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Adultery भैरवगढ़ - कामुकता की इंतेहा

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Ayushhh

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अब तक......

करीम के लन्ड से सफेद गाढा गाढा वीर्य अब निधि के मुँह के रास्ते उसके गले के नीचे जा रहा था …… निधि अभी भी करीम को अपने से दूर धकेल रही थी मगर हर बार वो नाकाम रही थी....... काफी देर तक करीम अपनी आंखें बंद किये हुए अपना पूरा दबाव लन्ड पर डाले रहता है ......... और अपना सारा वीर्य निधि के मुह में छोडता चला जाता है ...... करीम का कुछ वीर्य निधि के मुँह में जा रहा था तो कुछ उसके होंठो के साइड से बहते हुए उसकी गर्दन के नीचे बहते हुए उसके स्तन पर आ रहा था......... जब करीम का सारा वीर्य निकल जाता है तो वो फौरन अपना लन्ड निधि के मुँह से बाहर निकालता है और अगले ही पल निधि वही जोरों से खांसती हुई लम्बी लम्बी सांसे लेने लगती हैं...इस तरह करीम का लन्ड गले में होने से उसे सांस लेने में बहुत तकलीफ हो रही थी... करीम का लन्ड बाहर आने से वो काफी राहत सी महसूस करती है.... करीम के चेहरे पर संतुष्टि से भरी हुई मुस्कान थी... ....उसके दिल की एक मुराद तो पूरी हो गई थी......... निधि उसे खा जाने वाली नजरों से घूर रही थी ... और उसका घूरना स्वाभाविक था ... करीम ने अपनी हवस के चक्कर में उसकी तकलीफ को अंधा कर दिया था .........

निधि- आप सच में बहुत बुरे हो...आपको जरा भी मेरी परवाह नहीं हैं...मेरा दम घुटने लगा था...अगर आपका वीर्य नही निकला होता तो आज तो आप मेरी जान ही ले लेते......

अब आगे.......

अपना वीर्य निधि के मुँह में निकालने के बाद करीम निधि को फौरन गोद में उठा लेता हैं और उसे बेड पर बड़े प्यार से लेटा देता हैं......अभी भी निधि के मुँह से करीम का वीर्य बाहर की और बह रहा था......उसने पहली बार किसी मर्द का वीर्य अपने मुंह में लिया था.....वैसे उसका ऐसा कोई इरादा नही था पर करीम ने उसे कोई मौका नही दिया था......अब करीम अपने हाथ निधि के बूब्स पर ले गया और उन्हें जोर जोर से मसलने लगा........निधि के निप्पल्स पूरे तने हुए थे...

इधर इतनी देर करीम का लन्ड अपने मुँह में लेने से निधि की चूत भी फिर से गीली हो चुकी थी......उसे किसी मर्द के लन्ड से चुदे हुए बहुत दिन हो चुके थे.......और अपने सामने इतना बड़ा लन्ड देखकर उससे रहा नही जा रहा था.......

निधि - प्लीज मेरी प्यास बुझाओ......मैं बहुत तड़प रही हूँ.....

करीम निधि की बातों को सुनकर धीरे से मुस्कुरा पड़ता है...

करीम - कहां प्यास लगी हैं तुझे रानी ... और तेरी प्यास मैं कैसे बुझाऊ.... जरा खुल कर तो बता.....

निधि अच्छे से समझ चुकी थी की करीम उसके मुंह से क्या सुनना चाहता है... जब उनके बीच इतना सब कुछ हो चुका था तो अब काहे की शर्म...अगले ही पल निधि धीरे से मुस्कुरा पड़ती है...

निधि- मेरी चूत के अंदर अपना ये मूसल लन्ड डालकर चुदाई करो....और अपने इस लन्ड से मेरी प्यास बुझाओ.........

करीम - मैं अपने इस लन्ड से तुझे क्यों चोदू......तू मेरी लगती क्या हैं......कोई आदमी या तो अपनी बीवी को ही चोदता हैं या फिर रंडिओ को ही चोदता हैं...... तू मेरी क्या लगती हैं....

निधि - मैं आपकी रंडी हूँ..... और आप अपने इस मूसल लन्ड से अपनी रंडी की प्यास को बुझा दीजिये.....

निधि ने शर्माते हुए कहाँ....... वो हवस के मारे अंधी हो चुकी थी.......अगले ही पल करीम फौरन निधि के लबों को बड़े प्यार से चूम लेता है ……….. अब निधि चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार थी …… एक बार फिर से उत्तेजना की वजह से उसका जिस्म थर थर कांप रहा था ....क्या होगा जब करीम का विशालकाय लन्ड उसकी नाजुक सी चूत में पूरा समायेगा... .. क्या करीम की प्यास वो शांत कर पायेगी...... कहीं वो भी उसकी बीवी की तरह उसके सामने हार तो नहीं मान लेगी...... नहीं चाहे कुछ भी हो जाए अब वो करीम को किसी बात के लिए निराश नहीं करेगी...चाहे आज उसकी चूत फटती है तो फटे...मगर वो उसको बीच मंझधार में अकेला नहीं छोडेगी...ये सब ख्याल आते ही निधि की बेचैनी फिर से बढ़ने लगती हैं ………

करीम - पर रानी अभी मैं कुछ नही कर सकता.....मेरा पानी एक बार छुट चुका हैं..... अब इसको दुबारा खड़ा होने में समय लगेगा.......अब तुझे ही इसे वापिस खड़ा करना पड़ेगा.....तेरी चूत को फाड़ने के लिए तुझे ही इसे तैयार करना होगा ......

निधि - आप ही बोलिये मैं क्या करूँ.....

करीम - तू मेरे सामने अपने नंगे शरीर की नुमाइश कर जिससे मैं उत्तेजित हो जाऊं......

करीम निधि को दिमागी तौर पर पूरा नंगा करना चाहता था......उसे बेशर्म बनाना चाहता था इसलिए ये सब कर रहा था........निधि कुछ सोचकर बेड से उठ जाती हैं और करीम के सामने जाकर खड़ी हो जाती हैं.....निधि का दिल इस वक़्त बहुत तेजी से धड़क रहा था......उसके माथे पर पसीने की बूंदे साफ झलक रही थी.......

निधि - मालिक.......प्लीज आइये और अपनी इस निधि रंडी को चोदिये.......

ये बोलते हुए निधि बहुत ही कामुक तरीके से अपने जिस्म पर हाथ घुमा रही थी.....पहले उसने अपने बालों को पकड़ कर ऊपर किया......साथ ही उसकी कमर बहुत ही कामुक तरीके से हिल रही थी.......करीम उसे देखकर उतेजित होने लगा था.....

करीम - हाँ मेरी रांड ऐसे ही......थोड़ी और नुमाइश कर......

निधि - प्लीज मुझे चोदो मेरे मालिक.....क्योंकि मैं आपकी रंडी हूँ.......

ये बोलते हुए निधि बड़े ही कामुक तरीके से अपने जिस्म को नचा रही थी......



एक नंगा खूबसूरत जिस्म उसके सामने नाच रहा था वो भी इतनी गन्दी बातें बोलते हुए......ऐसा नजारा देखकर तो किसी नपुंसक का लन्ड भी खड़ा हो सकता था.....
करीम का लन्ड भी फिर से खड़ा हो गया था......पर निधि फिर भी नही रुकी थी......वो अब पीछे घूम जाती हैं और अपनी पीठ करीम की तरफ कर देती हैं.....वो कामुक अंदाज़ में अपनी गांड को हिलाने लगती हैं और साथ में अपनी बात को भी आगे बढ़ाती हैं......



निधि - ये मेरा जिस्म आपके लिए है.....मैं आपकी रंडी हूँ......अपनी रंडी को जैसे चाहिए वैसे चोदिये......

ये बोलते हुए निधि बहुत ही सेक्सी तरीके से पीछे मुड़ कर करीम को देखती हैं......और साथ ही साथ वो अपनी गांड को भी तेजी से मटका रही थी.....

अब करीम का लन्ड फिर से उफान पर था......उसने निधि को अपने पास आने का इशारा किया और जैसे ही निधि उसके पास आई उसने उसे बेड पर गिरा दिया और खुद उसके ऊपर गिरकर उसके नाजुक होंठो को चूमने लगा साथ ही अपना एक हाथ उसके निप्पल के आस पास फिराने लगा......निधि भी अपने होंठ खोलकर उसका साथ देने लगी.....थोड़ी देर ऐसी ही एक दूसरे के होंठ चूसने के बाद वो दोनों अलग हो जाते हैं..... अब करीम निधि के पैरों के पास जाता हैं और उसकी जांघो को फैलाकर अपना लन्ड निधि की चूत पर रगड़ने लगता हैं.......अब वो वक्त आ गया था जिसका करीम को बहुत सिद्दत से इंतजार था....... जैसे ही करीम का लन्ड निधि की चूत को छूता है निधि चाह कर भी अपनी सिसकारी नहीं रोक पाती और लज्जत से एक बार फिर उसकी आँखें बंद हो जाती है.......इस वक्त उसका दिल बहुत जोरों से धड़क रहा था......... पता नहीं जब करीम का लन्ड उसकी चूत के अंदर जाएगा तब वो कैसी प्रतिक्रिया करेगी .........उसे दर्द तो बहुत होगा ....क्योंकि मोहित का लन्ड करीम के लन्ड के आधे के बराबर भी नही था ...... निधि के दिल में इस वक़्त कई तरह के सवाल उठ रहे थे ...... कभी वो अपने दिल को समझती तो कभी सारे सवालो के जवाब खुद ही ढूंढने लगती हैं... ...दिल में एक्साइटमेंट और तड़प लिए वो करीम के लन्ड का अपनी चूत के अंदर जाने का इंतजार कर रही थी...... और उसका ये इंतजार अब बहुत जल्द खत्म होने वाला था... करीम अभी भी उसके होंठो को चूसे जा रहा था.......वो बड़े गौर से निधि की आंखों में देख रहा था.......अगले ही पल करीम अपने लन्ड से निधि की चूत पर हल्का सा दबाव डालता हैं और निधि के मुँह से सिसकारी फुट पड़ती हैं....ये सिसकारी बहुत धीमी थी.....तभी करीम एक जोरदार झटका देता हैं और करीम का मोटा सूपाड़ा निधि की नाजुक सी चूत को चीरता हुआ उसके अंदर समा जाता हैं.....और निधि....आाआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईई करते हुए चिल्ला उठती हैं.....उसका चीखना स्वाभाविक था......करीम का लन्ड काफी मोटा था जिससे उसकी चूत करीब चार इंच की परिधि में फेल चुकी थी.......उसे तो एक पल ऐसा लगा की जैसे उसकी चूत पूरी फट गई हो ......... दर्द की एक तेज लहर उसके जिस्म में दौड़ पड़ी थी ......... करीम अभी भी उसके होंठो को चूमे जा रहा था मगर निधि के मुँह की सिसकारी को वो नहीं रोक सका.....तभी करीम एक और झटका देता हैं....

निधि - आआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईई" मर गयी.... प्लीज़ अपना लन्ड बाहर निकाल दो.....मैं मर जाउंगी...

करीम - तेरी चूत बहुत कसी हुई हैं साली रांड..... लगता हैं तेरा पति कभी तुझे ढंग से चोद नही पाया.....पर तू चिंता मत कर तुझे शुरू शुरू में दर्द होगा.....उसके बाद तू खुद इस लन्ड से चुदने के लिए मुझसे मिन्नते करेंगी....

ये कहते हुए करीम एक और करारा झटका निधि की चूत में देता हैं और इस बार उसका पूरा लन्ड निधि की चूत में घुस जाता हैं और निधि फिर से आआआआआआआआआआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई करते हुए चीख पड़ती हैं........

निधि - आआआआ.....करीम जी.....मैं आपके आगे हाथ जोड़ती हूँ.....अपना लन्ड मेरी चूत से बाहर निकाल दो.....मैं आपका पूरा नही ले सकूंगी.....ऐसा लग रहा हैं जैसे दर्द के मारे मेरा दम निकल जाएगा.....आपका बहुत बड़ा है.....आआआआआईयईईईईईईईईईईईईईईई

ये करीम का आखिरी धक्का था इसके बाद करीम ने निधि के होंठो को चूमना शुरू कर दिया और निधि के मुँह से उूुउउम्म्म्मममम उूुुुउउम्म्म्ममम जैसी घुटि हुई चीख आने लगी...
अब करीम ने निधि के पैरों को अपने कंधे पर एडजस्ट किया और लगातार तेजी से धक्के लगाने लगा....



हर धक्के के साथ करीम का लन्ड निधि की चूत के पूरा बाहर आकर वपिस पूरा अंदर तक समा जा रहा था.....निधि की आंखों से आंसू छलक पड़े थे....उसकी चीखे पूरी हवेली में गूंज रही थी......करीम बिना उसके दर्द की परवाह किये अपना लन्ड तेजी से उसकी चूत में पेले जा रहा था......निधि किसी बेजुबान लाश की तरह उसके नीचे पड़ी थी......करीब पाँच मिनट बाद वो अब धीरे-धीरे गरम होने लगी थी .... एक बार फिर से उसकी सांसें भारी होती जा रही थी ......... करीम बहुत आराम से अपना लन्ड आगे पीछे पीछे कर रहा था ऐसा लग रहा था जैसे उसे किसी बात की कोई जल्दी न हो ....वैसे वो बहुत मंझा हुआ खिलाड़ी था वो अच्छे से सारे स्थिति संभालना जानता था ... निधि के मुंह से भी धीरे धीरे कामुक आहे निकल रही थी......
करीम के टेनिस बॉल के आकार के आंड निधि की गांड पर लगातार थप्पड़ मार रहे थे जिससे पूरे रूम में ठप ठप ठप की आवाज़ आ रही थी.....

जैसे जैसे वक्त गुजर रहा था वैसे वैसे करीम की रफ्तार धीरे धीरे बढ़ती जा रही थी...वो कभी निधि के निपल्स को अपनी चुटकी में लेकर जोर से मसल देता तो कभी उसकी गांड पर अपना हाथ फिराता.. ....बारी बारी से वो निधि के होंठो को भी चूस रहा था...इधर निधि भी अब करीम के होंठो को अपने मुँह में लेकर उसका साथ देने लगी थी...अब उसके मुँह से सिसकारी और उसकी आहें दोनो उस कमरे में गूंज रही थी ...... कुल मिलाकर उस कमरे का माहौल काफी रंगीन हो गया था ...... करीम तुरंत निधि को अपनी बाहों में लेता है और उसे तूरंत बेड के किनारे पर सरका देता हैं…… निधि का आधा जिस्म अब बेड पर था तो बाकी का आधा जिस्म बेड से नीचे लटक रहा था.... निधि की चूत अब करीम के सामने थी ... मगर इस बीच करीम ने अपना लन्ड बाहर नहीं निकाला था ...वो फिर उसी पोजीशन में धक्के लगाने लगता हैं और निधि की चूत को तेजी से चोदने लगता है ...


एक बार फिर से निधि की सिसकारी उस हवेली में गूंज रही थी ......... करीम को इतना मजा कभी नहीं आया था....... एक तो निधि की चूत इतनी टाइट थी ऊपर से वो बिलकुल कोरी माल जैसी थी ....उसे सेक्स के बारे में ज्यादा पता भी नहीं था ......करीम ने ना जाने कितनी रंडियां चोड़ी थी मगर निधि जैसी उसे कभी कोई नहीं मिली थी...... निधि के मुँह से ऊउऊउउउ...आआहह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह..... जैसी आवाजें लगतार बाहर निकल रही थी .... अब उसकी सांसें एक बार फिर से भारी होती जा रही थी ..... अब उसे भी चुदाई के इस खेल में मजा आ रहा था...करीम अपना पूरा लन्ड बाहर की और निकाल कर पूरी ताकत से अंदर पेलता. ...हर बार निधि के मुँह से सिसकारी फुट पड़ती ... जबाब में वो करीम के हौंटों को कभी काट लेती तो कभी चूम लेती ......... अब उसकी आंखें नशीली हो चुकी थी..... .अब उसका सब्र भी टूटने लगा था..... ऐसा पहली बार था जब वो चुदाई का ऐसा मजा ले रही थी .... आज उसे पता चला था की चुदाई का असली सुख क्या होता है .... इस बीच निधि अपने चरम पर पहुँचने वाली थी ....कमरे में अभी भी फच फच की मधुर आवाजें गूंज रही थी ... करीम कुछ देर तक निधि की उसी पोजीशन में चुदाई करता है फिर वो अपना लन्ड निधि की चूत में डाले हुए ही उसे अपनी गोदी में उठा लेता हैं.....निधि भी जवाब में अपने हाथ उसके गले में डाल देती हैं और पैर उसकी कमर के इर्द गिर्द लपेट देती हैं..... करीम निधि को अपनी गोद में तेजी से ऊपर नीचे करने लगता हैं....उसका लन्ड किसी पिस्टन की तरह निधि की चूत के अंदर बाहर हो रहा था......


पूरे कमरे में फिर से निधि की कामुक आवाज़े गूंज रही थी......निधि अब झड़ने के बिल्कुल करीब थी.....

निधि - आहहह आहहह....मर गयी....कितना बड़ा है यहहहह
.....हाँ ऐसे ही चोदिये.....और जोर से.....फाड़ दीजिये मेरी चूत.....आहहहह

करीम थोड़ी देर ऐसे ही चोदने के बाद निधि को अपनी गोद से उतार देता हैं और उसके पीछे आ जाता हैं....

करीम खड़े खड़े ही पीछे से निधि की चूत में अपना लन्ड डाल देता हैं और उसे चोदने लगता हैं.....रूम का दृश्य ऐसा था कि करीम ने निधि के दोनो हाथ पीछे से पकड़ लिए और खड़े खड़े ही तेजी से धक्के लगाने लगा.....


करीम का काला लन्ड किसी नाग की तरह निधि की चूत के अंदर बाहर हो रहा था और निधि के मुँह से लगातार आअहह एयाया एयाया एयाया आआ की आवाज़े आ रही थी....करीम धीरे धीरे राक्षस बनता जा रहा था.....पूरे कमरे मे फच फच फच की आवाज़े गूँज रही थी........करीम बड़े दम से निधि को चोद रहा था......करीम ने एक हाथ से निधि का गला पकड़ रखा था और बीच बीच मे कभी मुँह पे थप्पड़ मार देता तो कभी गांड पे जिससे निधि को बार बार दर्द का सामना करना पड़ रहा था.....


.लेकिन निधि कर भी क्या सकती थी.....उसने पूरी तरह अपने आप को करीम को सौंप दिया था.....

करीम बस निधि का मर्दन किए जा रहा था.....पूरे कमरे मे करीम के निधि की चूत पे पड़ रहे धक्को की आवाज़ और करीम द्वारा निधि के शरीर पे मारे जा रहे थप्पड़ की आवाज़े आ रही थी......

पूरे कमरे मे थप थप ठप चट्टाक ठप थप थप चट्टाकक थप थप चटाक़ की आवाज़ें आ रही थी...... निधि का शरीर करीम के थप्पड़ो से लाल पड़ गया था और निधि के से एयेए एयाया आआ एयेए आऐईयईईईईईईई एयाया एयाया आाऐययईई की आवाज़े आ रही थी.....

करीम ने एक हाथ से निधि का मुँह भी बंद कर दिया था और अपने धक्के और गहरे मारने लगा...... निधि बेचारी की इतनी जबरदस्त चुदाई शायद कभी जिंदगी मे नही हुई थी....निधि का चेहरा लाल पड़ गया.....

निधि की आँखो से आँसू लगातार बह रहे थे और करीम उसकी चूत का कचूमर निकाल रहा था और साथ मे कभी मुँह पे थप्पड़ मार रहा था तो कभी बूब्स पे या कभी गान्ड पे....

थोड़े देर बाद आखिरकार करीम का सब्र भी टूट जाता है और वो तूरंत निधि को बेड पर पटक देता है और वहां उसके ऊपर चढ़कर अपना लन्ड तेजी से आगे पीछे करने लगता है...


और उसके झटके काफी तेज थे ....तभी वो आआहहहहह करते हुए वही निधि को कसकर अपनी बाहों में भर देता है और अपना सारा वीर्य निधि की चूत की गहराई में उतारता चला जाता है …..वहीं दूसरी तरफ निधि भी आआआह.......गईईईई.... करते हुए किसी लाश की तरह बिलकुल ठंडी पड़ जाती है ...... इतने बड़े तूफान के बाद अब उस कमरे में एक बार पूरी तरह से खामोशी फेल गई थी ...दोनो इस वक़्त पसीने से बुरी तरह भीगे हुए थे...दोनो की सांसें बहुत जोरों से चल रही थी ...............

इस वक़्त ना ही करीम को कोई सुध थी और ना ही निधि को ..... कुछ देर बाद करीम अपनी जगह से उठता है और फिर से झुक कर निधि की चूत के पास अपना चेहरा ले जाता है.. .....निधि की चूत से अभी भी करीम का वीर्य बाहर की और बह रहा था जो अब धीरे धीरे उस बेड को भीगो रहा था .........करीम बड़े गौर से निधि की चूत से बहते अपने वीर्य को देख रहा था...उसकी चूत पूरी तरह से सूज कर लाल हो चुकी थी...इतनी दमदार चुदाई की वजह से निधि की चूत काफी सूजी हुई लग रही थी ……करीम फौरन अपनी उंगली निधि की चूत में डालता हैं और निधि की चूत से बहता हुआ वीर्य अपनी उंगली पर लेट है.....निधि जो अब तक अपनी आंखें बंद की हुई थी अचानक करीम की इस हरकत पर अपनी आंखें झट से खोलती हैं और एक टुक करीम के चेहरे की तरफ देखने लगती हैं...करीम उस उंगली को निधि के मुँह के पास लाता हैं और उसके होंठो पर दबाव बनाता हैं.... निधि भी करीम की आंखों में देखते हुए हौले से अपने लब खोल देती हैं और उंगली पर लगा हुआ वीर्य चाटने लगती हैं.... ये देखकर करीम के चेहरे पर वही भद्दी सी हँसी आ जाती हैं.....

निधि - सच में आप बहुत गन्दे हो....क्या इस तरह से भी कोई सेक्स करता हैं क्या.....

करीम - मैं तो ऐसा ही हूँ मेरी रानी.....तुझे अच्छा नही लगा क्या......अगर ऐसी बात है तो मैं आगे से तेरे साथ ये सब नही करूँगा......

निधि - मैने ऐसा थोड़ी कहाँ.....आपने तो मेरी चूत पूरी तरह से फाड़ कर रख दी.....भला ऐसी भी कोई चुदाई करता है क्या कोई किसी के साथ....अब मैं मोहित को क्या जवाब दूँगी....
आपने तो मेरी चूत पूरी तरह से चौड़ी कर दी हैं....

करीम - सुन रांड..... आज से तेरी चूत पर सिर्फ मेरा अधिकार हैं..... अगर तूने मेरे अलावा किसी से चुदाई की तो फिर देख मैं तेरा क्या हाल करता हूँ.....

इसके बाद करीम फौरन निधि से दूर हटता हैं और अपने कपड़े पहनने लगता हैं.....

निधि - क्या हुआ......कहाँ जा रहे हो.....

करीम - सिर्फ चुदाई से ही काम नही चलता मेरी जान.....मुझे और भी बहुत काम हैं.... पर तू चिंता मत कर मैं कल फिर से आऊंगा.....और तेरी जमकर चुदाई करूँगा.....

फिर करीम वहाँ से चला जाता हैं.....
 
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Ahhh.. ek sanskari gahrelu aurat aur ek safed topi wale bhude mard ki kahani ... Mazaa aa gaya ..
Aisa kar duo ki nidhi kahna banye aur Kareem uske bisatar par soye.. nukarni ki chutii kar duo ghar ka sara kaam nidhi kare ... Aur rat bhar chude.
 

Aaryapatel

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Bhai nidhi ko torture karo ....full dominant karwao....maza aayega

22601362 21298315
Or nidhi ko nanga karke pure haweli me kutiya ki tarah ghumao....

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Ayushhh

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