रगड़कर चुसाई और चटाई की । पन्द्रह बीस मिनट ये खेल चलता रहा और इतनी देर में भाभी की बुर बुरी तरह पनिया गई थी ।
अब भाभी पलटकर उल्टा लेट गईं और भैया का लंड चूसने लगीं और मैंने अपने तन्नाये लंड पर कंडोम चढ़ाकर उनकी बुर के छेद पर लगाया । भाभी ने हाथ पीछे लाकर लंड को अच्छे से बुर पर सेट किया और मैंने उनकी कमर थामकर गच्च से लौड़ा उनकी बुर की गहराइयों में पेल दिया ! भाभी की सिसकी उनके मुंह में ही दब गई और वो और तेज़ी से भैया की जांघों पर अपने हाथ जमाकर उनका लंड पीने लगीं । पन्द्रह मिनट उनको इसी आसन में चोदने के बाद हमने आसन बदला और अब भाभी सीधी लेट गईं और मैं मिशनरी पोज़ में उनकी जांघों के बीच आकर उनकी बुर में लंड पेलकर उनको गचा गच चोदने लगा उनकी मस्तानी चूचियां मसलते हुए और चुम्मा चाटी करते हुए और वो अपने सर के बाईं तरफ आ गए भैया के लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं । पच पच पच पच पच पच पच की आवाज़ों और भैया के लंड चुसाई की उम्म्म उम्म गूं गूं गूं गूं की आवाज़ अब कमरे में गूंजने लगी और पूरा वातावरण वासनामय हो गया । अब मैं भाभी के पूरे बदन से लिपटकर उनकी महकती सांसों को महसूस करते हुए उनके कंधे पकड़कर चोद रहा था और वे मेरी गर्दन और पीठ सहलाते हुए अपनी टांगें मेरी गांड के चारों ओर लपेटकर कमर उठा उठा कर चुदवा रहीं थीं मस्त होकर ।
अब हमने स्थान बदला और मैं लंड चुसवाने लगा भाभी से और भैया उनको घोड़ी बनाकर चोदने लगे । पूरे कमरे में चुदाई की गंध फैल गई थी ! हम तीनों के शरीर पसीने से तरबतर हो गए थे । 20- 25 मिनट बाद मैं कंडोम के अंदर भाभी के मुंह में और भैया उनकी बुर की गहराई में झड़ गए और हम तीनों हांफते हुए एक दूसरे से अलग हुए और एक दूसरे को सहलाते हुए लंबी लंबी सांसें लेने लगे ।
फिर हम उठकर खड़े हुए और अपने बदन से एक गमछे से पसीना पोंछकर कपड़े पहने और भाभी बच्चों को देखने गईं । फिर थोड़ी देर बाद भाभी ने प्यार से खाना परोसा, उन्होंने बोड़ा की सब्ज़ी बनाई थी और रोटियां जो कि मिट्टी के चूल्हे पर बनाई थीं । भैया एक व्हिस्की का क्वार्टर साथ भी लाए थे तो वे पीने लगे और मैं खाना खाने लगा । खाना पीना खत्म होने के बाद हम तीनों कमरे में आकर अलफ़ नंगे होकर चुम्मा, चाटी और लंड, बुर सहलाने लगे एक दूसरे के । इससे पहले कि हम दूसरे राउंड का खेल शुरू करते, उनका बच्चा रोने लगा । भाभी नाइटी पहनकर उसको चुप कराने गईं और मैं और भैया बाहर आंगन में आ गए, मैं कुर्सी पर बैठ गया और भैया सामने खड़े हो गए और हम बातें करने लगे । थोड़ी देर में भाभी आईं और मैं उनको अपने से लिपटाकर छेड़छाड़ और मज़ाक करने लगा । प्रथम थ्रीसम मिलन हो जाने के बाद अब भाभी अधिक शर्मा नहीं रहीं थीं और मेरी छेड़छाड़ का पूरा मज़ा ले रहीं थीं । फिर भाभी बोलीं कि कमरे में उन्हें बहुत गर्मी लग रही है तो हम आंगन में गद्दा, तकिया लेकर आ गए और नंगे होकर लेट गए भाभी के दोनों तरफ । मैं भाभी की एक सेक्सी चूची दबाने लगा और एक के निप्पल चूसने लगा, उनपर चारों तरफ काले घेरे पर अपनी जीभ फिराने लगा । भाभी अपनी एक बांह मेरी गर्दन के गिर्द लपेट कर मेरे दाएं कान के पास हाथ से जकड़कर सहलाते हुए सिसकने लगीं और भैया उनके होंठ चूसते हुए उनकी गर्म चिकनी बुर सहलाने लगे और उंगली करने लगे । हम तीनों को ही बहुत मज़ा आ रहा था, फिर भाभी घोड़ी बनकर भैया का लंड पीने लगीं और मैं उनकी बुर में कंडोम लगाकर लंड डालकर हचक कर पेलने लगा उनकी लटकती चूचियां मसलते हुए । भाभी की गांड की थिरकन देखकर मेरा जोश और बढ़ गया और मैं तूफानी रफ्तार से उनकी चूत मारने लगा । वो भी उतनी ही तूफानी रफ्तार से भैया का लंड चूसने, चाटने लगीं ! फिर भैया उनकी बुर चोदने लगे और मैं सामने से आकर लंड चुसाने लगा उनको । उफ्फ उनके सेक्सी होंठ मेरे लंड के चारों तरफ कसे हुए थे और वो बहुत ही कामुक आवाज़ करते हुए उसे चूस रहीं थीं और उसके चारों तरफ अपनी जीभ लपेटकर मस्त मज़ा दे रहीं थीं । कुछ देर में भैया भाभी की बुर में झड़ गए और अब मैंने भाभी को सीधा लिटाकर उनको अपनी बाहों में उनके कंधे पकड़कर जकड़ लिया और उनकी गर्दन पर चूमते हुए, मंगलसूत्र चुभलाते हुए और कानों की लौ को चूसते , काटते और चाटते हुए चोदने लगा ! कुछ देर बाद भाभी को मैंने झटके से अपने ऊपर ले लिया और बारी बारी उनके लटकते चूचे चूसते, निप्पलों पर लव बाइट देते और क्लीवेज यानि चुचियों के बीच की घाटी को चूमते , चाटते हुए, उनकी पीठ सहलाते हुए नीचे से झटके मार मार कर पेलने लगा और वो भी बहुत तेज़ रफ्तार से अपनी मस्त बुर को मेरे लंड पर पटकते हुए चुदवा रहीं थीं । थोड़ी देर बाद मैं और भाभी साथ में झड़ गए और फिर एक दूसरे को बाहों में जकड़े अपनी उखड़ी हुई सांसें संभालने लगे ! थोड़ा सुस्ताने के बाद भैया ने एक राउंड और भाभी को मिशनरी पोजीशन में चोदा और मैं भाभी की एक उठी हुई टांग थामकर उनके पैर के तलवे, अंगूठे चूमता चूसता रहा । अब दोनों मियां बीवी झड़कर एक दूसरे से अलग हो गए । फिर भाभी को चित्त लिटाकर उनके पैर फैलाकर मैं काफी देर उनकी बुर को साफ करने के बाद चूसता, चाटता रहा और भाभी मादक सिसकारियां भरते हुए मेरे बाल सहलाते और खींचते हुए अपना भोंसड़ा चुसवातीं और चटवाती रहीं ।
इसके बाद खड़े होकर मैंने भाभी के साथ थोड़ी और चुहलबाज़ी और हंसी मज़ाक किया उनके नंगे, मादक शरीर के साथ खेलते हुए और फिर भाभी नहाईं और कपड़े पहनकर बच्चों के पास जाकर सो गईं और मैं और भैया कपड़े पहनकर गद्दे और तकिया लेकर छत पर आ गए । कुछ देर बातें करने के बाद भैया नीचे चले गए और मैं भी थोड़ी देर मोबाइल चलाकर सो गया । सुबह चार बजे मेरी नींद खुली और थोड़ी देर बाद भैया भी अपने कमरे से बाहर आंगन में दिखाई दिए । फिर वे ऊपर आए और थोड़ी देर बाद हम बातें करते फिर सो गए और सुबह 5:40 पर जागे । भाभी आंगन में बरतन धो रहीं थीं । फिर हम नीचे आए और मैं बाईक पर भैया के साथ बैठकर दुकान पर गया और दूध ले आए हम । फिर हल्का चाय, नाश्ता करके भैया ने मुझे अपने एक परिचित की बाइक पर बिठा दिया, वे हाथ हिलाते हुए अलविदा बोलकर अपनी बाइक से घर निकल गए और उन परिचित ने मुझे टेंपो स्टैंड तक छोड़ दिया जहां से टेंपो करके मैं अपने शहर, अपने घर पहुंच गया । आशा है कि इस सेक्सी शादीशुदा जोड़े और दूसरे कपल्स, महिलाओं के साथ मेरी और भी गर्म मुलाकातें होती रहेंगी । उन गर्म मुलाकातों के गर्म किस्से लेकर फिर हाज़िर होऊंगा ।
आशा है कि आप सभी पाठकों को मेरी लिखी यह कहानी पसन्द आई होगी । कोई भी कपल, सिंगल लड़कियां या विधवा, तलाकशुदा महिलाएं मुझसे इनबॉक्स में संपर्क कर सकतीं हैं तथा आप सभी पाठकों की बहुमूल्य प्रतिक्रियाओं का स्वागत है ।
 
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नमस्कार दोस्तों । मेरा नाम राज है और मैं यू पी से हूं । मेरी आयु 37 साल है । मैं एक वीडियो एडिटर, वीएफएक्स आर्टिस्ट तथा 3डी मॉडलिंग आर्टिस्ट हूं । मुझे चुसाई और चुदाई का बहुत शौक है, अब तक 56 लड़कियों, भाभियों और आंटियों को चोद चुका हूं, यह मेरा प्रथम थ्रीसम सेक्स अनुभव है जिसको आपके साथ साझा कर रहा हूं । यह एकदम सच्ची घटना है, स्थान और पात्रों के नाम गोपनीयता की वजह से बदल दिए गए हैं । मैंने नेट से कई कपल से बात की परंतु सब फर्जी मिले । किंतु कल 23 सितंबर को एक व्यक्ति का मुझे मैसेज आया कि मेरी बीवी को पेलोगे ?!
मैसेज पढ़कर मन में लड्डू भी फूटे तथा शंकित भी हुआ कि कहीं इस बार भी केएलपीडी (खड़े लंड पे धोखा) ना हो जाए । परंतु फोटो वगैरह एक्सचेंज हो जाने के बाद लगा कि सही पार्टी है तो मिलने की बात तय हो गई ।
मैं शाम पांच बजे अपने घर से उनके गांव के लिए निकल पड़ा जो मेरे शहर के पास ही है लेकिन आता दूसरे जिले के अंतर्गत है । रास्ते में मुझे रवि जी (पति का परिवर्तित नाम) का फोन आया । उन्होंने पूछा, “कहां पहुंचे हो” ? तो जो एक ढाबा क्रॉस किया था मेरे टेंपो ने उसका नाम बता दिया (शुभमंगल ढाबा ) । फिर लगभग एक घंटे की यात्रा के बाद मैं उनके गांव से पंद्रह किलोमीटर दूर एक बाज़ार में पहुंच गया, जामुनी बाज़ार । रवि भैया करीब बीस मिनट बाद वहां पहुंच गए । हमने उनके कहने पर पास के एक ठेके से एक व्हिस्की का क्वार्टर लिया और चखने के साथ दो दो पैग खींच लिए । मौसम बनाकर हम बाइक से उनके गांव के लिए निकले और रास्ते में उन्होंने भाभी जी से मेरी बात करवाई । मैंने उनसे थोड़ी गर्म बातें कीं लेकिन किसी परपुरुष के साथ पहली बार था उनका तो वे शर्मा रहीं थीं । फिर मैं और भैया बातें करते उनके एक मित्र की क्लिनिक पर पहुंचे और कुछ देर वहां बैठे , उनसे उनके काम काज और मेरे काम काज, पढ़ाई की बातें हुईं । फिर एक बार भाभी का कॉल आया और भैया से उन्होंने बोला वीडियो कॉल लगाऊं ? तो भैया के हां बोलते ही वीडियो कॉल लगाया भाभी ने और दोस्तों कसम से जो नाइटी उन्होंने पहनी थीं उस में बिलकुल पटाखा माल लग रहीं थीं । औपचारिक अभिवादन के बाद मैंने उनसे पूछा “और भौजाई कसकर दोगी अच्छे से” ? तो उन्होंने एक कंटीली मुस्कान दी और शर्माकर बोलीं “हां” ! फिर मैं और भैया उनके घर पहुंच गए थोड़ी देर में । उनके घर में एक कमरे में एक कच्ची ज़मीन पर गद्दा बिछा था, हम उसपर बैठ गए । भाभी बोलीं कि बच्चे गहरी नींद सो जाएं फिर शुरू करते हैं। करीब दस पंद्रह मिनट बाद उनके बच्चे गहरी नींद में सो गए और हम तीनों ने फोरप्ले चालू कर दिया, मैंने कसकर भाभी को अपने से भींच लिया और उनकी सेक्सी चूचियां दबाने लगा और भैया उनकी गांड में नाइटी के ऊपर से लंड घिसते हुए उनकी गर्दन और पीठ पर किस करने लगे ।
भाभी मादक सिसकारियां निकालने लगीं , “आह ऊंह….” उनकी सिसकारियां सुनकर मुझे और जोश चढ़ गया और मैं उनके चूचे और तेज़ दबाते हुए सामने से उनके गाल और गर्दन चूमने लगा । फिर मैंने और भैया ने अपनी अपनी टी शर्ट और लोअर उतार दिए और भाभी भी नाइटी उतारने लगीं । मैंने नाइटी उतारने के बाद भाभी की ब्रा के हुक खोले, लेकिन खुल नहीं रहे थे कायदे से तो भाभी ने कंधों पर से ब्रा के स्ट्रैप हटाकर उसको नीचे खिसकाया और कमर पर लाकर हुक खोलकर उतार दिया और एक तरफ फेंक दिया । मैंने और भैया ने अपनी अपनी चड्ढी उतार फैंकी और भाभी की पैंटी मैंने उतार दी और उनकी मस्त, चिकनी जांघों और हल्के बालों से ढंकी बुर का ज़ोरदार चुम्मा लिया । भाभी फिर सिसक पड़ीं । फिर मैं और भैया भाभी के एक एक तरफ से चिपक गए उनसे और भाभी हम दोनों की पीठ और कमर सहलाने लगीं और भैया के होंठ चूसने लगीं, साथ ही हम दोनों के लंड बड़े प्यार से सहलाने लगीं और मैं उनकी गर्दन और कंधों, पीठ को ताबड़तोड़ चूमने, चाटने लगा ! कमरे में चारों तरफ हम तीनों की सांसों का शोर, चुम्बन के चटखारों की आवाज़ और भाभी की हल्की आवाज़ में सिसकारियां गूंज रहीं थीं !
अब हमने भाभी को चित्त लिटा दिया और भैया भाभी के मुंह में अपना लंड देकर चुसवाने लगे और मैं भाभी की जांघें फैलाकर उनकी जांघों को चूमने, चाटने के बाद उनकी मस्तानी बुर की फांकें फैलाकर उसके अंदर गहराई तक अपनी जीभ डालकर चूसने लगा और चाटने लगा । भाभी ने अपनी टांगों से मेरी पीठ जकड़ ली और मेरे बाल सहलाने लगीं और उनकी भैया का लंड चूसने की स्पीड बहुत तेज़ हो गई जिससे की कमरे में उम्म् उम्म पुछ पुछ की आवाज़ तेज़ हो गई । मैंने चूसते हुए भाभी की बुर में एक उंगली पेल दी और अंदर, बाहर करने लगा । फिर दो और फिर तीन उंगलियां गच्च से बुर में पेल दीं और अंदर बाहर पेलते हुए बुर की रगड़कर चुसाई और चटाई की । पन्द्रह बीस मिनट ये खेल चलता रहा और इतनी देर में भाभी की बुर बुरी तरह पनिया गई थी ।
अब भाभी पलटकर उल्टा लेट गईं और भैया का लंड चूसने लगीं और मैंने अपने तन्नाये लंड पर कंडोम चढ़ाकर उनकी बुर के छेद पर लगाया । भाभी ने हाथ पीछे लाकर लंड को अच्छे से बुर पर सेट किया और मैंने उनकी कमर थामकर गच्च से लौड़ा उनकी बुर की गहराइयों में पेल दिया ! भाभी की सिसकी उनके मुंह में ही दब गई और वो और तेज़ी से भैया की जांघों पर अपने हाथ जमाकर उनका लंड पीने लगीं । पन्द्रह मिनट उनको इसी आसन में चोदने के बाद हमने आसन बदला और अब भाभी सीधी लेट गईं और मैं मिशनरी पोज़ में उनकी जांघों के बीच आकर उनकी बुर में लंड पेलकर उनको गचा गच चोदने लगा उनकी मस्तानी चूचियां मसलते हुए और चुम्मा चाटी करते हुए और वो अपने सर के बाईं तरफ आ गए भैया के लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं । पच पच पच पच पच पच पच की आवाज़ों और भैया के लंड चुसाई की उम्म्म उम्म गूं गूं गूं गूं की आवाज़ अब कमरे में गूंजने लगी और पूरा वातावरण वासनामय हो गया । अब मैं भाभी के पूरे बदन से लिपटकर उनकी महकती सांसों को महसूस करते हुए उनके कंधे पकड़कर चोद रहा था और वे मेरी गर्दन और पीठ सहलाते हुए अपनी टांगें मेरी गांड के चारों ओर लपेटकर कमर उठा उठा कर चुदवा रहीं थीं मस्त होकर ।
अब हमने स्थान बदला और मैं लंड चुसवाने लगा भाभी से और भैया उनको घोड़ी बनाकर चोदने लगे । पूरे कमरे में चुदाई की गंध फैल गई थी ! हम तीनों के शरीर पसीने से तरबतर हो गए थे । 20- 25 मिनट बाद मैं कंडोम के अंदर भाभी के मुंह में और भैया उनकी बुर की गहराई में झड़ गए और हम तीनों हांफते हुए एक दूसरे से अलग हुए और एक दूसरे को सहलाते हुए लंबी लंबी सांसें लेने लगे ।
फिर हम उठकर खड़े हुए और अपने बदन से एक गमछे से पसीना पोंछकर कपड़े पहने और भाभी बच्चों को देखने गईं । फिर थोड़ी देर बाद भाभी ने प्यार से खाना परोसा, उन्होंने बोड़ा की सब्ज़ी बनाई थी और रोटियां जो कि मिट्टी के चूल्हे पर बनाई थीं । भैया एक व्हिस्की का क्वार्टर साथ भी लाए थे तो वे पीने लगे और मैं खाना खाने लगा । खाना पीना खत्म होने के बाद हम तीनों कमरे में आकर अलफ़ नंगे होकर चुम्मा, चाटी और लंड, बुर सहलाने लगे एक दूसरे के । इससे पहले कि हम दूसरे राउंड का खेल शुरू करते, उनका बच्चा रोने लगा । भाभी नाइटी पहनकर उसको चुप कराने गईं और मैं और भैया बाहर आंगन में आ गए, मैं कुर्सी पर बैठ गया और भैया सामने खड़े हो गए और हम बातें करने लगे । थोड़ी देर में भाभी आईं और मैं उनको अपने से लिपटाकर छेड़छाड़ और मज़ाक करने लगा । प्रथम थ्रीसम मिलन हो जाने के बाद अब भाभी अधिक शर्मा नहीं रहीं थीं और मेरी छेड़छाड़ का पूरा मज़ा ले रहीं थीं । फिर भाभी बोलीं कि कमरे में उन्हें बहुत गर्मी लग रही है तो हम आंगन में गद्दा, तकिया लेकर आ गए और नंगे होकर लेट गए भाभी के दोनों तरफ । मैं भाभी की एक सेक्सी चूची दबाने लगा और एक के निप्पल चूसने लगा, उनपर चारों तरफ काले घेरे पर अपनी जीभ फिराने लगा । भाभी अपनी एक बांह मेरी गर्दन के गिर्द लपेट कर मेरे दाएं कान के पास हाथ से जकड़कर सहलाते हुए सिसकने लगीं और भैया उनके होंठ चूसते हुए उनकी गर्म चिकनी बुर सहलाने लगे और उंगली करने लगे । हम तीनों को ही बहुत मज़ा आ रहा था, फिर भाभी घोड़ी बनकर भैया का लंड पीने लगीं और मैं उनकी बुर में कंडोम लगाकर लंड डालकर हचक कर पेलने लगा उनकी लटकती चूचियां मसलते हुए । भाभी की गांड की थिरकन देखकर मेरा जोश और बढ़ गया और मैं तूफानी रफ्तार से उनकी चूत मारने लगा । वो भी उतनी ही तूफानी रफ्तार से भैया का लंड चूसने, चाटने लगीं ! फिर भैया उनकी बुर चोदने लगे और मैं सामने से आकर लंड चुसाने लगा उनको । उफ्फ उनके सेक्सी होंठ मेरे लंड के चारों तरफ कसे हुए थे और वो बहुत ही कामुक आवाज़ करते हुए उसे चूस रहीं थीं और उसके चारों तरफ अपनी जीभ लपेटकर मस्त मज़ा दे रहीं थीं । कुछ देर में भैया भाभी की बुर में झड़ गए और अब मैंने भाभी को सीधा लिटाकर उनको अपनी बाहों में उनके कंधे पकड़कर जकड़ लिया और उनकी गर्दन पर चूमते हुए, मंगलसूत्र चुभलाते हुए और कानों की लौ को चूसते , काटते और चाटते हुए चोदने लगा ! कुछ देर बाद भाभी को मैंने झटके से अपने ऊपर ले लिया और बारी बारी उनके लटकते चूचे चूसते, निप्पलों पर लव बाइट देते और क्लीवेज यानि चुचियों के बीच की घाटी को चूमते , चाटते हुए, उनकी पीठ सहलाते हुए नीचे से झटके मार मार कर पेलने लगा और वो भी बहुत तेज़ रफ्तार से अपनी मस्त बुर को मेरे लंड पर पटकते हुए चुदवा रहीं थीं । थोड़ी देर बाद मैं और भाभी साथ में झड़ गए और फिर एक दूसरे को बाहों में जकड़े अपनी उखड़ी हुई सांसें संभालने लगे ! थोड़ा सुस्ताने के बाद भैया ने एक राउंड और भाभी को मिशनरी पोजीशन में चोदा और मैं भाभी की एक उठी हुई टांग थामकर उनके पैर के तलवे, अंगूठे चूमता चूसता रहा । अब दोनों मियां बीवी झड़कर एक दूसरे से अलग हो गए । फिर भाभी को चित्त लिटाकर उनके पैर फैलाकर मैं काफी देर उनकी बुर को साफ करने के बाद चूसता, चाटता रहा और भाभी मादक सिसकारियां भरते हुए मेरे बाल सहलाते और खींचते हुए अपना भोंसड़ा चुसवातीं और चटवाती रहीं ।
इसके बाद खड़े होकर मैंने भाभी के साथ थोड़ी और चुहलबाज़ी और हंसी मज़ाक किया उनके नंगे, मादक शरीर के साथ खेलते हुए और फिर भाभी नहाईं और कपड़े पहनकर बच्चों के पास जाकर सो गईं और मैं और भैया कपड़े पहनकर गद्दे और तकिया लेकर छत पर आ गए । कुछ देर बातें करने के बाद भैया नीचे चले गए और मैं भी थोड़ी देर मोबाइल चलाकर सो गया । सुबह चार बजे मेरी नींद खुली और थोड़ी देर बाद भैया भी अपने कमरे से बाहर आंगन में दिखाई दिए । फिर वे ऊपर आए और थोड़ी देर बाद हम बातें करते फिर सो गए और सुबह 5:40 पर जागे । भाभी आंगन में बरतन धो रहीं थीं । फिर हम नीचे आए और मैं बाईक पर भैया के साथ बैठकर दुकान पर गया और दूध ले आए हम । फिर हल्का चाय, नाश्ता करके भैया ने मुझे अपने एक परिचित की बाइक पर बिठा दिया, वे हाथ हिलाते हुए अलविदा बोलकर अपनी बाइक से घर निकल गए और उन परिचित ने मुझे टेंपो स्टैंड तक छोड़ दिया जहां से टेंपो करके मैं अपने शहर, अपने घर पहुंच गया । आशा है कि इस सेक्सी शादीशुदा जोड़े और दूसरे कपल्स, महिलाओं के साथ मेरी और भी गर्म मुलाकातें होती रहेंगी । उन गर्म मुलाकातों के गर्म किस्से लेकर फिर हाज़िर होऊंगा ।
आशा है कि आप सभी पाठकों को मेरी लिखी यह कहानी पसन्द आई होगी । कोई भी कपल, सिंगल लड़कियां या विधवा, तलाकशुदा महिलाएं मुझसे इनबॉक्स में संपर्क कर सकतीं हैं तथा आप सभी पाठकों की बहुमूल्य प्रतिक्रियाओं का स्वागत है ।
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