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इन प्यारे और अद्धभुत शब्दो के लिए आपका दिल से आभार। मैं बस प्रयत्न कर रहा हुँ। मुझे आजतक ऐसी कोई कहानी नहीं मिली जो मुझे संतुष्टि प्रदान कर सके। उसी संतुष्टि को पाने के प्रयास मे मेने ये कहानी लिखी हैं। भाव विभोर होकर आपके साथ की प्रशंसा कर रहा हुँ। धीरे धीरे सीख भी रहा हुँ कहानी लिखी कैसे जाती...
मीठा पानी 20
"बुधराम का बेटा केसा हैं अब शामू?" सुबह सुबह सीता, शामू और माया आंगन मे बैठे थे।हरीश दुकान पर जा चूका था। सीता मटर छील रही थी। रात को चोदम पट्टी मचाकर माया और शामू सुबह जल्दी ही घर आ गए थे। ऐसे व्यवहार कर रहे थे जैसे भाई बहन के बीच ये सब सामान्य बात हो।
"ठीक हैं माँ, क्यों?"
"ना...
मीठा पानी 19
रेशम नरम होता है. रेशम से बने कपडे और भी नरम होते हैं. कपडे अगर लड़की के हो तो और ज्यादा नरम होते हैं. लड़की अगर बहन हो तो कहना ही क्या. उन नरम कपड़ो मे सलवार ज्यादा नरम होती हैं. सलवार अगर बहन की हो तो कहना ही क्या. ये मेहरबानी आज शामू पर हुई थी. रेशम की बनी हुई सलवार के अंदर कैद...
मीठा पानी 18
किसी समय हरीश के बाप यानी शामु के दादा ने खेत मे ये ढाणी बनवाई थी। उनका मन था कि उनका सारा परिवार खेत मे रहे। इसीलिए इस ढाणी को किसी बड़े घर की तरह ही बनवाया था। खेत के बीचो बीच बने इस घर मे 4 कमरे और एक गोदाम है। एक टॉयलेट और बाथरूम भी बना हुआ है। ढाणी के पिछे टिन का शेड बना हुआ है...
मिठा पानी 17
खाना खाने के बाद शामु अपने कमरे मे चला गया। सीता उसी पोशाक को पहनकर काम करती रही। शामु के कमरे का दरवाजा खुला था तो जब सीता कमरे के सामने से गुजरती तो शामु से नजर मिल जाती। नजर मिलते ही दोनों माँ बेटा मुस्कुरा उठते। दोपहर को सीता वापस पायदान बुनने लगी जब शामु ने उसे चाय का बोला।...
मेरे द्वारा लिखी जा रही इस कहानी को इतना प्यार मिलेगा कभी सोचा ना था। आप सभी का दिल से धन्यवाद। कहानी पूरी न होने की चिंता ना करे। पूरी तो होगी ही उसके बाद भी चलेगी। वो कहानी ही क्या जो रुक जाए, मेरा तो यही मानना है कि कहानी हर दम चलती रहनी चाहिए। कितने लम्हे आ सकते है, कीतने दृश्य आ सकते है कोई...