Ristrcted May 12, 2021 हम ज़िंदगी भर ज़मीनो की क़ीमत पर इतराते रहे, हवा ने अपनी क़ीमत मांगी तो ख़रीदी हुई जमींने बिक गईँ...
Ristrcted May 2, 2021 कलम से खत लिखने का रिवाज फिर से आना चाहिये गा़लिब... ये Chatting की दुनिया बड़ा फरेब फैला रही है!!
Ristrcted May 2, 2021 तू ही बता ए दिल कि तुझे समझाऊं कैसे, जिसे चाहता है तू उसे नज़दीक लाऊँ कैसे, यूँ तो हर तमन्ना हर एहसास है वो मेरा, मगर उस एहसास को ये एहसास दिलाऊं कैसे।
तू ही बता ए दिल कि तुझे समझाऊं कैसे, जिसे चाहता है तू उसे नज़दीक लाऊँ कैसे, यूँ तो हर तमन्ना हर एहसास है वो मेरा, मगर उस एहसास को ये एहसास दिलाऊं कैसे।
Ristrcted Apr 17, 2021 लाॅक डाउन कर्फ्यू और धारा 144 कहाँ जानती है, ये तुम्हारी यादें कोई भी सरकारी आदेश कहाँ मानती है
Ristrcted Feb 20, 2021 Pahad ki choti se girke bach sakte hai aap ... lekin ghagre ki chapet mein aake bachna mushkil hai