• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Search results

  1. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    आपकी सलाह के लिए आभार। लगता हैं आपको सुगना के कैरेक्टर से लगाव हों गया है जुड़े रहिए सुगना रण्डी नहीं है मुझे बखूबी पता है ..अच्छा लगा
  2. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    कहानी के पटल पर आपका स्वागत है वांछित अपडेट भेज दिया गया है।
  3. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    कहानी में आपका स्वागत है मैंने मैंने कुछ एपडाले एपिसोड नहीं डाले है ताकि आप जैसे पाठक हिम्मत करके इस फार्म पर लॉगिन करें और इस कहानी से अपना जुड़ाव अपने कमेंट के माध्यम से दिखाएं अकेला यही एक पारितोषिक है मेरे कहानी लिखने का जिसका मैं हकदार भी हूं और उम्मीद भीरखता हूं ठीक उतना ही जितना आप कहानी...
  4. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    आपने कहानी पर कई प्रश्न उठाए हैं एक एक करके उत्तर देता हूं.. "उपन्यास की शुरुआत में तत्कालीन पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सेक्स को प्रधानता दी गई है जो समय के साथ न्यायोचित तरीके से कथानक की मांग के अनुसार दर्शाया गया है।" उपरोक्त वाक्यांश इस कहानी की प्रस्तावना जो हर पेज के टॉप में...
  5. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    भाग 151 वह मन ही मन ईश्वर को इतनी सुंदर काया देने के लिए धन्यवाद कर रही थी । आखिरकार उसने अपनी आंखों पर सफेद रुमाल को लपेटकर जैसे ही मोनी ने गांठ बंधी उसकी आंखों के सामने के दृश्य ओझल होते गए। उसे इतना तो एहसास हो रहा था कि कमरे में अब भी रोशनी थी परंतु आंखों से कुछ दिखाई पड़ना संभव नहीं था। वह...
  6. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    आपके विचार उत्तम है पर पहले तो सोनू पुलिस में नहीं है। दूसरे या कहानी एक जासूसी या क्राइम रिलेटेड कहानी नहीं है.. आप एक मेरी कहानी एक सफेदपोश की मौत पढ़िए शायद कुछ आनंद आए। नियति इस कहानी का प्रमुख किरदार है बार बार उपयोग में लाने से हुई असुविधा के लिए खेद है
  7. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    भाग 150 उधर मनोहर हमेशा इतवार के दिन का इंतजार किया करता था लाली के घर जाने का उसका आकर्षण अब सुगना बन चुकी थी। मनोहर का प्यार एक तरफा था सुगना जैसी पारखी स्त्री भी अब तक मनोहर की मनोदशा से अनजान थी। शायद मनोहर भी महिलाओं को समझता था और अपनी वासना भरी निगाहों पर उसका नियंत्रण कायम था...
  8. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    Read update 147 ज़रूर Ok
  9. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    यह जिम्मेदारी मैं आप पर ही सोचता हूं आप अपनी ही भाषा में इस काल्पनिक दृश्य को लिखिए मैं उसे बाद में कहानी में अपनी भाषा में जोड़ दूंगा। Sure दीपावली में ही धमाके होते हैं कहानी में प्रेम और प्रतिरोध का अपना रंग होता है.. महोदय ये अप्राकृतिक मैथुन पर एक दो पैराग्राफ लिखकर भेजिए मैं तो चार...
  10. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    True Thanks दिलचस्पी बनाए रखिए कहानी दिलचस्प होगी दुआ करिए आपकी बात सच हो Aap bhi Tk नाइस पिक
  11. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    sonu apna dahej choomte hue
  12. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    भाग 149 शायद पहले जोड़ियां मिलते समय भौतिक और सामाजिक मेल मिलाप को ज्यादा महत्व दिया जाता था । अंतर्मन और प्यार का कोई विशेष स्थान नहीं होता था ऐसा मान लिया जाता था कि एक बार जब दोनों एक ही खुद से बदले तो उनमें निश्चित ही प्यार हो जाएगा। पर क्या ऐसा हों पाएगा…तब सुगना और सोनू के प्यार का क्या...
  13. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    Sonu aur सुगना....sach unhe alag karna mushkil hai
  14. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    Welcome to story... Keep your views always I like to read comment of readers
  15. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    अच्छा लगा, आप भी कहानी मन लगाकर पढ़ते हैं जुड़े रहें
  16. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    धीरज का फल मीठा होता है
  17. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    After a long time welcome back
  18. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    Let us see what happens जो भविष्य के गर्भ में है उसे अभी देखना शायद उचित नहीं होगा बहती धारा के समान चलती इस कहानी के साथ-साथ बहता रहिए वक्त आने पर इस बात से भी पर्दा उठ जाएगा।
  19. L

    Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

    It is alread posted as episode147
Top