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बहुत बढ़िया अपडेट और एक ही पोस्ट में दोनों घरों का दृश्यUPDATE 182 C
राज के घर
अन्धेरे कमरे मे शालिनी अपनी साडी कमार तक चढाए हुए घोडी बनी हुइ थी और उसका बेटा राहुल अपनी मा की चुत मे खुब ह्चक हचक कर लंड पेल रहा था ।
शालिनी की घुटी हुई मादक सिसकिया दरवाजे पर कान लगाये खडे अनुज के कानो मे पड रही थी और वो अपना लन्ड बाहर निकाल कर तेजी से उसको भींच रहा था ।
योजना के हिसाब से तय हुआ था कि राहुल पहले अपनी मा को खुब गर्म करके चुदाई के लिए तैयार करेगा और जब चोदने की बारी आयेगी तो वो अनुज को बुला लेगा ।
मगर राहुल की अपनी मा को गर्म करके चुदाई के लिए तैयार करने की योजना तो सफल रही मगर वो खुद अपनी मा को चोदे बिना रह ना सका और कस कस अपनी मा को पेले जा रहा था ।
अनुज की चिडचिडाहट अब बढ़ रही थी कि राहुल ने अपना वादा पुरा नही किया , उसको राहुल पर बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था ।
तभी कमरे मे राहुल के सिस्कने की आवाज आई और वो अपनी मा की बुर मे झड़ने लगा ।
फिर वो अपना लन्ड झाड़ कर पीछे हट गया - मम्मी मै पेसाब करके आ रहा हु
शालिनी जो कि काफी समय से घुटने के बल घोडी बनी हुई थी और बीते दो दिनो की कसर उसके बेटे मे जिस तरह से हचक कर पेल के पुरी की थी ,उससे हिम्मत नही हो पाई कि वो अपने कपडे ठिक कर पाये और वो वैसे ही अधनंगी पेट के बल लेटी रही थी ।
पंखे की सर्द हवाओं से जल्द ही राहुल का वीर्य सुखने लगा ।
इधर राहुल जैसे ही बाहर आया तो जीने के पास अनुज और उसकी फुसफुसाहट भरी कहा सुनी होने लगी ।
राहुल अपने गलती से अनुज से माफी मागने लगा और बोला कि नेक्स्ट बारी कोसिस की जायेगी ।
फिर वो पेसाब के लिए उपर चला गया और अनुज जिसका मूड खराब हो गया था उसने सोचा मूड़ खराब हो ही गया है कम से कम नीद तो अच्छी ली जाये ।
इसीलिए वो हाल से अपना चद्दर तकिया लेके वापस कमरे मे चला गया और बत्ती जला दी ।
बत्ती जलते ही उसकी नजर बिसतर पर पेट के बल लेटी शालिनी पर गयी जिसकी साडी अभी तक कमर तक उपर चढ़ी हुई थी और उसके नरम मुलायम भरे भरे चुतड साफ साफ दिख रहे थे ।
ये नजारा देखते ही अनुज का सोया लन्ड और बिसरे अरमान जाग गये ।
वही कमरे मे बत्ती जला पाकर शालिनी ने बड़बडाते हुए अनुज की ओर घूमी - अरे बेटा लाईट क्यू जला दी , अनुज तु!!
वो फौरन झटके से उठी और जल्दी जल्दी अपनी साडी ठिक करने लगी ।
अनुज अभी भी वैसे ही अपनी चाची को निहार रहा था ।
वही शालिनी को समझ नही आ रहा था कि अनुज को क्या जवाब दे ।
अनुज भी बस चुप था और ऐसा दिखावा कर रहा था मानो उसे कुछ पता नही था ।
शालिनी जबरन की मुस्कान अपने चेहरे पर लाती हुई बोली - अरे वो मेरे पाव मे दर्द था ना तो राहुल को बोला कि थोड़ी मालिश कर दे इसीलिए
अनुज नजरे चुराकर वापस कमरे से जाने लगा - जी चाची
शालिनी - अरे क्या हुआ तु कहा जा रहा है , सोने आया है ना तो यही सो जा चल
अनुज - हम्म्म ठिक है
शालिनी को अनुज की ये चुप्पी खलने लगी थी मगर इस संजोग के लिए वो क्या ही जवाब देती । बस वो शूकर मना रही थी कि अनुज सब कुछ होने के बाद आया ।
थोड़ी देर बाद राहुल भी आया और तीनो वापस बिस्तर पर लेट गये । थका हुआ राहुल बिस्तर पर आते ही जल्द ही सो गया । मगर अनुज और शालिनी के लिए नीद अभी दुर की बात थी ।
अनुज ने बिल्कुल भी नहीं सोचा था कि कुछ ऐसा हो जायेगा और वो इस बात को गुप्त ही रखने वाला था ।
शायद इसके बाद से वो अपनी चाची को चोदना तो दुर नजरे भी ना मिलाए ।
एक कमरे मे जहा ये सब घट रहा था वही बगल के कमरे मे सोनल की मादक सिसकिया ले रही थी ।
खुली टांगो के बिच झुकी हुई रीना ने उसके गर्म चुत के दाने के पास ठंडी ठंडी महँदी के कोन से गुलाब की पंखुडियां बना रही थी ।
वही सोनल हस्ती खिलखिलाती तो कभी चुत के पास ठंडी छरहराहट से अपने कुल्हे पटकती ।
जिस पर रीना उसको डांट देती थी ।
इधर निशा बार बार फोन लगा रही थी अमन को मगर वो फोन उठाने से रहा ।
खीझ कर उसने इस मोमेंट के स्नैपस ले लिये कि इन स्नैपस के बदले मे अमन से कुछ अच्छी वसूली की जा सके ।
रीना - ओह्ह मेरी लाडो रानी जब इस ठंडी ठंडी कोन से ही तुम्हारी मुनिया इतना पानी बहा रही है उम्म्ंम
"और जब नंदोई जी मोटा खुन्टा इसपे रगडेगा तो क्या हाल होगा ", रीना ने मेंह्दी के कोन के पीछे वाले मोटे हिस्से हो घुमा कर सोनल की बजबजाई बुर मे घिसते हुए कहा ।
सोनल अकड़ते हुए सिस्क पड़ी- सीईई अह्ह्ह भाभीईई क्या करती हो उम्म्ंम धत्त
"मै कहा कुछ कर रही हो , ये खुद रो रही है । कहो इसके आंसू पोछ दू " , रीना ने अपनी अंगूठे से सोनल के चुत के दाने उपर की तरफ रगड़ते हुए कहा
सोनल ने जोर से अपनी गाड़ उचकाइ और सिस्क पड़ी
वही ये सब देखकर निशा की भी बुर कुलबुलाने लगी ।
वो अपनी चुत मलते हुए रीना की हरकते निहारने लगी ।
रीना ने वापस से सोनल को पुचकारा - बोलो ना ननद रानी , पोछ दू एकदम से चिकना कर दूंगी
सोनल ने मादकता मे हस कर बोली - उहू नही झुठा हो जायेगा वो
रीना - सल्हज और साली का झुठा तो नंदोई खा ही सकते है , क्यू निशा
निशा अपनी बुर मसलती हुई - हम्म्म्म क्यों नही भाभीईई
सोनल कसमसाती हुई - उम्म्ंम नहीईई भाभीई प्लिज्ज्ज सीईई अह्ह्ह
निशा - भाभी ये साली ऐसे ही नखरे करेगी , आप चाटो ना इसकी रसिली चुत उम्म्ंम्ं
रीना निशा के उतावले पन पर मुस्कुराइ औए बोली - फिर तो तुम ही शुरुवात करो ।
सोनल- क्याह्ह न्हीईई
निशा - अब बस भी कर ना याररर कितना नाटक करेगी , आखिरी बैचलर पार्टी समझ कर इंजॉय कर ना
ये बोलते हुए निशा ने बडे हिसाब से उपर की महँदी खराब ना हो रिसती आइसक्रीम की तरह निचे से उपर की ओर कर के सोनल के फाको पर अपनी जीभ फिराई और सारी मलाई उसके मुह मे
दो बार दाँतो मे जीभ को फिराया और अगली बार गले से सिधा पेट मे ।
सोनल पैर झटक कर रह गयी ।
निशा ने उसकी जान्घे खोलते हुए रिना को आग्रह किया और रिना ने एक बार निशा के जैसे निचे से उपर की ओर अपनी जीभ को नुकीला करते हुए चुत मे धंसाते हुए चाट कर भीतर से मलाई निकाल लाई और चटकारे लिये ।
रीना - उम्म्ंम्ं लाडो रानी , साले नन्दोई की चान्दी हो जायेगी । क्या रसिली बुर मिल रही है उसको
निशा - हा भाभी , जीजा तो किसमत वाला निकला
रीना ने वापस से एक बार फिर सोनल की बुर की गहराई जीभ घुसा कर टटोलकर ढेर सारी रबड़ी निकालती हुई घोट गयी - उम्म्ंम्ं काफी समय बाद ऐसी रसभरी नमकीन चुत मिली
निशा - उम्म्ं भाभी इससे पहले किसका था हिहिहिही
रिना की बात पर सोनल ने भी फूलती सासो के साथ जिज्ञासा दिखाते हुए रिना को ताकने लगी
रीना उसकी बुर मे उंगलिया लगा कर उसको चाटती हुई बोली -अरे वही मेरी कमिनी भाभी
शादी मे मेरी भी ऐसी ही रग्डाई हुई थी और वो मेरे मुह पर बैठ कर अपना भोसडा खुब रगड़ रगड़ कर झड़ी थी मेरे मुह मे
" कैसे भाभी बताओ ना जरा " , निशा ने एक शरारत भरी नजर से सोनल को हस कर देखा
सोनल ने उसको आंख दिखाई
मगर रीना कहा मानने वाली थी आज ,
वो झटके से उठी और अपनी साडी निकाल के ब्लाउज पेतिकोट मे आ गयी ।
फिर अपना पेतिकोट खोलते हुए निचे से पूरी नंगी हो गयी ।
सोनल थुक गटकते हुए पहली बार रिना की तराशे हुए नन्गे जिस्म को निहार रही थी । उसकी चुत की फाके बिल्कुल चिपकी हुई और चिकनी थी ।
सोनल के गले पानी आने लगा मगर वो ऐसे दिखाने लगी कि मानो उसके साथ जबरज्सती हो रही हो ।
सोनल - न्हीईई भभीई प्लिज्ज्ज
रीना - निशा इसके पैर पकड बस , हाथ तो वैसे ही नही चलने वाले
निशा खिलखिलाई और उसने सोनल के पाव पकड लिये
रीना अब अपने दोनो पैर सोनल के चेहरे दोनो ओर करके निशा की ओर अपनी गाड़ करके खडी हो गयी ।
रीना - पता है निशा मेरी भाभी ने सबसे पहले क्या किया था
निशा - क्या भाभी
रीना - उन्होने पहले मुझे अपना भोस्डा सुन्घाया था जिसको मेरे भैया ने खुब चोद चोद के फैलाया हुआ था
ये बोलते हुए रिना सोनल के मुह के ठिक उपर उक्डु होकर बैठ गयी और उसका मुह सामने की ओर था ।
उसने सोनल के बाल पकड़े और उसका सर उठाते हुए उसके नथुने अपनी बुर के पास लाते हुए बोली - सूंघ लो ननद रानी , भौजाई की बुर सुघना अच्छा सगुन है ।
नुकुराती भुनभुनाती पैर झटकती सोनल ने जब रिना की रसाती बुर से आती भीनी खुशबू अपनी नथुनो पर मह्सूस की तो उसकी सासे गहराने लगी और मुह् मे लार बनने लगा
रीना - सच कहू निशा भाभी की चुत सुघने मे अलग ही मजा था
इस पर सोनल ने जवाब दिया - मजा आयेगा ही ना आपको , आपके भैया के लन्ड का पानी जो भरा होता था उसमे ,
रीना सोनल की बात पर सिहरि और उसने सोनल की थूथ पर अपनी बुर के फाके दरते हुए बोली - हा तो इसको चाटो ना , इसमे भी तुम्हारे भैया का पानी भरा हुआ है उह्ह्ह्ह सीईई उम्म्ंम लेहहह उह्ह्ह ओह्ह्ह ओह्ह्ह और चुसस्स उम्म्ंम
सोनल ने भी मौके का फाय्दा लेते हुए खुलने लगी और अपने होठ खोलते हुए रीना की रस छोडती बुर को चुबलाना शुरु कर दिया
रीना कस कस के अपनी बुर सोनल के मुह पर रगड़ रही थी - अह्ह्ह सोनल्ल्ल उह्ह्ह और चाट उह्ह्ह उह्ह्ह
निसा से भी रहा नही गया और वो भी अपना लोवर उतारते हुए अपनी नंगी बुर लेके रिना के सामने खडी हो गयी ।
रिना ने बिल्कुल देरी ना करते हुए निशा की चुत पर अपना मुह दे दिया ।
निशा रीना के सर को जोर से अपने बुर मे दबोचने हुए - ऊहह भभीईई और चाटो ऊहह खा जाओ इसको उम्म्ंम सीईई आह्ह्ह उह्ह्ह
वही सोनल निचे से रिना की बुर अपने रगड़कर - आह्ह भाभी क्या मस्त चुत है आपकी , गरमागरम उम्म्ंम्ं उम्म्ंम्ं
रिना - है ना मजेदार , भाभियो की चुत ऐसी ही होती है मेरी जान और लेह्ह्ह उह्ह्ह उम्म्ंम्ं हा ऐसे ही जीभ डाल ओह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उह्ह्ह हा और नचा अन्दर उम्म्ंम फ़क मीईई फककककक फ्क्क्क्क फ्क्क्क मीईईई
सोनल ने अपनी जीभ को टाइट करके नुकिला कर दिया और रिना उसको अपने भितर लेके उसपे उछलने लगी और सोनल की जीभ उसके चुत के फाको को फैलाती हुई अन्दर बाहर होने लगी
रीना - अह्ह्ह अह्ह्ह उह्ह्ह माअह्ह्ह ओह्ह फ्क्क्क मीई सोनल्ल्ल उह्ह्ह मै आ रहीईई हुऊ ओह्ह्ह ओह्ह येस्स्स्स येस्स्स
ऐसे ही जोर जोर से चिखती हुई रीना अपनी गाड़ और चुत सोनल के मुह पर रगड़ने लगी और झड़ने लगी ।
इधर निशा ने भी रीना की सिस्कियो को दबाने के लिए एक बार फिर उसके मुह मे अपनी चुत मे लगा दिया और जल्द ही उसके पाव भी लड़खडाने लगे
वो जल्दी से रीना से अलग हुई और रीना को सोनल के उपर से हटाने लगी
ना रिना को और ना ही सोनल को कुछ समझ आ रहा था
तभी निशा सोनल के उपर आकर घोड़ी बनती हुई 69 पोजीशन मे आ गयी और तेजी से सोनल के मुह के ठिक उपर अपनी चुत रगड़ने लगी ।
इस नये रोमांच ने निशा को इत्ना गर्म कर दिया था वो तेजी से दो उंगलिया अप्नी बुर मे पेलते हुए अपनी बुर के फाको को जोर से कसे हुए रखा और सोनल भी उसके गाड़ को सहलाए जा रही थी
निशा फच्फच अपनी तेज उंगलियाँ तेजो मे अपनी बुर मे पेले जा रही थी और उसके चेहरा भिचा हुआ लाल था हाथ दर्द हो रहे थे नथुने फुले हुए थे
मगर वो ना रुकी तेजी से अपनी बुर मे अपनी ऊंगलियां पेलती रही - ईईईयिया हहहहहह उह्ह्ह्ब उह्ह्ह फ्क्क्क्क फ्क्क्क फ्क्क्क।ईईईई उह्ह्ह्ह उह्ह्ह अह्ह्हा हहह सोनल्ल्ल्ल मुह खोल्ल्ल्ल्ल ओह्ह्ह्ह
और अचानक से झटके से अपनी उंगलिया बाहर खिंच कर आगे कोहनियों के बल झुक गयी और भलभ्ला कर ढेर सारा सोमरस उसकी बुर से गिरने लगा , सोनल ने फौरन उस्के कुल्हे थामते हुए अपना मुह खोल दिया ।
और निशा की चुत से सारा का सारा झटके दर झटके सोनल मे मुह भरने लगा , फिर सोनल ने उसको जमकर उसकी चुत साफ की ।
रीना के लिये ताज्जुब की बात था , निशा को जितना समझ पा रही थी वो उससे कही आगे की थी । वही सोनल का धीरे धीरे खुलना उसे कुछ उलझा भी रहा था ।
मगर जो भी था तीनो के लिए बहुत मजेदार था और ये पल उन्हे और करीब ले आया था ।
उनकी दोस्ती अब और मजबूत हो गयी थी ।
जल्द वो लोग बाते करते हुए सो गये ।
अमन के घर
गेस्ट रूम के दोनो छोरो पर भोला और ममता खडे थे ।
भोला का चेहरा जहा बुरी तरह उखड़ा हुआ था और वही ममता उसकी स्थिति पर मुस्कुरा रही थी ।
वो इठलाती हुई भोला की आंखो मे निहारते हुए उसके पास आई और उसका एक हाथ सूट के निचे था । जिसपर भोला का जरा भी ध्यान नही था ।
ममता ने हौले से भोला के फुले हुए गालो को सहलाया और मुस्कुराते हुए - बोली इसको लेते आना
फिर वो बाल्किनी की ओर आगे बढ़ दी ।
भोला को पहले कुछ समझ नही आया और जब उसने निचे फर्श पर देखा तो ममता अपना सलवार वही भोला के पैरो के पास उतार चुकी थी और कमर के निचे पूरी नंगी थी ।
भोला ने जैसे ममता की ओर देखा , सूट मे उसकी फैली हुई गाड़ गजब के हिल्कोरे खा रही थी , पल भर मे ही उसका सोया लन्ड फौलादी हो गया । वो चहक कर ममता की सलवार को उठाया और उसको सूंघता हुआ ममता के पीछे हो लिया ।
भोला आगे बढ़ कर गैलरी का दरवाजा बाहर से बन्द कर दिया । सामने बाल्किनी की रेलिंग पर ममता आगे झुकी हुई थी । चंदनी रात मे हल्की ठंडी हवा उसके चेहरे को छू रही थी और उसका सूट हिल रहा था ।
सामने सैकड़ो बिघो मे फैला हुआ सिवान था , जी हा दोनो की योजनानुसार ये घर के सामने वाली बालिकिनी नही बल्कि पिछवाड़े की बालिकीनि पर मिलने की योजना थी ।
भोला ने आगे बढ कर ममता को पीछे से हग करते हुए - कितना टाईम लेती हो उम्म्ंम
ममता भोला के स्पर्श से कसमसाइ - वो जरा अमन से शादी के लिए बाते होने लगी थी उम्म्ंम सीईई
अमन का नाम आते ही भोला को शाम की घटना याद आई जब उसकी योजना विफल हुई थी और अमन ने अपनी मा की गाड़ देख ली थी ।
ममता उसको चुप पाकर - क्या हुआ बोलो ,
भोला ममता के कन्धे को चुमत हुआ - कुछ नही ।
ममता - तो क्यू बुलाया मुझे यहा , इतनी रात और ऐसे
भोला - क्यू तुम्हे नही पता तुम यहा क्यू आई हो
ममता - उहू
भोला अपना मुसल उसकी चर्बीदार गाड़ पर दरता हुआ - अच्छा सच मे
ममता - हम्म्म्म हिहिहिही
भोला - वैसे मुझे लगा नही था तुम ऐसे एकदम से मान जाओगी
ममता - इतने सालो से मौके तालाश रहे थे सब मै जानती हु ।
भोला - ओहो फिर तब क्यू नही आई
ममता - तब आपने पूछा ही नही हिहिहिही
भोला ने उसकी मोटी चुचिया मसलता हुआ - वो तो मै इस बार भी नही पुछ पाता अगर वो लिखने वाला संजोग ना बनता
ममता खिलखिलाई - फिर तो मेरा अहसान मानो कि मैने देवर जी के बजाय आपको बुलाया था हिहिहिही
" ओहो तो यानी कि आपको भी मेरी किसी चीज ने ही मोह लिया था , कही ये तो नही " , भोला ने अपना कड़ा मुसल उसकी गाड की दरखतो मे सूट के उपर से भेदते हुए कहा ।
ममता - धत्त, हा मोह तो लिया था मगर वो नही
भोला - फिर ?
ममता - बस आपकी शायरी ने हिहिहिही आपको पता है आज तक किसी ने मुझसे ऐसे बात नही को थी ।
भोला - क्यू सालेसाहब रोमांटिक नही है क्या
ममता हस के - उन्हे उसका एबीसीडी भी नही पता , वो तो बस एक ही काम जानते है
भोला हस - क्या ?
ममता शर्माई - धत्त , चुप रहो ।
ना जाने क्यू भोला से होती बाते ममता को अमन की याद दिला देती है और उसको समूच का याद आता है ।
ममता - अच्छा एक बात पूछे
भोला - हा बोलो ना
ममता - आपको समूच आता है वो होठो वाली चुम्मी करना
भोला - हम्म्म आता है
ममता का दिल एकदम से खुश हो गया - सच मे
भोला ने उसको कस के पकड कर - हा मेरी जान, करना है
ममता - हमे सिखाओगे आप
भोला - हा क्यू नही इधर आओ
भोला ने ममता को अपने पास किया और फिर उसकी कमर मे हाथ डाल कर उसे अपनी ओर खिंच लिया ।
ममता एकदम से उसके करीब थी
भोला - अब अपने हाथ मेरे पीठ पर ले जाओ
ममता ने वैसा ही किया ।
भोला - समूच मे दो होठो के बीच एक होठ रख कर उन्हे दोनो लोगो द्वारा चुबलाया जाता है । जितना धीरे और रस लेके करोगे उतना ही मजा आयेगा , रेडी
ममता ने हा मे सर हिलाया और भोला के करीब गयि ।
भोला ने ममता के दोनो होठ के बीच अपना निचला होठ रख कर उसके उपरी होठ चुबलाने लगा
ममता को लगा भोला उलटा कर रहा है वो अलग होकर
अरे आप उपर वाला क्यू चुबला रहे हो निचे वाला ना करते है
भोला हस कर - नही ऐसा कुछ भी नही है , समूच मे बारी बारि से कभी उपर तो कभी निचे के होठ चुबलाये जाते है , आओ शुरु करो
एक बार फिर दोनो के होठ कस गये और भोला ने उसके गुलाब से मुलायम उपरी होठ चुबलाने लगा और ममता ने भी उसके नीचले होठ चुसने लगी ।
भोला - उहू तेजी से नही एकदम धीरे धीरे
ममता ने हुन्कारि भरी और वापस से किसिन्ग शुरु हुई।
इस्बार धीरे धीरे 2 मिंट गुजरे और ममता को मजा आने लगा वो होठ बदल के चुसने लगी ।
धीरे धीरे भोला के हाथ ममता की कमर से सरक कर उसकी चुतड़ प सूट के उपर से रेंगने लगे ।
अपनी गाड़ पर भोला के पंजे रेंगते पाकर ममता की सासे अटकी और उसकी किस्सिंग रुक गयी तो भोला ने होठ खिच कर उसे जारी करने का इशारा किया ।
ममता वापस से आंख बन्द कर उस गहरे चुम्बन को फील करने लगी , भोला ने धीरे धीरे उसकी सूट को उपर करके उसकी नंगी गाड़ को सहलाने लगा और अपने पंजे से फैलाने लगा ।
करीब 7 मिंट बाद ममता ने चुंबन तोड़ा और हाफने लगी ।
दोनो एक दुसरे को देख कर हाफ रहे थे और मुस्कुरा रहे थे ।
भोला - क्यू मजा आया ।
ममता - हम्म्म
भोला - और करना है
ममता - अभी रुक कर
फिर वो बाल्किनी से लग कर ठंडी हवा खाने लगी और भोला उसके पास खड़ा होकर उसकी नंगी गाड़ पर हाथ घुमा रहा था ।
ममता मुस्कुरा कर उसके हाथ को इशारे कर - आप ये करना बन्द नही करेंगे ना
भोला - तो आई यहा किस लिये हो उम्म्ंम
ममता मुस्कुरा कर - नही पता मुझे , बस चली आई
भोला अचरज से - मै कुछ समझा नही ।
ममता - पता नही उस टाईम आप फोन पे बिना मेरी बात सुने काट दिये और मुझे लगा कि कही आप नाराज ना हो जाओ बस इसीलिए मै वहा कमरे मे खोलकर खडी थी ।
भोला - तो क्या तुम्हे वो सब नही करना जो हम फोन पे बाते कर रहे थे
ममता - पता नही ,
भोला - पता नही ? ये कैसा जवाब ?
ममता - हा उस समय आपकी बाते मुझे खिंच रही थी , क्योकि इन्ही सब पलो के लिए मै तरसी हु । मेरे पति बहुत सीधे और साधारण है । ऐसा नही है कि वो मुझे प्रेम नही करते । वो बहुत ज्यादा चाहते है मगर उनका प्यार जताने का तरीका बहुत सहज है । मुझे जो चाहिये वो मुझे कभी मिला नही । वो कभी मेरी तारिफ नही करते जैसे आज आपने की थी ।
भोला बहुत गम्भीर होकर उसकी बाते सुन रहा था ।
ममता ने अपनी बात आगे बढ़ाई- मै सच मे इनसब पलो के लिए तरसी हु । मुझे नही पता क्या मुझे यहा खिच लाया शायद मै जो खोज रही थी वो आपका ये साथ था । ये बाते ये नयी चीजे जो आपने सिखाई ।
ममता - देखीये मुझे सच मे नही पता कि मै यहा ऐसे आपके सामने बिना कपड़ो के क्यू हु । मुझे आपसे कोई शर्म भी नही हो रही है , एक दोस्ताना सा फील हो रहा है आपके साथ कि आप मेरी मर्जी के बिना मेरे साथ कुछ भी नही करोगे ।
भोला - मै कुछ समझ नही पा रहा हु भाभी
ममता - औरत को समझ पाना आसान नही है नंदोई जी , आप औरत के इस रूप की कल्पना भी नही कर पाये होंगे है ना
भोला अटकते हुए स्वर मे - ह हा !!
ममता मुस्कुरा कर - हर औरत को एक दोस्त चाहिये होता है । शादी के बाद इस घर मे मेरे अतिरिक्त सब मर्द ही थे ।
देवर जी अपनी ड्यूटी मे फ्से रह गये और अमन अपनी पढ़ाई मे , इनको भी मेरे लिए उतना टाईम नही मिला तो मै बहुत लम्बे अरसे से अकेली हु बस मुझे एक दोस्त चाहिये । जिससे मै खुल कर बाते कर सकू और कभी कभी रोमैंस भी हिहिहिही
भोला मुस्कुरा कर - आपने इतनी खुबसूरती से मेरा सारा जोश उतार दिया , यहा तक अब मेरा वो भी सोने लगा
ममता खिलखिलाई - सॉरी हिहिहिही
भोला - तो यानी कि आप अपने पति के लिए वफादार ही है
ममता - हम्म्म कह सकते है अगर किसी गैर मर्द से सिर्फ़ सेक्स ना करने औरत वफादार मानी जाती है तो मै हु हिहिहिही
भोला - यार आप उलझा रहे हो हमको
ममता हस कर - आप औरतो को समझिये मत बस सुन लिजिए । वो अपनी उलझन खुद सुलझा लेती है बस कोई उनकी बाते चुप चाप सुन ले ।
भोला - हम्म्म ठिक है तो आगे ब्तायिये
ममता - फिलहाल तो कुछ ऐसी बात नही है हा अब दोस्ती हुई तो ना आप मुझसे कुछ छिपाना ना मै आपसे
भोला - हा ठिक है
ममता हस के - तो ये बताओ दीदी के बाद मै पहली थी जिस्पे ट्राई कर रहे थे या कोई और भी थी ।
भोला ह्स कर - आप मेरा पेशा जानती ही हो और कभी कभी कलाईन्ट से डील फाइनल करवाने के लिए उनको लालच के नाम पर कुछ महिलाओ की मदद लेनी पड़ती है । आप समझ रही है ना
ममता - हम्म्म
भोला - हम्म तो कभी कभी आउट ऑफ टाउन जाना होता है तो उन्ही मे से किसी एक के साथ मै भी
ममता - ओह और दीदी जानती है ये सब
भोला - हम्म्म मैने कुछ भी नही छिपाया कभी भी , यहा तक कि
ममता - क्या ?
भोला - देखीये आपसे दोस्ती है इसीलिए आपको बता रहा हु , बात दो तीन साल पुरानी है । आप वादा करिये भाईसाहब या किसी से इसका जिक्र नही करेंगी
ममता - दोस्ती की है तो भरोसा करिये हिहिही नही बोलूंगी पक्का वाला वादा
भोला हिचक के - दरअसल कुछ साल पहले मेरे एक सप्लायर मे मुझे ओरिजिनल ब्रांड के नकली दवाए भेज दी और जब मैने वो डील की तो भारी नुकसान उठाना पड़ा मुझे । पुलिस केश का पंगा भी झेलना पडा
ममता ताजुब करती हुई - फिर
भोला - फिर मैने मेरे बॉस से बात की , सिर्फ वही थे जो मुझे उस नर्क से निकाल सकते थे । उनकी वाइफ को मरे काफी साल हो गये थे । पहले भी अकसर वो हमारे घर आया करते थे मगर तब उनकी नियत पर कोई ऐसी बात नही थी । मगर मज्बुर का फायदा कौन नही लेता ।
ममता का सिना जोरो से धडक रहा था इस डर मे कही वो जो सोच रही है वो सच तो नही हो जायेगा - फिर
भोला - बस ऐसे ही एक शाम वो आये हमने डील को लेके बात की । फिर वो उठ कर चले गये । थोड़ी देर बाद उनका ड्राईवर आया और संगीता को लेके बाहर गया ।
मैने देखा तो बॉस संगीता से कुछ बाते कर रहे थे और फिर वो जब वापस आई तो उसने मुझे कुछ नही बताया । बार बार जोर देने पे बोली कि सर ने कहा है कि परेशान होने की जरुरत नही है सब सही हो जायेगा ।
फिर कुछ ही दिन बाद उसने रिंकि को उसकी मौसी के यहा भेज दिया ।
फिर एक दिन मुझे एक डील के लिए थोडा दुर जाने का आदेश हुआ और मैने अगले दिन ही आ पाता ।
संजोग से जिस डील के लिए बॉस ने मुझे भेजा था वो क्लाइंट मेरा मित्र निकला और रास्ते मे फोन पर ही डील फाइनल हो गयी ।
मै आधे रास्ते ही वापस आ गया । मुझे याद उस रात जोर की बारिश हो रही थी ।
मै घर आया तो देखा बॉस की गाड़ी खड़ी है । मुझे समझ नही आया , क्योकि इस बारे मे ना संगीता ने मुझे बताया ना बॉस ने कि वो घर आने वाले थे ।
मेरे पास घर की चाभी थी तो मै अन्दर गया , संगीता को आवाज दी मगर बाहर तेज बारिश की तड़तड़ और बादलो के शोर मे मेरी आवाज दबी हुई थी ।
मैने देखा हाल के टेबल पर मेरी ही फ़ाईल रखी हुई थी जिसे मैने बॉस को दी थी । उसने लिखा था कि क्लाइंट ने केस वापस ले लिया है । मै बहुत खुश हुआ । मगर खुशी में मेरी बिवी कही नही दिखी ।
फिर मै जीने से होकर उपर गया और मुझे मेरे कमरे का दरवाजा खुला हुआ मिला ।
भोला के शब्दो के साथ साथ ममता की सासे भी भारी होती जा रही थी ।
भोला - फिर मैने जैसे ही भीतर मेरे पाव जमीन मे जम गये ,
मेरा बॉस मेरी बीवी की गाड़ मे अपना मोटा लन्ड घुसेड़ कर उसके बाल खींचता बड़ी बेरहमी से उसको चोद रहा था और मेरी संगीता आहे भर रही थी ।
ममता - क्याआ??
भोला - हा और जब मैने उसके सामने गया तो वो उदास चेहरे के साथ यही बोली कि यही एक चारा था आपको बचाने का
मैने अपना माथ पिट लिया , उसने मेरे लिये अपना सतित्व भी त्याग दिया ।
कुछ महीने के बाद मेरा प्रोमोशन हो गया मेरे बॉस के पोस्ट पर और मेरे बॉस का ट्रांसफर हो गया ।
बाद मे मैने जब फ़ाईल देखी तो पता चला जिस केश के लिए मेरी बीवी ने बलिदान किया था वो सारा षड़यंत्र मेरे बॉस ने रचा था , उसने ये सब सिर्फ मेरे साथ ही नही बल्कि और भी कई स्टाफ के साथ किया था ।
मगर अब भी मै कुछ नही कर सकता था और मैने ये बात संगीता को भी नही बताई नही तो वो टूट जाती ।
ममता एक गहरी सास लेते हुए - ऊहह क्या बात है फिर तो आपको उनसे कुछ भी नही छिपाना चाहिये
भोला - मै छिपाता भी नही , यहा तक उसे पता होता है मै किसी औरत के साथ हु
ममता - सच मे और वो नाराज नही होती हिहिही
भोला - नही लेकिन बदला जरुर लेती है मुझसे
ममता - कैसा बदला ?
भोला - उसके बाद जब भी मै घर आता हु तो मेरी सजा होती है कि उसे 3 से 4 राउंड हिहिहिही
ममता - हिहिहिही फिर ये सजा कहा हुई । अच्छा तो क्या मेरे बारे मे भी बता दिये
भोला हस के - नही अभी कहा , हा वो जब आप और मै कमरे मे थे तो जरुर पुछि थी
ममता - क्या ?
भोला - यही कि कही सलहज को चोद तो नही ना रहे थे
ममता - तो आप क्या बोले हिहिहिही
भोला - मै बोला इतनी जल्दी मे कैसे कुछ हो पाएगा , उसके लिए तो पूरी रात ल्गेगि ना
ममता शर्मा कर - धत्त , अरे बोल देते ना क़्विकी था हिहिहिही
भोला - हा लेकिन मेरा क़्विकी नही होता ना
ममता - ओहो सच मे , वैसे कितना टाईमिंग है आपका हिहुहिही
भोला - वो तो इस पर निर्भर करता है ना कि जगह कितनी खुली है और कितनी कसी हुई
ममता अपने होठ दबा कर हस्ते हुए - हम्म्म ये भी सही है
ममता - अच्छा दीदी का फेवरिट पोजिसन क्या है
भोला - डॉगी वो भी बैक एन्ट्री
ममता - वाह गजब
भोला - और आपका
ममता खिलखिलाई - कभी कभी वो अगर मूड मे आ गये तो डॉगी नही तो हमेशा मै ही निचे होती हु हिहिहिहू
भोला - अरे मै भाईसाहब का नही आपका पुछ रहा हु
ममता - मेरी ख्वाईश है कि एक बार मै उन्के उपर आऊ हिहिहिही मगर उनकी सासे फुलने लगती है कहते है बहुत भारी हु हिहिहिही
भोला उसकी गाड़ पे दुबारा से हाथ घुमात हुआ - वैसे भारी तो हो ही आप
भोला की बात पर ममता हसी - धत्त
ममता - अच्छा ये बताओ क्या उसके बाद भी दीदी किसी और से उम्म्ं
भोला - क्यू पुछ रहे हो
ममता - अरे यार मेरी नन्द है पता तो चले कितनी छिनार है हिहिहिही
भोला - प्रोमोशन के बाद कभी ऐसी नौबत नही आई , हा एक बार रिंकि के एडमिशन के लिए दिक्कत हुई थी । इसने ट्रस्टी के बेटे पर डोरे डाले और उसे घर बुलाया । मगर वो बहुत सिधा निकला ।
ममता हसी - ओह्ह जवाँ लन्ड का सपना टुट गया बेचारी का हिहिहिही
भोला - हम्म्म ऐसा ही कुछ समझो , मैने उसे कई बार परखा है वो भी नये टेस्ट के लिए आतुर है मगर डरती है बहुत है कही बदनामी ना हो जाये ।
ममता - हम्म ये भी सही बात है , ऐसी बात है तो घर मे ही ट्राई कर ले , एक भैया उन्के जनमजात कुवारे है हिहिहिही
भोला ठहाका लगा कर हसा - अरे हा यार मुझे तो मदन भाई का कुछ समझ नही आया कि क्यू वो शादी नही किये । यार किसी बीवी और सेक्स नही चाहिये
ममता हसने लगी
भोला - बोलो यार
ममता - अरे उनकी कहानी अलग है । उनकी प्रेमिका थी क्योकि उसका बाप इनसे शादी इसीलिए नही करवाया क्योकि ये आर्मी मे थे कही जान ना नही चली जाये औए बेटी बिधवा ना हो जाये इसी डर से उसकी शादी कही और हो गयी । तबसे इन्होने कही की ही नही ।
भोला - हम्म्म लेकिन फिर मर्द बिना चुत के रह नही पाता
ममता - क्या पता इनका बाहर कही चलता हो पार्ट टाईम हिहिहिही
भोला - अच्छा तो इन्होने आपपर कभी ट्राई नही किया
ममता हस के - धत्त कैसी बात करते है आप
भोला उसकी चरबीदार गाड़ की फैलाता हुआ - अरे घर मे इतनी गदराआई माल हो और किसी का लन्ड खड़ा ना हो ।ऐसे कैसे ?
ममता - हा तो घर मे वही बस थोडी ना है अमन भी है तो क्या वो भी ?
अमन की बात आते भोला के जहन मे वो विचार कौधा कि अब उसे अमन वाली बात बता ही देनी चाहिए ।
ममता - क्या हुआ चुप क्यू है ?
भोला - दरअसल मुझे तुमसे कुछ बताना है ? अमन के बारे मे
ममता - हा कहिये क्या बात है
भोला - दरअसल जब मैने शाम को तुम्हे सलवार खोलकर खडी रहने को बोला था तो
ममता - हा तो
फिर भोला ना सारी बात डीटटो बता दी जिसके बाद ममता शान्त हो गयी उसके जहन मे काफी सारे बाते चल रही थी ।
भोला - देखीये इसमे उसकी कोई गलती नही है , बस हमारी नादानी थी ।
ममता - अरे आप क्यू परेशान हो रहे है , कोई बात नही हो जाता है ये सब
ममता - चलिये अब सोया जाये समय बहुत हुआ है
भोला - हा अभी नीद कहा आने वाली है , आपने निराश कर दिया
ममता बाल्किनी मे झुकती हुई अपनी गाड़ फैला दी - अच्छा ठिक है लिजिए कर लिजिए नाराज ना होवो आप
भोला की सासे चढ़ने लगी उसने अपना मुसल निकाला और थुक लगा कर नाइस ममता के बुर पर रखा था और रुक गया ।
ममता - क्या हुआ
भोला - नही ये उचित नही लग रहा है , आप बस मेरी खुशी के लिए कर रही है , इसमे आपकी मर्जी नही है । मुझे खुशी होती जब आप इसे पकड कर खुद लेती ।
ममता मुस्कुरा कर - ठिक है मै वो भी करूंगी लेकिन एक शर्त है
भोला चहका - क्या ?
ममता - आपको देवर जी के लिए कोई औरत खोजिये जो रिझाने मे माहिर हो और देवर जी उसको मना ना कर पाये । अगर आपने उनके लिए ये कर दिया तो मै खुशी खुशी आपकी हुई ।
भोला - फिर ये काम एक ही औरत कर सकती है , संगीता
ममता चौक कर - क्या दीदी ??
भोला - हा वही एक कर सकती है और मुझे यकीन है उसके आग्रह को मदन भाई नही ठुकरा पायेंगे ।
ममता - मगर क्या ये सही रहेगा , वो दोनो सगे भाई बहन है । हसी मजाक एक है लेकिन
भोला - वैसे रिश्ता तो हमारा आपका भी बहुत खास है मगर हम भी बहके ना
ममता - लेकिन क्या दीदी मानेगी इसके लिये
भोला - वो तुम मुझपे छोड दो , डील डन करे फिर
ममता हस के - ओके डन
ममता - हा और एक बात हमारी इस दोस्ती के बारे मे आप दीदी को भी नही बतायेंगे प्रोमिस
भोला - प्रोमिस , तो समुच हो जाये
ममता - हा क्यू नही हिहिहिही
फिर ममता और भोला के क़्विकी किस्स किया और ममता कपडे पहन के निकल गयी निचे ।
भोला भी अपने कमरे मे चला गया , जहा उसकी बीवी अभी तक उसके आने का वेट कर रही थी ।
जारी रहेगी