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Udhar katha chodampur mein karma k poori family ka orgy ho gaya ab nana ki family ko samil Karne k firad mein hai jaggu ki family bhi almost srif baggu bacha hai Bua ki family full chudai salapur bhi tabadtod aur sarju family ki bhi aur idhar 194 update hogaye par kisis ki family ka orgy nahi dikhaya na raj ki to chodo jangilal k toh sab asap mein chudai karte hai toh Nisha se Rahul aur Rahul se Nisha ki BAAT Kyu chupana aur anuj ka abhi tak uske maa k sath nahi uska character abhi bhi baccho Wala bana k rakha hai kamalnath Janta hai ki rajjo Raman se chudti hai fir bhi sath mein koi chudai nahi
Sonal ki sadi hone wali hai par abhi tak baap se nahi chudi
Aur last most important update bhi ab nahi de Rahe ho dreamboy bro
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है राहुल बबिता और अरुण गीता का kiss हो ही गया वही दूसरी और राज और बनवारी ने रंजू के तीनो छेदों को भर दिया रंजू की गांड़ का भी उद्घाटन कर दियाUPDATE 194 C
अमन के घर
छत की टेरिस पर घर के बाये तरफ चार दिवारी मे ईंटो के बीच बने गैप से सामने अनाज के गोदाम की रोशनदान से आ रही झलकियों को देख कर सिगरेट की कस लेता हुआ धुआँ छोडते हुए आंखे मूंद कर कुर्सी पर गर्दन पीछे की ओर लटका कर खुले आसमान मे दूर तक निहारता है
हवा के झोकों से आसमां मे फिसलते बादल उसके चेहरे के उपर से गुजर रहे थे ।
बादल के छ्टती परतें आसामां को और चटक निखार रही थी ।
मुरारी के मन मे अब संगीता को लेके तस्वीरें साफ होने लगी थी , बीते समय मे हुए संयोगों की हवा से संगीता की छवि साफ दिखने लगी थी ,,या फिर यूँ कहे कि मुरारी ने उसकी एक अलग ही छवि बना ली थी ।
जो उसके नैतिक मूल्यों को तार तार कर चुके थे , बेटे की शादी की खुशी भी ऐसे पल मे धुआँ सी हो गयी थी ।
मन से वो टूट चुका था और आंखे भरी हुई थी ।
कुर्सी पर लटके हाथ मे जलती सिगार अब आधे से ज्यादा खतम होने को थी और अमन अपने पापा को खोजता हुआ जीने के दरवाजे आ चुका था ।
दरवाजे पर आहत से मुरारी चौक और उसने सामने अमन को पाया तो उसे अपने ही बेटे के सामने हाथ मे सिगार पकड़े हु शर्मिंदगी मह्सूस हुई कि जिस आचार के लिए वो आज तक अपने बेटे को नैतिक मूल्य देता आया था वो आज खुद तोड़ते हुए पकड़ा गया ।
मुरारी ने सकपका कर जल्दी हुई सिगार छत की चारदिवारी मे तोड़ कर चूरा करते हुए निचे फेक दिया - अरे बेटा तु, क्या हुआ ?
अमन ने अपने पापा के बदलते भाव और जज्बात को परखा , उस बात को टालते हुए - पापा , मम्मी बुला रही है चलो
मुरारी - क्यूँ क्या हुआ ?
अमन सीढियों की ओर घूमते हुए - वो पूजन का समय हो चुका था आजाओ जल्दी
मुरारी - अच्छा सुनो
अमन अपने पापा की ओर पीठ किये हुए - इस बारे मे अपनी मा को मत कहना प्लीज
अमन- हम्म्म
अमन सरपट निचे चला गया और मुरारी ने एक नजर गोदाम की ओर देखा तो उसका दरवाजा अब बाहर से बन्द था ,,मतलब साफ था भितर जो चल रहा था वो शो अब खतम हो चुका है
फूलपूर
"मतलब " रंजू ने संसय भरे लहजे मे गरदन घुमा कर बनवारी की ओर देखा
बनवारी के चेहरे पर एक कपट भरी मुस्कुराहट अब बढ़ कर हसी का रूप लेने लगी थी जिससे रन्जू की शन्का बढ़ने लगी ।
तबतक उसने कमरे मे आहट मह्सूस की
" राज बीटवा तु? " रंजू झटके से आगे होकर बनवारी के कैद से छिटकते हुए बिस्तर की चादर अपने जिस्म पर लपेटते हुए बोली ।
राज जो उसके सामने बेहूदगी मे हस्ता हुआ - क्यू ताई अपने भतीजे को प्यार नही दोगी हिहिहिही
रंजू हड़बडा कर कभी बनवारी की ओर देखकर - ये तो बाहर गया था ना और दरवाजा भी
राज - क्या ताई आपने ही तो कहा था कि कमरे मे बैठ मै आती हु तो मै बाहर क्यूँ जाता
रंजू - तो क्या तु तबसे
बनवारी- हा जमुना बहू बेचारा तबसे तड़प कर तुझे निहार ही रहा है , और देख तुझे देख देख कर उसने अपने मुसल का क्या हाल कर दिया है
बनवारी ने राज के लाल हुए सुपाड़े कि ओर दिखा कर रन्जू से बोला ।
रन्जू ने राज का फूला हुआ लाल सुपाडा देखा और गहरी सास लेते हुए वो चुप रही ।
उसे अभी तक राज और उसके नाना का यू एक साथ ऐसे साथ आना समझ नही आ रहा था ।
बनवारी - क्या सोच रही हो जमुना बहू , कि मै और मेरा नाती वो ऐसे हाहाहाहा
रंजू - ह हा , नही , मेरा मतलब हा लेकिन कैसे ?
राज ने मुस्कुरा कर आगे बढ़ता हुआ बिस्तर चढ कर - उसके पीछे ताई एक कहानी है, बोलो सुनोगी ?
रन्जू गरदन उठा कर बिस्तर पर बैठे हुए ही अपने सामने खड़े राज को देख कर - कहानी ? कैसी कहानी ?
राज ने मुस्कुरा कर एक नजर अपने नाना को देखा और बोला - कहानी थोड़ी लम्बी है और समय भी लगेगा सुनाने तो क्यू ना आप ये समय काटने मे हमारी मदद करो ?
रन्जू - मदद ? मै समझी नही
राज आगे बढ़ कर अपना लन्ड उसके आगे हिलाते हुए - हा इसे चुस्कर हिहिहिही
रंजू थोड़ी शर्माई- धत्त
राज ने आगे बढ़ कर अपना मुसल उसके होठ से स्पर्श कराने लगा । राज के सुपाड़े से आती गन्ध ने रन्जू के जिस्म मे सरसरी सी होने लगी ।
रंजू ने हौले से मुह खोलकर सुपाडा को मुह ने भरा और राज को कहानी सुनाने का इशारा किया
वही बनवारी भी अपने नाती राज की बातों मे उलझाने की कला पर मुस्कुराता हुआ अपना मुसल मसलने लगा ।
राज के घर
बबिता के मोबाईल मे घुउऊ घुउउऊ होता है
राहुल - लो आ गया तुम्हारा बाबू हिहिही चलो तुम बात करो मै चलता हूँ
बबिता ने फोन काट कर मोबाईल ऑफ कर दिया - नही मुझे नही बात करनी उससे
राहुल ने अचरज से आंखे बड़ी कर उसकी ओर देखा तो बबिता हस कर - मतलब बस अभी के लिए नही करनी है , वो फिर से तस्वीरें मागेगा ।
राहुल - तो भेज दो ना क्या दिक्कत है
बबिता - नही अब नही ? उसे भी तड़पने दो जैसे मै यहा ...।
बबिता बोलते बोलते रुक गयी और शर्मा कर मुस्कुराते हुए नजरें फेर ली ।
राहुल हस कर - अरे तो तुम भी उस्से तस्वीरें माग लो ना
बबिता आंखे बड़ी कर उसकी ओर देखते हुए हस पड़ि- हिहिहिही क्या ? नहीईई
राहुल - अरे तुमने ही तो कहा कि तुम भी तड़प रही हो
बबिता - हा तो उस्का मतलब ये थोड़ी ना हुआ कि मुझे वही चाहिये
राहुल - क्यूँ उसको देखने मे क्या बुराई है , शकल अच्छी नही है क्या उसकी ?
बबिता हस्ते हुए रुक गयी - एक मिंट तो क्या तुम उसके चेहरे के बारे मे ...
राहुल ने एक बार फिर बबिता को अपने शब्दो के जाल मे लपेटता हुआ - हा तो ? इसका मतलब तुम अपने बॉयफ्रेंड के उसके बारे मे सोच रही थी , छीईईई
बबिता शर्मिंदा होकर हस्ती हुई - क्या ? नही !! मै भी उसके चेहरे के बारे मे ही कह रही थी
राहुल - चल झूठी, एक नम्बर की ठरकी हो तुम
बबिता - हा हूँ मै ठरकी तो ?
राहुल हस कर थोड़ा दुर होता हुआ अपने खुली हुई शर्ट की कालर के बटन बन्द करता हुआ - दूर रहो मेरे से
बबिता खीझकर हस्ती हुई - अब बस करो यार मेरा मजा लेना
राहुल हसते हुए बुदबुदाया - अभी लिया ही कहा मजा , दोगी तब ना
बबिता ने उसकी हल्की फुल्की भुनभुनाहट सुनी और उसकी ओर आगे बढ कर - क्या बोले तुम
राहुल - क्या मै ? नही तो !!
बबिता एक कदम और उसकी ओर बढती हुई - नही नही तुम बोले अभी अभी , सच बताओ
बबिता उसकी ओर उन्गली किये हुए आगे बढ़ रही थी और राहुल पीछे जा रहा था
उसी वक़्त घर के लोग बाजार से लौट रहे थे ।
ज्यादातर लोग सड़क के किनारे थे और बातो मे उलझे हुए थे , वही अरून और गीता साथ मे बात करते हुए आगे बढ़ रहे थे कि घर जे करीब आते ही गीता की नजर बाल्किनी मे गयी , जहा उसे बबिता राहुल की ओर उंगली किये हुए दिखी ।
उसने झट से अरून को इशारा किया कि जल्दी कुछ करना पड़ेगा लगता है दोनो मे फिर से झगड़े हो रहे है ।
अरून ने गीता को इशारे से कहा कि सबको उलझाये रखे ताकि कोई उपर ना देखे और वो तेजी से घर मे घूस कर भागते हुए हुए वो जीने से उपर हाल मे पहुचा और गलियारे से हाफ्ते हुए जैसे ही बाल्किनी मे आया ठिठक कर रह गया ।
वो अभी पहुचा ही था कि बमुश्किलन एक से डेढ़ मिंट की देरी मे भागती हुई गीता भी उसके पास खड़ी हो गयी और हाफ्ते हुए - क्या हुआ ? हुउउह अभी भी लड़ रहे है क्या दोनो ! उम्म्ंम
अरुण ने मुस्कुरा कर गीता को बाल्किनी से लगे स्पेयर रूम की दिवाल से चिपककर खड़े दोनो की ओर दिखाते हुए मुस्कुरा कर बोला - ह्म्म्ं देखो ना बड़ी प्यारी लड़ाई हो रही है ।
गीता ने गरदन आगे कर कोने मे देखा तो उसकी आन्खे बड़ी हो गयी और वो शर्मा कर मुस्कुराते हुए सीधी खड़ी हो गयी ।
अरुण ने उसका हाथ पकड़ा और वो कापने लगी ।
गीता की चढती सासे और कापते लहजे मे - म मम्मी लोग निचे ही है अरुण !
अरुण उसको पास खिंच कर - तो ?
गीता थुक गटक कर उसकी ओर देखा और अरुण ने उसके फड़फडाते रसिले होठ की ओर आगे बढने लगा ।
अरुण के नथुनो से आती गर्म हवा अपने होठ के पास मह्सूस कर गीता ने आंखे बन्द कर ली और अरुण ने अपने होठ उसके होठ से जोड़ लिये ।
गलियारे इस छोर पर दोनो एक दुसरे की बाहों मे लिपटे हुए एक दुसरे के होठ चुबला रहे थे और वही बाल्किनी के बरादमे मे एक कोने बबिता की एक टांग को उठाए हुए उसके पीठ पर हाथ फेरता हुआ राहुल बबिता के लिप्स चुस रहा था और बबिता ने उसके चेहरे को अपने दोनो हाथो से जकडे हुए उसके उपरी लिप्स चुबला रही थी ।
तभी उन्हे निचे से कुछ आहट सुनाई दी और राहुल ने बबिता को खुद से अलग किया फिर हौले से फुसफुसाया - शायद निचे सब आ गये है
बबिता ने अपने होठ पोछते हुए मुस्कुराई ।
राहुल भी मुस्कुरा कर उसके गाल चुमकर उसकी कमर से हाथ सरका कर उसकी कलाई जकडता हुआ आगे बढा - चलो चलते है यहा से किसी को शक हुआ तो ....
तभी उसके पाव थम गये जैसे ही उसकी नजर गलियारे के छोर पर खड़े अरुण और बबिता की चल रही फ्रेंच किस पर गयी ।
वो और बबिता ने मुस्कुरा कर एक दूसरे को देखा और बबिता ने गला खरास कर - ऊहु !! जगह मिलेगी क्या लव बर्ड्स , हमे उधर जाना है
बबिता की आवाज सुनते ही दोनो अलग हुए और शर्म से मुस्कुराने लगे ।
बबिता ने गीता को देखा और बोली - हम्म्म्म नाइस चॉइस
गीता शर्मा कर अरुण की ओर देखा और हसने लगी
तभी जीने से औरतों के उपर आने ही आहट हुई ।
राहुल - यहा हमारा यूँ साथ रुकना ठिक नही , चल अरुण चलते है
फिर राहुल और अरुण इससे पहले बाकी औरते उपर आती झट से जीने से होकर सबसे उपर चले गये और गीता बबिता बाल्किनी मे हो गयी ।
बबिता मुस्कुरा कर - कबसे चल रहा है ?
गीता - क्या ?
बबिता - वही तुम्हारा और अरुण का ?
गीता हस कर -मेरा छोड़ तु बता तू और राहुल कैसे एक साथ ?
बबिता शर्मा कर हसते हुए - इतना भी बुरा नही है वो हिहिही और तेरा अरुण तो बड़ा शर्मिला था ना
गीता हस कर - हम्म्म्म इतना भी अच्छा नही है वो हिहिहिही
बबिता ने भी हस उसको कन्धे से हग किया - तो क्या सोचा है कल हम घर जा रहे है ?
गीता - पता नही यार यहा तो मिलना मुश्किल सा है ? मुझे तो बहुत तड़प हो रही है उसकी
बबिता उसकी खिन्चाई करते हुए - हिहिही किसकी ?
गीता - छोटे बाबू की हिहिहिही
बबिता - हाहाहहा
वही छत पर पीछे की ओर
अरुण - अरे यार लेकिन जब मैने निचे से देखा तो वो साली तेरे पर भड़की हुई थी और उपर आया तो अलग ही कहानी चल रही थी , कैसे ?
राहुल हस कर - कैसे ?
अरुण जिज्ञासु होकर - हा कैसे ?
राहुल अरुण की उलझन भरी उस्तुकता पर मुस्कुराने लगता है
कुछ देर पहले....
"सच सच बताओ तुमने क्या बोला अभी " , बबिता ने उसकी ओर उन्गली पॉइंट करते हुए बोली ।
राहुल हसता हुआ - सच मे बोल दू
बबिता - हम्म्म बोलो
राहुल - पक्का ना ?
बबिता ने आंखे बढ़ी कर - पक्का !! मतलब
राहुल - आई लव यू टू
बबिता चौकी - हैं? मै कब बोला आई लव यू ?
राहुल - अभी तो बोली
बबिता - कभी
राहुल - अभी ? और तुमने किस देने के लिए पक्का कहा तो ही मै बोला आई लव यू टू
बबिता चौक कर सीधी खड़ी हुई - क्या ?? मै कब बोली
राहुल - रुको बताता हु इधर आओ थोड़ा
राहुल बबिता को उसके दोनो बाजू से पकड के बाल्किनी की रेलिंग से दुर बरमादे की दिवार के पास लाया
बबिता - हा तो कब मैने त उउउऊमम्म
इससे पहले बबिता कुछ बोलती राहुल ने उसके होठ से अपने होठ जोड़ लिये और एक जोर की किस्स करके हट गया - हो गया कर लिया ।
बबिता - ये सब क्या था
राहुल - अभी तुमने ही तो कहा किस्स करो मुझे
बबिता खीझती हुई - तुम्हारा दिमाग तो ठिकाने है मै क्यू कहुन्गा , और कबसे तुम उलुल जुलुल बके जा रहे हो
राहुल - अरे रुको रुको तुम समझ नही रही , ये सब तुम मेरे ख्यालों मे बोल रही थी ।
"पहले तुमने आई लव कहा"
"फिर मैने पूछा कि किस्स दोगी ना
तो तुमने कहा हा दूँगी
मैने पूछा पक्का तो तुमने भी बोला पक्का "
बबिता - लेकिन कब तुम ख्याल मे चले गये थे
राहुल - उम्म्ं शायद जब तुम मेरी तरफ बढ़ रही थी और मै तुम्हे देख कर एक दम से खो सा गया , तुम्हारे शब्द मेरे जहन मे कुछ और ही सुनाई दे रहे थे ।
बबिता समझ गयी कि ये सब इसकी चालाकी थी और वो इम्प्रेस भी थी ।
"नही मुझे कोई प्रोब्लम नही है खुले मे "
राहुल ने अपनी भौहे सिकोडी और कुछ सोचकर - क्या मतलब प्रोब्लम नही है खुले मे
बबिता ने लपक कर उसकी कालर पकड़ी और बोली - दरअसल अभी अभी मैने भी एक ख्याल देखा और तुम्हे मजा चखाना ही पड़ेगा अब
राहुल को लगा कि उसकी चालाकी पकड़ी गयि और अब ख्याल के बहाने बबिता उसे जरुर पिटेगी ।
बबिता ने अपने पन्जे उसके कनपटी पर जकडते हुए हल्का सा दबाया ।
राहुल ने दर्द का सोचा और आंखे भींच कर सीसक मगर दर्द हुआ नही उसको ।
तभी उसके होठो पर एक नरम रुई के फाहो सी हल्की स्पर्श ने उसका जिस्म पिघला दिया ,
अलगे ही पल उसके उपरी होठ बबिता के होठ के कब्जे मे थे जिन्हे वो खिंच रही थी और राहुल की सक्रिय इन्द्रियों ने उसे सारा माजरा समझा दिया ।
उसने हाथ आगे बढा कर उसको कमर से पकडते हुए अपनी ओर खिंच लिया ।
उसके कुल्हे सहलाते हुए उसकी टांग उठा कर उसके निचे होठ चुबलाने लगा ।
अरुण उसको हिला कर -क्या हुआ भाई कहा खो गया
राहुल मुस्कुरा कर - कुछ नही यार
अरुण - साले तेरा पैंट बता रहा है बहुत कुछ बात है हिहिहिही
राहुल अपने पैंट मे कसमसाते मुसल को पकड़ कर भिंच कर उसको सेट करता हुआ - हा भाई मस्त रसीली है यार , फुल एक्सपिरिय्ंस वाली है
अरुण - तो क्या सोचा है , उसका एक्सपिरिय्ंस बढाने मे उसकी मदद नही करेगा
राहुल मुस्कुरा कर - हा भाई वही सोच रहा हु कैसे होगा ?
अरुण - आज रात कौन कहा सोयेगा , सारा खेल इसपे ही निर्भर है
राहुल अपनी भौहे तान कर कुछ सोचता हुआ - हम्म्म और इसकी तैयारी हमे अभी से करनी पड़ेगी । चल
अरुण - लेकिन कहा ?
राहुल - चल ना
फूलपुर 2.0
"आह्ह जमुना बहू सीईईई उम्म्ंम्म्ं क्या तेज औरत है रे तूउउऊ उम्म्ंम "
"आअह्ह्ह ताई अपनी चुचियॉ कितनी मुलायाम है " , राज रन्जू के चुचे मे लन्ड घिस रहा था , जबकी उसके मुह बनवारी का मोटा मुसल भरा हुआ था
रन्जू - अह्ह्ह मुन्ना उह्ह्ह आराम से उम्म्ंम्ं छील डालेगा क्या मेरे जोबन को उम्म्ंम्ं उफ्फ्फ
राज झुक कर ताई के चुचे उपर कर उसको चुबलाता हुआ - उम्म्ं ताई ये बहुत रसिले है अह्ह्ह आजाओ अब
राज बिस्तर पर पैर खोलकर लेट गया , उसके हाथ मे उसका लन्ड फनफना रहा था और रंजू की बुर भी बुरी तरह से लन्ड के पानी बहा रही थी ।
वो उठ कर खडी हुई और राज के दोनो पैरो के दोनो तरफ पैर फान्द कर उसकी ओर अपनी बड़ी सी गाड फेकते हुए उस्का तना हुआ लन्ड पकड कर अपने बुर मे भरती हुई हचहचा कर बैठ गयी ।
रन्जू के भारी शरीर और खुली बुर मे राज का मुसल फड़फडा हुआ बच्चेदानी तक ठोकर मारने लगा वही रन्जू आगे झुक कर राज के लन्ड पर उछलने लगी और राज के लन्ड को अपनी बुर मे कसने लगी
राज हाथ आगे बढा कर रन्जू के फैली हुई चर्बीदार गाड़ को सहलाता हुआ - अह्ह्ह ताई क्या मस्त गाड़ है उम्म अह्ह्ह ऐसे ही उह्ह्ह और लोह्ह्ह उम्म्ंम आह्ह
रंजू - अह्ह्ह लल्ला तेरा लन्ड बहुत टाइट है रे उम्म्ं अह्ह्ह अह्ह्ह इह्ह्ह्ह
बनवारी भी खड़ा खड़ा क्या ही करता वो भी बिस्तर पर आगे बढ़ कर रंजू के अपना लन्ड परोस दिया
रंजू बनवारी का मुसल पाते ही भुखी शेरानी के जैसे झपट पड़ी
निचे से राज भरसक अपने कुल्हे सख्त कर उन्हे उचकाने की कोसिस करता मगर रन्जू के भारि शरीर के आगे उसकी एक ना चली और रन्जू आराम आराम से ठहर थहर कर बनवारि का मुसल चुस्ते हुए राज के लन्ड पर मथने लगी
बनवारी उसके बालो को पकड कर अपना कड़क लन्ड उसके गले तक ले जाता हुआ - उह्ह्ह जमुना बहू उम्म्ंम्ं और लेह्भ्ह्ह अह्ज बेटा पेल ना इसको रुका क्यू है उम्म्ंम
राज नाना के शब्द सुन लार थोडा जोश मे आया और घुटने फ़ोल्ड करता हुआ नीचे से गाड़ झटकने लगा
ओक्क्क ओक्क्क उह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईई उम्मममंं अह्ह मन्ना आराम से ऊहह उम्म्ंम " , रंजू ने गले से बनवारी का मोटा लन्ड निकालते हुए सिसकी ।
राज -ऊहह ताई मत रोको उम्म्ंम सीईई अह्ह्ह्ह और लोइह्ह्ह उन्म्म्ं आयेगा उम्म्ंम्ं उम्म्ंम अह्ह्ह्ह्ब
अगले ही पल राज भ्चभ्चा कर रंजू के बुर मे फब्बारा छोड़ने लगा और थक कर चूर हो गया ।
रंजू ने मुस्कुरा कर उसकी ओर देखा और वैसे ही बैथी हुई बनवारी का मुसल चुसने लगी
बनवारी उसके गाल दुलराता हुआ - उधर चले हम लोग
रंजू ने हामी भरी और बनवारी सोफे पर टेक लेके बैठ गया और रंजू ने उसके घुटने के पास बैठ कर उसका मुसल चुबलाने लगी ।
बडे बडे झूलते आड़ो से लेकर भूरे हो चुके सुपाड़े की टिप तक रंजू अपनी जीभ फिरा रही वही निचे से उसकी जांघ पर राज का विज उसकी बुर होकर रिस रहा था ।
उसकी बड़ी सी फैली हुई गाड़ अभी भी राज की ओर मुह किये थे , ये नजारा देख कर एक बार फिर राज मुसल सिर उठाने लगा ।
वही रन्जू उठ कर बनवारी के लन्ड को पकड कर उसकी ओर मुह कर उसके लन्ड पर बैठ गयी ।
एक बार फिर बनवारी जन्न्त की सैर करने लगा , रंजू ने बड़ी अदा से अपने कुल्हे हिलाती हुई लन्ड को अपनी गीली बुर मे मरोड रही थी
बनवारी उसके चुचे पकड कर उन्हे मसलते हुए अपने जज्बात बाट रहा था
वही राज लन्ड एक बार फिर से तैयार हो चुका था
धीरे धीरे उसने अपनी चमडी खोली और सामने का नजारा देखते हुए अपना मुसल सहलाने लगा
वही बनवारी की तडप बढ़ रही थी , उसने रंजू को अपनी ओर खिंच कर निचे से कमर उछल कर तेज झटके मारने लगा
अह्ह्ह मह्ह्ह उह्ह्ह बाऊजी उम्म्ंम्ं ओह्ह ऐसे ही उम्म्ंम और पेलो उम्म्ंम फाडो इसे उह्ह्ह अह्ह्ह बाऊजी उम्म्ंम्ं
बनवारी रंजू के जोश से और उतावला होकर लन्ड की नसे तान कर तेज लम्बे धक्के उसकी बुर मे देने लगा
वही सामने का नजारा देख कर राज से अब रहा नही गया
उसकी नजर नाना के तेज झटके से हिलकोरे खा रही गाड़ पर जमी हुई , उसने आस पास नजर मारी तो उसकी नजर कमरे की खिडकी पर रखी हुई तेल की शिसी पर गयी ।
उस्का दिल बाग बाग हो गया । वो जल्दी से उठा और खिड़की से तेल लेके उसको लन्ड पर लगाते हुए उसको मसलने लगा ,
जल्द ही उसका मुसल फिसलने लगा और चीकना होकर चमक गया
उसने आगे बढ कर रंजू की फैली हुई गाड़ के पीछे खड़ा हो गया और उसके गाड़ के मोटे चर्बीदार चुतड सहलाते हुए अपना चिकनाया मुसल सहलाने लगा ।
राज का स्पर्श अपने गाड़ पर पाकर रंजू भी सिहर गयी
राज ने अंगूठे से उसकी हिलती गाड़ के दरारो मे जगह बनाई और उसके सुराख पर टिका दिया
रन्जू सिसकी और राज का इरादा भाप गयी
उसकी सासे और चढने लगी , राज ने तेल की सीसी खोली और उसको रंजू के गाड़ के दरारो मे टपकाने लगा
तेल बुन्दे उसके गाड़ की खुजली को दुगना कर चुकी थी , राज अपना मुसल खोलकर सुपाडा उसके गाड़ के फाको के बिच घुसेड़ते हुए तेल मे अच्छे से रगड़ने लगा ।
रंजू - अह्ह्ह लल्ला उम्म्ंम आराम्म्ं से , निचे पहले से घुसा हुआ है मन्ना उन्म्ंं
राज - तुम चिंताआह्ह्ह ना करो ताई मै कर लूंगा उह्ह्ह क्या कसी ह्ही गाड़ है तुम्हारी उम्म्ंम
राज ने उसके गाड़ के छेद पर टोपा भिडाया और जोर देते हुए पचाक से लन्ड को भीतर ठेल दिया
अह्ह्ह ताईई उह्ह्ह्ह
ओह्ह्ह लल्लाआ उम्म्ंम
"आह्ह बेटा, ये तो सच मे कमाल हो गया है हाहहहा " बनवारी भी राज के लन्ड की घिसट मह्सूस कर बोला
राज - नानू आप थोड़ा ढीला रखना
और अगले ही पल राज ने एक तगड़ा झटका दिया जिस्से उसका मुसल सटाक से रन्जू के गाड़ ने भेद गया और जड़ मे अटक गया
रंजू अकड़ सी गयी - अह्ह्ह लल्लाआ उह्ह्ह्ह जल रहा अह्ह्ह उम्म्ंम बहुत मोटा है अह्ह्ह निकाल दे मुन्नाआ उम्म्ंम
बनवारी भी रन्जू का असहनीय दर्द और भिंचा हुआ चेहरा देख कर - हा हा बेटा निकाल दे दुख रहा होगा उसे
राज मुस्कुराया क्योकि ये उसके लिए नया नही था , उसने तेल की शिसी से अपने लन्ड के जड़ पर तेल टपकाने लगा जो धिरे धीरे रंजू के गाड़ के छल्ले पर फैलने लगा राज हल्का हल्का लण्ड मे हरकत करते हुए तेल गिराता
धीरे धीरे तेल की ठंडक भितर जाने लगी और रन्जू को राहत होने लगी , वही राज के लन्ड की हरकत से बनवारी का मुसल फिर से कसने लगा
राज ने मौका देख कर रन्जू के कुल्हे को थामते हुए वापस एक तेज झटका दिया
रंजू - अह्ह्ह सीईई उह्ह्ह उह्ह्ह
राज - ऊहह ताई क्या गर्म गाड़ है तुम्हारी उह्ह्ह मन कर ऐसे आह्ह ऐस अह्ह्ह ऐसे ऐसे ही उम्म्ं पेलता रहु , पेलता रहुऊ पेलता ही रहुउउऊऊऊऊ अह्ह्ह
राज उसके कुल्हे पकड कर कस कस उसकी गाड़ मे लन्ड भरने लगा और निचे से बनवारी को भी मजा आ रहा था , तो उसने भी हल्की फुल्की हरकत शुरु की ,
आगे झुकी रन्जू के चुचे मुह मे भरता हुआ उसने एक बार फिर से रन्जू की कमर मे हाथ डाल कर निचे से कमर उठाने ल्गा , जिससे रंजू की आंखे उलटने लगी
मानो दोनो मुसल के फुले हुए सुपाड़े एक साथ भितर जगह बना रहे थे , जैसे दो खीरा एक साथ ही उसके भितर घुसेडा रहा है
दर्द से ऐठ कर रंजू ने जोर से चीखी - उन्म्म्ं अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह
राज - आह्ह ताई बस्स हो गया ऊहह अब मजे लोह्ह उह्ह्ह
बनवारी निचे से झटके मारता हुआ उसकी चुचिया मिजता - अह्ह्ह बेटा तुने तो मजा ही ला दिया उह्ह्ह क्या मस्त तरिका खोज निकाला ओह्ह्ह्ह
रन्जू - उह्ह्ह सच मे ऐसा नशा मुझे पहले कभी नही हु , लग रहा है मेरे बुर और गाड की छील्ली पूरी फट जायेगीईईई उउउउऊ अह्ह्ह और पेलोह्ह जल्दी , बहू के आने का समय हो रहा है वो स्कूल ने अपने बेटी को लेने गयी है अह्ह्ह
रंजू की बात सुनते हिये दोनो नाना नाती ने एक साथ सुर मे ताल से ताल मिलाते हुए कस कस करारे तेज झटके रन्जू के गाड़ और बुर मे लगाने लगे
रंजू इस दोहरे मजे के आगे आंखे उलतती हुई झड़े जा रही थी उसका जिस्म उसके काबू मे नही था ना उसकी चिखे
अगले कुछ ही झटकों मे बनवारी ने अपनी कमर को उचका कर उसकी बुर मे लन्ड को रोक दिया और भीतर ही रंजू के पिचकारी छूटने लगी, एक तरफा राहत ने रन्जू को कुछ आराम था मगर राज कहा रुकने वाला
वो भी अपने चेहरे को भींचे हुए लन्ड को ताने हुए आज 10 इंच के खीरे भर की जगह उसकी गाड़ मे बनाने के इरादे सटासट पेले जा रहा था
ईईई आह्ह्ह्ह उह्ह्ह ताईई ओओओओ उह्ह्ह क्या मस्त गाड़ है ताईई उह्ह्ह उह्ह्व अह्ह्ह म्ममीईईईई उन्न्म्ं ऊहह आयेगा आयेगा उम्म्ंम फ्क्क्क फ्क्क्क्क येस्स्स हिहीही अह्ह्ह अह्ह्ह ताई कमाल हो तुम उम्म्म्म्माआआह्ह्ह
राज उसकी गाड़ मे झड़ते हुए उसकी पीठ पर ढह गया और उसको चुमते हुए बोला ।
"आह्ह बेटा उठ जा मै निचे दब रहा हु " , बनवारी स्बसे निचे से कराहते हुए बोला ।
राज - ओह्ह सॉरी नानू हिहिही
रन्जू - हट भाई तु दाँत मत दिखा , आह्ह मैयाअह्ह क्या हालत कर दी तुम नाना नानी ने मेरी
बनवारी रंजू के भारि शरीर का बोझ हलाक होते ही अपनी कमर तोड़ कर खड़ा होता हुआ उसके गुदाज चुतड पर हाथ फिराकर - अरे जानेमन हालत तो तुमने हमारी खराब कर दी , और ये छेद तुम पर उधार रहा कभी आना हुआ तो जरुर याद करेंगे
राज अपनी नाना की मस्ती पर हसते हुए कपडे पहनने लगा
वही रन्जू ने उठ कर वापस बाथरूम की ओर जाते हुए - अब जाओ भी, और दरवाजा लगा देना मै नहाने जा रही हु
राज - फिर से क्यू
रंजू अपने कुल्हे पर हाथ रख कर टीसे हुए स्वर मे - आह्ह मुए इतना दर्द दिया है और दोनो छेद भर दिये , और पुछ रहा है क्यू । जा अब बहु आती होगी ।
राज ने बनवारी को कपडे डालने का इशारा किया और वो झटपट से घर से बाहर निकल गये ।
"हाहाहाहा , वैसे तेरी कहानी सही थी । ताई मैने तो नानू को देख कर ही सब सिखा है " , बनवारी राज की मिमिकरी करने कोसिस करता हुआ बोला
राज खिलखिलाकर - हिहिहिही सही तो है ,आप मेरे गुरु ही हो
बनवारी - अच्छा जी
राज - तो कैसी रही ये वाली गुरु दक्षिणा हिहिहिही
बनवारी उसकी बात पर खिलखिलाकर हसने लगा और दोनो चमनपुरा की ओर बढ़ गये ।
जारी रहेगी
Thanxxx bhaiबहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है राहुल बबिता और अरुण गीता का kiss हो ही गया वही दूसरी और राज और बनवारी ने रंजू के तीनो छेदों को भर दिया रंजू की गांड़ का भी उद्घाटन कर दिया
Lagta h ab update friday ko hi milega bhai hm sab ke bolne se kuch nhi hoga jab apna bhai free hoga apne work loed se to kr dega
Mujhe to anuj ragini rangi raj k update ka intezar hai har jagah is banwari gushana par Khair Kam se Kam Kuch TOH Mila Bhai apse Kuch na hone se toh yahi accha hai idhar tharkipo Bhai bhi nahi diya waise ye nana nati ki jodi bhi Kamal ki hai
Jhakkas update Bhai... waiting more sonal.....
Mast mazedaar.![]()
गर्दा मचा दिए गुरु![]()
Romanchak update. Pratiksha agle rasprad update ki
Wow wonderful update guruji
When you give next update bro?
Bahut hi lajawab update
guys maine DREAMBOY40 TharkiPo se inspire hoke ek kahani start ki hu plz usko padhe aur apna sujaw de
Waiting bhai
Nice
Janaab...thoda mere story par bhi nazar daalo naa....ab tak ek bhi comment nahi kiya hain..ek baar padh lo...comments kaa intezaar rahega. Thx
DREAMBOY40
NEW UPDATE IS POSTEDबहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है राहुल बबिता और अरुण गीता का kiss हो ही गया वही दूसरी और राज और बनवारी ने रंजू के तीनो छेदों को भर दिया रंजू की गांड़ का भी उद्घाटन कर दिया