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Romance Love in College. दोस्ती प्यार में बदल गई❣️ (completed)

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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Bahut hi shaandar update diya hai Raj_sharma bhai....
Nice and awesome update....
Thank you very much for your valuable review parkas bhai:hug:Keep reading and keep supporting :thanx:Thanks
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Mast update
Ab ye sunny kaun hai ,
AUr wo veer ke papa ko chacha bol rha hai , kahi sage chacha to nhi hai ...?

But Bhai ji itna chota update diya aapne
Sunny veer ke bachpan ka dost Hai bhai, aur kabhi unka padosi bhi hua karta tha, isi liye veer ke Papa ko chacha bol raha hai👍 ab itna bhi chota update nahi tha bhai:D Ha manta hu or bada ho sakta tha, per office me type kiya hai or thoda kaam bhi aagaya beech me to bas laptop diya:yes1:Thank you very much for your wonderful review :thanx:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Awesome update,
College me ab जमेगा rang jab mil बैठे do yar,
Kya ye त्रिकोणीय hone wali Hai love story
Thank you very much Rekha ji for your valuable review ❣️ yess ab rang to jayega hi👍 per trikoniya nahi hoga :DYe bata sakta hu ki Sunny ki janeman koi or hogi, veer ki to aap jaante hi ho:yes1:Is se jyada nahi bata sakta Varna story me kya bachega?? :shakehands:Thanks again❣️❣️
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Rekha rani

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Thank you very much Rekha ji for your valuable review ❣️ yess ab rang to jayega hi👍 per trikoniya nahi hoga :DYe bata sakta hu ki Sunny ki janeman koi or hogi, veer ki to aap jaante hi ho:yes1:Is se jyada nahi bata sakta Varna story me kya bachega?? :shakehands:Thanks again❣️❣️
आगे से बताना भी नहीं है कुछ क्योंकि इससे वास्तव से मजा खराब हो जाएगा हमें ऐसे ही idea लगाते रहने दीजिए
 

dhparikh

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Update 7

त्रिपाठी: नहीं रघुवीर नहीं, बेटे तुम उन लोगों को नहीं जानते वो बहुत खतरनाक है!

मैं नहीं चाहता कि तुम्हारा भविष्य किसी खतरे में पड़े। मेरा क्या है मेरी तो आधी से ज्यादा उम्र गुजर चुकी है।
अब आगे:

रघुवीर: " किसकी मजाल है जो छेड़े दिलेर को,
गर्दिश में तो घेर लेते हैं, कुत्ते भी शेर को।"

"अब हवा ही करेगी फैसला रोशनी का,
जिस दिए में जान होगी, बस वो दिया रह जाएगा!!"

पहले आप अकेले थे सर, अब मैं भी आपके साथ हूं, आप फिकर मत करो और उस हादसे को भूल जाओ।

त्रिपाठी: नहीं रघुवीर बेटे और तुम्हारे सामने पूरी जिंदगी पड़ी है, एक उज्जवल भविष्य बाहे फेलये तुम्हारी राह देख रहा है, और वो शिवचरण बहुत कमीना इंसान है, मैंने भुगता है उसका कहर, और मैं नहीं चाहता के तुम अपनी जिंदगी इन सब चीजो में खराब करो।

रघुवीर: सर आपके और माता-पिता के आशीर्वाद से मैं इतना सक्षम हूं कि जैसे लोगों से बहुत अच्छे से निपट सकता हूं, और मैं आपके लिए नया हूं इसलिए आप मेरे बारे में भी ज्यादा नहीं जानते हो! ना ही मेरे पिता के बारे में,
मेरे पिता एक सरीफ और इज्जतदार व्यक्ति हैं, लेकिन उन्होने मुझे खुद्दारी से जीना सिखाया है, और मुझे इस लायक बनाया है कि वक्त पड़ने पर मैं खुद की रक्षा कर सकूं।
अगर बात हैसियत की है तो हम भी उससे किसी तरह कम नहीं हैं, हम भी खानदानी हैं सर , मेरे पिता को रियासत विरासत में मिली है,
जिसे अपने खून-पसीना से सींचकर उनहोने खुद को और हमें मजबूत बनाया है।

त्रिपाठी: अच्छी बात है बेटा अपना ध्यान रखना!

इतना कहकर त्रिपाठी जी वहां से क्लास के लिए चले जाते हैं, और वीर अपनी क्लास की और जहां एक और माथा पच्चीस उसका इंतजार कर रही थी…..!

रघुवीर: जैसे ही क्लास में घुसने को हुआ कि सामने से आवाज आई.“वही रुक जाओ प्यारे”...!!

जब उसने देखा तो सामने एक स्मार्ट सा लड़का आंखो पर चश्मा चढ़ाये 6" ऊंचाई बढ़िया डोले-शोले,

वीर एक बार को उसकी बात समझ नहीं आई कि वो रोक क्यों रहा है? तो उसने फिर से अपने कदम आगे बढ़ाए,
तभी फिर आवाज आई:

"उड़द की दाल में भीमसेनी काजल मिलाके खाया करो याददाश्त बढ़ जाएगी मियां"

एक बार बोला ना समझ नहीं आता क्या?
सर अभी आ रहे हैं और देर आने वाले छात्रों को बाहर रोकने को बोला है सर ने,
तभी रघुवीर की आँखों में पानी आ जाता है, और वो उसको एक टक देखता ही रहा!!
लड़का: अबे ऐसे देख रहे हो जैसे मिसवर्ल्ड में ही हूं..! :D
अरे भाई मैं उस टाइप का नहीं हुं। (मुस्कान) लगता है कल से काला टीका करना पड़ेगा।

सभी हंसते हैं और वह लड़का भी रघुवीर की आंखों को गौर से देखता है.. उसके पास आता है और कहता है..
सॉरी भाई मुझे पता नहीं था कि तुम इतने संवेदनशील हो, मजाक में ही रोने लगे।

देखो मुझे सर ने सबको रोकने के लिए बोला था की में जब तक नहीं आता तुम किसी को क्लास में आने देना,
क्योंकि अभी कॉलेज शुरू हुआ है, कुछ ही दिन हुए हैं और डिसिप्लिन जरूरी है नहीं तो बाद में बहुत मुश्किल होगी।
पर तुम्हें देख कर लगता है कि तुम अभी भी दिमाग से बच्चे ही हो..
मै कोई रैगिंग थोडी कर रहा हूं, यार छोटी सी बात पर आंख में पानी आ गया तुम्हारे तो।
लगता है “चतुरसेन के चेले हो”!!
ये सुनते ही रघुवीर एक बार मुस्कुराता है
पर फिर से उसकी आँखों में पानी आता है।

लड़का: (यार ये साला क्या आइटम है कभी हस्ता है, कभी रोता है।) ए भाई तू जा यार अंदर!!

रघुवीर क्लास में चला जाता है, सबसे पहले पीछे की और जा कर बैठ जाता है, फिर अपने चारो और देखता है कि तभी उसे सुप्रिया अपने से दाई और तीसरी टेबल पर बैठी दिखती है,
लेकिन उसकी बगल में कोई और लड़की बैठी थी।

रघुवीर अपनी जगह से उठा कर उसके बगल वाली बेंच पर जा कर बैठ गया, जहां बैठते ही उसकी नजर सुप्रिया पर और सुप्रिया की उसपे पड़ती है, दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुराते हैं,

सुप्रिया सामने देखने लगती है, रघुवीर कभी इधर-उधर देखता है तो कभी फिर से चोरी छुपे सुप्रिया की और देखता है,

सुप्रिया जब भी अपनी नजर रघुवीर की और घुमाती है तो वह उसे ही देख रहा होता है।


सुप्रिया इशारे से उससे पूछती है कि क्या हुआ?
मगर रघुवीर ना मुझे गरदन हिला देता है और उसके चेहरे पर एक हल्की मुस्कान अजाती है (जो सुप्रिया से भी नहीं छुप सकी).

तभी एक भारी हाथ रघुवीर के कंधे पर आके टिकजाता है, जब रघुवीर उसकी और देखता है तो पता चलता है कि वही लड़का है जो उसको क्लास के गेट पर रोक रहा था।

लड़का: (मुस्कुराते हुए) क्यों मिया हमारे ही माल पर डाका डाल रहे हो?

रघुवीर ने सोचा ये सुप्रिया के लिए बोल रहा है, (उसको गुस्सा आने लगता है, दोनों बाजू फुलने लगते हैं, मसल्स टाइट हो जाती है, और आखे लाल हो जाती है) और भारी आवाज के साथ!


रघुवीर: क्या मतलब है तुम्हारा? साफ-2 बताओ?

लड़का: शान्त गदाधारी भीम शान्त! मैं तो अपनी डेस्क के लिए बात कर रहा हूं लेकिन तुम पता नहीं इतना गुस्सा क्यों हो रहे हो?


वीर: ओह मैं कुछ और ही समझा था, खैर क्षमा करना भाई, और हल्के से मुस्कुराता हुआ कुछ सोचने लगता है,

वीर उसको बैठने को बोलता है और एक और खिसक जाता है।
लड़का: हाय मेरा नाम "सूरज है, प्यार से सब लोग मुझे सनी बोलते हैं.

रघुवीर: हल्का चौंक के हाय मेरा नाम रघुवीर है और मेरे खास चाहने वाले मुझे वीर के नाम से बुलाते हैं!!

सनी: एक मिनट... तुम कहां के रहने वाले हो?

रघुवीर: प्रतापगढ़ !


सनी: प्रतापगढ़ ! (कुछ सोचते हुए) और आपके पिताजी का क्या नाम है?

रघुवीर: श्री दशरथ सिंह!!


सनी: (आंख में पानी लिए हुए) तू दशरथ चाचा का लड़का है? साले अभी तक मुझे पहचानें नहीं?


रघुवीर: कमीने तुझे तो उसी समय तेरी खजूरो वाली बातो से पहचान लिया था, जब तू मुझे क्लास में घुसने से रोक रहा था, बस थोड़ा कन्फ्यूजन था।
जो अब दर हो गया है!

दोनों ये कहके खड़े होके एक दूसरे के गले मिलते हैं: और वीर के मुंह से एक छोटा सा शेर निकलता है:

“मेरे दोस्तों की पहचान इतनी मुश्किल नहीं-ए-दोस्त, वो हंसना भूल जाते हैं मुझे उदास देखकर!!

सनी: तू आज भी नहीं बदला भाई तेरा सायरी बोलने का अंदाज़ वही है,

कितना मिस किया तुझे साले, और तूने एक बार भी मुझसे संपर्क करने की कोसिस नहीं की?

रघुवीर: बदला तो तू भी कह रहा है कमीने, तू भी तो अपने सडे हुए तकिया कलाम का उपयोग कर रहा है 😄आज तक, (आंखों में पानी या होठों पर हंसी के लिए हुए दोनों दोस्त गले लगे हुए थे) कि तभी

तालियों की आवाज आई, दोनों ने जब देखा तो टीचर खड़ा ताली बजा रहा था। टीचर: (व्यंगात्मक मुस्कान से) वाह भरत और राम जो रामायण में बिछड़े थे, वो आज मिले हैं!

ये सुनके सारी क्लास हसने लगती है और वो दोनों झेंप कर बैठ जाते हैं।

क्लास सुरो हो जाती है, दोनों पढ़ने लगते हैं.. अगला क्लास टीचर छुट्टी पे था तो दोनों फिर से बात करने लगते हैं,

रघुवीर: अब हाँ बता तू इतने दिन कहा था और चाचा जी कैसे हैं? और कॉलेज में लेट क्यों आया तू?

सनी: अरे-2 इतने सवाल एक साथ! देख वीर कहानी थोड़ी लंबी है और यहां पूरी भी नहीं हो सकती, तू इतना समझ ले कि मैंने कहीं और एडमिशन लिया था, पर मुझे जमा नहीं और मुझे तुम लोगों की याद सदा ही आती रही है,
तो पापा से कुछ बहाना मार के यहीं आगया, और पापा अच्छे हैं सदा की तरह।


जारी है...✍️
Nice update....
 

Raj_sharma

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आगे से बताना भी नहीं है कुछ क्योंकि इससे वास्तव से मजा खराब हो जाएगा हमें ऐसे ही idea लगाते रहने दीजिए
FIr bhi aapne kuch to ugalwa hi liya😄
 
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