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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कुछ मेडिकल इमर्जेंसी की वजह से इन दिनों व्यस्त हूं दोस्तो और परेशान भी 🥲
समय मिलने पर अपडेट दिया जायेगा और सभी को सूचित किया जाएगा ।
तब तक के लिए क्षमा प्रार्थी हूं
🙏

 
Last edited:

priyanka4201

Member
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y
रेगुलर अपडेट प्रोग्राम

जैसा कि मैने कहा था कि जॉब सेटल के बाद से इस कहानी पर रेगुलर अपडेट शुरु हो जायेन्गे तो इसकी शुरुवात हो गयि है
अपडेट रेगुलर का मतलब वीक मे 4-5 अपडेट आ ही जायेंगे ।
बजाय इसके कि मेरा मूड या वर्क लोड आड़े ना आये ।
कोसिस रहेगी रात मे 8-9 बजे तक अपडेट दे पाऊ
बाकी देश काल और परिस्थिति के उपर निर्भर है

तो दिखाईये अपना प्यार इस कहानी के लिए
लाइक कम्मेंट जैसे भी आप दिखा सकते है
मेरे साथ ये आपके लिए भी चुनौती भरा प्रोग्राम होने वाला है :dontknow:
ye hui na baat
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Nice update

Superb bhai ji ab sangita ki chut kamalnath bhi marega or janggi lal ne recording kr li h ragini ko dikane ke liye ab dekhte h ki ragini or janggi ke bich kya hota h
Bhai aap ne raj ko to dikaya hi nhi is update me or nahi anuj or salini ka kuch dikhaya but aap ka likhe ka tarika jo h wo or kisi story me maine nhi pada bhai ji agla update me dekhte h kya hota kyu ki sab ke sab line me lage h rahul babita,arun or gita,salini anuj or rinki bhi lage hue h,to wahi dono fuffa or bua ji bhi h unka bhi kuch karwao or ant me rangi lal or mamta ji ka bhi kuch karao bhai ji

Thanks...For Update ❤️❤️❤️

Bhai aaj update ayega kya

y

ye hui na baat
New update is posted
 

TharkiPo

I'M BACK
Not Activated
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UPDATE 192 C


"अरे लो ना आप !! मै दीदी के लिए भी लाता हूँ " , राज ने खाने से सजी हुई थाली लेके सिम्मी की इंसिस्ट करता हुआ उसके हाथ मे थाली देके बोला ।

फिर भाग कर दो प्लेट लगा कर वापस आया और एक प्लेट नीलू को देते हुए एक प्लेट खुद लेके खाने बैठ गया


नीलू - भाई तेरी पढ़ाई कैसी चल रही है
राज आंखे उठा कर नीलू की ओर देखा - क्या दीदी क्यू मूड की ऐसी तैसी कर रही हो हिहिहिही

राज की बात पर सिम्मी हसी और उसे हस्ता देख कर वो भी मुस्कुराते हुए - हा और क्या ? दुकान और घर की जिम्मेदारीयों से फुर्सत मिले तब तो पढ़ाई में ध्यान दू और वैसे भी मेरा ग्रेजुशन चल रहा है

नीलू - हा लेकिन उसके साथ कोई तैयारी भी कर ना , दुकान जरुरी है क्या तेरे लिये । मामी है ना

राज - मम्मी अकेले कैसे कर पायेंगी दीदी बहुत झंझट है

चारु - भाई झंझट तो आगे चल कर हो जायेगी और तु बता अब के टाईम कौन ऐसी लडकी है जो ऐसे लड़के को पसन्द करेगी जिसके पास अपना कुछ नही वो अपने मा बाप पर ही डीपेंड है

चारु की बातें सुनकर राज के दिमाग में हलचल सी मच गयी क्योकि आज तक उसने जीवन को कभी इस नजरिये से नही देखा था

नीलू - हा चारु सही बोल रही है तु , इन्फैक्ट सोनल दी की लव मैरिज भी जीजू के govt job की वजह से हो रही है

राज का दिमाग ये सब सुन कर सन्न था , वो बस सामने बैठी सिम्मी की ओर देख रहा था उसके जहन मे सवाल उठ रहे थे कि अगर भविष्य मे उसे भी किसी से प्यार हुआ तो क्या वो अपना प्यार जीत पायेगा । उसका अपना परिवार तो राजी हो भी जाये मगर उस लडकी की फैमिली का क्या ? सिम्मी जैसी लड़की के पैरंट्स मुझ जैसे आम से लड़के के लिए क्यू इतना समाजिक दबाव उठाएंगे ।

राज के जहन मे बहुत कुछ चल रहा था
कुछ अपने भविश्य का डर तो कुछ घर की चिंता
थोडा बहुत सिम्मी के करीब जाने और उसकी नजर उसके पसन्द का लड़का बनने की ख्वाईश भी उठ रही थी ।
वही इनसब के बीच मे अपने परिवार नातेदारो के संग उसके हसिन कामुक पल भी उठ कर आ रहे थे ।


"राज राज " कहा खो गया भाई , नीलू ने उसका कन्धा हिलाते हुए बोली


राज मुस्कुरा कर एक नजर सिम्मी को देखा जो उसकी ओर देख रही थी - नही नही कही तो नही

नीलू - भाई तु प्रेशर ना ले , अभी शादी इंजॉय कर मगर इस बारे मे सोचना जरुर

राज - हा दीदी सही कह रहे हो आप

चारु - अच्छा वो सब छोड़ो और ये बताओ इस कैमरे वाले से हम लोगो की तस्वीरे कैसे मिलेगी , अल्बम आने मे तो टाईम लगेगा ना

राज - अरे मै उससे ले लूंगा
चारु - ओके फिर मुझे व्हाट्स कर देना तुम

सिम्मी- मुझे भी
नीलू - मुझे भी

राज अभी सिम्मी के बारे सोच रहा था तभी चारु - अरे सोच मत अपना नम्बर बोल हम तुझे अपने ग्रुप मे ऐड के दे रहे है वही भेज देना ओके

राज - ओके दी
इधर इनकी आंख मिचौली चल रही थी वही खाने के स्टाल के एक दुसरे टेबल पर जुता चुराई की रणनीति बन रही

राहुल अरून गीता बबिता की ।
गीता अभी तक स्टेज वाली बात के लिए परेशान थी वही राहुल बबिता को परेशान करने मे कोई कसर नही छोड रहा था ।
आंखो से इशारे तो कभी कोहनी कोना छू कर

बबिता - यार राहुल तुम प्लीज ध्यान दोगे
राहुल - मेरा ध्यान तो तुम्ही पर है यार
राहुल की बात पर गीता हस दी और अरून ने बबिता का फुला हुआ मुह देख कर धीरे से गीता के हाथ पे हाथ रख कर उसको दबाया ।

गीता ने आंखे बड़ी कर अरून की ओर देखा तो अरून ने बबिता की ओर इशारा किया
गीता चुप हो गयि और मुस्कुराने लगी , वही अरून ने अपना हाथ वापस वैसे ही रखे रहा , करीब 10 मिंट तक बातें चलती रही मगर अरून ने एक बार भी गीता के हाथ से अपना हाथ नही हटाया ।

जब उठने की बारी आई तो गीता ने हाथ हिला कर मुस्कुराते हुए अरून को इशारा किया तो अरून ने लाज मे हाथ हटाते हुए - ओह्ह सॉरी
गीता मुस्कुराई और नजरे निचे किये हुए बबिता के साथ घर की ओर चली गयि ।
और राहुल हस्ता हुआ अरून को ताली देता है - साली मेरी वाली बहुत नखरे बाज है यार

अरून हस कर - नखरेवाली है तो हचक के लेगी भी देखीयो

राहुल - सीई कास ऐसा ही हो तो मजा आ जाये हिहिहिही
अरून - चलो आगे का काम देखते है , शादी भी निपटानि है ना

राहुल - हा भाई चल




वही गेट से घुसते ही संगीता कमलनाथ को गलियारे के मुहाने पर मिल गयी ।

संगीता - अरे आ गये आप , लेकिन यहा लाईट सही नही है

कमलनाथ गलियारे मे जाता हुआ - अरे आईये एक जगह है

कमलनाथ गलियारे के बीच मे उसी कमरे का दरवाजा खोलकर दाखिल होता है जहा कल रात वो सोया हुआ था ।

कमरे की बत्ती चालू कर कमलनाथ - आईये अन्दर आ जाईये

संगीता मुस्कुराती इतराती कमरे मे दाखिल हुई

कमलनाथ कमरे का दरवाजा हल्का सा भिड़काते हुए - जी कहिये कैसा फोटो निकालू

संगीता - वैसे क्या आप फोटोग्राफि करते है पेशे से

कमलनाथ - नही बस थोड़ा बहुत काम किया था बहुत पहले जब काम की तलाश मे लुधियाना गया था ।

संगीता - आह्ह देखीये मुझे कुछ एक्सक्लूसिव तस्वीरे निकलवाणी है मेरे इंस्टा पेज के लिए

कमलनाथ- हा क्यों नही कर दूँगा मै आईये खड़ी हो जाईये
कमलनाथ ने 8 10 तस्वीरें निकालने के बाद थोड़ा सा बेकाबू हुआ जा रहा था ।

सन्गिता की कामुक और नशिली अदाये उसे बुरी तरह रिझा रही थी मगर पहल हो तो हो कैसे ?
वो ये बात भी जान रहा था कि कोई भी संगीता के मिजाज वाली औरत एक अंजान आदमी के साथ इतनी नजदिकियां दिखाती हुई एक खाली घर मे उसके साथ क्यू आयेगी ।

कमलनाथ ने कुछ सोचा और फिर वो मोबाइल संगीता को देता - आह्ह एक मिंट भाभी जी मै अभी आया

संगीता थोडा सोचते हुए उसके हाथ से मोबाइल लेकर तस्वीरें देखने लगी और वही उसके जहन मे अपनी ही बड़बड़ाहट जारी थी ।

उफ्फ़ ये मर्द जात इतना भोला क्यू बनने की कोसीस करते है जैसे मानो हम औरते कुछ समझ नही रही हो ।
ये अमन के ससुराल वाले कुछ ज्यादा ही शर्म लाज का गहना ओढ़े हुए है । लगता है मुझे ही इस बार भी कुछ करना पड़ेगा नही तो आज की रात मुझे परेशान कर डालेगी ।
अभी संगीता अपने ख्यालों मे गुम थी कि तभी दरवाजे से कमलनाथ कमरे मे दाखिल हुआ


संगीता उसको देख के हस पड़ि -अरे क्या हुआ आप ऐसे क्यूँ
कमलनाथ अपने अंडरवियर मे बने तम्बू को मसलता हुआ - आह्ह अब बस भी करो ये नाटक उह्ह्ह मै जानता हूँ हम यहा क्यू मिल रहे है ।
संगीता बिस्तर पर बैठी मुस्कुराई और नजरे निचे करती हुई मुस्कुराने लगी ।

कमलनाथ उसके करीब जाकर उसके सामने खडे होकर हग करने लगता है और उसकी चर्बीदार कमर को मसलता हुआ उसकी साडी के अंडर हाथ घुसा कर गाड़ का जायजा लेता हुआ - अह्ह्ह भाभी क्या मस्त पिछवाडा है

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संगीता कमलनाथ के स्पर्श से सीस्कती है - उन्मममं सीईईई
कमलनाथ उसके कूल्हो को मसलता हुआ उसके रसिले होठ चुसने लगा है

संगीता भी उसके होठ चुसते हुए उसकी नंगी जांघ पर हाथ फिराते हुए पीठ सहलाने लगती है

कमलनाथ उसके हाथ पकड कर खड़ा करता है और खुद निचे झुक कर उसकी साडी हटाते हुए उसकी गुदाज नाभि को चुमने लगता है

अपने कूल्हो पर रंगते कमलनाथ के हाथ और पेट पर ठंडी चुंबन ने संगीता का रोम रोम खड़ा कर दिया था ।
उसके पाव कांप रहे थे और वो उसके सर मे हाथ फिराते हुए सिस्कने लगी ।

अह्ह्ह्ह सीईईई उम्म्ंम्ं आराम्म्ंं सेह्ह्ह मेरीईई साडी खराब हो जायेगीईई अह्ह्ह उम्म्ंम्ं " , संगीता बौखलाये कमलनाथ को समझाती हुई बोली ।

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कमलनाथ उसके पेट चुमता हुआ उसकी साडी उपर कर उसके भरी भरी मोटी खरबजे जैसी चुचिया बलाऊज के उपर से दबाता हुआ - उह्ह्ह भाभीईई ज्जीईई क्या मुलायम जोबनो का जोडा है अह्ह्ह बहुत रस भरा है इनमे उम्म्ंम उम्म्ंम
कमलनाथ ने अपनी थूथ को उसके दोनो चुचो के बीच ब्लाउज के उपर से रगड़ा ।

संगीता उसके सर को अपने छाती पर दबाए बुर से रस बहाती हुई - उम्म्ंम्ं भाईसाह्ह्ब्ब उह्ह्ह अह्ह्ह अराअम्ंंंं से उम्म्ंम सीईई
कमलनाथ ब्लाऊज के उपर से उसके तने हुए निप्प्ल को होठो के भर कर चुबलाया - अह्ह्ह भाभीईई जबसे आपको देखा है तबसे बेकाबू हुआ जा रहा है मन और उह्ह्ह्ह उंम्ंम्ं


संगीता कमलनाथ के गालों को थामती हुई अपने सीने पर रगड़ा कर - और क्याह्ह्ह उम्म्ंम्ं उह्ह्ह्ह अह्ह्ह माह्ह्ह्ह
संगीता की बात पर कमलनाथ उठ खडा हुआ और उसको कस कर अपने आगे करता हुआ अपने मोटा मुसल से साडी के उपर उसकी पनीयानी बुर के ठोकर मारता हुआ - और ये भीहहह

संगीता अपनी बुर के मुलायम फाको मे कमलनाथ के सुपाड़े की चोट से सिसकी - अह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं

कमलनाथ के उसकी कमर के निचे हाथ ले जाते हुए उसकी गाड़ को पकड़ कर अपनी ओर दबाता हुआ लन्ड को जोरो से उसकी बुर मे चुभो रहा था
और संगीता उससे कस के लिपटी हुई अपनी आंखे उलटते हुए सिस्कने लगी ।
कमलनाथ ने उसकी साडी पीछे से उठाई और गाड़ नंगी कर उसको हाथों मे भरता हुआ उसके गरदन को चुमने लगा

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अपनी गाड़ पर कमलनाथ के पंजो की खरोच और गले पर चुंबन से संगीता अपनी जाघे कसने लगी , वो आंखे भिचे कमलनाथ को कसे हुए झटके खाने लगी उसकी बुर भलभला कर रस छोड़ रही थी

कमलनाथ उसकी साडी को उठाये हुए उसके सख्त हुए गाड के गोलों को सहलात हु उसकी गाड़ की दरारों मे उंगलियाँ घुसाने लगा

संगीता - आह्ह रुकिये मेरी साडी खराब हो जायेगी
कमलनाथ ने उसको झटका और उसकी साडी का पल्लू पकड कर उसको घुमाते हुए पूरी साडी अलग कर बिस्तर पर फेक दी
और उसको घुमाते हुए पीछे से पकड कर ब्लाउज के उपर से उसकी मुलायम चुचियां पकडता हुआ - उह्ह्ह भाभीई क्या मस्त चुचियां है , लगता है बहुतों ने मस्ला है इसे उह्ह्ह और तुम हो भी चालू आईटेम उह्ह्ह्ह

संगीता कमलनाथ के बाहों मे कसम्साती हुई - आह्ह प्लिज्ज्ज मान जाईये मेरे ब्लाउज खराब हो जायेंगे उह्ह्ह मह्ह्ह

कमलनाथ गुस्से मे रिझा और हाथ आगे कर उसके ब्लाउज के हुक चटकाता हुआ - बहिनचौद तेरे कप्डे के अलग ही चोचले है , निकाल इसे

सन्गिता - आह्ह आराम्ं से फटे नाह्ह्ह
"चल इसे भी निकाल दे " , कमलनाथ उसकी ब्रा उसके कन्धो से सरकाता हुआ बोला

फिर उसको झटका देके आगे बिस्तर पर धकेलता हुआ - उपर चल ना

संगीता मुस्कुराई - उसे यही तो रूप चाहिये था कमलनाथ , जो एक जानवर जैसे उसे नोच ही डाले आह्ह

संगीता घुटने के बल घिसटती हुई बिस्तर के बिच आ गयि और घोडी बन गयी ।


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कमलनाथ भी बिस्तर पर आकर उसको पीछे से पकड कर उसकी नरम नरम पेतिकोट मे फैली हुई बड़ी सी गाड़ को पन्जो से दबोचता हुआ दान्तो से काटने लगा

संगीता मजे से सिसकियाँ लेने लगी - अह्ह्ह मह्ह्ह उह्ह्ह्ह उम्म्ंम फ्क्क्क मीईई येस्स्स्स उह्ह्ह खा जाओ मेरी गाड़ उह्ह्ह फक्क एस्स ईट माय पुसीई प्लीज उह्ह्ह


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कमलनाथ संगीता का बदला हुआ रुप देख कर पागल सा हो गया और वो उसका पेतिकोट उठा कर उसकी गदराई जांघो को चुमता हुआ उसके गाड़ के दरारों मे जीभ डाल कर चाटने लगा

उम्म्ंम्ं येस्स्स एस्स आई लाइक इटह्ह उह्ह्ह येआआ उम्म्ंम सक मी लाइक दैट ऊहह येस्स सक माय एस उह्ह्ह्ंंंं ओफ्फ्फ अह्ह्ह

कमलनाथ संगीता की सिस्कियो पर और उत्तेजित होकर उसके बडे बड़े गाड़ के फाको को फैलाते हुए उसकी गाड़ के छेद पर जीभ फिराने लगा

संगीता ने जोर से अपनी गाड़ को कस लिया - ऊहह माह्ह्ह हिहिहिही उम्म्ंम तुम बहुत तेज्ज्ज हो उह्ह्ह करों ना मजा आ रहा है उह्ह्ह येस्स्स स्क माय पुसी उह्ह्ह्ह चाटो ना मेरी बुर उह्ह्ह्ह एस्स

कमलनाथ की लपलपाती जीभ ने संगीता के रसदार बुर की फान्को को चाटने लगा और जीभ डाल के मलाई निकालते हुए - ओह्ह्ह यारर क्या गजब की माल है तु ऊहह मजा आ गया


संगीता इतरा कर आगे बढ़ कर उसकी ओर घूमी और अपनी जान्घे खोलकर अपनी बुर को फैला कर दिखाती हुई - असली मजा तो अब आयेगा मेरे राअजाह्ह्ह आओ नाह्ह उम्म्ंम उह्ह्ह

कमलनाथ संगीता को अपनी बुर मसलते देख कर पागल हो गया और वो जल्दी जल्दी अपना लन्ड बाहर निकाल कर उसके बगल मे आ गया ।

उसकी फैली हुई जांघो को मसल्ते हुए अपनी उंगलिया उसकी गीली बुर पर फिराई और सहलाने लगा
संगीता ने भी बगल मे हाथ बढा कर उसका तना हुआ मुसल पकड कर मुठियाने लगी


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संगीता - आह्ह बहुत ही तगड़ा है ये तो उह्ह्ह मेरी बुर की चटनी बन जायेगी आह्ह्ह उह्ह्ह फ्क्क्क मीई डालो नह्ह्ह उम्म्ं उह्ह्ह

कमलनाथ संगिता के बुर मे अपनी बिच वाली उंगली पेले जा रहा था - डाला तो है देखो उह्ह्ह क्या गर्मी है भीतर

संगीता मचलती हहूई अपनी गाड़ पटक कर - आह्ह वो नही इसे डालो नाह्ह उम्म्ं प्लिज्ज्ज ऊहह फक्क्क मीह्ह्ह्ह उह्ह्ह

कमलनाथ मुस्कुराया और अपनी जगह बदलते हुए उसके गदराई जांघो के बिच आ गया और अपना लन्ड सेट करता हुआ अपना टोपा उसके फैले हुए बुर के फाको मे लगाया और आगे झुकते हुए हचाक से लन्ड को उसकी बुर मे जड़ तक पेल दिया


20240210-211815
अह्ह्ह्व अम्मीईई उह्ह्ह उह्ह्ह अह्ह्ह एस्स हिहिहिही मजा आ गया ऊहह अब करो नाआह्ह उम्म्ं एस्स फक्क्क मीई उह्ह्ह येस्स्स हार्डर येएह्ह्ह्ह वोहहह उम्म्ंम्ं उम्म फ़क मी लाइक दैट उम्म्ंम

कमलनाथ उसकी उपर चढ कर हचक हचक के पेलने लगा और संगीता जोर जोर से आहे भरने लगी

उसी समय खाने के स्टाल की ओर
" क्या भाभी जी , अरे एक लिजिए प्लीज प्लीज " , रंगी अपनी गदराई समधन को इंसिस्ट करता हुआ उसकी थाली मे गुलाबजामुन के पीस रखता हुआ बोला ।


ममता बस हस कर रह जाती है और रन्गी बाकी सबको सर्व कर रहा होता है ऐसे मे ममता बगल मे बैठे भोला के करीब होकर - अरे मेरी छिनाल ननदिया कहा है दिख नही रही
भोला ने आस पस नजर फिराया और मुस्कुरा कर बोला - शायद शेरनी अपने शिकार पर गयि होगी ।

"अरे भाईसाहब कहा है " , रन्गीलाल ने मुरारी को खाने के टेबल पर ना पाकर ममता से पूछा ।

ममता - अरे अभी यही तो थे लो आ गये ।
ममता मुरारी को देखकर - अरे कहा गये थे आप , सब इन्तेजार कर रहे थे ।

मुरारी का चेहरा पानी से भीगा था वो रुमाल से अपना चेहरा साफ करता हुआ गीले हाथ मे रुमाल घिस कर उसको फ़ोल्ड करता हुआ बिना कुछ बोले कुर्सी पर बैठ गया ।

वहा बैठे सभी मुरारी का विचलित हुआ चेहरा देख कर थे और उसपे गुस्से की भन्नाहट साफ थी ।
ममता ने उसकी जांघ पर हाथ रख कर उसके कान मे बोली - क्या हुआ जी , आप फिर से परेशान लग रहे है , सब देख रहे है ? क्या बात है बतायिये ना ?

मुरारी को अपनी स्थिति का ज्ञान हुआ और वो मुस्कुराता हुआ - अरे कुछ नही आप लोग खायिये ना प्लीज

मदन - अरे ये संगीता दीदी कहा है ?
ममता - रुको मै देख के आती हु यही कही होगी ?
मुरारी संगीता की चर्चा होने पर खडी होती ममता का बाजू पकड कर बिठाता हुआ - अरे बैठो मेरी उससे बात हुई है वो अभी फ्रेश होने गयि है आ जायेगी ।

वही पास मे खड़ा रंगी इस सस्पेंश भरे फैमिली ड्रामे को समझने की कोसिस कर रहा था मगर कोसिस बेकार थी क्योकि उसे बाकियों की भी मेहमान नवाजि देखनी थी ।

खाने के टेबल पर बैठा मुरारी खाते हुए बीच बीच मे चंदू के घर के गेट की ओर देख रहा था इस बात से बेफिकर उसकी हरकतो पर भी कोई और बारीकी से नजर रखे हुए था ।

जो काफी समय से शान्त तो था मगर उस घर मे चल रही आवा जाहि के लिए उसकी जिज्ञासा बढ़ने लगी थी ।
एक घर दो मर्द बारी बारी घर मे गये फिर दूल्हे का बाप भी गया और गुस्से मे वापस आया ।

माजरा समझ से परे था और उसने अपनी कुर्सी छोड़ी और खुद भी उस घर मे दाखिल हुआ , गलियारे घुसते ही बीच गलियारे मे एक दरवाजे से सफेद रोशनी की पतली सी निकली हुई फर्श और दिवाल को रोशन किये हुए थी और साथ मे कुछ फुसफुसाहट भरे लब्ज भी आ रहे थे ।


जैसे ही वो शख्स दरवाजे के पास पहुचा और उसने हल्का सा दरवाजे पर जोर दिया
सामने का नजारा देख कर उसकी आंखे फैल गयी ।
सामने एक बड़ी सी गाड़ वाली औरत एक शख्स के लन्ड पर उछल रही थी और वो शख्स भी कस कस के करारे झटके उसकी बुर मे दे रहा था ।

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जिस देख कर दरवाजे पर खड़ा आदमी अपने धोती मे उफनाते मुसल को मसला और थुक गटक कर कुछ पल वो नजारा देखता रहा जब तक कि उस महिला ने झट कर चिल्लाने रोक नही दी

भीतर कमरे मे झड़ते हुए संगीता रुक गयी और कमलनाथ बोला - क्या हुआ जानेमन बस हो गया उह्ह्ह थक गयी

संगीता मुस्कुराइ- ऊहु बस छेद बदलना है अब
कमलनाथ खुश हुआ कि उसे इस गदराई माल के गाड़ भी मारने को मिलेगी और वो झट से उठा घुटने के बल आ गया और संगीता भी घोडी बन कर उसके आगे झुक कर अपनी गाड़ उपर कर दी ।

भीतर का नजारा देख कर बाहर खड़े शख्स के हाथ से लन्ड छूट गया और उसकी सासे तेज हो गयी - जमाई बाबू ??

बनवारी की हालत खराब हो गयी कि उस्का बड़ा दामाद उसकी आंखो के सामने दूल्हे की ही बुआ के गाड़ के सुराख पर अपना सुपाडा सेट कर रहा था ।

कमलनाथ उसके गाड़ के छेद पर अपना लन्ड भीड़ाते हुए एक करारे झटके के साथ लण्ड को उसकी गाड़ मे आधा उतार दिया , लन्ड जाते ही कमलनाथ समझ गया कि ये खेलीखाई गाड़ है इसपे रहम दिखाने की जरुरत नही

कमलनाथ ने उसके कूल्हो को थामा और एक और तगड़े झटके के साथ अपना लन्ड उसकी गाड़ मे पेल दिया

संगीता ने गरदन उठा कर जोर से सिसकि -अह्ह्ह माह्ह्ह उह्ह्ह येस्स्स अफ्फ्फ फ्क्क्क मीई उह्ह्ह बहुत मोताह्ह है उम्म्ं य्स्स फ्क्क मीई ओह्ह्ह


20240210-211732
कमलनाथ कस कस के उसकी गाड़ मे पेलता हुआ उसकी गाड़ पर चाटे मार रहा था और संगीता जोर जोर चिखती सिसकिया ले रही थी
भीतर का गर्मागर्म मौहौल देख कर बनवारी का सोया लन्ड फिर से उठने लगा था ,मगर उसकी दिली इच्छा नही हो रही थी कि वो वहा रुके ।

भीतर से उसे ऐसा मह्सुस हो रहा था कि उसकी बड़ी बेटी के साथ उस्का जमाई धोखा कर रहा है और वो एक बार फिर निराश होकर बाहर चला आया

वही कमरे मे कमलनाथ इनसब से बेखबर होकर करारे झटके लगाता हुआ संगीता की गाड़ मे झड़ने ल्गा और संगीता भी आंखे मुंदे कमलनाथ के लावा उगलते उसके लण्ड को अपनी गाड़ मे पाकर मस्त हो गयी थी ।


जल्दी ही दोनो ने अपने कपडे ठिक किये और बारि बारी से बाहर निकल गये ।
वही दुल्हन के घर बाहर खडे मुरारी ने एक बार फिर जब अपनी बहन को चन्दू के घर से बाहर आते देखा तो उसका दबा गुस्सा उभर और वो सीन उसके दिमाग मे नाचने लगे जो कुछ देर पहले उसने देखा , जहा उसकी बहन कमलनाथ की थूथ को अपनी गाड़ मे रगड़वा रही थी ।


मुरारी के जहन वो दृश्य आते ही उसने आंखे भींच कर अपना मन झटका और तन मना कर घर मे चला गया क्योकि उपर शादी का मुहूर्त हो गया था और सब लोग एकत्र होने लगे थे ।

जारी रहेगी
Behatareen update Mitra, dulhe ki bua to phere hone se pahle hi do baar baj gayi, abhi to poori shadi baaki hai, Vidaai hone tak dekho aur kis kis ka number lagta hai ye bhi dekhne layak hoga, kya ladki walo mein bhi koi aisi hogi jo Sangeeta ki barabari kar payegi,
Dekhna dilchasp hoga, aaage ka intezar rahega
 

Raj Kumar Kannada

Good News
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UPDATE 192 C


"अरे लो ना आप !! मै दीदी के लिए भी लाता हूँ " , राज ने खाने से सजी हुई थाली लेके सिम्मी की इंसिस्ट करता हुआ उसके हाथ मे थाली देके बोला ।

फिर भाग कर दो प्लेट लगा कर वापस आया और एक प्लेट नीलू को देते हुए एक प्लेट खुद लेके खाने बैठ गया


नीलू - भाई तेरी पढ़ाई कैसी चल रही है
राज आंखे उठा कर नीलू की ओर देखा - क्या दीदी क्यू मूड की ऐसी तैसी कर रही हो हिहिहिही

राज की बात पर सिम्मी हसी और उसे हस्ता देख कर वो भी मुस्कुराते हुए - हा और क्या ? दुकान और घर की जिम्मेदारीयों से फुर्सत मिले तब तो पढ़ाई में ध्यान दू और वैसे भी मेरा ग्रेजुशन चल रहा है

नीलू - हा लेकिन उसके साथ कोई तैयारी भी कर ना , दुकान जरुरी है क्या तेरे लिये । मामी है ना

राज - मम्मी अकेले कैसे कर पायेंगी दीदी बहुत झंझट है

चारु - भाई झंझट तो आगे चल कर हो जायेगी और तु बता अब के टाईम कौन ऐसी लडकी है जो ऐसे लड़के को पसन्द करेगी जिसके पास अपना कुछ नही वो अपने मा बाप पर ही डीपेंड है

चारु की बातें सुनकर राज के दिमाग में हलचल सी मच गयी क्योकि आज तक उसने जीवन को कभी इस नजरिये से नही देखा था

नीलू - हा चारु सही बोल रही है तु , इन्फैक्ट सोनल दी की लव मैरिज भी जीजू के govt job की वजह से हो रही है

राज का दिमाग ये सब सुन कर सन्न था , वो बस सामने बैठी सिम्मी की ओर देख रहा था उसके जहन मे सवाल उठ रहे थे कि अगर भविष्य मे उसे भी किसी से प्यार हुआ तो क्या वो अपना प्यार जीत पायेगा । उसका अपना परिवार तो राजी हो भी जाये मगर उस लडकी की फैमिली का क्या ? सिम्मी जैसी लड़की के पैरंट्स मुझ जैसे आम से लड़के के लिए क्यू इतना समाजिक दबाव उठाएंगे ।

राज के जहन मे बहुत कुछ चल रहा था
कुछ अपने भविश्य का डर तो कुछ घर की चिंता
थोडा बहुत सिम्मी के करीब जाने और उसकी नजर उसके पसन्द का लड़का बनने की ख्वाईश भी उठ रही थी ।
वही इनसब के बीच मे अपने परिवार नातेदारो के संग उसके हसिन कामुक पल भी उठ कर आ रहे थे ।


"राज राज " कहा खो गया भाई , नीलू ने उसका कन्धा हिलाते हुए बोली


राज मुस्कुरा कर एक नजर सिम्मी को देखा जो उसकी ओर देख रही थी - नही नही कही तो नही

नीलू - भाई तु प्रेशर ना ले , अभी शादी इंजॉय कर मगर इस बारे मे सोचना जरुर

राज - हा दीदी सही कह रहे हो आप

चारु - अच्छा वो सब छोड़ो और ये बताओ इस कैमरे वाले से हम लोगो की तस्वीरे कैसे मिलेगी , अल्बम आने मे तो टाईम लगेगा ना

राज - अरे मै उससे ले लूंगा
चारु - ओके फिर मुझे व्हाट्स कर देना तुम

सिम्मी- मुझे भी
नीलू - मुझे भी

राज अभी सिम्मी के बारे सोच रहा था तभी चारु - अरे सोच मत अपना नम्बर बोल हम तुझे अपने ग्रुप मे ऐड के दे रहे है वही भेज देना ओके

राज - ओके दी
इधर इनकी आंख मिचौली चल रही थी वही खाने के स्टाल के एक दुसरे टेबल पर जुता चुराई की रणनीति बन रही

राहुल अरून गीता बबिता की ।
गीता अभी तक स्टेज वाली बात के लिए परेशान थी वही राहुल बबिता को परेशान करने मे कोई कसर नही छोड रहा था ।
आंखो से इशारे तो कभी कोहनी कोना छू कर

बबिता - यार राहुल तुम प्लीज ध्यान दोगे
राहुल - मेरा ध्यान तो तुम्ही पर है यार
राहुल की बात पर गीता हस दी और अरून ने बबिता का फुला हुआ मुह देख कर धीरे से गीता के हाथ पे हाथ रख कर उसको दबाया ।

गीता ने आंखे बड़ी कर अरून की ओर देखा तो अरून ने बबिता की ओर इशारा किया
गीता चुप हो गयि और मुस्कुराने लगी , वही अरून ने अपना हाथ वापस वैसे ही रखे रहा , करीब 10 मिंट तक बातें चलती रही मगर अरून ने एक बार भी गीता के हाथ से अपना हाथ नही हटाया ।

जब उठने की बारी आई तो गीता ने हाथ हिला कर मुस्कुराते हुए अरून को इशारा किया तो अरून ने लाज मे हाथ हटाते हुए - ओह्ह सॉरी
गीता मुस्कुराई और नजरे निचे किये हुए बबिता के साथ घर की ओर चली गयि ।
और राहुल हस्ता हुआ अरून को ताली देता है - साली मेरी वाली बहुत नखरे बाज है यार

अरून हस कर - नखरेवाली है तो हचक के लेगी भी देखीयो

राहुल - सीई कास ऐसा ही हो तो मजा आ जाये हिहिहिही
अरून - चलो आगे का काम देखते है , शादी भी निपटानि है ना

राहुल - हा भाई चल




वही गेट से घुसते ही संगीता कमलनाथ को गलियारे के मुहाने पर मिल गयी ।

संगीता - अरे आ गये आप , लेकिन यहा लाईट सही नही है

कमलनाथ गलियारे मे जाता हुआ - अरे आईये एक जगह है

कमलनाथ गलियारे के बीच मे उसी कमरे का दरवाजा खोलकर दाखिल होता है जहा कल रात वो सोया हुआ था ।

कमरे की बत्ती चालू कर कमलनाथ - आईये अन्दर आ जाईये

संगीता मुस्कुराती इतराती कमरे मे दाखिल हुई

कमलनाथ कमरे का दरवाजा हल्का सा भिड़काते हुए - जी कहिये कैसा फोटो निकालू

संगीता - वैसे क्या आप फोटोग्राफि करते है पेशे से

कमलनाथ - नही बस थोड़ा बहुत काम किया था बहुत पहले जब काम की तलाश मे लुधियाना गया था ।

संगीता - आह्ह देखीये मुझे कुछ एक्सक्लूसिव तस्वीरे निकलवाणी है मेरे इंस्टा पेज के लिए

कमलनाथ- हा क्यों नही कर दूँगा मै आईये खड़ी हो जाईये
कमलनाथ ने 8 10 तस्वीरें निकालने के बाद थोड़ा सा बेकाबू हुआ जा रहा था ।

सन्गिता की कामुक और नशिली अदाये उसे बुरी तरह रिझा रही थी मगर पहल हो तो हो कैसे ?
वो ये बात भी जान रहा था कि कोई भी संगीता के मिजाज वाली औरत एक अंजान आदमी के साथ इतनी नजदिकियां दिखाती हुई एक खाली घर मे उसके साथ क्यू आयेगी ।

कमलनाथ ने कुछ सोचा और फिर वो मोबाइल संगीता को देता - आह्ह एक मिंट भाभी जी मै अभी आया

संगीता थोडा सोचते हुए उसके हाथ से मोबाइल लेकर तस्वीरें देखने लगी और वही उसके जहन मे अपनी ही बड़बड़ाहट जारी थी ।

उफ्फ़ ये मर्द जात इतना भोला क्यू बनने की कोसीस करते है जैसे मानो हम औरते कुछ समझ नही रही हो ।
ये अमन के ससुराल वाले कुछ ज्यादा ही शर्म लाज का गहना ओढ़े हुए है । लगता है मुझे ही इस बार भी कुछ करना पड़ेगा नही तो आज की रात मुझे परेशान कर डालेगी ।
अभी संगीता अपने ख्यालों मे गुम थी कि तभी दरवाजे से कमलनाथ कमरे मे दाखिल हुआ


संगीता उसको देख के हस पड़ि -अरे क्या हुआ आप ऐसे क्यूँ
कमलनाथ अपने अंडरवियर मे बने तम्बू को मसलता हुआ - आह्ह अब बस भी करो ये नाटक उह्ह्ह मै जानता हूँ हम यहा क्यू मिल रहे है ।
संगीता बिस्तर पर बैठी मुस्कुराई और नजरे निचे करती हुई मुस्कुराने लगी ।

कमलनाथ उसके करीब जाकर उसके सामने खडे होकर हग करने लगता है और उसकी चर्बीदार कमर को मसलता हुआ उसकी साडी के अंडर हाथ घुसा कर गाड़ का जायजा लेता हुआ - अह्ह्ह भाभी क्या मस्त पिछवाडा है

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संगीता कमलनाथ के स्पर्श से सीस्कती है - उन्मममं सीईईई
कमलनाथ उसके कूल्हो को मसलता हुआ उसके रसिले होठ चुसने लगा है

संगीता भी उसके होठ चुसते हुए उसकी नंगी जांघ पर हाथ फिराते हुए पीठ सहलाने लगती है

कमलनाथ उसके हाथ पकड कर खड़ा करता है और खुद निचे झुक कर उसकी साडी हटाते हुए उसकी गुदाज नाभि को चुमने लगता है

अपने कूल्हो पर रंगते कमलनाथ के हाथ और पेट पर ठंडी चुंबन ने संगीता का रोम रोम खड़ा कर दिया था ।
उसके पाव कांप रहे थे और वो उसके सर मे हाथ फिराते हुए सिस्कने लगी ।

अह्ह्ह्ह सीईईई उम्म्ंम्ं आराम्म्ंं सेह्ह्ह मेरीईई साडी खराब हो जायेगीईई अह्ह्ह उम्म्ंम्ं " , संगीता बौखलाये कमलनाथ को समझाती हुई बोली ।

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कमलनाथ उसके पेट चुमता हुआ उसकी साडी उपर कर उसके भरी भरी मोटी खरबजे जैसी चुचिया बलाऊज के उपर से दबाता हुआ - उह्ह्ह भाभीईई ज्जीईई क्या मुलायम जोबनो का जोडा है अह्ह्ह बहुत रस भरा है इनमे उम्म्ंम उम्म्ंम
कमलनाथ ने अपनी थूथ को उसके दोनो चुचो के बीच ब्लाउज के उपर से रगड़ा ।

संगीता उसके सर को अपने छाती पर दबाए बुर से रस बहाती हुई - उम्म्ंम्ं भाईसाह्ह्ब्ब उह्ह्ह अह्ह्ह अराअम्ंंंं से उम्म्ंम सीईई
कमलनाथ ब्लाऊज के उपर से उसके तने हुए निप्प्ल को होठो के भर कर चुबलाया - अह्ह्ह भाभीईई जबसे आपको देखा है तबसे बेकाबू हुआ जा रहा है मन और उह्ह्ह्ह उंम्ंम्ं


संगीता कमलनाथ के गालों को थामती हुई अपने सीने पर रगड़ा कर - और क्याह्ह्ह उम्म्ंम्ं उह्ह्ह्ह अह्ह्ह माह्ह्ह्ह
संगीता की बात पर कमलनाथ उठ खडा हुआ और उसको कस कर अपने आगे करता हुआ अपने मोटा मुसल से साडी के उपर उसकी पनीयानी बुर के ठोकर मारता हुआ - और ये भीहहह

संगीता अपनी बुर के मुलायम फाको मे कमलनाथ के सुपाड़े की चोट से सिसकी - अह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं

कमलनाथ के उसकी कमर के निचे हाथ ले जाते हुए उसकी गाड़ को पकड़ कर अपनी ओर दबाता हुआ लन्ड को जोरो से उसकी बुर मे चुभो रहा था
और संगीता उससे कस के लिपटी हुई अपनी आंखे उलटते हुए सिस्कने लगी ।
कमलनाथ ने उसकी साडी पीछे से उठाई और गाड़ नंगी कर उसको हाथों मे भरता हुआ उसके गरदन को चुमने लगा

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अपनी गाड़ पर कमलनाथ के पंजो की खरोच और गले पर चुंबन से संगीता अपनी जाघे कसने लगी , वो आंखे भिचे कमलनाथ को कसे हुए झटके खाने लगी उसकी बुर भलभला कर रस छोड़ रही थी

कमलनाथ उसकी साडी को उठाये हुए उसके सख्त हुए गाड के गोलों को सहलात हु उसकी गाड़ की दरारों मे उंगलियाँ घुसाने लगा

संगीता - आह्ह रुकिये मेरी साडी खराब हो जायेगी
कमलनाथ ने उसको झटका और उसकी साडी का पल्लू पकड कर उसको घुमाते हुए पूरी साडी अलग कर बिस्तर पर फेक दी
और उसको घुमाते हुए पीछे से पकड कर ब्लाउज के उपर से उसकी मुलायम चुचियां पकडता हुआ - उह्ह्ह भाभीई क्या मस्त चुचियां है , लगता है बहुतों ने मस्ला है इसे उह्ह्ह और तुम हो भी चालू आईटेम उह्ह्ह्ह

संगीता कमलनाथ के बाहों मे कसम्साती हुई - आह्ह प्लिज्ज्ज मान जाईये मेरे ब्लाउज खराब हो जायेंगे उह्ह्ह मह्ह्ह

कमलनाथ गुस्से मे रिझा और हाथ आगे कर उसके ब्लाउज के हुक चटकाता हुआ - बहिनचौद तेरे कप्डे के अलग ही चोचले है , निकाल इसे

सन्गिता - आह्ह आराम्ं से फटे नाह्ह्ह
"चल इसे भी निकाल दे " , कमलनाथ उसकी ब्रा उसके कन्धो से सरकाता हुआ बोला

फिर उसको झटका देके आगे बिस्तर पर धकेलता हुआ - उपर चल ना

संगीता मुस्कुराई - उसे यही तो रूप चाहिये था कमलनाथ , जो एक जानवर जैसे उसे नोच ही डाले आह्ह

संगीता घुटने के बल घिसटती हुई बिस्तर के बिच आ गयि और घोडी बन गयी ।


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कमलनाथ भी बिस्तर पर आकर उसको पीछे से पकड कर उसकी नरम नरम पेतिकोट मे फैली हुई बड़ी सी गाड़ को पन्जो से दबोचता हुआ दान्तो से काटने लगा

संगीता मजे से सिसकियाँ लेने लगी - अह्ह्ह मह्ह्ह उह्ह्ह्ह उम्म्ंम फ्क्क्क मीईई येस्स्स्स उह्ह्ह खा जाओ मेरी गाड़ उह्ह्ह फक्क एस्स ईट माय पुसीई प्लीज उह्ह्ह


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कमलनाथ संगीता का बदला हुआ रुप देख कर पागल सा हो गया और वो उसका पेतिकोट उठा कर उसकी गदराई जांघो को चुमता हुआ उसके गाड़ के दरारों मे जीभ डाल कर चाटने लगा

उम्म्ंम्ं येस्स्स एस्स आई लाइक इटह्ह उह्ह्ह येआआ उम्म्ंम सक मी लाइक दैट ऊहह येस्स सक माय एस उह्ह्ह्ंंंं ओफ्फ्फ अह्ह्ह

कमलनाथ संगीता की सिस्कियो पर और उत्तेजित होकर उसके बडे बड़े गाड़ के फाको को फैलाते हुए उसकी गाड़ के छेद पर जीभ फिराने लगा

संगीता ने जोर से अपनी गाड़ को कस लिया - ऊहह माह्ह्ह हिहिहिही उम्म्ंम तुम बहुत तेज्ज्ज हो उह्ह्ह करों ना मजा आ रहा है उह्ह्ह येस्स्स स्क माय पुसी उह्ह्ह्ह चाटो ना मेरी बुर उह्ह्ह्ह एस्स

कमलनाथ की लपलपाती जीभ ने संगीता के रसदार बुर की फान्को को चाटने लगा और जीभ डाल के मलाई निकालते हुए - ओह्ह्ह यारर क्या गजब की माल है तु ऊहह मजा आ गया


संगीता इतरा कर आगे बढ़ कर उसकी ओर घूमी और अपनी जान्घे खोलकर अपनी बुर को फैला कर दिखाती हुई - असली मजा तो अब आयेगा मेरे राअजाह्ह्ह आओ नाह्ह उम्म्ंम उह्ह्ह

कमलनाथ संगीता को अपनी बुर मसलते देख कर पागल हो गया और वो जल्दी जल्दी अपना लन्ड बाहर निकाल कर उसके बगल मे आ गया ।

उसकी फैली हुई जांघो को मसल्ते हुए अपनी उंगलिया उसकी गीली बुर पर फिराई और सहलाने लगा
संगीता ने भी बगल मे हाथ बढा कर उसका तना हुआ मुसल पकड कर मुठियाने लगी


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संगीता - आह्ह बहुत ही तगड़ा है ये तो उह्ह्ह मेरी बुर की चटनी बन जायेगी आह्ह्ह उह्ह्ह फ्क्क्क मीई डालो नह्ह्ह उम्म्ं उह्ह्ह

कमलनाथ संगिता के बुर मे अपनी बिच वाली उंगली पेले जा रहा था - डाला तो है देखो उह्ह्ह क्या गर्मी है भीतर

संगीता मचलती हहूई अपनी गाड़ पटक कर - आह्ह वो नही इसे डालो नाह्ह उम्म्ं प्लिज्ज्ज ऊहह फक्क्क मीह्ह्ह्ह उह्ह्ह

कमलनाथ मुस्कुराया और अपनी जगह बदलते हुए उसके गदराई जांघो के बिच आ गया और अपना लन्ड सेट करता हुआ अपना टोपा उसके फैले हुए बुर के फाको मे लगाया और आगे झुकते हुए हचाक से लन्ड को उसकी बुर मे जड़ तक पेल दिया


20240210-211815
अह्ह्ह्व अम्मीईई उह्ह्ह उह्ह्ह अह्ह्ह एस्स हिहिहिही मजा आ गया ऊहह अब करो नाआह्ह उम्म्ं एस्स फक्क्क मीई उह्ह्ह येस्स्स हार्डर येएह्ह्ह्ह वोहहह उम्म्ंम्ं उम्म फ़क मी लाइक दैट उम्म्ंम

कमलनाथ उसकी उपर चढ कर हचक हचक के पेलने लगा और संगीता जोर जोर से आहे भरने लगी

उसी समय खाने के स्टाल की ओर
" क्या भाभी जी , अरे एक लिजिए प्लीज प्लीज " , रंगी अपनी गदराई समधन को इंसिस्ट करता हुआ उसकी थाली मे गुलाबजामुन के पीस रखता हुआ बोला ।


ममता बस हस कर रह जाती है और रन्गी बाकी सबको सर्व कर रहा होता है ऐसे मे ममता बगल मे बैठे भोला के करीब होकर - अरे मेरी छिनाल ननदिया कहा है दिख नही रही
भोला ने आस पस नजर फिराया और मुस्कुरा कर बोला - शायद शेरनी अपने शिकार पर गयि होगी ।

"अरे भाईसाहब कहा है " , रन्गीलाल ने मुरारी को खाने के टेबल पर ना पाकर ममता से पूछा ।

ममता - अरे अभी यही तो थे लो आ गये ।
ममता मुरारी को देखकर - अरे कहा गये थे आप , सब इन्तेजार कर रहे थे ।

मुरारी का चेहरा पानी से भीगा था वो रुमाल से अपना चेहरा साफ करता हुआ गीले हाथ मे रुमाल घिस कर उसको फ़ोल्ड करता हुआ बिना कुछ बोले कुर्सी पर बैठ गया ।

वहा बैठे सभी मुरारी का विचलित हुआ चेहरा देख कर थे और उसपे गुस्से की भन्नाहट साफ थी ।
ममता ने उसकी जांघ पर हाथ रख कर उसके कान मे बोली - क्या हुआ जी , आप फिर से परेशान लग रहे है , सब देख रहे है ? क्या बात है बतायिये ना ?

मुरारी को अपनी स्थिति का ज्ञान हुआ और वो मुस्कुराता हुआ - अरे कुछ नही आप लोग खायिये ना प्लीज

मदन - अरे ये संगीता दीदी कहा है ?
ममता - रुको मै देख के आती हु यही कही होगी ?
मुरारी संगीता की चर्चा होने पर खडी होती ममता का बाजू पकड कर बिठाता हुआ - अरे बैठो मेरी उससे बात हुई है वो अभी फ्रेश होने गयि है आ जायेगी ।

वही पास मे खड़ा रंगी इस सस्पेंश भरे फैमिली ड्रामे को समझने की कोसिस कर रहा था मगर कोसिस बेकार थी क्योकि उसे बाकियों की भी मेहमान नवाजि देखनी थी ।

खाने के टेबल पर बैठा मुरारी खाते हुए बीच बीच मे चंदू के घर के गेट की ओर देख रहा था इस बात से बेफिकर उसकी हरकतो पर भी कोई और बारीकी से नजर रखे हुए था ।

जो काफी समय से शान्त तो था मगर उस घर मे चल रही आवा जाहि के लिए उसकी जिज्ञासा बढ़ने लगी थी ।
एक घर दो मर्द बारी बारी घर मे गये फिर दूल्हे का बाप भी गया और गुस्से मे वापस आया ।

माजरा समझ से परे था और उसने अपनी कुर्सी छोड़ी और खुद भी उस घर मे दाखिल हुआ , गलियारे घुसते ही बीच गलियारे मे एक दरवाजे से सफेद रोशनी की पतली सी निकली हुई फर्श और दिवाल को रोशन किये हुए थी और साथ मे कुछ फुसफुसाहट भरे लब्ज भी आ रहे थे ।


जैसे ही वो शख्स दरवाजे के पास पहुचा और उसने हल्का सा दरवाजे पर जोर दिया
सामने का नजारा देख कर उसकी आंखे फैल गयी ।
सामने एक बड़ी सी गाड़ वाली औरत एक शख्स के लन्ड पर उछल रही थी और वो शख्स भी कस कस के करारे झटके उसकी बुर मे दे रहा था ।

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जिस देख कर दरवाजे पर खड़ा आदमी अपने धोती मे उफनाते मुसल को मसला और थुक गटक कर कुछ पल वो नजारा देखता रहा जब तक कि उस महिला ने झट कर चिल्लाने रोक नही दी

भीतर कमरे मे झड़ते हुए संगीता रुक गयी और कमलनाथ बोला - क्या हुआ जानेमन बस हो गया उह्ह्ह थक गयी

संगीता मुस्कुराइ- ऊहु बस छेद बदलना है अब
कमलनाथ खुश हुआ कि उसे इस गदराई माल के गाड़ भी मारने को मिलेगी और वो झट से उठा घुटने के बल आ गया और संगीता भी घोडी बन कर उसके आगे झुक कर अपनी गाड़ उपर कर दी ।

भीतर का नजारा देख कर बाहर खड़े शख्स के हाथ से लन्ड छूट गया और उसकी सासे तेज हो गयी - जमाई बाबू ??

बनवारी की हालत खराब हो गयी कि उस्का बड़ा दामाद उसकी आंखो के सामने दूल्हे की ही बुआ के गाड़ के सुराख पर अपना सुपाडा सेट कर रहा था ।

कमलनाथ उसके गाड़ के छेद पर अपना लन्ड भीड़ाते हुए एक करारे झटके के साथ लण्ड को उसकी गाड़ मे आधा उतार दिया , लन्ड जाते ही कमलनाथ समझ गया कि ये खेलीखाई गाड़ है इसपे रहम दिखाने की जरुरत नही

कमलनाथ ने उसके कूल्हो को थामा और एक और तगड़े झटके के साथ अपना लन्ड उसकी गाड़ मे पेल दिया

संगीता ने गरदन उठा कर जोर से सिसकि -अह्ह्ह माह्ह्ह उह्ह्ह येस्स्स अफ्फ्फ फ्क्क्क मीई उह्ह्ह बहुत मोताह्ह है उम्म्ं य्स्स फ्क्क मीई ओह्ह्ह


20240210-211732
कमलनाथ कस कस के उसकी गाड़ मे पेलता हुआ उसकी गाड़ पर चाटे मार रहा था और संगीता जोर जोर चिखती सिसकिया ले रही थी
भीतर का गर्मागर्म मौहौल देख कर बनवारी का सोया लन्ड फिर से उठने लगा था ,मगर उसकी दिली इच्छा नही हो रही थी कि वो वहा रुके ।

भीतर से उसे ऐसा मह्सुस हो रहा था कि उसकी बड़ी बेटी के साथ उस्का जमाई धोखा कर रहा है और वो एक बार फिर निराश होकर बाहर चला आया

वही कमरे मे कमलनाथ इनसब से बेखबर होकर करारे झटके लगाता हुआ संगीता की गाड़ मे झड़ने ल्गा और संगीता भी आंखे मुंदे कमलनाथ के लावा उगलते उसके लण्ड को अपनी गाड़ मे पाकर मस्त हो गयी थी ।


जल्दी ही दोनो ने अपने कपडे ठिक किये और बारि बारी से बाहर निकल गये ।
वही दुल्हन के घर बाहर खडे मुरारी ने एक बार फिर जब अपनी बहन को चन्दू के घर से बाहर आते देखा तो उसका दबा गुस्सा उभर और वो सीन उसके दिमाग मे नाचने लगे जो कुछ देर पहले उसने देखा , जहा उसकी बहन कमलनाथ की थूथ को अपनी गाड़ मे रगड़वा रही थी ।


मुरारी के जहन वो दृश्य आते ही उसने आंखे भींच कर अपना मन झटका और तन मना कर घर मे चला गया क्योकि उपर शादी का मुहूर्त हो गया था और सब लोग एकत्र होने लगे थे ।

जारी रहेगी
Super Update Bhai Keep It Up ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🥰😍🥰😍💯💯💯🥰😍❤️❤️🥰😍😍😍😍 Lucky Old man Banwari 😍😍😍❤️❤️❤️🥰🥰😍💯💯❤️🥰🥰😍❤️❤️🥰🥰🥰🥰❤️🥰😍😍🥰❤️🥰🥰❤️💯
 

Deepaksoni

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UPDATE 192 C


"अरे लो ना आप !! मै दीदी के लिए भी लाता हूँ " , राज ने खाने से सजी हुई थाली लेके सिम्मी की इंसिस्ट करता हुआ उसके हाथ मे थाली देके बोला ।

फिर भाग कर दो प्लेट लगा कर वापस आया और एक प्लेट नीलू को देते हुए एक प्लेट खुद लेके खाने बैठ गया


नीलू - भाई तेरी पढ़ाई कैसी चल रही है
राज आंखे उठा कर नीलू की ओर देखा - क्या दीदी क्यू मूड की ऐसी तैसी कर रही हो हिहिहिही

राज की बात पर सिम्मी हसी और उसे हस्ता देख कर वो भी मुस्कुराते हुए - हा और क्या ? दुकान और घर की जिम्मेदारीयों से फुर्सत मिले तब तो पढ़ाई में ध्यान दू और वैसे भी मेरा ग्रेजुशन चल रहा है

नीलू - हा लेकिन उसके साथ कोई तैयारी भी कर ना , दुकान जरुरी है क्या तेरे लिये । मामी है ना

राज - मम्मी अकेले कैसे कर पायेंगी दीदी बहुत झंझट है

चारु - भाई झंझट तो आगे चल कर हो जायेगी और तु बता अब के टाईम कौन ऐसी लडकी है जो ऐसे लड़के को पसन्द करेगी जिसके पास अपना कुछ नही वो अपने मा बाप पर ही डीपेंड है

चारु की बातें सुनकर राज के दिमाग में हलचल सी मच गयी क्योकि आज तक उसने जीवन को कभी इस नजरिये से नही देखा था

नीलू - हा चारु सही बोल रही है तु , इन्फैक्ट सोनल दी की लव मैरिज भी जीजू के govt job की वजह से हो रही है

राज का दिमाग ये सब सुन कर सन्न था , वो बस सामने बैठी सिम्मी की ओर देख रहा था उसके जहन मे सवाल उठ रहे थे कि अगर भविष्य मे उसे भी किसी से प्यार हुआ तो क्या वो अपना प्यार जीत पायेगा । उसका अपना परिवार तो राजी हो भी जाये मगर उस लडकी की फैमिली का क्या ? सिम्मी जैसी लड़की के पैरंट्स मुझ जैसे आम से लड़के के लिए क्यू इतना समाजिक दबाव उठाएंगे ।

राज के जहन मे बहुत कुछ चल रहा था
कुछ अपने भविश्य का डर तो कुछ घर की चिंता
थोडा बहुत सिम्मी के करीब जाने और उसकी नजर उसके पसन्द का लड़का बनने की ख्वाईश भी उठ रही थी ।
वही इनसब के बीच मे अपने परिवार नातेदारो के संग उसके हसिन कामुक पल भी उठ कर आ रहे थे ।


"राज राज " कहा खो गया भाई , नीलू ने उसका कन्धा हिलाते हुए बोली


राज मुस्कुरा कर एक नजर सिम्मी को देखा जो उसकी ओर देख रही थी - नही नही कही तो नही

नीलू - भाई तु प्रेशर ना ले , अभी शादी इंजॉय कर मगर इस बारे मे सोचना जरुर

राज - हा दीदी सही कह रहे हो आप

चारु - अच्छा वो सब छोड़ो और ये बताओ इस कैमरे वाले से हम लोगो की तस्वीरे कैसे मिलेगी , अल्बम आने मे तो टाईम लगेगा ना

राज - अरे मै उससे ले लूंगा
चारु - ओके फिर मुझे व्हाट्स कर देना तुम

सिम्मी- मुझे भी
नीलू - मुझे भी

राज अभी सिम्मी के बारे सोच रहा था तभी चारु - अरे सोच मत अपना नम्बर बोल हम तुझे अपने ग्रुप मे ऐड के दे रहे है वही भेज देना ओके

राज - ओके दी
इधर इनकी आंख मिचौली चल रही थी वही खाने के स्टाल के एक दुसरे टेबल पर जुता चुराई की रणनीति बन रही

राहुल अरून गीता बबिता की ।
गीता अभी तक स्टेज वाली बात के लिए परेशान थी वही राहुल बबिता को परेशान करने मे कोई कसर नही छोड रहा था ।
आंखो से इशारे तो कभी कोहनी कोना छू कर

बबिता - यार राहुल तुम प्लीज ध्यान दोगे
राहुल - मेरा ध्यान तो तुम्ही पर है यार
राहुल की बात पर गीता हस दी और अरून ने बबिता का फुला हुआ मुह देख कर धीरे से गीता के हाथ पे हाथ रख कर उसको दबाया ।

गीता ने आंखे बड़ी कर अरून की ओर देखा तो अरून ने बबिता की ओर इशारा किया
गीता चुप हो गयि और मुस्कुराने लगी , वही अरून ने अपना हाथ वापस वैसे ही रखे रहा , करीब 10 मिंट तक बातें चलती रही मगर अरून ने एक बार भी गीता के हाथ से अपना हाथ नही हटाया ।

जब उठने की बारी आई तो गीता ने हाथ हिला कर मुस्कुराते हुए अरून को इशारा किया तो अरून ने लाज मे हाथ हटाते हुए - ओह्ह सॉरी
गीता मुस्कुराई और नजरे निचे किये हुए बबिता के साथ घर की ओर चली गयि ।
और राहुल हस्ता हुआ अरून को ताली देता है - साली मेरी वाली बहुत नखरे बाज है यार

अरून हस कर - नखरेवाली है तो हचक के लेगी भी देखीयो

राहुल - सीई कास ऐसा ही हो तो मजा आ जाये हिहिहिही
अरून - चलो आगे का काम देखते है , शादी भी निपटानि है ना

राहुल - हा भाई चल




वही गेट से घुसते ही संगीता कमलनाथ को गलियारे के मुहाने पर मिल गयी ।

संगीता - अरे आ गये आप , लेकिन यहा लाईट सही नही है

कमलनाथ गलियारे मे जाता हुआ - अरे आईये एक जगह है

कमलनाथ गलियारे के बीच मे उसी कमरे का दरवाजा खोलकर दाखिल होता है जहा कल रात वो सोया हुआ था ।

कमरे की बत्ती चालू कर कमलनाथ - आईये अन्दर आ जाईये

संगीता मुस्कुराती इतराती कमरे मे दाखिल हुई

कमलनाथ कमरे का दरवाजा हल्का सा भिड़काते हुए - जी कहिये कैसा फोटो निकालू

संगीता - वैसे क्या आप फोटोग्राफि करते है पेशे से

कमलनाथ - नही बस थोड़ा बहुत काम किया था बहुत पहले जब काम की तलाश मे लुधियाना गया था ।

संगीता - आह्ह देखीये मुझे कुछ एक्सक्लूसिव तस्वीरे निकलवाणी है मेरे इंस्टा पेज के लिए

कमलनाथ- हा क्यों नही कर दूँगा मै आईये खड़ी हो जाईये
कमलनाथ ने 8 10 तस्वीरें निकालने के बाद थोड़ा सा बेकाबू हुआ जा रहा था ।

सन्गिता की कामुक और नशिली अदाये उसे बुरी तरह रिझा रही थी मगर पहल हो तो हो कैसे ?
वो ये बात भी जान रहा था कि कोई भी संगीता के मिजाज वाली औरत एक अंजान आदमी के साथ इतनी नजदिकियां दिखाती हुई एक खाली घर मे उसके साथ क्यू आयेगी ।

कमलनाथ ने कुछ सोचा और फिर वो मोबाइल संगीता को देता - आह्ह एक मिंट भाभी जी मै अभी आया

संगीता थोडा सोचते हुए उसके हाथ से मोबाइल लेकर तस्वीरें देखने लगी और वही उसके जहन मे अपनी ही बड़बड़ाहट जारी थी ।

उफ्फ़ ये मर्द जात इतना भोला क्यू बनने की कोसीस करते है जैसे मानो हम औरते कुछ समझ नही रही हो ।
ये अमन के ससुराल वाले कुछ ज्यादा ही शर्म लाज का गहना ओढ़े हुए है । लगता है मुझे ही इस बार भी कुछ करना पड़ेगा नही तो आज की रात मुझे परेशान कर डालेगी ।
अभी संगीता अपने ख्यालों मे गुम थी कि तभी दरवाजे से कमलनाथ कमरे मे दाखिल हुआ


संगीता उसको देख के हस पड़ि -अरे क्या हुआ आप ऐसे क्यूँ
कमलनाथ अपने अंडरवियर मे बने तम्बू को मसलता हुआ - आह्ह अब बस भी करो ये नाटक उह्ह्ह मै जानता हूँ हम यहा क्यू मिल रहे है ।
संगीता बिस्तर पर बैठी मुस्कुराई और नजरे निचे करती हुई मुस्कुराने लगी ।

कमलनाथ उसके करीब जाकर उसके सामने खडे होकर हग करने लगता है और उसकी चर्बीदार कमर को मसलता हुआ उसकी साडी के अंडर हाथ घुसा कर गाड़ का जायजा लेता हुआ - अह्ह्ह भाभी क्या मस्त पिछवाडा है

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संगीता कमलनाथ के स्पर्श से सीस्कती है - उन्मममं सीईईई
कमलनाथ उसके कूल्हो को मसलता हुआ उसके रसिले होठ चुसने लगा है

संगीता भी उसके होठ चुसते हुए उसकी नंगी जांघ पर हाथ फिराते हुए पीठ सहलाने लगती है

कमलनाथ उसके हाथ पकड कर खड़ा करता है और खुद निचे झुक कर उसकी साडी हटाते हुए उसकी गुदाज नाभि को चुमने लगता है

अपने कूल्हो पर रंगते कमलनाथ के हाथ और पेट पर ठंडी चुंबन ने संगीता का रोम रोम खड़ा कर दिया था ।
उसके पाव कांप रहे थे और वो उसके सर मे हाथ फिराते हुए सिस्कने लगी ।

अह्ह्ह्ह सीईईई उम्म्ंम्ं आराम्म्ंं सेह्ह्ह मेरीईई साडी खराब हो जायेगीईई अह्ह्ह उम्म्ंम्ं " , संगीता बौखलाये कमलनाथ को समझाती हुई बोली ।

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कमलनाथ उसके पेट चुमता हुआ उसकी साडी उपर कर उसके भरी भरी मोटी खरबजे जैसी चुचिया बलाऊज के उपर से दबाता हुआ - उह्ह्ह भाभीईई ज्जीईई क्या मुलायम जोबनो का जोडा है अह्ह्ह बहुत रस भरा है इनमे उम्म्ंम उम्म्ंम
कमलनाथ ने अपनी थूथ को उसके दोनो चुचो के बीच ब्लाउज के उपर से रगड़ा ।

संगीता उसके सर को अपने छाती पर दबाए बुर से रस बहाती हुई - उम्म्ंम्ं भाईसाह्ह्ब्ब उह्ह्ह अह्ह्ह अराअम्ंंंं से उम्म्ंम सीईई
कमलनाथ ब्लाऊज के उपर से उसके तने हुए निप्प्ल को होठो के भर कर चुबलाया - अह्ह्ह भाभीईई जबसे आपको देखा है तबसे बेकाबू हुआ जा रहा है मन और उह्ह्ह्ह उंम्ंम्ं


संगीता कमलनाथ के गालों को थामती हुई अपने सीने पर रगड़ा कर - और क्याह्ह्ह उम्म्ंम्ं उह्ह्ह्ह अह्ह्ह माह्ह्ह्ह
संगीता की बात पर कमलनाथ उठ खडा हुआ और उसको कस कर अपने आगे करता हुआ अपने मोटा मुसल से साडी के उपर उसकी पनीयानी बुर के ठोकर मारता हुआ - और ये भीहहह

संगीता अपनी बुर के मुलायम फाको मे कमलनाथ के सुपाड़े की चोट से सिसकी - अह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं

कमलनाथ के उसकी कमर के निचे हाथ ले जाते हुए उसकी गाड़ को पकड़ कर अपनी ओर दबाता हुआ लन्ड को जोरो से उसकी बुर मे चुभो रहा था
और संगीता उससे कस के लिपटी हुई अपनी आंखे उलटते हुए सिस्कने लगी ।
कमलनाथ ने उसकी साडी पीछे से उठाई और गाड़ नंगी कर उसको हाथों मे भरता हुआ उसके गरदन को चुमने लगा

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अपनी गाड़ पर कमलनाथ के पंजो की खरोच और गले पर चुंबन से संगीता अपनी जाघे कसने लगी , वो आंखे भिचे कमलनाथ को कसे हुए झटके खाने लगी उसकी बुर भलभला कर रस छोड़ रही थी

कमलनाथ उसकी साडी को उठाये हुए उसके सख्त हुए गाड के गोलों को सहलात हु उसकी गाड़ की दरारों मे उंगलियाँ घुसाने लगा

संगीता - आह्ह रुकिये मेरी साडी खराब हो जायेगी
कमलनाथ ने उसको झटका और उसकी साडी का पल्लू पकड कर उसको घुमाते हुए पूरी साडी अलग कर बिस्तर पर फेक दी
और उसको घुमाते हुए पीछे से पकड कर ब्लाउज के उपर से उसकी मुलायम चुचियां पकडता हुआ - उह्ह्ह भाभीई क्या मस्त चुचियां है , लगता है बहुतों ने मस्ला है इसे उह्ह्ह और तुम हो भी चालू आईटेम उह्ह्ह्ह

संगीता कमलनाथ के बाहों मे कसम्साती हुई - आह्ह प्लिज्ज्ज मान जाईये मेरे ब्लाउज खराब हो जायेंगे उह्ह्ह मह्ह्ह

कमलनाथ गुस्से मे रिझा और हाथ आगे कर उसके ब्लाउज के हुक चटकाता हुआ - बहिनचौद तेरे कप्डे के अलग ही चोचले है , निकाल इसे

सन्गिता - आह्ह आराम्ं से फटे नाह्ह्ह
"चल इसे भी निकाल दे " , कमलनाथ उसकी ब्रा उसके कन्धो से सरकाता हुआ बोला

फिर उसको झटका देके आगे बिस्तर पर धकेलता हुआ - उपर चल ना

संगीता मुस्कुराई - उसे यही तो रूप चाहिये था कमलनाथ , जो एक जानवर जैसे उसे नोच ही डाले आह्ह

संगीता घुटने के बल घिसटती हुई बिस्तर के बिच आ गयि और घोडी बन गयी ।


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कमलनाथ भी बिस्तर पर आकर उसको पीछे से पकड कर उसकी नरम नरम पेतिकोट मे फैली हुई बड़ी सी गाड़ को पन्जो से दबोचता हुआ दान्तो से काटने लगा

संगीता मजे से सिसकियाँ लेने लगी - अह्ह्ह मह्ह्ह उह्ह्ह्ह उम्म्ंम फ्क्क्क मीईई येस्स्स्स उह्ह्ह खा जाओ मेरी गाड़ उह्ह्ह फक्क एस्स ईट माय पुसीई प्लीज उह्ह्ह


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कमलनाथ संगीता का बदला हुआ रुप देख कर पागल सा हो गया और वो उसका पेतिकोट उठा कर उसकी गदराई जांघो को चुमता हुआ उसके गाड़ के दरारों मे जीभ डाल कर चाटने लगा

उम्म्ंम्ं येस्स्स एस्स आई लाइक इटह्ह उह्ह्ह येआआ उम्म्ंम सक मी लाइक दैट ऊहह येस्स सक माय एस उह्ह्ह्ंंंं ओफ्फ्फ अह्ह्ह

कमलनाथ संगीता की सिस्कियो पर और उत्तेजित होकर उसके बडे बड़े गाड़ के फाको को फैलाते हुए उसकी गाड़ के छेद पर जीभ फिराने लगा

संगीता ने जोर से अपनी गाड़ को कस लिया - ऊहह माह्ह्ह हिहिहिही उम्म्ंम तुम बहुत तेज्ज्ज हो उह्ह्ह करों ना मजा आ रहा है उह्ह्ह येस्स्स स्क माय पुसी उह्ह्ह्ह चाटो ना मेरी बुर उह्ह्ह्ह एस्स

कमलनाथ की लपलपाती जीभ ने संगीता के रसदार बुर की फान्को को चाटने लगा और जीभ डाल के मलाई निकालते हुए - ओह्ह्ह यारर क्या गजब की माल है तु ऊहह मजा आ गया


संगीता इतरा कर आगे बढ़ कर उसकी ओर घूमी और अपनी जान्घे खोलकर अपनी बुर को फैला कर दिखाती हुई - असली मजा तो अब आयेगा मेरे राअजाह्ह्ह आओ नाह्ह उम्म्ंम उह्ह्ह

कमलनाथ संगीता को अपनी बुर मसलते देख कर पागल हो गया और वो जल्दी जल्दी अपना लन्ड बाहर निकाल कर उसके बगल मे आ गया ।

उसकी फैली हुई जांघो को मसल्ते हुए अपनी उंगलिया उसकी गीली बुर पर फिराई और सहलाने लगा
संगीता ने भी बगल मे हाथ बढा कर उसका तना हुआ मुसल पकड कर मुठियाने लगी


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संगीता - आह्ह बहुत ही तगड़ा है ये तो उह्ह्ह मेरी बुर की चटनी बन जायेगी आह्ह्ह उह्ह्ह फ्क्क्क मीई डालो नह्ह्ह उम्म्ं उह्ह्ह

कमलनाथ संगिता के बुर मे अपनी बिच वाली उंगली पेले जा रहा था - डाला तो है देखो उह्ह्ह क्या गर्मी है भीतर

संगीता मचलती हहूई अपनी गाड़ पटक कर - आह्ह वो नही इसे डालो नाह्ह उम्म्ं प्लिज्ज्ज ऊहह फक्क्क मीह्ह्ह्ह उह्ह्ह

कमलनाथ मुस्कुराया और अपनी जगह बदलते हुए उसके गदराई जांघो के बिच आ गया और अपना लन्ड सेट करता हुआ अपना टोपा उसके फैले हुए बुर के फाको मे लगाया और आगे झुकते हुए हचाक से लन्ड को उसकी बुर मे जड़ तक पेल दिया


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अह्ह्ह्व अम्मीईई उह्ह्ह उह्ह्ह अह्ह्ह एस्स हिहिहिही मजा आ गया ऊहह अब करो नाआह्ह उम्म्ं एस्स फक्क्क मीई उह्ह्ह येस्स्स हार्डर येएह्ह्ह्ह वोहहह उम्म्ंम्ं उम्म फ़क मी लाइक दैट उम्म्ंम

कमलनाथ उसकी उपर चढ कर हचक हचक के पेलने लगा और संगीता जोर जोर से आहे भरने लगी

उसी समय खाने के स्टाल की ओर
" क्या भाभी जी , अरे एक लिजिए प्लीज प्लीज " , रंगी अपनी गदराई समधन को इंसिस्ट करता हुआ उसकी थाली मे गुलाबजामुन के पीस रखता हुआ बोला ।


ममता बस हस कर रह जाती है और रन्गी बाकी सबको सर्व कर रहा होता है ऐसे मे ममता बगल मे बैठे भोला के करीब होकर - अरे मेरी छिनाल ननदिया कहा है दिख नही रही
भोला ने आस पस नजर फिराया और मुस्कुरा कर बोला - शायद शेरनी अपने शिकार पर गयि होगी ।

"अरे भाईसाहब कहा है " , रन्गीलाल ने मुरारी को खाने के टेबल पर ना पाकर ममता से पूछा ।

ममता - अरे अभी यही तो थे लो आ गये ।
ममता मुरारी को देखकर - अरे कहा गये थे आप , सब इन्तेजार कर रहे थे ।

मुरारी का चेहरा पानी से भीगा था वो रुमाल से अपना चेहरा साफ करता हुआ गीले हाथ मे रुमाल घिस कर उसको फ़ोल्ड करता हुआ बिना कुछ बोले कुर्सी पर बैठ गया ।

वहा बैठे सभी मुरारी का विचलित हुआ चेहरा देख कर थे और उसपे गुस्से की भन्नाहट साफ थी ।
ममता ने उसकी जांघ पर हाथ रख कर उसके कान मे बोली - क्या हुआ जी , आप फिर से परेशान लग रहे है , सब देख रहे है ? क्या बात है बतायिये ना ?

मुरारी को अपनी स्थिति का ज्ञान हुआ और वो मुस्कुराता हुआ - अरे कुछ नही आप लोग खायिये ना प्लीज

मदन - अरे ये संगीता दीदी कहा है ?
ममता - रुको मै देख के आती हु यही कही होगी ?
मुरारी संगीता की चर्चा होने पर खडी होती ममता का बाजू पकड कर बिठाता हुआ - अरे बैठो मेरी उससे बात हुई है वो अभी फ्रेश होने गयि है आ जायेगी ।

वही पास मे खड़ा रंगी इस सस्पेंश भरे फैमिली ड्रामे को समझने की कोसिस कर रहा था मगर कोसिस बेकार थी क्योकि उसे बाकियों की भी मेहमान नवाजि देखनी थी ।

खाने के टेबल पर बैठा मुरारी खाते हुए बीच बीच मे चंदू के घर के गेट की ओर देख रहा था इस बात से बेफिकर उसकी हरकतो पर भी कोई और बारीकी से नजर रखे हुए था ।

जो काफी समय से शान्त तो था मगर उस घर मे चल रही आवा जाहि के लिए उसकी जिज्ञासा बढ़ने लगी थी ।
एक घर दो मर्द बारी बारी घर मे गये फिर दूल्हे का बाप भी गया और गुस्से मे वापस आया ।

माजरा समझ से परे था और उसने अपनी कुर्सी छोड़ी और खुद भी उस घर मे दाखिल हुआ , गलियारे घुसते ही बीच गलियारे मे एक दरवाजे से सफेद रोशनी की पतली सी निकली हुई फर्श और दिवाल को रोशन किये हुए थी और साथ मे कुछ फुसफुसाहट भरे लब्ज भी आ रहे थे ।


जैसे ही वो शख्स दरवाजे के पास पहुचा और उसने हल्का सा दरवाजे पर जोर दिया
सामने का नजारा देख कर उसकी आंखे फैल गयी ।
सामने एक बड़ी सी गाड़ वाली औरत एक शख्स के लन्ड पर उछल रही थी और वो शख्स भी कस कस के करारे झटके उसकी बुर मे दे रहा था ।

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जिस देख कर दरवाजे पर खड़ा आदमी अपने धोती मे उफनाते मुसल को मसला और थुक गटक कर कुछ पल वो नजारा देखता रहा जब तक कि उस महिला ने झट कर चिल्लाने रोक नही दी

भीतर कमरे मे झड़ते हुए संगीता रुक गयी और कमलनाथ बोला - क्या हुआ जानेमन बस हो गया उह्ह्ह थक गयी

संगीता मुस्कुराइ- ऊहु बस छेद बदलना है अब
कमलनाथ खुश हुआ कि उसे इस गदराई माल के गाड़ भी मारने को मिलेगी और वो झट से उठा घुटने के बल आ गया और संगीता भी घोडी बन कर उसके आगे झुक कर अपनी गाड़ उपर कर दी ।

भीतर का नजारा देख कर बाहर खड़े शख्स के हाथ से लन्ड छूट गया और उसकी सासे तेज हो गयी - जमाई बाबू ??

बनवारी की हालत खराब हो गयी कि उस्का बड़ा दामाद उसकी आंखो के सामने दूल्हे की ही बुआ के गाड़ के सुराख पर अपना सुपाडा सेट कर रहा था ।

कमलनाथ उसके गाड़ के छेद पर अपना लन्ड भीड़ाते हुए एक करारे झटके के साथ लण्ड को उसकी गाड़ मे आधा उतार दिया , लन्ड जाते ही कमलनाथ समझ गया कि ये खेलीखाई गाड़ है इसपे रहम दिखाने की जरुरत नही

कमलनाथ ने उसके कूल्हो को थामा और एक और तगड़े झटके के साथ अपना लन्ड उसकी गाड़ मे पेल दिया

संगीता ने गरदन उठा कर जोर से सिसकि -अह्ह्ह माह्ह्ह उह्ह्ह येस्स्स अफ्फ्फ फ्क्क्क मीई उह्ह्ह बहुत मोताह्ह है उम्म्ं य्स्स फ्क्क मीई ओह्ह्ह


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कमलनाथ कस कस के उसकी गाड़ मे पेलता हुआ उसकी गाड़ पर चाटे मार रहा था और संगीता जोर जोर चिखती सिसकिया ले रही थी
भीतर का गर्मागर्म मौहौल देख कर बनवारी का सोया लन्ड फिर से उठने लगा था ,मगर उसकी दिली इच्छा नही हो रही थी कि वो वहा रुके ।

भीतर से उसे ऐसा मह्सुस हो रहा था कि उसकी बड़ी बेटी के साथ उस्का जमाई धोखा कर रहा है और वो एक बार फिर निराश होकर बाहर चला आया

वही कमरे मे कमलनाथ इनसब से बेखबर होकर करारे झटके लगाता हुआ संगीता की गाड़ मे झड़ने ल्गा और संगीता भी आंखे मुंदे कमलनाथ के लावा उगलते उसके लण्ड को अपनी गाड़ मे पाकर मस्त हो गयी थी ।


जल्दी ही दोनो ने अपने कपडे ठिक किये और बारि बारी से बाहर निकल गये ।
वही दुल्हन के घर बाहर खडे मुरारी ने एक बार फिर जब अपनी बहन को चन्दू के घर से बाहर आते देखा तो उसका दबा गुस्सा उभर और वो सीन उसके दिमाग मे नाचने लगे जो कुछ देर पहले उसने देखा , जहा उसकी बहन कमलनाथ की थूथ को अपनी गाड़ मे रगड़वा रही थी ।


मुरारी के जहन वो दृश्य आते ही उसने आंखे भींच कर अपना मन झटका और तन मना कर घर मे चला गया क्योकि उपर शादी का मुहूर्त हो गया था और सब लोग एकत्र होने लगे थे ।

जारी रहेगी


Exilent update bro....
Mast chudai hui sangita ki do do land le chuki h sangita but uske bhai murari ne sab kuch dekh liya h dehta h aage kisi kisi chudai hoti h
Bhai ji agle update me salini or anuj ka bhi kuch dal dena bhai
 

Deepaksoni

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रेगुलर अपडेट प्रोग्राम

जैसा कि मैने कहा था कि जॉब सेटल के बाद से इस कहानी पर रेगुलर अपडेट शुरु हो जायेन्गे तो इसकी शुरुवात हो गयि है
अपडेट रेगुलर का मतलब वीक मे 4-5 अपडेट आ ही जायेंगे ।
बजाय इसके कि मेरा मूड या वर्क लोड आड़े ना आये ।
कोसिस रहेगी रात मे 8-9 बजे तक अपडेट दे पाऊ
बाकी देश काल और परिस्थिति के उपर निर्भर है

तो दिखाईये अपना प्यार इस कहानी के लिए
लाइक कम्मेंट जैसे भी आप दिखा सकते है
मेरे साथ ये आपके लिए भी चुनौती भरा प्रोग्राम होने वाला है :dontknow:
Ye hui na bat apna sher aa gya taao me
Ab hogi update ki bochar
Bhai hm sab ka sath to h hi aap ke sath
Ham sab apni pratikriya or or apne apne vichar aap se saja krte rahenge
Thanks bhai ji
 
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