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मूल्यवान मशवरा मिल गया लड़की को" हे छुटकी, ये बात सीख ले, कपडे उतरने के पहले शर्म उतर जानी चाहिए और जिंदगी का असली मजा तभी आएगा "
भाभी तो molestation कर रही हैछिनार, ननदोई से तो खूब हंस हंस के मिजवायेगी और हम भौजाइयों से छिपा रही है, यहाँ तो हल्दी लगाना सबसे जरूरी है।"
Bahut hi sandadarननद -भौजाई साथ साथ
लेकिन उनकी हालत खराब होने से मेरे मन में कोई दया माया नहीं आयी. हो तो हो, पहली रात से जिस दिन मैं इस घर में गौने उतरी थी, इस लड़के ने मुझे पागल कर के रख दिया था, और रात क्यों दिन में,... तीसरे दिन ही, दिन में ही रसोई में भी सेंध लगा दिया मेरी बिल में, सास मेरी आयीं, हम दोनों को मैथुनरत देख कर लौट गयीं दबे पाँव।
लेकिन मैं अभी अपनी ललचाती ननद का चेहरा देख कर अपने को नहीं रोक सकी. हर बहन अपने भाई के पाजामे के अंदर के नाग को देखने के लिए छूने के लिए पकड़ने के लिए दीवानी रहती है। और इनकी बहन तो दो बार उसका मजा ले चुकी थी मेरे सामने,... तो मैं उसके चेहरे की रंगत लालच, देख कर मुझे दया आ गयी.
मैंने इनके खूंटे को छोड़ दिया, मुंह से निकाल दिया और अपनी ननद को ऑफर कर दिया। मैं उन भौजाइयों में से नहीं थी जो ननद के साथ ' मेरी तेरी ' करते हैं। जो मेरी वो उसकी, जो उसकी वो मेरी।
लेकिन ननद ने बजाय चूसने चाटने के,... ननद के नीचे वाले मुंह में आग लगी थी। बस ननद मेरी अपनी भाई के मोटे लंड पर चढ़ गयी और उन्हें चिढ़ाया भी,
" क्यों भैया बहुत चोद रहे थे अपनी बहिनिया को न, अब बहन चोदेगी भाई को "
" एकदम अब चल हम ननद भाभी मिल के इनकी रगड़ाई करते हैं, इस स्साले की माँ चोद देते हैं " इनकी रगड़ाई करने में तो मैं अपनी ननद का भी साथ दे देती।
" एकदम भाभी " ननद ने हुंकारी भरी और एक साथ हम दोनों ननद भौजाई चालू हो गए।
ननद मेरी पक्की खिलाड़ी, मायके की छिनार, खानदानी सातपुश्त की रंडी,... क्या धक्के मारने उसने शुरू किये, और साथ में अपने भैया का गन्ना अपने कोल्हू में पेर भी रही थी, कभी चूत निचोड़ लेती, सिकोड़ लेती,तो कभी ढीली कर के कस के धक्के मारती। धीरे धीरे उसकी भूखी सुरंग ने पूरा बित्ता भर घोंट लिया।
और मैं भी उनके मुंह पे अपनी बुर रगड़ती उनकी महतारी को चुन चुन के गाली दे रही थी.
और हम ननद भौजाई साथ साथ भी मस्ती कर रहे थे, शुरुआत मेरी ननद ने ही की, मेरे उभारों को दबा के मसल के और चिढ़ा के
" भौजी इस जोबन का रस सब पहले किस ने लिया "
" तेरी और तेरी माँ के इस खसम ने जो हम दोनों के नीचे दबा है , लेकिन अब तोहार जोबन मैं लूटूँगी "
और यह कह के मैं भी उसके जोबन का रस लेने लगी, कभी एक हाथ से ननद की जाँघों के बीच हाथ डालकर उसकी चुनमुनिया मसल देती और वो पगला जाती, कस कस के अपने भैया को चोदने लगती,
बीबी के सामने अपनी बहन को चोदने का सुख, इनकी भी मस्ती से हालत खराब हो रही थी.
पर थोड़ी देर में हम दोनों ने जगह बदल ली, खूंटा मेरे हवाले और ननद की चुनमुनिया जो चुद चुद के भाई के लंड पर उछल उछल कर चासनी से सराबोर थी, वो बहिनिया अपने भैया को चटा रही थी, उनके मुंह पे बैठ के। और उनकी जीभ भी बहन के बिल के अंदर तक धंसी,
मैंने ननद को उकसाया,
" अरे भैया का पिछवाड़ा तो बहुत चाटा चूसा, तनी अपने गोल गोल लौंडा छाप चूतड़ का, पिछवाड़े की गली का भी तो रस चखाओ अपने भैया को "
बस ननद ने मेरी बात मान ली, पहले थोड़ा सा उठी, अपने दोनों हाथों से पिछवाड़े के छेद को फैला कर, चौड़ा कर, भैया को दरसन करवाया और फिर उनके खुले मुंह पे पिछवाड़े का छेद,
उनका मुंह अब सील बंद और हम दोनों, भौजाई ननद मस्ती कर रहे थे , लेकिन ननद छिनार ने अपने भैया से क्या कहा समझाया उन्होने पलटी मार ली
और मेरी गाँड़ के अंदर।
उईईईईई - जोर से मेरी चीख निकली,... गप्पांक से मोटा सुपाड़ा इनका मेरी गाँड़ में घुसा, पूरी ताकत से,