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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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हो जाइए तैयार
आगामी अपडेट्स के लिए

राज - अनुज और रागिनी
Hard-core threesome
बहुत जल्द

Gsxfg-IAX0-AAa-Jnh
(सिर्फ पनौती न लगे बस 😁)
 
Last edited:

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Udhar katha chodampur mein karma k poori family ka orgy ho gaya ab nana ki family ko samil Karne k firad mein hai jaggu ki family bhi almost srif baggu bacha hai Bua ki family full chudai salapur bhi tabadtod aur sarju family ki bhi aur idhar 194 update hogaye par kisis ki family ka orgy nahi dikhaya na raj ki to chodo jangilal k toh sab asap mein chudai karte hai toh Nisha se Rahul aur Rahul se Nisha ki BAAT Kyu chupana aur anuj ka abhi tak uske maa k sath nahi uska character abhi bhi baccho Wala bana k rakha hai kamalnath Janta hai ki rajjo Raman se chudti hai fir bhi sath mein koi chudai nahi
Sonal ki sadi hone wali hai par abhi tak baap se nahi chudi
Aur last most important update bhi ab nahi de Rahe ho dreamboy bro
:monkahmm: hmmmm
Dekhte kya hoga aage :dontknow:
 

Sanju@

Well-Known Member
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UPDATE 194 C


अमन के घर

छत की टेरिस पर घर के बाये तरफ चार दिवारी मे ईंटो के बीच बने गैप से सामने अनाज के गोदाम की रोशनदान से आ रही झलकियों को देख कर सिगरेट की कस लेता हुआ धुआँ छोडते हुए आंखे मूंद कर कुर्सी पर गर्दन पीछे की ओर लटका कर खुले आसमान मे दूर तक निहारता है

हवा के झोकों से आसमां मे फिसलते बादल उसके चेहरे के उपर से गुजर रहे थे ।
बादल के छ्टती परतें आसामां को और चटक निखार रही थी ।
मुरारी के मन मे अब संगीता को लेके तस्वीरें साफ होने लगी थी , बीते समय मे हुए संयोगों की हवा से संगीता की छवि साफ दिखने लगी थी ,,या फिर यूँ कहे कि मुरारी ने उसकी एक अलग ही छवि बना ली थी ।

जो उसके नैतिक मूल्यों को तार तार कर चुके थे , बेटे की शादी की खुशी भी ऐसे पल मे धुआँ सी हो गयी थी ।
मन से वो टूट चुका था और आंखे भरी हुई थी ।

कुर्सी पर लटके हाथ मे जलती सिगार अब आधे से ज्यादा खतम होने को थी और अमन अपने पापा को खोजता हुआ जीने के दरवाजे आ चुका था ।

दरवाजे पर आहत से मुरारी चौक और उसने सामने अमन को पाया तो उसे अपने ही बेटे के सामने हाथ मे सिगार पकड़े हु शर्मिंदगी मह्सूस हुई कि जिस आचार के लिए वो आज तक अपने बेटे को नैतिक मूल्य देता आया था वो आज खुद तोड़ते हुए पकड़ा गया ।


मुरारी ने सकपका कर जल्दी हुई सिगार छत की चारदिवारी मे तोड़ कर चूरा करते हुए निचे फेक दिया - अरे बेटा तु, क्या हुआ ?

अमन ने अपने पापा के बदलते भाव और जज्बात को परखा , उस बात को टालते हुए - पापा , मम्मी बुला रही है चलो

मुरारी - क्यूँ क्या हुआ ?
अमन सीढियों की ओर घूमते हुए - वो पूजन का समय हो चुका था आजाओ जल्दी

मुरारी - अच्छा सुनो
अमन अपने पापा की ओर पीठ किये हुए - इस बारे मे अपनी मा को मत कहना प्लीज

अमन- हम्म्म

अमन सरपट निचे चला गया और मुरारी ने एक नजर गोदाम की ओर देखा तो उसका दरवाजा अब बाहर से बन्द था ,,मतलब साफ था भितर जो चल रहा था वो शो अब खतम हो चुका है


फूलपूर


"मतलब " रंजू ने संसय भरे लहजे मे गरदन घुमा कर बनवारी की ओर देखा

बनवारी के चेहरे पर एक कपट भरी मुस्कुराहट अब बढ़ कर हसी का रूप लेने लगी थी जिससे रन्जू की शन्का बढ़ने लगी ।
तबतक उसने कमरे मे आहट मह्सूस की


" राज बीटवा तु? " रंजू झटके से आगे होकर बनवारी के कैद से छिटकते हुए बिस्तर की चादर अपने जिस्म पर लपेटते हुए बोली ।


राज जो उसके सामने बेहूदगी मे हस्ता हुआ - क्यू ताई अपने भतीजे को प्यार नही दोगी हिहिहिही


रंजू हड़बडा कर कभी बनवारी की ओर देखकर - ये तो बाहर गया था ना और दरवाजा भी

राज - क्या ताई आपने ही तो कहा था कि कमरे मे बैठ मै आती हु तो मै बाहर क्यूँ जाता

रंजू - तो क्या तु तबसे

बनवारी- हा जमुना बहू बेचारा तबसे तड़प कर तुझे निहार ही रहा है , और देख तुझे देख देख कर उसने अपने मुसल का क्या हाल कर दिया है

बनवारी ने राज के लाल हुए सुपाड़े कि ओर दिखा कर रन्जू से बोला ।
रन्जू ने राज का फूला हुआ लाल सुपाडा देखा और गहरी सास लेते हुए वो चुप रही ।
उसे अभी तक राज और उसके नाना का यू एक साथ ऐसे साथ आना समझ नही आ रहा था ।

बनवारी - क्या सोच रही हो जमुना बहू , कि मै और मेरा नाती वो ऐसे हाहाहाहा

रंजू - ह हा , नही , मेरा मतलब हा लेकिन कैसे ?

राज ने मुस्कुरा कर आगे बढ़ता हुआ बिस्तर चढ कर - उसके पीछे ताई एक कहानी है, बोलो सुनोगी ?

रन्जू गरदन उठा कर बिस्तर पर बैठे हुए ही अपने सामने खड़े राज को देख कर - कहानी ? कैसी कहानी ?
राज ने मुस्कुरा कर एक नजर अपने नाना को देखा और बोला - कहानी थोड़ी लम्बी है और समय भी लगेगा सुनाने तो क्यू ना आप ये समय काटने मे हमारी मदद करो ?

रन्जू - मदद ? मै समझी नही
राज आगे बढ़ कर अपना लन्ड उसके आगे हिलाते हुए - हा इसे चुस्कर हिहिहिही

रंजू थोड़ी शर्माई- धत्त
राज ने आगे बढ़ कर अपना मुसल उसके होठ से स्पर्श कराने लगा । राज के सुपाड़े से आती गन्ध ने रन्जू के जिस्म मे सरसरी सी होने लगी ।

रंजू ने हौले से मुह खोलकर सुपाडा को मुह ने भरा और राज को कहानी सुनाने का इशारा किया
वही बनवारी भी अपने नाती राज की बातों मे उलझाने की कला पर मुस्कुराता हुआ अपना मुसल मसलने लगा ।



राज के घर


बबिता के मोबाईल मे घुउऊ घुउउऊ होता है

राहुल - लो आ गया तुम्हारा बाबू हिहिही चलो तुम बात करो मै चलता हूँ

बबिता ने फोन काट कर मोबाईल ऑफ कर दिया - नही मुझे नही बात करनी उससे

राहुल ने अचरज से आंखे बड़ी कर उसकी ओर देखा तो बबिता हस कर - मतलब बस अभी के लिए नही करनी है , वो फिर से तस्वीरें मागेगा ।

राहुल - तो भेज दो ना क्या दिक्कत है
बबिता - नही अब नही ? उसे भी तड़पने दो जैसे मै यहा ...।

बबिता बोलते बोलते रुक गयी और शर्मा कर मुस्कुराते हुए नजरें फेर ली ।

राहुल हस कर - अरे तो तुम भी उस्से तस्वीरें माग लो ना

बबिता आंखे बड़ी कर उसकी ओर देखते हुए हस पड़ि- हिहिहिही क्या ? नहीईई

राहुल - अरे तुमने ही तो कहा कि तुम भी तड़प रही हो
बबिता - हा तो उस्का मतलब ये थोड़ी ना हुआ कि मुझे वही चाहिये
राहुल - क्यूँ उसको देखने मे क्या बुराई है , शकल अच्छी नही है क्या उसकी ?

बबिता हस्ते हुए रुक गयी - एक मिंट तो क्या तुम उसके चेहरे के बारे मे ...

राहुल ने एक बार फिर बबिता को अपने शब्दो के जाल मे लपेटता हुआ - हा तो ? इसका मतलब तुम अपने बॉयफ्रेंड के उसके बारे मे सोच रही थी , छीईईई

बबिता शर्मिंदा होकर हस्ती हुई - क्या ? नही !! मै भी उसके चेहरे के बारे मे ही कह रही थी
राहुल - चल झूठी, एक नम्बर की ठरकी हो तुम
बबिता - हा हूँ मै ठरकी तो ?
राहुल हस कर थोड़ा दुर होता हुआ अपने खुली हुई शर्ट की कालर के बटन बन्द करता हुआ - दूर रहो मेरे से

बबिता खीझकर हस्ती हुई - अब बस करो यार मेरा मजा लेना

राहुल हसते हुए बुदबुदाया - अभी लिया ही कहा मजा , दोगी तब ना

बबिता ने उसकी हल्की फुल्की भुनभुनाहट सुनी और उसकी ओर आगे बढ कर - क्या बोले तुम

राहुल - क्या मै ? नही तो !!
बबिता एक कदम और उसकी ओर बढती हुई - नही नही तुम बोले अभी अभी , सच बताओ

बबिता उसकी ओर उन्गली किये हुए आगे बढ़ रही थी और राहुल पीछे जा रहा था

उसी वक़्त घर के लोग बाजार से लौट रहे थे ।
ज्यादातर लोग सड़क के किनारे थे और बातो मे उलझे हुए थे , वही अरून और गीता साथ मे बात करते हुए आगे बढ़ रहे थे कि घर जे करीब आते ही गीता की नजर बाल्किनी मे गयी , जहा उसे बबिता राहुल की ओर उंगली किये हुए दिखी ।

उसने झट से अरून को इशारा किया कि जल्दी कुछ करना पड़ेगा लगता है दोनो मे फिर से झगड़े हो रहे है ।

अरून ने गीता को इशारे से कहा कि सबको उलझाये रखे ताकि कोई उपर ना देखे और वो तेजी से घर मे घूस कर भागते हुए हुए वो जीने से उपर हाल मे पहुचा और गलियारे से हाफ्ते हुए जैसे ही बाल्किनी मे आया ठिठक कर रह गया ।

वो अभी पहुचा ही था कि बमुश्किलन एक से डेढ़ मिंट की देरी मे भागती हुई गीता भी उसके पास खड़ी हो गयी और हाफ्ते हुए - क्या हुआ ? हुउउह अभी भी लड़ रहे है क्या दोनो ! उम्म्ंम

अरुण ने मुस्कुरा कर गीता को बाल्किनी से लगे स्पेयर रूम की दिवाल से चिपककर खड़े दोनो की ओर दिखाते हुए मुस्कुरा कर बोला - ह्म्म्ं देखो ना बड़ी प्यारी लड़ाई हो रही है ।

गीता ने गरदन आगे कर कोने मे देखा तो उसकी आन्खे बड़ी हो गयी और वो शर्मा कर मुस्कुराते हुए सीधी खड़ी हो गयी ।

अरुण ने उसका हाथ पकड़ा और वो कापने लगी ।
गीता की चढती सासे और कापते लहजे मे - म मम्मी लोग निचे ही है अरुण !
अरुण उसको पास खिंच कर - तो ?
गीता थुक गटक कर उसकी ओर देखा और अरुण ने उसके फड़फडाते रसिले होठ की ओर आगे बढने लगा ।
अरुण के नथुनो से आती गर्म हवा अपने होठ के पास मह्सूस कर गीता ने आंखे बन्द कर ली और अरुण ने अपने होठ उसके होठ से जोड़ लिये ।

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गलियारे इस छोर पर दोनो एक दुसरे की बाहों मे लिपटे हुए एक दुसरे के होठ चुबला रहे थे और वही बाल्किनी के बरादमे मे एक कोने बबिता की एक टांग को उठाए हुए उसके पीठ पर हाथ फेरता हुआ राहुल बबिता के लिप्स चुस रहा था और बबिता ने उसके चेहरे को अपने दोनो हाथो से जकडे हुए उसके उपरी लिप्स चुबला रही थी ।



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तभी उन्हे निचे से कुछ आहट सुनाई दी और राहुल ने बबिता को खुद से अलग किया फिर हौले से फुसफुसाया - शायद निचे सब आ गये है

बबिता ने अपने होठ पोछते हुए मुस्कुराई ।
राहुल भी मुस्कुरा कर उसके गाल चुमकर उसकी कमर से हाथ सरका कर उसकी कलाई जकडता हुआ आगे बढा - चलो चलते है यहा से किसी को शक हुआ तो ....

तभी उसके पाव थम गये जैसे ही उसकी नजर गलियारे के छोर पर खड़े अरुण और बबिता की चल रही फ्रेंच किस पर गयी ।
वो और बबिता ने मुस्कुरा कर एक दूसरे को देखा और बबिता ने गला खरास कर - ऊहु !! जगह मिलेगी क्या लव बर्ड्स , हमे उधर जाना है

बबिता की आवाज सुनते ही दोनो अलग हुए और शर्म से मुस्कुराने लगे ।
बबिता ने गीता को देखा और बोली - हम्म्म्म नाइस चॉइस

गीता शर्मा कर अरुण की ओर देखा और हसने लगी
तभी जीने से औरतों के उपर आने ही आहट हुई ।

राहुल - यहा हमारा यूँ साथ रुकना ठिक नही , चल अरुण चलते है

फिर राहुल और अरुण इससे पहले बाकी औरते उपर आती झट से जीने से होकर सबसे उपर चले गये और गीता बबिता बाल्किनी मे हो गयी ।

बबिता मुस्कुरा कर - कबसे चल रहा है ?
गीता - क्या ?
बबिता - वही तुम्हारा और अरुण का ?

गीता हस कर -मेरा छोड़ तु बता तू और राहुल कैसे एक साथ ?

बबिता शर्मा कर हसते हुए - इतना भी बुरा नही है वो हिहिही और तेरा अरुण तो बड़ा शर्मिला था ना
गीता हस कर - हम्म्म्म इतना भी अच्छा नही है वो हिहिहिही

बबिता ने भी हस उसको कन्धे से हग किया - तो क्या सोचा है कल हम घर जा रहे है ?

गीता - पता नही यार यहा तो मिलना मुश्किल सा है ? मुझे तो बहुत तड़प हो रही है उसकी

बबिता उसकी खिन्चाई करते हुए - हिहिही किसकी ?
गीता - छोटे बाबू की हिहिहिही
बबिता - हाहाहहा
वही छत पर पीछे की ओर
अरुण - अरे यार लेकिन जब मैने निचे से देखा तो वो साली तेरे पर भड़की हुई थी और उपर आया तो अलग ही कहानी चल रही थी , कैसे ?

राहुल हस कर - कैसे ?
अरुण जिज्ञासु होकर - हा कैसे ?

राहुल अरुण की उलझन भरी उस्तुकता पर मुस्कुराने लगता है


कुछ देर पहले....

"सच सच बताओ तुमने क्या बोला अभी " , बबिता ने उसकी ओर उन्गली पॉइंट करते हुए बोली ।

राहुल हसता हुआ - सच मे बोल दू
बबिता - हम्म्म बोलो
राहुल - पक्का ना ?
बबिता ने आंखे बढ़ी कर - पक्का !! मतलब

राहुल - आई लव यू टू
बबिता चौकी - हैं? मै कब बोला आई लव यू ?
राहुल - अभी तो बोली
बबिता - कभी
राहुल - अभी ? और तुमने किस देने के लिए पक्का कहा तो ही मै बोला आई लव यू टू

बबिता चौक कर सीधी खड़ी हुई - क्या ?? मै कब बोली
राहुल - रुको बताता हु इधर आओ थोड़ा

राहुल बबिता को उसके दोनो बाजू से पकड के बाल्किनी की रेलिंग से दुर बरमादे की दिवार के पास लाया
बबिता - हा तो कब मैने त उउउऊमम्म
इससे पहले बबिता कुछ बोलती राहुल ने उसके होठ से अपने होठ जोड़ लिये और एक जोर की किस्स करके हट गया - हो गया कर लिया ।

बबिता - ये सब क्या था
राहुल - अभी तुमने ही तो कहा किस्स करो मुझे
बबिता खीझती हुई - तुम्हारा दिमाग तो ठिकाने है मै क्यू कहुन्गा , और कबसे तुम उलुल जुलुल बके जा रहे हो

राहुल - अरे रुको रुको तुम समझ नही रही , ये सब तुम मेरे ख्यालों मे बोल रही थी ।

"पहले तुमने आई लव कहा"
"फिर मैने पूछा कि किस्स दोगी ना
तो तुमने कहा हा दूँगी
मैने पूछा पक्का तो तुमने भी बोला पक्का "
बबिता - लेकिन कब तुम ख्याल मे चले गये थे

राहुल - उम्म्ं शायद जब तुम मेरी तरफ बढ़ रही थी और मै तुम्हे देख कर एक दम से खो सा गया , तुम्हारे शब्द मेरे जहन मे कुछ और ही सुनाई दे रहे थे ।


बबिता समझ गयी कि ये सब इसकी चालाकी थी और वो इम्प्रेस भी थी ।

"नही मुझे कोई प्रोब्लम नही है खुले मे "

राहुल ने अपनी भौहे सिकोडी और कुछ सोचकर - क्या मतलब प्रोब्लम नही है खुले मे

बबिता ने लपक कर उसकी कालर पकड़ी और बोली - दरअसल अभी अभी मैने भी एक ख्याल देखा और तुम्हे मजा चखाना ही पड़ेगा अब

राहुल को लगा कि उसकी चालाकी पकड़ी गयि और अब ख्याल के बहाने बबिता उसे जरुर पिटेगी ।

बबिता ने अपने पन्जे उसके कनपटी पर जकडते हुए हल्का सा दबाया ।
राहुल ने दर्द का सोचा और आंखे भींच कर सीसक मगर दर्द हुआ नही उसको ।
तभी उसके होठो पर एक नरम रुई के फाहो सी हल्की स्पर्श ने उसका जिस्म पिघला दिया ,
अलगे ही पल उसके उपरी होठ बबिता के होठ के कब्जे मे थे जिन्हे वो खिंच रही थी और राहुल की सक्रिय इन्द्रियों ने उसे सारा माजरा समझा दिया ।

उसने हाथ आगे बढा कर उसको कमर से पकडते हुए अपनी ओर खिंच लिया ।

उसके कुल्हे सहलाते हुए उसकी टांग उठा कर उसके निचे होठ चुबलाने लगा ।



अरुण उसको हिला कर -क्या हुआ भाई कहा खो गया

राहुल मुस्कुरा कर - कुछ नही यार
अरुण - साले तेरा पैंट बता रहा है बहुत कुछ बात है हिहिहिही

राहुल अपने पैंट मे कसमसाते मुसल को पकड़ कर भिंच कर उसको सेट करता हुआ - हा भाई मस्त रसीली है यार , फुल एक्सपिरिय्ंस वाली है

अरुण - तो क्या सोचा है , उसका एक्सपिरिय्ंस बढाने मे उसकी मदद नही करेगा

राहुल मुस्कुरा कर - हा भाई वही सोच रहा हु कैसे होगा ?

अरुण - आज रात कौन कहा सोयेगा , सारा खेल इसपे ही निर्भर है

राहुल अपनी भौहे तान कर कुछ सोचता हुआ - हम्म्म और इसकी तैयारी हमे अभी से करनी पड़ेगी । चल

अरुण - लेकिन कहा ?

राहुल - चल ना



फूलपुर 2.0

"आह्ह जमुना बहू सीईईई उम्म्ंम्म्ं क्या तेज औरत है रे तूउउऊ उम्म्ंम "

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"आअह्ह्ह ताई अपनी चुचियॉ कितनी मुलायाम है " , राज रन्जू के चुचे मे लन्ड घिस रहा था , जबकी उसके मुह बनवारी का मोटा मुसल भरा हुआ था
रन्जू - अह्ह्ह मुन्ना उह्ह्ह आराम से उम्म्ंम्ं छील डालेगा क्या मेरे जोबन को उम्म्ंम्ं उफ्फ्फ

राज झुक कर ताई के चुचे उपर कर उसको चुबलाता हुआ - उम्म्ं ताई ये बहुत रसिले है अह्ह्ह आजाओ अब

राज बिस्तर पर पैर खोलकर लेट गया , उसके हाथ मे उसका लन्ड फनफना रहा था और रंजू की बुर भी बुरी तरह से लन्ड के पानी बहा रही थी ।

वो उठ कर खडी हुई और राज के दोनो पैरो के दोनो तरफ पैर फान्द कर उसकी ओर अपनी बड़ी सी गाड फेकते हुए उस्का तना हुआ लन्ड पकड कर अपने बुर मे भरती हुई हचहचा कर बैठ गयी ।
रन्जू के भारी शरीर और खुली बुर मे राज का मुसल फड़फडा हुआ बच्चेदानी तक ठोकर मारने लगा वही रन्जू आगे झुक कर राज के लन्ड पर उछलने लगी और राज के लन्ड को अपनी बुर मे कसने लगी

राज हाथ आगे बढा कर रन्जू के फैली हुई चर्बीदार गाड़ को सहलाता हुआ - अह्ह्ह ताई क्या मस्त गाड़ है उम्म अह्ह्ह ऐसे ही उह्ह्ह और लोह्ह्ह उम्म्ंम आह्ह


रंजू - अह्ह्ह लल्ला तेरा लन्ड बहुत टाइट है रे उम्म्ं अह्ह्ह अह्ह्ह इह्ह्ह्ह

बनवारी भी खड़ा खड़ा क्या ही करता वो भी बिस्तर पर आगे बढ़ कर रंजू के अपना लन्ड परोस दिया

रंजू बनवारी का मुसल पाते ही भुखी शेरानी के जैसे झपट पड़ी
निचे से राज भरसक अपने कुल्हे सख्त कर उन्हे उचकाने की कोसिस करता मगर रन्जू के भारि शरीर के आगे उसकी एक ना चली और रन्जू आराम आराम से ठहर थहर कर बनवारि का मुसल चुस्ते हुए राज के लन्ड पर मथने लगी

20220717-131533
बनवारी उसके बालो को पकड कर अपना कड़क लन्ड उसके गले तक ले जाता हुआ - उह्ह्ह जमुना बहू उम्म्ंम्ं और लेह्भ्ह्ह अह्ज बेटा पेल ना इसको रुका क्यू है उम्म्ंम

राज नाना के शब्द सुन लार थोडा जोश मे आया और घुटने फ़ोल्ड करता हुआ नीचे से गाड़ झटकने लगा

ओक्क्क ओक्क्क उह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईई उम्मममंं अह्ह मन्ना आराम से ऊहह उम्म्ंम " , रंजू ने गले से बनवारी का मोटा लन्ड निकालते हुए सिसकी ।

राज -ऊहह ताई मत रोको उम्म्ंम सीईई अह्ह्ह्ह और लोइह्ह्ह उन्म्म्ं आयेगा उम्म्ंम्ं उम्म्ंम अह्ह्ह्ह्ब

अगले ही पल राज भ्चभ्चा कर रंजू के बुर मे फब्बारा छोड़ने लगा और थक कर चूर हो गया ।

रंजू ने मुस्कुरा कर उसकी ओर देखा और वैसे ही बैथी हुई बनवारी का मुसल चुसने लगी

बनवारी उसके गाल दुलराता हुआ - उधर चले हम लोग

रंजू ने हामी भरी और बनवारी सोफे पर टेक लेके बैठ गया और रंजू ने उसके घुटने के पास बैठ कर उसका मुसल चुबलाने लगी ।

बडे बडे झूलते आड़ो से लेकर भूरे हो चुके सुपाड़े की टिप तक रंजू अपनी जीभ फिरा रही वही निचे से उसकी जांघ पर राज का विज उसकी बुर होकर रिस रहा था ।

उसकी बड़ी सी फैली हुई गाड़ अभी भी राज की ओर मुह किये थे , ये नजारा देख कर एक बार फिर राज मुसल सिर उठाने लगा ।

वही रन्जू उठ कर बनवारी के लन्ड को पकड कर उसकी ओर मुह कर उसके लन्ड पर बैठ गयी ।

एक बार फिर बनवारी जन्न्त की सैर करने लगा , रंजू ने बड़ी अदा से अपने कुल्हे हिलाती हुई लन्ड को अपनी गीली बुर मे मरोड रही थी

बनवारी उसके चुचे पकड कर उन्हे मसलते हुए अपने जज्बात बाट रहा था
वही राज लन्ड एक बार फिर से तैयार हो चुका था

धीरे धीरे उसने अपनी चमडी खोली और सामने का नजारा देखते हुए अपना मुसल सहलाने लगा
वही बनवारी की तडप बढ़ रही थी , उसने रंजू को अपनी ओर खिंच कर निचे से कमर उछल कर तेज झटके मारने लगा

अह्ह्ह मह्ह्ह उह्ह्ह बाऊजी उम्म्ंम्ं ओह्ह ऐसे ही उम्म्ंम और पेलो उम्म्ंम फाडो इसे उह्ह्ह अह्ह्ह बाऊजी उम्म्ंम्ं

बनवारी रंजू के जोश से और उतावला होकर लन्ड की नसे तान कर तेज लम्बे धक्के उसकी बुर मे देने लगा
वही सामने का नजारा देख कर राज से अब रहा नही गया

20230825-161223
उसकी नजर नाना के तेज झटके से हिलकोरे खा रही गाड़ पर जमी हुई , उसने आस पास नजर मारी तो उसकी नजर कमरे की खिडकी पर रखी हुई तेल की शिसी पर गयी ।

उस्का दिल बाग बाग हो गया । वो जल्दी से उठा और खिड़की से तेल लेके उसको लन्ड पर लगाते हुए उसको मसलने लगा ,

जल्द ही उसका मुसल फिसलने लगा और चीकना होकर चमक गया
उसने आगे बढ कर रंजू की फैली हुई गाड़ के पीछे खड़ा हो गया और उसके गाड़ के मोटे चर्बीदार चुतड सहलाते हुए अपना चिकनाया मुसल सहलाने लगा ।

राज का स्पर्श अपने गाड़ पर पाकर रंजू भी सिहर गयी
राज ने अंगूठे से उसकी हिलती गाड़ के दरारो मे जगह बनाई और उसके सुराख पर टिका दिया

रन्जू सिसकी और राज का इरादा भाप गयी
उसकी सासे और चढने लगी , राज ने तेल की सीसी खोली और उसको रंजू के गाड़ के दरारो मे टपकाने लगा

तेल बुन्दे उसके गाड़ की खुजली को दुगना कर चुकी थी , राज अपना मुसल खोलकर सुपाडा उसके गाड़ के फाको के बिच घुसेड़ते हुए तेल मे अच्छे से रगड़ने लगा ।

रंजू - अह्ह्ह लल्ला उम्म्ंम आराम्म्ं से , निचे पहले से घुसा हुआ है मन्ना उन्म्ंं

राज - तुम चिंताआह्ह्ह ना करो ताई मै कर लूंगा उह्ह्ह क्या कसी ह्ही गाड़ है तुम्हारी उम्म्ंम

राज ने उसके गाड़ के छेद पर टोपा भिडाया और जोर देते हुए पचाक से लन्ड को भीतर ठेल दिया

अह्ह्ह ताईई उह्ह्ह्ह
ओह्ह्ह लल्लाआ उम्म्ंम
"आह्ह बेटा, ये तो सच मे कमाल हो गया है हाहहहा " बनवारी भी राज के लन्ड की घिसट मह्सूस कर बोला

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राज - नानू आप थोड़ा ढीला रखना
और अगले ही पल राज ने एक तगड़ा झटका दिया जिस्से उसका मुसल सटाक से रन्जू के गाड़ ने भेद गया और जड़ मे अटक गया

रंजू अकड़ सी गयी - अह्ह्ह लल्लाआ उह्ह्ह्ह जल रहा अह्ह्ह उम्म्ंम बहुत मोटा है अह्ह्ह निकाल दे मुन्नाआ उम्म्ंम

बनवारी भी रन्जू का असहनीय दर्द और भिंचा हुआ चेहरा देख कर - हा हा बेटा निकाल दे दुख रहा होगा उसे

राज मुस्कुराया क्योकि ये उसके लिए नया नही था , उसने तेल की शिसी से अपने लन्ड के जड़ पर तेल टपकाने लगा जो धिरे धीरे रंजू के गाड़ के छल्ले पर फैलने लगा राज हल्का हल्का लण्ड मे हरकत करते हुए तेल गिराता

धीरे धीरे तेल की ठंडक भितर जाने लगी और रन्जू को राहत होने लगी , वही राज के लन्ड की हरकत से बनवारी का मुसल फिर से कसने लगा

राज ने मौका देख कर रन्जू के कुल्हे को थामते हुए वापस एक तेज झटका दिया

रंजू - अह्ह्ह सीईई उह्ह्ह उह्ह्ह

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राज - ऊहह ताई क्या गर्म गाड़ है तुम्हारी उह्ह्ह मन कर ऐसे आह्ह ऐस अह्ह्ह ऐसे ऐसे ही उम्म्ं पेलता रहु , पेलता रहुऊ पेलता ही रहुउउऊऊऊऊ अह्ह्ह

राज उसके कुल्हे पकड कर कस कस उसकी गाड़ मे लन्ड भरने लगा और निचे से बनवारी को भी मजा आ रहा था , तो उसने भी हल्की फुल्की हरकत शुरु की ,

आगे झुकी रन्जू के चुचे मुह मे भरता हुआ उसने एक बार फिर से रन्जू की कमर मे हाथ डाल कर निचे से कमर उठाने ल्गा , जिससे रंजू की आंखे उलटने लगी

मानो दोनो मुसल के फुले हुए सुपाड़े एक साथ भितर जगह बना रहे थे , जैसे दो खीरा एक साथ ही उसके भितर घुसेडा रहा है

दर्द से ऐठ कर रंजू ने जोर से चीखी - उन्म्म्ं अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह
राज - आह्ह ताई बस्स हो गया ऊहह अब मजे लोह्ह उह्ह्ह

बनवारी निचे से झटके मारता हुआ उसकी चुचिया मिजता - अह्ह्ह बेटा तुने तो मजा ही ला दिया उह्ह्ह क्या मस्त तरिका खोज निकाला ओह्ह्ह्ह

रन्जू - उह्ह्ह सच मे ऐसा नशा मुझे पहले कभी नही हु , लग रहा है मेरे बुर और गाड की छील्ली पूरी फट जायेगीईईई उउउउऊ अह्ह्ह और पेलोह्ह जल्दी , बहू के आने का समय हो रहा है वो स्कूल ने अपने बेटी को लेने गयी है अह्ह्ह

ghardd
रंजू की बात सुनते हिये दोनो नाना नाती ने एक साथ सुर मे ताल से ताल मिलाते हुए कस कस करारे तेज झटके रन्जू के गाड़ और बुर मे लगाने लगे

रंजू इस दोहरे मजे के आगे आंखे उलतती हुई झड़े जा रही थी उसका जिस्म उसके काबू मे नही था ना उसकी चिखे

अगले कुछ ही झटकों मे बनवारी ने अपनी कमर को उचका कर उसकी बुर मे लन्ड को रोक दिया और भीतर ही रंजू के पिचकारी छूटने लगी, एक तरफा राहत ने रन्जू को कुछ आराम था मगर राज कहा रुकने वाला

वो भी अपने चेहरे को भींचे हुए लन्ड को ताने हुए आज 10 इंच के खीरे भर की जगह उसकी गाड़ मे बनाने के इरादे सटासट पेले जा रहा था


ईईई आह्ह्ह्ह उह्ह्ह ताईई ओओओओ उह्ह्ह क्या मस्त गाड़ है ताईई उह्ह्ह उह्ह्व अह्ह्ह म्ममीईईईई उन्न्म्ं ऊहह आयेगा आयेगा उम्म्ंम फ्क्क्क फ्क्क्क्क येस्स्स हिहीही अह्ह्ह अह्ह्ह ताई कमाल हो तुम उम्म्म्म्माआआह्ह्ह

राज उसकी गाड़ मे झड़ते हुए उसकी पीठ पर ढह गया और उसको चुमते हुए बोला ।


"आह्ह बेटा उठ जा मै निचे दब रहा हु " , बनवारी स्बसे निचे से कराहते हुए बोला ।

राज - ओह्ह सॉरी नानू हिहिही
रन्जू - हट भाई तु दाँत मत दिखा , आह्ह मैयाअह्ह क्या हालत कर दी तुम नाना नानी ने मेरी

बनवारी रंजू के भारि शरीर का बोझ हलाक होते ही अपनी कमर तोड़ कर खड़ा होता हुआ उसके गुदाज चुतड पर हाथ फिराकर - अरे जानेमन हालत तो तुमने हमारी खराब कर दी , और ये छेद तुम पर उधार रहा कभी आना हुआ तो जरुर याद करेंगे

राज अपनी नाना की मस्ती पर हसते हुए कपडे पहनने लगा
वही रन्जू ने उठ कर वापस बाथरूम की ओर जाते हुए - अब जाओ भी, और दरवाजा लगा देना मै नहाने जा रही हु

राज - फिर से क्यू
रंजू अपने कुल्हे पर हाथ रख कर टीसे हुए स्वर मे - आह्ह मुए इतना दर्द दिया है और दोनो छेद भर दिये , और पुछ रहा है क्यू । जा अब बहु आती होगी ।

राज ने बनवारी को कपडे डालने का इशारा किया और वो झटपट से घर से बाहर निकल गये ।


"हाहाहाहा , वैसे तेरी कहानी सही थी । ताई मैने तो नानू को देख कर ही सब सिखा है " , बनवारी राज की मिमिकरी करने कोसिस करता हुआ बोला


राज खिलखिलाकर - हिहिहिही सही तो है ,आप मेरे गुरु ही हो
बनवारी - अच्छा जी
राज - तो कैसी रही ये वाली गुरु दक्षिणा हिहिहिही

बनवारी उसकी बात पर खिलखिलाकर हसने लगा और दोनो चमनपुरा की ओर बढ़ गये ।

जारी रहेगी
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है राहुल बबिता और अरुण गीता का kiss हो ही गया वही दूसरी और राज और बनवारी ने रंजू के तीनो छेदों को भर दिया रंजू की गांड़ का भी उद्घाटन कर दिया
 

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बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है राहुल बबिता और अरुण गीता का kiss हो ही गया वही दूसरी और राज और बनवारी ने रंजू के तीनो छेदों को भर दिया रंजू की गांड़ का भी उद्घाटन कर दिया
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UPDATE 195


" अम्म्ं आह , बस भाईसाहब अब और नही प्लीज "
" अरे क्या नही नही , बस एक घूंट की बात है और ये खाली हुआ समझो " , कमलनाथ डगडगाते हुए हाथ से आईबी बोतल की शीशी से सुनहरी रस के जाम जंगी के गलास मे छलकाते हुए बोला ।

जंगी अधूरे मन से ग्लास पकड़ते हुए - क्या भाईसाहब आप जिद नही छोड़ेंगे हाहाहहा

कमलनाथ अपनी अधभरी हुई ग्लास को गटागट एक सास मे खाली करके खड़ा हुआ - लो भाई हो गया मेरा , चलो घर


जंगी उसकी हिलती और डगमगाती चाल देख कर हड़बडा कर - क्या भाई साहब कहा जाना है, हम लोग घर पे ही है

कमलनाथ ने भौहे सिकोड़ कर आसपास नजर घुमाई और फिर उसके चेहरे पर मुस्कान फैल गयी - अरे हा , हिहिहिहिही हम तो घर मे ही है

जंगी समझ गया कि कमलनाथ को चढ गयी है और वो भी कम नशे मे नही था , उसकी भी हालत हर बीतते पल ढल ही रही थी ।

जन्गीलाल - अरे भाई साहब आप बैथिये और आज रात यही आराम किजीए , मै यहा खाना मगवा लेता हु ।

कमलनाथ झटके से उठने को हुआ मगर मानो उसकी एडिया मे किसी ने लोटा फसा दिया हो , ऐसे असन्तुलित होकर वापस सोफे पर लुढ़का - क्या ! नही नही भाई कल सुबह

जंगी - ओह भाई साहब आराम से
कमलनाथ ने खुद को झक्झोरा और आंखे बड़ी कर फैलाते हुए - यार जंगी , कल सुबह ही मुझे जानीपुर निकलना है और तुम्हारी भाभी कुछ दिन यहा रुकने वाली है अभी तो

रज्जो के रुकने का सुनकर जन्गी का लन्ड फडका - हा तो क्या दिक्कत है भाईसाहब कल सुबह चले जाना

कमलनाथ झुमते हुए - अरे तुम समझ नही रहे हो जन्गी भाई , ये तुम्हारी भाभी से मैने आज की रात का वादा किया था

जंगी - कैसा वादा
कमलनाथ - अरे आज रात मै उसको पेल.....
कमलनाथ ने अपने होठ रोक लिये और ना मे गरदन झटकते हुए- नही नही वो नही बता सकता ।

जन्गी मुस्कुरा कर - आप बताओ या ना बताओ भाई साहब हाहाहहा मै समझ गया

कमलनाथ हिचकी खाते हुए एक आंख उठा कर - हीई मतलब !
जंगी उसको सादे पानी का ग्लास देता हुआ मुस्कुरा कर - अरे भाई साहब ये बिवी से दुरी का गम हम भी झेल चुके है हाहहहा
जन्गी - लग रहा है आपने भी भाभी जी से प्यार का वादा किया था क्यू

कमलनाथ - काहे का प्यार , चोदने की तलब हो रही है बस

जन्गी उसकी बात सुन कर अपना लन्ड भिचआ हुआ - हा लेकिन वहा आपके ससुर जी भी है और बाकी मेहमान भी रुके है , क्या आपका इस हाल मे जाना उचित रहेगा

कमलनाथ की हालत खराब हुई - अरे हा यार , बहिनचोद पीने के चक्कर मे ये ध्यान नही रहा

जन्गी - इसीलिए तो कह रहा हु कि मै खाना मगवा दे रहा हु और आपकी तलब का भी कुछ इन्तेजाम कर ही देता हू

कमलनाथ की इन्द्रियां सतर्क हुई और वो आंखे बड़ी कर - वो कैसे जंगी भाई

जन्गिलाल एक शरारती मुस्कान बिखेर कर - अरे वो पार्लर वाली बॉबी है ना , एक फोन पर दौडी आयेगी रन्डी

कमलनाथ - क्या बॉबी ? नही नही , मेरे पास उससे अच्छा ऑप्शन है
जंगी की जिज्ञासु होकर - अरे वाह , कौन

कमलनाथ एक छोटी सी मुस्कुराहट के साथ - है एक और उसे कल रात मे ही हाहाहाह

जन्गी थोडा सोच मे पड गया कि ऐसा कौन है चमनपुरा मे जो कमलनाथ के एक बुलावे पर आ जायेगी , जबकि कमलनाथ इससे पहले कभी भी यहा आया नही था ।

कमलनाथ हिचकी खाता हुआ - कहा खो रहे है हीई , रुको मै फोन घुमाता हु वो आयेगी तो जान जाओगे

कमलनाथ ने जेब से मोबाइल निकाला और और फिर एक नम्बर डायल कर दिया ।

जन्गीलाल यहा बेचैन होने लगा कि कौन है और कमलनाथ से इसकी पेंच कैसे अटकी ।

रिन्ग जाने लगा तो कमलनाथ ने वाहवाही मे मोबाईल स्पीकर पर कर दिया

तभी उधर से फोन उठा - हा हैलो
कमलनाथ मुस्कुरा कर - कैसी हो जानू
उधर से भी इतराती हुई आवाज आई - मै ठिक हु और बड़ी देर से याद किया आपने

जन्गी को आवाज जानी पहचानी लगी मगर उसे चेहरा याद नही आ रहा था ।
वही कमलनाथ लन्ड मरोडते हुए - अरे मै क्या कह रहा हु अभी आ सकती हो क्या , यही पास मे ही बाजार मे !!

" क्या ? नही नही !! इस वक़्त मै कैसे आ पाऊंगी ?"
"अरे अब नखरे ना करो , आ भी जाओ ना तुम्हारे याद मेरा लन्ड फूला जा रहा है अह्ह्ह्ह " , कमलनाथ ने सिस्क कर कहा ।

"नही नही , इतना टाईम नही रात होने वाली है"
" क्या नौटंकी पेल रही है अरे लन्ड से पेलवा ले ना मेरे " कमलनाथ ने रुआबी कहा बोला ।

जन्गी को ये सही नही लग रहा था क्योकि कमलनाथ नशे मे था ।

तभी फोन पर दुसरी ओर से एक मर्द की आवाज आई - क्या कर रही हो संगीता , जल्दी चलो ।

नाम सुनते ही जन्गी समझ गया कि वो रंगी के सम्धी की बहन है और उसके लिए ये चौकाने वाली थी ।

" देखीये अभी आप होश मे नही है , हम कल सुबह बात करते है ओके बाय " , ये बोल कर संगीता ने फोन काट दिया ।

कमलनाथ - अरे सुनो तो , धत्त मादरचोद साली ।

जन्गी अचरज से मुस्कुरा कर - कमलनाथ भाई , अरे ये समधी की बहन को कब और कैसे

कमलनाथ मुस्कुरा कर - अरे वो खुद साली चुदने आई तो मै क्या करता हिहिही पेल दिया

जन्गी - लेकिन कब
कमलनाथ - अरे जब सब खाना खाने के लिए गये थे उसी समय हाहाहा ,मस्त रसभरी माल है । आ जाती तो हम दोनो की रात बन जाती ।
जंगी - अच्छा कोई बात नही , अब आप आराम करिये मै फोन करके खाना मगा लेता हु
कमलनाथ वही हाल मे सोफे पर बैठा हुआ अपना कुर्ता निकाल कर बनियान और पजामे मे आ जाता है ।
उस्का लन्ड अभी तक उसके पजामे मे तम्बू ताने हुए खड़ा था ।

राज के घर

आज किचन वापस से राज के घर मे शिफ्ट हो गया था ।
किचन मे सुनीता मामी ,शालिनी के साथ साथ निशा और रीना भी थी ।

इधर रंगीलाल अपने ही कुछ काम से घर के बाहर गया हुआ था और वही गेस्टरूम मे रागिनी रज्जो और शिला की हसी ठीठौली चल रही थी ।
उपर अनुज के कमरे मे राहुल अरुण , गीता बबिता और अनुज सब उसके लैपटाप मे एक मूवी देख रहे थे ।

मूवी पर ध्यान सिर्फ अनुज का ही था , बाकी चार बस अपने ही काम मे लगे थे ।
अनुज बीच मे बैठा था और उसके दोनो तरफ गीता बबिता थी । जबकी गीता के सट कर उसकी ओर हल्का सा झुक कर अरुण था और इसी तरह बबिता की ओर राहुल भी झुका हुआ था ।

राहुल के सरारती हाथ बबिता की पीठ पर पीछे से उसके टीशर्ट मे घुस कर रेंग रहे थे , जिससे बबिता बहुत कामोत्तेजित हुई जा रही थी , वो आम्खे बड़ी कर राहुल को डांट लगाने को भी कहती मगर राहुल बड़ी बेहूदगी मे दाँत दिखा कर हस देता ।

वही अरुण को अनुज का थोड़ा डर था , इस मामले मे गीता निडर थी चादर के निचे वो अरुण की उंगलियों से खेल रही थी और अरुण का मुसल फनफना रहा था ।
धिरे से उसने अरुण का हाथ पकड कर अपनी जांघ पर रख दिया और वो आंखे बन्द कर एक गहरी सास लेकर खुद को थामने लगा ।
गीता मुस्कुराइ तो अनुज को उसकी कुनमुनाहट सुनाई दी वो घूम कर एक बार गीता को मुस्कुराते देखा और वही गीता के साथ अरुण की भी फट गयी ।

अनुज - क्या हुआ दीदी
गीता हस कर -कुछ नही मूवी मस्त है हिहिही है ना बबिता

बबिता - अह हा हा , हिहिही बहुत मजेदार
राहुल - तो क्यू ना आज रात हम लोग मूवी ही देखे हिहिहिही

अरुण ने उसकी हा मे हा मिलाया - हा हा क्यू नही मजा आयेगा ।

बबिता राहुल का इशारा समझ गयी , वो भी जान रही थी बजाय वो अपनी मा या घर के किसी बडे के साथ सोये , उस्से अच्छा है अनुज के साथ मूवी देखने के लिए रुक जाये , कही ना कही उनका प्लान कारगर जरुर होगा ।

गीता - हा हा , हम लोग सब देखेंगे सारे भाई बहन एक साथ हिहिहिही

गीता की बात पर राहुल बबिता और अरुण ने चौक कर उसकी ओर देखा और हसने लगे ।

राहुल धीरे से बबिता के कान मे फुसफुसाया - ये तो अभी से मुझे बहनचोद बना देगी

बबिता को राहुल की बात पर हसी आई और उसने अपनी कोहनी को उसके पेट मे चुबो कर चुप रहने का इशारा किया ।

वही गिता को भी समझ आया कि वो क्या बोल गयी और वो भरे लाज मे गरदन घुमा कर अरुण की ओर देखा और हल्का सा होठ से बुदबुदाइ - सॉरी
अरुण ने आंखो से उसको ओके बोला और फिर वापस से सारे लोग मूवी देखने लगे
वही नीचे घर के गेट से राज और बनवारी घर मे दाखिल हो रहे थे ।

राज हाल मे आता हुआ उसकी नजर सबसे पहले मामी पर गयी - अरे मामी , जरा नानू को पानी देना और मुझे भी थोड़ा

राज की आवाज सुनते ही रीना ने गरदन झटक कर उसकी ओर देखा और खुद से खडी होकर पानी देने के लिए उठ गयी ।

राज और बनवारी फ्रेश होने के लिए राज के कमरे मे चले गये ।

बनवारी को जोरो की मूत आई थी तो वो जल्दी से बाथरूम मे घुस गया और राज भी अपना पैंट निकाल कर आलमारी से लोवर खोजने लगा ।

"आज कुछ नही मिलेगा देवर जी ऐसे ही रहो , हिहिहिही
राज चौक कर घुमा तो कमरे मे रीना ट्रे मे पानी और मीठा लेके आई थी ।

राज - मतलब , कहा गये मेरे कपडे
रिना हस कर - वो सब सुखने के लिए उपर गये है , आज मौसी जी ने दोपहर मे धूल दिये थे ।

राज - तो क्या मै ऐसे ही रहु
रिना ने राज के अंडरवियर मे सो रहे थे लन्ड की उभार को देख कर मुस्कुराइ- ऐसे भी अच्छे ही दिख रहे हो देवर जी , बस अपनी बहनो से दुर रहना हिहिहिही

राज रिना का दोहरे अर्थ वाला मजाक समझ गया और इससे पहले कुछ जवाब देता बाथरूम से बनवारी बाहर आ गया ।

राज - भाभी प्लीज मेरे कपडे लेते आओगी प्लीज मै फ्रेश होने जा रहा हु

रिना ने बनवारी के आगे राज का लिहाज किया और नजरे नीची कर मुस्कुराती हुई हा मे सर हिलाकर पानी का ट्रे का वही रख कर निकल गयी ।

इधर राज फ्रेश होकर पानी पिया और थोड़ा बैठा रहा , वही बनवारी मौका पाते ही करवट लेकर लुढक गया ,
रन्जू को जबरजस्त पेलाई और लम्बी पैदल यात्रा से उसकी थकान ने जल्द ही नीद मे ले लिया ।

करीब 15 मिंट बाद रिना ने राज के कमरे का दरवाजा खटखटाया । राज ने एक नजर सोते हुए बनवारी पर डाली और हल्का सा दरवाजा खोल कर उसकी कलाई पकड कर भीतर खिंच लिया ।

" अरे अरे , आराम से हिहिहिही "
" अब कितना आराम से मुझसे तो अब रुका नही जायेगा , कल तो वैसे भी निकल जाओगी आप " , राज ने रीना को अपनी बाहो मे भरते हुए कहा
रिना राज की बाहो मे कसम्साती हुई - आह्ह देवर जी , नाना जी यही है देखो तो अह्ह्ह प्लिज
राज आगे लपक कर रिना के गुदाज गालो को काटता चुमता हुआ - अरे वो सोये है उन्हे सोने दो , आओ ना थोड़ा साह्ह्ह उम्म्ंम्ं उम्म्ंम


तभी बाहर से शालिनी ने रिना को आवाज लगाई और रीना हड़बड़ाती हुई - रात मे देखती हु देवर जी प्लीज , देखो छोटी मौसी बुला रही है ।

राज ने भी रिना चुतड मसले और उसके गरदन के पास चुमता हुआ उस्को छोड़ देता है और फिर अपना लोवर पहनते हुए एक नजर अपनेनाना को देखता है जो अभी भी उसी तरह करवट लिये नीद की आगोश मे थे ।

अमन मे घर

पूजन विधि सब पूर्ण हो चुकी थी ।
सारे लोग हाल मे नास्ते के लिए एकजुट हो रहे थे । रात के खाने की भी तैयारी हो रही थी ।

दुल्हन को अमन के कमरे मे भेज दिया गया उसके नास्ते भी पहुचा दिये गये ।
हाल मे चाय की चुस्की और नरम कुरकुरे पकोड़े कचोरियां नोची जा रही थी , वही भोला और ममता के बीच अलग ही आंखो के इशारे हो रहे थे ।
मगर मुरारी की नजरे संगीता की हरकातों पर जमी हुई , उसका चहकना खिलखिलाना रास नही आ रहा था ।

ममता की नजर मुरारी पर गयी और उसको शान्त देख कर वो भी थोड़ा चुप हुई कि आखिर इन्हे हुआ क्या है , कल से ये खोये खोये है ।

मौके की नजाकत को देख कर वो उठी और मुरारी को इशारा कर कमरे की ओर चलने को कहा
मुरारी उठ कर धीरे से हाल से हट कर गलियारे की ओर आया वही मुहाने पर ही ममता खड़ी थी ।

मुरारी - क्या हुआ क्या बात है ?
ममता - क्या जी आप ऐसे खोये खोये क्यू हो ? कोई बात है क्या ?
मुरारी अपने चेहरे की सिकन मिटाते हुए - नही तो , भला कोई बात होती तो बताता नही , बस थोड़ी थकावट सी है सोच रहा हु आराम कर लू जब तक खाना बन रहा है ।
ममता - आपको तो खुद ही पड़ी रहती है , जरा भी अपने बेटे के बारे मे नही सोचते ?

मुरारी ने एक नजर अमन को हाल मे बैठे हुए मोबाइल चलाते देखा - क्या हुआ उसे , कोई दिक्कत ?

ममता मुस्कुरा कर अपनी भीतर की शरारत को छिपाती हुई - क्या आप भी , अरे आज उसकी सुहागरात है ना !!
मुरारी अपने माथे पर बल देता हुआ - हा तो ?

ममता थोडा लजाती हुई हस कर - तो !! अरे उसको कुछ बतायेन्गे समझाएंगे नही क्या ? हिहिही

मुरारी चौक कर - क्या ? मै !!
ममता - हा तो क्या मै ? अरे आप बाप हो उसके तो कौन बतायेगा समझायेगा , आज से उसका नया जीवन शुरु होने वाला है ।

मुरारी को अजीब सा मुह बनाकर - लेकिन अमन की मा , मै कैसे ? वो बेटा है मेरा ?

ममता अपने होठो मे हसी को दबाती है मगर उसके गुलाबी चेहरे के लाल होते गाल और मुस्कुराते होठ उसके भीतर उठ रही गुदगुदाहट को साफ बयां कर रहे थे - हा तो क्या , आपके बाऊजी ने आपको नही बताया था ? उम्म्ं

मुरारी थोड़ा सोच मे पड़ गया मगर तभी उसकी नजर ममता के चेहरे पर गयी जो भरसक अपनी हसी मुह ने भरे हुए थी मगर सीले होठ से मुस्कुराए जा रही थी और उसे देख कर मुरारी भी मुस्कुरा देता है - अच्छा , तो मेरा मजा ले रही हो

ममता हसते हुए - अरे नही नही मजाक नही, सच मे
मुरारी - अरे लेकिन उसको क्या सिखाना , आज के जमाने के लड़के ये सब जानते है भई , प्लीज मुझे इनसब मे ना लपेटो

ममता मुरारी का मजा लेती हुई - अब आपसे ना कहू तो किस्से कहू , अगर देवर जी ने शादी की होती तो उनसे बोल भी देती , मगर उनके पास कोई अनुभव नही है ना हिहिहिही

मदन का नाम आते ही मुरारी थोडा चिढा और भन्नाते हुए - क्यू नही अनुभव है , बोल दो उसको समझा देगा वो ही

मुरारी का यूँ चिढ़ना ममता को अजीब लगा - अरे आप तो नाराज हो रहे है , आप ही जाओगे अमन से बात करने हिहिहिही मै देवर जी को नही कहूँगी हिहिही

ममता की शरारत भरी खिलखिलाती हसी देख कर मुरारी भी अपने गुस्से को थुक कर हस पड़ा - तुम ना बहुत

ममता - क्या ?
मुरारी हसता हुआ - कुछ नही
ममता हसने लगी - आप कमरे मे जाईये उसे भेजती हु

मुरारी ने एक गहरी सास ली और ममता को सहमती देकर कमरे की ओर बढ़ गया ।
वही ममता मुस्कुरा कर हाल मे आती है और अमन के पास जाती है , जो सोफे पर बैठे हुए सोनल से मस्ती भरी चैटिंग कर रहा था ।

ममता अमन के पास आकर उसके कान मे धीरे से कमरे मे जाने को बोलती है ।
अमन अचरज से अपनी मा को देखता है तो ममता धिरे से बोलती है - जो तेरे पापा बोले सब सुन लेना बहुत सवाल जवाब मत करना मेरी तरह ।

ये बोलकर ममता मुस्कुराने लगी और अमन संशय मे अपने पापा के कमरे की ओर बढ़ गया ।
उसको एक अजीब सी घबराहट हो रही थी , ना जाने क्या बात हुई होगी जो ऐसे समय पर बात करने के लिए अकेले मे बुलाया ।

दुविधा की घडी सिर्फ अमन के लिए ही नही बल्कि मुरारी के लिए भी थी और वो भी बेचैन होकर कमरे मे इधर उधर टहल रहा था ।
अमन कमरे मे दाखिल हुआ और उसने अपने पापा को परेशान होकर कमरे मे परेड लगाता देख कर थोडा और डरने लगा ।
उसे यकीन था कि मामला कुछ गम्भीर ही है , अभी थोड़ी देर पहले उसने छत पर भी अपने पिता को परेशान देखा था ।

अमन दबी हुई आवाज मे - हा पापा आपने बुलाया

मुरारी ने अमन की ओर देखा और परेशान चेहरे पर जबरदस्ती मुस्कुराहट लाता हुआ - अरे बेटा तुम आ गये आओ बैठो ।

अमन आधे आधे कदम चल कर कमरे मे सोफे की ओर बढ़ गया ।
मुरारी - और सब कैसा चल रहा है बेटा
अमन को अजीब लगा कि एक तो उस्का बाप खुद परेशान नजर आ रहा है और खुश होने का नाटक कर रहा है उसपे से अजीबोगरीब ढंग सवालात कर रहा है ।

अमन - मै समझा नही पापा
मुरारी ने खुद को कोसा कि वो क्या उलुल जुलुल बातो को घुमा रहा है
मुरारी ने एक गहरी सास ली और अमन के करीब बैठ कर बिना उसकी ओर देखे - बेटा आज से तुम्हारी लाइफ एक नये सिरे से शुरु होने वाली है । आज तक मेरे और तुम्हारी मा के तुमपर पहले हक थे मगर अब से वो पहला हक तुम्हारी पत्नी का हो जायेगा ।
अमन - क्या पापा आप इस बात को लेके परेशान हो , प्लीज ऐसा कुछ नही होने वाला । माना कि हमारी लव मैरिज हुई लेकिन आप दोनो की जगह कोई नही ले सकता ।


मुरारी - अरे नही बेटा तुम मेरी बात तो सुन लो पहले

अमन - हम्म्म कहिये
मुरारी अटकते हुए स्वर मे - वो दरअसल बेटा ... अह मै कैसे बोलू अब

अमन अपने पापा की ओर देख कर - पापा !! आप संकोच ना करिये प्लीज और कहिये जो आपके मन मे है ।

मुरारी ने आत्मविश्वास झलकते अमन की आंखो मे देखा और मुस्कुरा कर बोला - पता है जब मेरी शादी हुई थी और सुहागरात पर मै और मेरे पिता जी भी ऐसे ही एकान्त मे बैठे हुए थे

अमन - अच्छा !!
मुरारी हसकर - और पता है उन्होने मुझे भी जो वैवाहिक जीवन जीने की सीख दी थी उसकी बदौलत मै और मेरा परिवार दोनो खुशहाल है ।

अमन को अब थोडा थोड़ा भनक होने लगी थी कि उसके बाप का इशारा किस तरफ है
अमन के चेहरे पर हसी भाव आने लगे थे
मुरारी एक गहरी सास लेता हुआ - माना कि तुने लव मैरिज किया है बेटा मगर बीवी हमेशा बीवी ही होती है , उसे कभी भी खुद पर हावी नही होने देना नही तो ये समाज और बीवी खुद तुम्हारा सम्मान नही करेगी ।

मुरारी की बाते अमन के लिए काफी प्रभावशालि तो थी मगर अमन पहले से ही अपने मा के ज्यादा करिब रहा है और वो अपने बाप की तरह रुखेपन भरे जीवन जीने का परिणाम अपनी मा के रूप मे सामने देख सकता था , वो जानता था कि कही ना कही उसकी मा को उसके बाप के अकड़पन और खुद को मर्द जताये रखना खलता था । उसकी मा कई ऐसे सपनो को हकिकत मे नही सजा सकी जो वो अपने पति के साथ जीना चाहती थी । या कहो कि मुरारी के रवैये से कभी खुल कर उसके सामने नही आ सकी ।

उसकी मा को हमेशा से अपने पति मे एक दोस्त की तलाश थी मगर मुरारी के अकड़ के आगे उसका खिलना चहकना कही दब सा गया था , मगर अमन की शादी ने एक बार फिर उसे मौका दे दिया था कि वो इस घर मे उसके मा की वो हसी और खिलखिलाहट वो दोस्ताना मिजाज सामने लाये जिसके लिए उसकी मा बरसो तरसी थी ।

वही मुरारी ने देखा कि उस्का बेटा उसकी बातों को बड़े गौर से विचार कर रहा है ।

मुरारी - बेटा क्या हुआ कहा खोये हो
अमन मुस्कुरा कर - अह कही नही बस आपकी बाते समझने की कोसिस कर रहा था लेकिन मुझे समझ नही आ रही है


मुरारी हस कर - अच्छा तो मै तुझे सरल भाषा मे समझाता हु
अमन - जी

मुरारी - बेटा हमारे जमाने मे एक कहावत हुआ करती थी । लुगाई की चुतड निहारते फिरोगे तो कभी भी गरदन उठा कर नही चल सकोगे ।

अमन की हसी छूट गयी - मतलब
मुरारी हसता हुआ - मतलब ये कि अभी तुम्हारी नयी नयी शादी हुई है तुम्हारे शारीरिक और मानसिक सम्बंध होगे और ये जो नया नया रिश्ता बनता है ना बेटा उसका आकर्षण बहुत मजबूत होता , खाना पिना परिवार समाज किसी का भी ख्याल नही रहता । सम्भोग की तलब बहुत गम्भीर रोग है बेटा इसीलिए हमारे समय मे लोग जल्दी बच्चा करने की हिदायत देते थे ताकि पत्नी मोह से दूरी बनी रहे और आदमी समाज मे अपने बाकी फर्ज भी पूरे कर सके ।


अमन मुस्कुरात हुआ - हम्म वो सब तो ठीक है पापा लेकिन मै अभी भी समझ नही पाया कि आप क्या कहना चाह रहे हो ।

मुरारी - अरे बेटा मेरा बस यही कहना है कि तु अपने पजामे का नाड़ा कस के रखना , आज रात तो न ही खुले , बहू को जरा भी तु बेसबरा ना दिखे ।
मानता हुआ आसान नही होगा , तुमदोनो ने पहले ही कुछ सपने सजोये होगे मगर ये जो मै कह रहा हु करके देख , उसे जला कर तडपा कर रख और मर्द बन कर रह

अमन को अपने बाप की बात पर हसी आ रही थी मगर वो किसी तरह खुद को रोके हुआ था

मुरारी - अरे तुझे हसी आ रही है, मै खुद तीसरे दिन दोपहर मे तेरी मा के साथ....

मुरारी बोलते बोलते रुक गया

अमन ने नजरे उठा कर अपने पापा को देखा और मुस्कुराने लगा ।

मुरारी हस कर सफाई देता हुआ - खैर तु समझदार है अपने हिसाब से समझ बुझ कर ही आगे कदम बढ़ाना ।

इधर मुरारी अपनी बात खतम करने को था तो अमन ने सोचा क्यू न थोडा पापा को भी परेशान किया ही जाये - हम्म ठिक है पापा लेकिन मुझे इस बारे मे कोई अनुभव नही है तो मै कैसे क्या ?

मुरारी - हा तो मुझे ही कहा था , मेरा भी तो पहली बार ही था तेरी मा के साथ!! मेरा मतलब सबका ही पहली बार होता है , इसमे डरने वाली बात नही है बस इस बात का ध्यान रखना कि नाड़ा आखिरी समय पर ही खुले

अमन मन ही मन मजे लेते हुए - आखिरी समय मतलब

मुरारी - ओहो तु तो सब गुड गोबर कर देगा भाई , मेरा मतलब बहू जब खुद से कहे डालो तभी वो ...

मुरारी ने आखिर मे आते आते एक उंगली से दुसरे हाथ के मुथ्ठी मे पेलकर दिखाते हुए बोला ।

अमन - ओह्ह मतलब डिक को लास्ट मे डालना है

मुरारी - क्या ? ये डिक क्या है ?
अमन हस कर - वो नुन्नु को अन्ग्रेजी मे डिक कहते है पापा हिहिहिही

मुरारी झेप और हस्ते हुए - हा भाई वही , तु खुद समझ जायेगा बाकी , चल मै जा रहा हु


मुरारी कमरे से बाहर चला गया और हस्ते हुए बड़बड़ाया - हिहिहिही खुद बीवी के मोह मे 3 बार ब्रा पैंटी लाने बाजार गये थे मुझे कह रहे है सख्त लौंडा बनके रहियो हिहिहिही


इधर मुरारी निकला और मौके की ताख मे खड़ी ममता लपक कर कमरे मे घुस गयि ।

ममता ने सारा वयोवरा अमन से सुना और अपना माथा पीट लिया -हे भगवान,मै क्या ही कहु इनको । मैने किस लिये भेजा था और ये क्या समझा के आ गये ।

अमन - मम्मी यार मुझे पता है सुहागरात पर क्या करना होता है , पापा को क्यू भेजा हिहिहिही

ममता हस कर - अरे कल से ही देख रही हु कि ये कुछ उखड़े उखड़े से थे तो मैने सोचा चलो इनको दुसरा टेनस्न देके थोड़ी मस्ती कर लू लेकिन ये ना जाने क्या क्या ज्ञान दे गये तुझे ।

अमन - हा मम्मी मुझे भी ऐसा ही लगा , और शाम को आज पापा छत पर सिगरेट भी पी रहे थे

ममता चौक कर - क्या ( मन मे - हो ना हो कुछ बात है जो ये मुझसे छिपा रहे है आज पता करना ही पडेगा )

अमन - हा मा मैने खुद देखा
ममता - ठिक है मै बात करूंगी इनसे और उनकी बात पर ध्यान मत देना , तेरा जीवन तेरे हिसाब से जीना

अमन हस कर - ना मै भी पापा की तरह तीसरी दोपहर को ही करून्गा हिहिहिही

ममता - बहुत मार खायेगा अब , चल खाना खा ले और फिर उपर जाना है तुझे

अमन - ओके मम्मी उम्म्ंम्माआह्ह्ह्ह्ह

ममता अपने गाल पोछती हुई - ये क्या है ?
अमन हस कर - वो अभी थोड़ी देर पहले आपकी बहू को चुम्मी दी थी हिहिहिहिही

ममता हसती हुई - धत्त बदमाश कही का चल अब

राज के घर

सारे लोग खाने के लिए हाल मे एकठ्ठे हो रहे थे ,
निशा गेस्ट रूम मे रागिनी रज्जो और शिला को खाना पहुचाती है ।

रंगी और बनवारी हाल मे ही बैठ कर खाना खाने बैठे होते है जिन्हे रिना परोस रही होती है ।

मामी - अरे उपर बच्चे है बुला दो , आकर खा ले

रीना किचन मे आती हुई - अरे मामी वो लोग आज मूवी देखने मे बिजी है , किसी को खाने की पड़ी ही नही , लाईये मै खाना देके आती हु

राज मौका देख कर - हा भाभी चलो मै भी साथ मे चलता हुआ लेके

रिना ने आंखे उठा कर राज को देखा तो उसने आंख मार दी ।

दोनो साथ मे अपनी भी थाली लेकर उपर चले गये और इधर बाकी लोग भी धिरे धीरे खाना खाने बैठ गये ।

कुछ देर बाद शालिनी ने एक टिफ़िन पैक किया और लेकर बाजार वाले घर के लिए जाने लगी ।

तभी रागिनी ने टोका- अरे ऐसे अकेले जायेगी क्या ? रुक मै बच्चो मे किसी एक को साथ भेज देती हु । रात का समय है ।


शालिनी - ठिक है जीजी

जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Lagta h ab update friday ko hi milega bhai hm sab ke bolne se kuch nhi hoga jab apna bhai free hoga apne work loed se to kr dega

Mujhe to anuj ragini rangi raj k update ka intezar hai har jagah is banwari gushana par Khair Kam se Kam Kuch TOH Mila Bhai apse Kuch na hone se toh yahi accha hai idhar tharkipo Bhai bhi nahi diya waise ye nana nati ki jodi bhi Kamal ki hai

Jhakkas update Bhai... waiting more sonal.....

Mast mazedaar.:booby2::booby2::booby2::booby2::booby2::booby2::booby2::booby2::booby2::booby2::booby2::booby2::booby2:

गर्दा मचा दिए गुरु🔥🔥

Romanchak update. Pratiksha agle rasprad update ki

Wow wonderful update guruji

When you give next update bro?

Bahut hi lajawab update

guys maine DREAMBOY40 TharkiPo se inspire hoke ek kahani start ki hu plz usko padhe aur apna sujaw de

Waiting bhai


Janaab...thoda mere story par bhi nazar daalo naa....ab tak ek bhi comment nahi kiya hain..ek baar padh lo...comments kaa intezaar rahega. Thx
DREAMBOY40

बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है राहुल बबिता और अरुण गीता का kiss हो ही गया वही दूसरी और राज और बनवारी ने रंजू के तीनो छेदों को भर दिया रंजू की गांड़ का भी उद्घाटन कर दिया
NEW UPDATE IS POSTED
 

Rony1

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Brother update is very normal no fucking just talking wahi Kamalnath jangi aman mamta par hai next update mein dekhna interesting hoga ragini kisko shalini k sath bejti hai sayad anuj ho aur ha dreamboy bo Apne abhi tak anuj uske maa papa k sath nahi karwaya par anuj ne raj k sath milkar rajjo ko choda hai yeh BAAT toh ragini aur rangi ko pata hona chahiye ki unka dusra beta bhi ab chudai karne laga hai Apke story mein Kuch jyada ki ek dusre se secret hai is mamle mein tharki Po Bhai aap se alag hai Khair meri BAAT pe gor Karna
 
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