तू मिले या न मिले, ये तो नसीब की बात है,
पर मेरे लिए तेरी मोहब्बत, हर सुबह की सौगात है।
कोई कैसे समझे, ये रूह का रिश्ता है,
कि तेरे नाम से ही, मेरी हर साँस मुकम्मल
होती है।
पर मेरे लिए तेरी मोहब्बत, हर सुबह की सौगात है।
कोई कैसे समझे, ये रूह का रिश्ता है,
कि तेरे नाम से ही, मेरी हर साँस मुकम्मल
होती है।