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DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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Sandhya gusse me bina sach jaane fir Abhay ke pass jayegi bhai ab ye hoga purani story ka last update iske baad aage ka sab update devil bhai ka story hoga

संध्या कीसी घायल शेरनी की तरह गुस्से में अभय के पास बढ़ी, पास आकर वो अभय के पीछ खड़ी होते हुए गुर्राते हुए बोली...

संध्या --"तेरी हीम्मत कैसे हुई मेरे बेटे पर हांथ उठाने की? तूझे पता भी है वो कौन है? वो इस कॉलेज़ का मालिक है जीसमे तू पढ़ रहा है। और तेरी इतनी हीम्मत की तू..."

संध्या बोल ही रही थी की, अचानक अभय उसकी तरफ जैसे ही मुड़ा, संध्या की जुबान ही लड़खड़ा गयी। संध्या कब शेरनी से बील्ली बनी समय को भी पता नही चला। गुस्से से लाल हुआ चेहरा काली अंधेरी रात की चादर ओढ़ ली थी।

अभय --"क्या बात है? इतना गुस्सा? पड़ी उसके पीछवाड़े पर है और दुख रहा तुम्हारा पीछवाड़ा है। आय लाईक दैट, ईसे ही तो दील में बसा कीसी के लीए प्यार कहते हैं। जो तेरे चेहरे पर उस हरामी का प्यार भर-भर के दीख रहा है। जो मेरे लिए आज तक कभी दीखा ही नही। खैर मैं भी कीससे उम्मिद कर रहा हूँ। जीसके सांथ मै सिर्फ नौ साल रहा। और वो १८ साल।"

अभय --"मेरे ९ साल तो तेरी नफ़रत मे बीत गये, तू आती थी पीटती थी और चली जाती थी, उस लाडले के पास। ओह सॉरी...अपने यार के लाडले के पास।"

ये शब्द सुनकर संध्या तुरंत पलटी और वहां से अपना मुह छुपाये जाने के लिए बढ़ी ही थी की...

अभय --"क्या हुआ? शर्म आ रही है? जो मुह छुपा कर भाग रही है?"

संध्या के मुह से एक शब्द ना नीकले, बस दूसरी तरफ मुह कीये अपने दील पर हांथ रखे खुद की कीस्मत को कोस रही थी...

अभय --"मुझे तब तकलीफ़ नही हुई थी जब तू मुझे मारती थी। पर आज़ हुई है, क्यूकीं आज तेरे चेहरे पर उसके लीए बेइंतहा प्यार दीखा है, जो मेरे लिए तेरे चेहरे पर आज भी वो प्यार का कत...कतरा...!"

कहते हुए अभय रोने लगता है...अभय की रोने की आवाज संध्या के कानो से होते हुए दील तक पहुंची तो उसका दील तड़प कर थम सा गया। छट से अभय की तरफ मुड़ी और पल भर में अभय को अपने सीने से लगा कर जोर जोर से रोते हुए बोली...

संध्या --"मत बोल मेरे बच्चे ऐसा। भगवान के लिए मत बोल। तेरे लीए कीतना प्यार है मेरे दील में मैं कैसे बताऊं तूझे? कैसे दीखाऊं तूझे?"

आज अभय भी ना जाने क्यूँ अपनी मां से लीपट कर रह गया। नम हो चूकी आँखे और सूर्ख आवाज़ मे बोला...

अभय --"क्यूँ तू मुझसे दूर हो गई? क्या तूझे मुझमे शैतान नज़र आता था?"

कहते हुए अभय एक झटके में संध्या से अलग हो जाता था। भाऊक हो चला अभय अब गुस्से की दीवार लाँघ रहा था। खुद को अभय से अलग पा कर संध्या एक बार फीर तड़प पड़ी। इसमें कोई शक नही था की, जब अभय संध्या के सीने से लग कर रोया तब संध्या का दील चाह रहा था की, अपना दील चीर कर वो अपने बेटे को कहीं छुपा ले। मगर शायद उसकी कीस्मत में पल भर का ही प्यार था। वो लम्हा वाकई अभय के उस दर्द को बयां कर गया। जीसे लीए वो बचपन से भटक रहा था...

अभय --"तू जा यहां से, इससे पहले की मै तेरा भी वही हाल करुं जो तेरे लाडले का कीया है, तू चली जा यहां से। तूझे देखता हूं तो ना जाने क्यूँ आज भी तेरी आंचल का छांव ढुंढने लगता हूं। यूं बार बार मेरे सामने आकर मुझे कमज़ोर मत कर तू। जा यहां से..."

संध्या के पास ऐसा कोई शब्द नही था जो वो बदले में बोल सके सीवाय बेबसी के आशूं। फीर भी हीम्मत करके बोल ही पड़ी...

संध्या --"माफ़ कर दे, बहुत प्यार करती हूँ तूझसे। एक मौका दे दे...?"

संध्या की बात सुनकर अभय हसंते हुए अपनी आखं से आशूं पोछते हुए बोला...

अभय --"दुनीया में ना जाने कीतने तरह के प्यार है, उन सब को मौका दीया जा सकता है। मगर एक माँ की ममता का प्यार ही एक ऐसा प्यार है जो अगर बेईमानी कर गया उसे मौका नही मीलता। क्यूंकी दील इज़ाजत ही नही देता। यक़ीन ही नही होता। कभी दर्द से जब रोता था तब तेरा आंचल ढुढता था वो मौका नही था क्या? तेरे आंचल के बदले उस लड़की के कंधे का दुपट्टा मेरी आशूं पोछ गये। भूख से पेट में तड़प उठी तो तेरे हांथ का नीवाला ढुढा क्या वो मौका नही था? उस लड़की ने अपना नीवाला खीलाया। कभी अंधेरे में डर लगा तो सीर्फ माँ बोला पर तू थी ही नही क्या वो मौका नही था? उस लड़की ने अंधेरे को ही रौशन कर दीया। मैं प्यार का भूखा हूं, और वो लड़की मुझसे बहुत प्यार करती है। अगर...मेरे...प्यार...को कीसी ने छेड़ा!! तो उसे मै ऐसा छेड़ुंगा...की शरीर की क्या औकात रुह भी दम तोड़ देगी उसकी। समझी...। अब जा कर अपने लाडले को अच्छे से समझा देना। की नज़र बदल ले, नही तो ज़िंदगी बदल दूंगा मैं उसका।"

और ये कहकर अभय वहां से जाने ही वाला था की एक बार फीर रुका, मगर पलटा नही...

अभय --"क्या कहा तूने? हीम्मत कैसे हुई मेरे बेटे को हांथ लगाने की? हांथों से नही लातो से मारा है उसको।"

कहते हुए अभय कॉलेज़ के अंदर चला जाता है। संध्या के लिए अब मेरे पास शब्द कम पड़ रहें हैं उसकी हालत बयां करने के लिए। हर बार उसकी किस्मत उससे ऐसा कुछ करा रही थी, जो उससे उसके बेटे को और दूर ले जाती। संध्या आज ना जाने कीस मोड़ पर खड़ी थी, ना तो उसके इस तरफ कुआँ था और ना ही उस तरफ खांई। थी तो बस तनहाई, बेटे से जुदाई....
Aapne sawalo ki chaddii leke mere samne to aajate ho aap
Mannii padegi aapki Daring ko ram11 babu
Lekin jb maine sawal pocha tab kaha the aap tab to aapka ek bhi reply nahi aaya tha aata bhi kaise sawal ka jawab hota to reply aata aapka
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Chalo ek maje ki bat batata ho aapko
Aapne ye latest story read he nahi ki hai or na he latest update agar read kia hota to aapko pata hota ki Abhay ne LAATOO se nahi mara hai Aman ko 😂😂😂😂
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Future acha bata dete ho aap iske aage or kya kya hoga wo bhi bata dete aap
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Kher
Keep it up
&
Best of luck
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
Prime
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Review time bura Lage to bata dena aage se nahi dunga

abahay jiski maa ne paap Kiya jise abahay ne dekh liya apne paap ko chupane ke liye usne bachpan me hi abahy ko mara pita jisse naraz hokar abhay bhag gaya...aur aya baniye ke pass baniye itne acche nahi hote jitna isme dikhaya gaya hai
Baniye ki bhi abhay ne Gand mar li use uski hi aurat ke samne Jaleel karke jo uska naam rakha gobar
kitna hi gira hua Banda ho wo apni aurat ke samne apni bejjati bardast nahi kar sakta ye writer ki galti hai yahan koi sense nahi Banta aik insan rehne ko Ghar de khana de badle me tum use Jaleel karo agar apna beta bhi aese baat kare parents se to parents marte marte bhoot bana de
writer ne jarur 5 rupey wali kuwwa biryani kha ke story likhi hai


[FONT=Lobster, cursive]Apni kaun kaun writer ne abhaye me daal di


abhay hai aik number ka moohchor bsdk ka jisne khana Diya rehne ko Ghar diya school me naam likhwaya usi ko jaleel kar raha hai abe chodo Teri khud ki maa ne teri gandi Mari uske baad bhi tu 3aik. Ache insan ki bejjati kar raha hai
Tera writer chutiya hai ya tu i don't know

ab ate hai abahy par chomu aya sabse kehta fir raha hai mai abahy hun kisi ko mat batana fir chutiya khud hi apni gand khol kar bata raha hai yahi chutiya abahay iski aage gand mar lo
Abe chomu pehle decide to kar le tujhe apni identity secret rakhni hai ya sabko batana hai
ye galti writer ki hai writer ne jarur muli ki badwu failaai hai bura mat Banna writer bai

tum pehle sonch lo readers ko kya dena hai kya secret rakhna hai kya nahi upar se tum chupa rahe ho apni galti ko excuse dekar jo ki chutiyapa number do hai

ab ate hai story ke plot par story ka plot ye hai maa ne galti ki jise pachtwa hai ab beta aya hai jo apni maa se badla lega apne chacha aur uske bete ko marega fir apni maa ko maaf karega aur dono Ghapa ghapa karenge story khatam
pichle writer ko aage ki story nahi sujhi isliye usne yahi par khatam kar di ab dekhte hai tum kya chutiyapa likhte ho

milte hai agle review par tab tak ke liye bye
[/FONT]
😂😂😂 Fokat me mil rhe hai story read krne ko usme bhi dikkat hai koi bat nahi
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Tumne latest story read he nahi ki hai
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Bekar ki bat choddoo yaar
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Nahi smj aa rahe hai to Q aagy ek Chuttiyee ki story pe use read karne iska mtlb smjte ho na aap 😉😉😉
Acha rhega aap dosre story pe jaao bhai 😂😂
 

DEVIL MAXIMUM

"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
Prime
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एक बहुत ही जबरदस्त और अद्भुत अपडेट है भाई मजा आ गया
ये अपडेट अपने आप में बहुत कुछ कह गया जो आगे जा कर कहानी के लिये प्रेरक होने वाला है
Thank you sooo much Napster bhai
 
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