• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest आह..तनी धीरे से.....दुखाता.

xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

whether this story to be continued?

  • yes

    Votes: 52 98.1%
  • no

    Votes: 1 1.9%

  • Total voters
    53
  • Poll closed .

Lovely Anand

Love is life
1,426
6,790
159
आह ....तनी धीरे से ...दुखाता
(Exclysively for Xforum)
यह उपन्यास एक ग्रामीण युवती सुगना के जीवन के बारे में है जोअपने परिवार में पनप रहे कामुक संबंधों को रोकना तो दूर उसमें शामिल होती गई। नियति के रचे इस खेल में सुगना अपने परिवार में ही कामुक और अनुचित संबंधों को बढ़ावा देती रही, उसकी क्या मजबूरी थी? क्या उसके कदम अनुचित थे? क्या वह गलत थी? यह प्रश्न पाठक उपन्यास को पढ़कर ही बता सकते हैं। उपन्यास की शुरुआत में तत्कालीन पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सेक्स को प्रधानता दी गई है जो समय के साथ न्यायोचित तरीके से कथानक की मांग के अनुसार दर्शाया गया है।

इस उपन्यास में इंसेस्ट एक संयोग है।
अनुक्रमणिका
भाग 126 (मध्यांतर)
भाग 127 भाग 128 भाग 129 भाग 130 भाग 131 भाग 132
भाग 133 भाग 134 भाग 135 भाग 136
 
Last edited:
xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

Dkd

New Member
9
20
3
उपवास तो ढकोसला बाजी है, अंधविश्वास है, स्वतंत्रता के मामले में और विकसित होने के मामले में हमारा देश जर्मनी की पैर की धूल के बराबर भी नहीं है अभी। उसकी बराबरी करना तो भूल ही जाओ। जहां लोगो की अपासी इच्छा और रजामंदी को कानून बनाया गया है उसमे कुछ गलत नही है। बाकी हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ है इसमें कोई संदेह नहीं है। रही बात भारत में भाई बहन के संबंधों की तो जितने केस कोर्ट में भाई बहन के साथ जबरदस्ती संबंध और बाप और बेटी के बीच शारीरिक संबंध से भरे पड़े हैं दुनिया के किसी देश में इतने केस नही है। इतना नीच और गंदी सोच है भारत के लोगों में, जब रजामंदी से सम्बन्ध नही तो जबरदस्ती बनाने को आतुर हैं। इसका मतलब है की देश के बहुत लोग खुद की ही बेटी बहन से सेक्स इच्छा रखते हैं और पूरी नही होती तो जबरदस्ती बलात्कार करते हैं। हां बाप बेटी या बहन भाई के बीच अगर दोनो की रजामंदी से सम्बन्ध बनते हैं तो इसमें किसी को कोई दिक्कत नही होनी चाहिए। वैसे भी देश के 13 राज्यों में और जहां जहां भी पंजाबी, मुस्लिम, सिख, ईसाई, और साउथ इंडियन राज्यों की जातियों में और नॉर्थ ईस्ट लोगों में खुद की बुआ, चाचा, बहन की बेटी, मोसी की बेटी, मां की बहन, आदि बहनों से शादी ब्याह आम बात है और अब तो बाकी जातियों में भी ये प्रचलन फैलने लगा है। धर्मांधता और अंधविश्वास, देवी देवता आदि के चक्कर में तो देश विकसित देशों से बहुत साल पीछे है जबकि विकसित देशों से ज्यादा पैसा संसाधन हमारे देश में हैं लेकिन संस्कृति का हवाला डेकर मर रहे हैं और वैसे बहु बेटी बहन के साथ इंसेस्ट कहानी पढ़ते हो। और बात संस्कृति की कर रहे हो। ऐसी कहानी को पढ़कर तुम भी अपनी बहन के साथ वही सोच रहे होंगे जो सोनू सोचता है या मैं तो मानता हू की मेरा मेरी छोटी बहन से संबंध हैं और इसका कोई दुख भी नहीं क्योंकि रजामंदी है हम दोनों में। आप सबकी तरह चोरी छुपे उसको गंदी नजरों से देखना या खुद को सोनू की जगह रखकर खुद की बहन की कल्पना करना। ये तो नही करते।
स्वभावतः मनुष्य एक जानवर है पर अन्य जानवरों से थोड़ा बेहतर दिमाग़ होने के कारण उस ने वैज्ञानिक और तकनिकी प्रगति कर के सब को काबू कर लिया है धर्म समाज कानून मनुष्य के जानवर स्वभाव को जबरजस्ती नियंत्रित करने के लिए बनाये गए हैं पर मूल रूप से तो जानवर है ही
 
xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

Tarahb

Member
156
333
63
स्वभावतः मनुष्य एक जानवर है पर अन्य जानवरों से थोड़ा बेहतर दिमाग़ होने के कारण उस ने वैज्ञानिक और तकनिकी प्रगति कर के सब को काबू कर लिया है धर्म समाज कानून मनुष्य के जानवर स्वभाव को जबरजस्ती नियंत्रित करने के लिए बनाये गए हैं पर मूल रूप से तो जानवर है ही
इंसान कितनी भी तकनीकी तरक्की करले लेकिन आप बिल्कुल गलत हैं की सब पर काबू कर लिया है। आपकी बात से असहमत हूं। आपका मानना हो सकता है लेकिन अभी भी इंसान को पप्रकृति के आगे झुकना पड़ता था। इंसान प्रगति तो कर गया लेकिन मूर्ख भाई बना है। तकनीकी तरक्की के साथ साथ लेकर आया है अप्रत्याशित भूकंप, बाढ़, भूस्खलन और लाइलाज बीमारियां। तो आपकी बात गलत है की सब पर काबू कर लिया
 
xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

Tarahb

Member
156
333
63
इंसान कितनी भी तकनीकी तरक्की करले लेकिन आप बिल्कुल गलत हैं की सब पर काबू कर लिया है। आपकी बात से असहमत हूं। आपका मानना हो सकता है लेकिन अभी भी इंसान को पप्रकृति के आगे झुकना पड़ता था। इंसान प्रगति तो कर गया लेकिन मूर्ख भाई बना है। तकनीकी तरक्की के साथ साथ लेकर आया है अप्रत्याशित भूकंप, बाढ़, भूस्खलन और लाइलाज बीमारियां। तो आपकी बात गलत है की सब पर काबू कर लिया
इंसान तो कुत्तों से भी गया गुजरा है बॉस DK D ji
 
Last edited:
xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

Royal boy034

Member
232
671
93
जब तक सुगना कुछ समझ पाती वीर्य की मोटी धार उसके चेहरे पर आ गिरी उसने अपनी दोनों हथेलियां आगे कर वीर्य की धार को रोकने की असफल कोशिश की अगली धार ने उसकी गर्दन चुचियों को भिगो दिया.. जैसे-जैसे सोनू के वीर्य की धार कमजोर पड़ती गई सुगना की चूचियां उसका पेट और वस्ति प्रदेश सोनू के वीर्य से भीगता चला गया।

क्या अभी तक सोनु और सगुणा की नसबंदी नही हुई है। 🤔🤔🤔🤔🤔
 

Lakinder

New Member
32
79
18
आह ....तनी धीरे से ...दुखाता
(Exclysively for Xforum)
यह उपन्यास एक ग्रामीण युवती सुगना के जीवन के बारे में है जोअपने परिवार में पनप रहे कामुक संबंधों को रोकना तो दूर उसमें शामिल होती गई। नियति के रचे इस खेल में सुगना अपने परिवार में ही कामुक और अनुचित संबंधों को बढ़ावा देती रही, उसकी क्या मजबूरी थी? क्या उसके कदम अनुचित थे? क्या वह गलत थी? यह प्रश्न पाठक उपन्यास को पढ़कर ही बता सकते हैं। उपन्यास की शुरुआत में तत्कालीन पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सेक्स को प्रधानता दी गई है जो समय के साथ न्यायोचित तरीके से कथानक की मांग के अनुसार दर्शाया गया है।

इस उपन्यास में इंसेस्ट एक संयोग है।
अनुक्रमणिका
Smart-Select-20210324-171448-Chrome
 
  • Like
Reactions: Lovely Anand
xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

Lakinder

New Member
32
79
18
आह ....तनी धीरे से ...दुखाता
(Exclysively for Xforum)
यह उपन्यास एक ग्रामीण युवती सुगना के जीवन के बारे में है जोअपने परिवार में पनप रहे कामुक संबंधों को रोकना तो दूर उसमें शामिल होती गई। नियति के रचे इस खेल में सुगना अपने परिवार में ही कामुक और अनुचित संबंधों को बढ़ावा देती रही, उसकी क्या मजबूरी थी? क्या उसके कदम अनुचित थे? क्या वह गलत थी? यह प्रश्न पाठक उपन्यास को पढ़कर ही बता सकते हैं। उपन्यास की शुरुआत में तत्कालीन पाठकों की रुचि को ध्यान में रखते हुए सेक्स को प्रधानता दी गई है जो समय के साथ न्यायोचित तरीके से कथानक की मांग के अनुसार दर्शाया गया है।

इस उपन्यास में इंसेस्ट एक संयोग है।
अनुक्रमणिका
Smart-Select-20210324-171448-Chrome
लवली भैया अपडेटवा दे दिजिए। बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहल बानी।🙏🙏🙏🙏🙏
 
xforum

Welcome to xforum

Click anywhere to continue browsing...

Top