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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

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komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २४५ , गीता और गाजर वाला, पृष्ठ १५२४

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komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग ७२

थोड़ा सा फ्लैशबैक









चीनू के भाई, मेरी बड़ी मौसी के लड़के की शादी,... क्या खूब मस्ती हुयी थी , क्या क्या नहीं हुआ ( सिवाय 'उसको' छोड़ के ),



मैं उस समय तक इनके मायके में ही थी और अपने जॉब पर चले गए थे, मैंने बहुत कहा पर जेठानी मेरी, नहीं नहीं कुछ दिन तो ससुराल में रहो,... मन इनका भी बहुत कर रहा था पर अपनी भाभी के आगे एकदम भीगी बिल्ली बन जाते थे, उन्होंने बचपन से सीखा था , ' सेक्स बुरा है ' ' पत्नी के बारे में बड़ों से बात करना बुरा है' ,... रात में कमरे में तो मेरी बात करते लेकिन दिन में अपनी भाभी के आगे, ... और उनके जाने के बाद तो और घुटन, सुबह से रात तक,... न कोई बात करने वाला,... और जेठानी खुद तो बोलती हीं, मेरी सास को चढाती, वही सिंगल प्वाइंट प्रोग्राम , मेरी मम्मी की बुराई,... और ये सब क्यों था बाद में पता चला,... खैर मैं अपनी सास को पटा के कुछ दिन के लिए मम्मी के पास,... और वहीँ पता चला की चीनू के भाई की शादी हो रही है तो , ... कमल जीजू से मेरी मुलाक़ात उनकी शादी में ही हो गयी थी और जीजू साली वाली पक्की दोस्ती भी ,बताया तो था सब आपको,...



रीनू की शादी में मैं नहीं जा पायी थी , .. वही जेठानी का चक्कर, उनके किसी दूर के रिश्तेदार, एक कोई भाई लगते थे उसकी कोई बहन लगती थी , उसकी शादी में जेठानी जी का जाना बहुत जरूरी था , इसलिए,...



और जैसे मैं ही पहुंची चीनू के यहाँ, ... जबरदस्त स्वागत, गारियों से , छन्दा भाभी , चीनू की एक नाउन की बहु थी बसंती , चीनू की शादी में एकदम मेरे पीछे लेकिन बारातियों के सामने खूब उसने 'असली ' वाली गारियाँ , और भी रिश्ते की आधी दर्जन से ऊपर भाभियाँ , चीनू की शादी में सबसे अच्छी तरह ननद भाभी का रिश्ता कायम हो गया था ,



" ननदी रानी का स्वागत करते बारम्बार , ननदी रानी क्यों हैं मुंह लटकाएं



यार नहीं मिले क्या दो चार,... "



छन्दा भाभी ने कस के मुझे बाहों में भीचा और आँचल के अंदर हाथ डाल के सीधे मेरे उभारों को दबाते मसलते बोलीं ,

" अरे मायके आयी हैं यारों की कौन कमी , कित्ते बचपन के यार होंगे कितने नए जवान हो गए होंगे "




मैं क्यों छोड़ती अपने उभारों से उनके ३६ डी उभारों को दबाते चिढ़ाते बोली ,



" अरे नहीं भाभी , आपका घाटा हो जायेगा,... "



तबतक नीता भाभी ने टुकड़ा लगाया, उनका मायका बगल के मोहल्ले में ही था ,



" अरे बिन्नो दो चार से तेरा क्या होगा , अभी अपने मायके से फोन करके आधे दर्जन बुलवाती हूँ न, आगे से तोहार भैया , पीछे से हमार भैया,... "





मैं दुलारी से गले मिली तो मुझे उसकी हरकत मालूम थी , उसके पहले ही मैंने उसके ब्लाउज में सेंध लगायी और कस के दबाते हुए भौजी को छेड़ा,



" हे मरद तो तोहार सात महीना से पंजाब गया है कैसे दबवाय दबवाय के जोबन इतना डबल हो गया "

" अपने नन्दोई से , पूरा मोहल्ला तो ननदन क यार हो तो कुल तो हमार ननदोई लगीहें न ,... चला आज गाना में तोहार पेटीकोट खोलब , भाई का बियाह हो जबतक बहिन क नंगे न नचाइ जाए ,... "



चीनू तो थी लेकिन कमल जीजू कल आने वाले थे , शादी से दो दिन पहले , और रीनू और अजय जीजू भी अगले दिन ही। चीनू कुछ काम वाम में बिजी थी और वैसे भी वो थोड़ी सीरियस टाइप की थी , इसलिए भाभियाँ उसे इतना ज्यादा नहीं छेड़ती थी , और रात में गाने में , बरामदे में पर्दा लगा दिया जाता था , खाना खाने के बाद , मर्द सब सोने चले जाते थे , फिर चालू होता था,... और मैं अकेली ननद थी , इसलिए गाने में उस दिन मेरी रगड़ाई भी खूब हुयी ,



दो चार गाने सादी के उसके बाद गारियाँ , फिर एक दो काम वाली कोई उठ जाती थीं नाचने , और नाच के एकदम सेक्स एजुकेशन का क्लास



एक दूसरे की कमर पकड़ के वो धक्के मारती थीं की मर्द हार मान जाये,



तुम प्यारे कुत्ता , मैं प्यारी कुतिया



कातिक में मिलेंगे दोनों जने, ....



सब मेरे पीछे पड़ीं तो नाचने मैं भी खड़ी हुयी , और मैं जानती थी असली चक्कर ,



बंसती और छन्दा भाभी मेरा पेटीकोट उठाने के चक्कर में थी, और उठा भी दिया मैं बची लेकिन 'झलक' तो दिख ही गयी,



और बचा खुचा रात में सोते समय, .. छन्दा भाभी मेरे बगल में , फिर बसंती भी आ गयी, ... और एक और ,...



शादी के घर में सब लड़कियां औरतें , ननद भाभियाँ एक साथ, बड़ी बड़ी रजाइयां और एक रजाई से दूसरी में जाने में कोई पासपोर्ट वीसा नहीं लगता था,



" बिन्नो तेरा मर्द तो साथ आया नहीं चल आज भाभियों से ही मरद का काम चला ले, ... "



चीनू की शादी में मैं खूब मजे ले चुकी थी, और जानती थी भाभियों से पार पाना मुश्किल है, ...



और उस मस्ती में ही छन्दा भाभी ने मुझे असली काम सौंप दिया , कल नन्दोई आएंगे न तेरे कमल जीजू , तो हल्दी की रस्म में उनकी अच्छी तरह से हल्दी लगाने की जिम्मेदारी तेरी है , तू छोटी साली है ,



बगल की रजाई से एक और भाभी बोलीं ,



" हर जगह मतलब, हर जगह कोई जगह बचनी नहीं चाहिए "



" एकदम नहीं भाभी , आप लोगों की ननद हूँ , उस जगह तो सबसे ज्यादा लगेगी,... "

हँसते हुए मैं छन्दा भाभी को अपने ऊपर से हटाते बोली।

 
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komaalrani

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हल्दी







बगल की रजाई से एक और भाभी बोलीं ,



" हर जगह मतलब, हर जगह कोई जगह बचनी नहीं चाहिए "



" एकदम नहीं भाभी , आप लोगों की ननद हूँ , उस जगह तो सबसे ज्यादा लगेगी,... " हँसते हुए मैं छन्दा भाभी को अपने ऊपर से हटाते बोली।



सुबह उठकर मैं अच्छे से तैयार हुयी, आज दिन भर सब रस्म रिवाज, और कमल जीजू भी आज आने वाले थे, मुझे मालूम था गदराये जुबना के वो कितने दीवाने हैं , तो बस एकदम उन्हें कतल करने के लिए,



एकदम टाइट बैकलेस, स्ट्रिंग चोली, आगे से भी लो कट, नाभि दर्शना आलमोस्ट पारदर्शी कूल्हे पर बाँधी साडी, डार्क रेड लिपस्टिक, खुले बाल, ...




और उनके आते ही , साली सलहज, ... लेकिन जैसे मेरा स्वागत गारी से भाभियों ने किया था , जीजू का स्वागत छोटी साली ने,



आने को आदर ,



बैठन को कुरसी ,



खाने को खाना ,



पीने को पानी , अरे संग सोने को ,



अरे संग सोवन को मजा लेवन को टांग उठाने को , जीजू की बहना राजी रे...




पर कमल जीजू इत्ती आसानी से छोड़ने वाले थे, मेरे गाल से गाल रगड़ते हुए मेरे कानों पर होंठ लगाकर बोले,



" क्यों साली नहीं राजी है ?"



और मैंने जवान एकदम साली वाले अंदाज में दिया, उन्हें अपनी बाहों में भर के अपने जुबना को कस के उनकी छाती पर रगड़ दिया, और जवाब उन्होंने खूंटे को मेरी जाँघों के बीच रगड़ के दिया,



बदमाशी की शुरआत भी कमल जीजू ने ही की, ... मेरी बैकलेस चोली से मेरी गोरी गोरी पीठ उन्हें ललचा रही थी,... चुपके से मेरे पीछे आके उन्होंने मेरी पीठ पर उन्होंने ऊँगली से कुछ लिख दिया , और मुझसे पूछा,



" बोल, मैंने क्या लिखा है, ...."



और मैं बोलते बोलते रह गयी, वहीँ मेरी भाभियाँ छोटी बहने , मौसियां सब लोग थे ,... मेरा चेहरा लाल हो गया,



उन्होंने लिखा था,



फक मी,...



लेकिन मैं हार मानने वाली नहीं थी मैंने उन्हें चिढ़ाते बोला, जीजू बात आपने पूरी नहीं लिखी, ...उसके आगे के शब्द आपने छोड़ दिए ," हार्ड एंड नाऊ "




दिन भर छेड़ छाड़, आते जाते कभी वो नितम्बो पर चिकोटी काट लेते तो कभी उभारों पर,... और एक बार तो उन्होंने, भीड़ थी, वो मेरे पीछे ठीक सट के , मैंने किसी काम के लिए हाथ ऊपर किया , तो पीछे से एकदम चोली के ऊपर से हाथ लगा के कस के दबा दिया,



मैं क्यों पीछे रहती, मैंने भी अपने बड़े बड़े चूतड़ों से कस के उनके खूंटे को रगड़ दिया,...



और पूरा बदला लिया हल्दी के समय, कल तो भाभियों का पलड़ा भारी थी, लेकिन आज मैंने भी, चीनू सहेलियां, उनकी छोटी बहनें, मोहल्ले की लड़कियां, और नाउँन की बिटिया भी आपने मायके से आ गयी थी, मेरी ही समौरिया , तो आज मुकाबला बराबर का था,



लेकिन दूल्हे को हल्दी लगाते, चुमावन के समय एक बार सब भाभियाँ मेरे पीछे,



चूमे वाली दीदी , अंचरा लहरावें ,



अंचरा लहरावें, जोबना झलकावें,... और एक ने मेरा आँचल गिरा भी भी दिया और चिढ़ाते बोली अरे पूरा मोहल्ले के जोबना दिखा रही हो अपने भैया को भी देखा दो ,



लेकिन असली मजा आया हल्दी लगाते समय, भाभियाँ देवरों के पीछे पड़ी थी और मैं जिसे ढूंढ रही थी , वो गायब और आये भी कमल जीजू तो एकदम मलमल का कुरता पहन के , और उनकी सास ही बोलने लगी , अरे इतना महंगा कुरता है खराब हो जाएगा, खाली सगुन के लिए ,...



मुझसे नहीं रहा गया बोल पड़ी , तो उतार दें न ,...



एकदम उनकी सलहजें बोल पड़ीं और जीजू के सामने ननद भाभियाँ एक हो जाती थीं , जबतक वो समझे दो चार सलहजो ने मिल के कुरता उतार दिया और पाजामे के पीछे पड़ गयीं ,



बेचारे बच के भागे दरवाजे की ओर,



और मुझे मालूम था , मैं वहां पहले से दोनों हाथों में हल्दी लगाए तैयार खड़ी थी , बस मैंने जैसे स्लिप में कैच हो जाए उन्हें दबोच लिया ,



पहले बनियाइन फिर दोनों गालों पर ,



भाभियाँ ललकार रही थीं मुझे,



" अरे बिन्नो , असली जगह लगाओ , छोटी साली हो, ... "और छन्दा भाभी ने एकदम से चैलेंज कर दिया ,



" हल्दी लगाने में तेरी फट रही है, तो,... "



और मैंने पाजामे के अंदर हाथ डाल दिया ,...



उफ़, कित्ता मोटा , मुश्किल से मुट्ठी में समा रहा था , पर उस समय तो मैं मस्ती के मूड में थी , जमकर पकड़ा भी रगड़ा मसला भी , और मेरा साथ देने मेरे फेवरिट भौजाई वही नाउन की बहू , आखिर उसके भी तो ननदोई थे ,



साली सलहज ने बाँट लिया , अगवाड़ा मेरे जिम्मे , पिछवाड़ा उनकी सलहज के जिम्मे,...



और शाम को अजय जीजू आये तो बची खुची हल्दी उनके हिस्से ,... खूब मस्ती हुयी,... शादी का घर कोई रोक टोक नहीं ,...



शादी में , रिसेप्शन में और जब नयी बहु सुहागरात के लिए जाने वाली थी उस समय तो एकदम ,
 
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Anish sinha

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कुवारी सालियो के साथ छान्दा भाभी बसंती भी नंदोई कि लेना चाहती है तो दे दीजिए सभी भाभिया भी खुश हो जयेंगी शादी मे और साली भी
 
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komaalrani

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मस्त अपडेट है लेकिन शादी किसकि है नाहीं बताया

अरे बताया तो था, जहाँ जोरू का गुलाम भाग ७२ लिखा है बस उसी के नीचे

:चीनू के भाई, मेरी बड़ी मौसी के लड़के की शादी,... क्या खूब मस्ती हुयी थी , क्या क्या नहीं हुआ ( सिवाय 'उसको' छोड़ के ),
 
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komaalrani

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कुवारी सालियो के साथ छान्दा भाभी बसंती भी नंदोई कि लेना चाहती है तो दे दीजिए सभी भाभिया भी खुश हो जयेंगी शादी मे और साली भी


एकदम सही कहा आपने, साली और सलहज का बराबर का हक़ होता है ,
 

komaalrani

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लेकिन




शादी में , रिसेप्शन में और जब नयी बहु सुहागरात के लिए जाने वाली थी उस समय तो एकदम ,
ये आने वाले थे , लेकिन इनकी ट्रेन छूट गयी और अब मेरी दोनों बहने मेरे पीछे पड़ी थीं
" तेरा वाला नहीं आया न चल आज तेरे दोनों जीजू मिल के तेरी सैंडविच बनाएंगे "




……

मुझे वो दिन याद आ रहा था , किस तरह से पेश आये थे मेरे साथ , क्या क्या नहीं बोला नहीं था उन्होंने ,



और बिना बोले भी जिस तरह से वो देख रहे थे हम लोगों को , ...

सब को बहुत बुरा लगा था उनका तरीका , ... जीजू लोगों को , रीनू चीनू , मेरी मौसी लोगों को , ... बोला किसी ने कुछ नहीं था , ... लेकिन

मैं तो सब समझ रही थी , गलती इनकी नहीं थी , इनकी माँ बहन भौजाई सब की , वही इन्हे चढ़ा चढ़ा कर , ...

तभी मैंने तय कर लिया था उन सब को , उन की ममेरी बहन , मेरी जेठानी सास सब को ,


लेकिन उस के पहले इनका बदलना जरूरी था , ... ये सब इनके बदलने के पहले की बात थी , ..बताया था आप को , ...

आखिर जीजा साली में , नन्दोई सलहज में ,...और फिर शादी बियाह में तो और ज्यादा मस्ती होती है , बस उस दिन चीनू के भाई की शादी में , दुल्हन आयी थी और बस थोड़ी देर बाद हम ननदें उसे सुहागरात के लिए कमरे में पहुंचा कर ,.. इनका मेसेज आया था ये नहीं पाएंगे , एक दो दिन बाद आएंगे ,...


बस मेरी कमीनी दोनों बहनों ने प्लान बना लिया , एक कमरे में जहाँ हमारी भाभी सील टूटेगी ,
उसी के बगल के सटे हुए कमरे में , मेरे ऊपर मेरे दोनों जीजू , मेरी सैंडविच बनेगी ,


हम तीनो बहने और दोनों जीजू ,...

जब वो आये तो ग्रुप सूटिंग हो रही थी ,और शादी वादी में तो सालियाँ खुद जीजू के गोदी में बैठ के फोटो खिंचवाती है ,और जीजू लोग भी थोड़ा बहुत इधर उधर छोटे हैं दबाते मस्ती करते हैं , फिर कहाँ मिलना होता है , ...और मेरे दोनों जीजू बहुत रसीले हैं , और मैं भी छोटी साली होने के नाते , ...

बचपन से मेरी दोनों बहने ही नहीं मौसियां भी चिढ़ाती थीं , कोमल तेरे ऊपर तो चीनू रीनू के मर्द पहले चढ़ेंगे , छोटी साली हो ,... मम्मी भी मेरी तीन बहनों में सबसे छोटी थी , और वो मेरी हिम्मत बढ़ाती थीं , ... तो क्या हुआ सबसे छोटी साली होने का फायदा है ये मर्द का इंतजार नहीं करना पड़ेगा , लेकिन सबसे पहले मेरी ही शादी हुयी , ...

तो उस दिन ग्रुप फोटो में मैं दोनों जीजू के गोद में बैठी थी ,


बगल में मेरी दोनों दुष्ट कमीनी बहनें , दोनों ने मेरा हाथ पकड़ के अपने अपने जीजू के खूंटे पर रख दिया था , ...

मैं क्यों छोड़ती , मैंने भी उन दोनों को दिखाते दबोच लिया , दोनों जीजू ने पहले ही ,...मैं एक बहुत छोटी बैकलेस , सिर्फ एक स्ट्रिंग से बंधी कच्छी चोली पहने थी , ...पीछे से मेरी भाभियाँ एक ने कमल जीजू का हाथ उठा के मेरे चोली के ऊपर और जीजू क्यों मौका छोड़ते उन्होंने हाथ अंदर , ..

और अजय ने पेट पर से सेंध लगा रखी थी , भाभियाँ , ननद को छेड़ने का कोई मौका नहीं छोड़तीं और यहाँ नन्दोई भी अपनी सलहज के साथ मिल कर छोटी साली की , ... पीछे से संध्या भाभी ने मेरी स्ट्रिंग चोली की डोरी खोल दी ,बस अब तो कोई रोक टोक नहीं बची थी , और कच्छी चोली के साथ ब्रा पहनने का मतलब नहीं था , बस अब मेरे दोनों जोबन एकदम खुल के मेरे दोनों जीजू के हाथ , ... मुझे भी मजा आ रहा था , ... ऊपर से भाभियाँ फोटोग्राफर को चढ़ा रही थीं क्लोज अप लेने को , ... और मधु भाभी तो ओर जो थोड़ी बहुत चोली देह के सहारे टंगी थी , वो भी सरका दिया ,



मेरे दोनों हाथ भी मेरे जीजू की दो सलहजों ने पकड़ रखा था , और वैसे भी हाथ से मैंने दोनों जीजू के जींस फाड़ते फनफनाये खूंटे पकड़ रखे थे , .... दोनों कबूतर तो जीजू लोगों के हाथ में थे ही बीच बीच में दोनों जीजू मेरे गाल का भी रस ,...

लेकिन उसी समय , ...

वो आगये , ... और फिर तो जिस तरह से वो देख रहे थे ,... हम लोग झट से अलग हो गए ,... और उन्होंने जिद पकड़ ली की मैं तुरंत ऊके पास वापस चलूँ , ... मेरी दोनों मौसियों ने भी बहुत समझाया , सालियों ने भी लेकिन वो ,...

और उसके बाद भी उन्होंने मुझे क्या क्या नहीं कहा ,... मैं तो समझ रही थी ये , ये नहीं बोल रहे हैं , इनकी माँ भाभी बोल रही हैं , पर जिसे ये न मालूम हो ,.. बाद में मुझे अंदाज लग गया था, चलने के पहले ही की कमल जीजू एकदम अलफ , ... इतने खुशमिज़ाज वो , ... लेकिन उनकी जगह कोई भी वो सब बातें अगर सुनता



मैं इनके साथ नीचे उतर आयी , .... पर मुझे लगा की अगर जीजू लोगों से बिना मिले मैं गयी तो हमेशा के लिए , ...और मैंने इनसे बहाना बनाया की मेरा मोबाइल ऊपर ही रह गया है , और जब तक ये कुछ बोलेन मैं धड़ धड़ सीढी से ऊपर
 

komaalrani

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मान मनुहार










कमल जीजू , अजय जीजू और रीनू उसी कमरे में बैठे थे , जहां मेरी , ... और सब एकदम चुप , मुझे देख कर भी कोई कुछ नहीं बोला ,

"जीजू , सॉरी " खूब चेहरा बनाकर दोनों कान मैंने पकड़ लिए और कमल जीजू के सामने उदास खड़ी हो गयी ,

कुछ देर तक तो कमल जीजू सीरियस रहे , लेकिन अंत में उनके चेहरे पर मुस्कान फ़ैल गयी , और मुझे हड़काते बोले ,

" स्साली , क्या तय हुआ था "


उनकी शादी में ही एक बार जीजू ने मेरी चोली में हाथ डाल दिया था
और मैंने घूर के देखा तो उनके मुंह से 'सॉरी ' निकल गया बस उसी समय मैंने उन्हें हड़का लिया था ,

ये कह के जीजू साली में 'सॉरी ' नहीं बोलते।

बस उनका ये याद दिलाना काफी था और मैं सीधे उनकी गोद में बैठ गयी और उन्हें मनाने का जो तरीका था एक चुम्मी सीधे लिप पर और उनके हाथ जसिके पीछे पहले दिन से वो दीवाने थे ,

मेरे जोबन पर , ...


" आप गुस्सा हो न " मैंने पूछा ,

हूँ , लेकिन तुमसे नहीं , ... " उन्होंने कबूला।

"चलो मेरा प्रॉमिस , आज नहीं हुआ तो क्या , सैंडविच बनेगी मेरी आप दोनों जीजू से , ... पक्का , एकदम। .. "

मैंने प्रॉमिस किया , ...

" और वो ,... "
अबकी अजय जीजू बोले ,

" उन्ही के सामने " ...

मैंने साफ़ साफ़ बता दिया ,...



" आज तेरी गांड बच गयी , फिर ,... अगर कही वो ,... "

कमल जीजू ने अपना शक बता दिया

" अरे जीजू , आप उसकी गांड पहले मार लीजियेगा , सिम्पल "


मैंने उपाय बता दिया , ... और आगे समझा भी दिया ,

" मुझे मालूम है आपकी पसंद , अगर एक बार उसकी गाँड़ मार लीजियेगा , फिर तो किसी की गांड मारिएगा वो बीच में नहीं आएंगे , ... "



मैंने फिर बोला ,

और मेरी बहन रीनू भी साथ में आ गयी।

" एकदम जीजू , निहराऊंगी मैं " वो बोली



" और पकड़ कर सटाउंगी मैं , बस धक्का आपको मारना होगा , वो भी बिना तेल के ,... " मैंने और बात बढ़ाई। "



देखा है मेरा , बिना तेल के , ... फट जाएगा उसका "

अब जीजू थोड़ा मुस्कराये।

" अरे ये कौन सी बड़ी बात है , अभी खोल के देख लेती हूँ , "


उनकी जींस के ऊपर से कितनी बार दबा के , पकड़ के मसल के देख चुकी थी ,

तो आज मैंने ज़िप खोल कर बाहर निकाल लिया पकड़ भी लिया ,


जी एकदम धक्क से रह गया , खूब मोटा , मेरी कलाई में समा नहीं रहा था ,



जब की अभी वो मोटू सो रहा था , अगर ये न आये होता तो ये मोटू इस समय मेरे पिछवाड़े घुस रहा होता ,

" ठीक है चलो जीजू , थूक मैं लगा दूंगी , एकदम आर्गेनिक ,.. आपके भी उनके भी , "

रीनू ने रास्ता निकाला।


" और फट जायेगा तो फट जाएगा , ... मैं तो चाहती यहीं हूँ जीजू एक बार आप हचक के फाड़ दीजिये , फिर आप जित्ती बार जैसे , जैसे सैंडविच बनायें , .. उनके सामने, आपकी स्साली भागेगी नहीं , ... लेकिन अच्छी तरह से फाड़ियेगा , तीन दिन तक टांग फैला के चले ,... " मैं मुठियाते बोली ,

" एकदम कोमल सही कह रही है , फिर उसके बाद हम साली जिज्जा का प्रोग्राम कभी कोई भड़भंग नहीं करेगा , .... "

रीनू ने बोला।



तब तक तीन बार ये नीचे से गुहार लगा चुके थे ,

हाँ घर लौटने लौटने पर उन्हें अंदाज लगा गया था उन्होंने जो किया वो ठीक नहीं किया और फायदा मेरा हुआ , ...


मेरी जेठानी के लाख कोशिश करने पर भी मैं इनके साथ इनकी पोस्टिंग पर चली आयी ,

और उस के बाद क्या हुआ , कैसे ये बदले ये तो आपने शुरू से देखा ही ,

मुझे उस समय अंदाज तो लग गया था लेकिन बाद में पता चला सारी करतूत मेरी जेठानी की थी ,

उनका एक बड़ा प्लान फेल हो गया था , इसलिए सारी कुढ़न गुस्सा मेरे ऊपर,

वो चाहती थी मैं इनके मायके में रहूं , उनकी सेवा करूँ और सबसे ज्यादा उन्हें मौका मिले मुझे जलाने का , मेरी औकात दिखाने का,
जबसे उन्हें पता चला था की मैं अपने मौसेरे भाई की शादी में गयी हूँ, बस पहले तो मेरी सास को चढाती रहीं,



" झूठी उसकी माँ, यहाँ से मायके के लिए कह के गयी थीं, और,... मुझे मालूम नहीं वहां क्या मस्ती हो रही होगी , अरे उसे बुलाना था , उनकी मौसी को आपसे मुझसे बात करना चाहिए था, पूछना चाहिए था, ...अब शादी हो गयी है , वो इस घर की बहु है , लेकिन नहीं,... और फिर अगर जाना भी था तो यहाँ आके , एकाध दिन के लिए , ये क्या,... "

और उसके बाद अपने देवर के पीछे ,... और साथ में एक उन्होंने कुछ पूजा की एक नयी कहानी शुरू कर दी , जिस दिन रिसेप्शन था उसके ठीक अगले दिन,...
हर दो घंटे पर फोन घुमाती कहतीं तू तो एकदम जोरू का गुलाम हो गया है , हम लोगों को भूल गया है , कल अगर तुम दोनों पूजा में नहीं आये, संस्कार इस घर का और न जाने क्या , क्या ,...

इसलिए वो इतने अलफ़ थे

लेकिन जेठानी नहीं जानती थी किससे पाला पड़ा है , कोमलिया से ,...

मैंने उनका पैर छुआ गलती मानी , लेकिन इन्हे पटाया की मैं आपके साथ चलूंगी ,... ( मन तो इनका भी करता था, रोज खूंटा तंग करता था और इधर उधर मुंह मारने की न इनकी आदत थी न हिम्मत , नथ इनकी मैंने ही उतारी थी। )
सबसे अच्छी बात मेरी सास ने मेरा साथ दिया , और मैं इनके साथ आ गयी ,...



उसके बाद बाद क्या हुआ ये सब तो आप पढ़ ही चुके हैं ,


;;;;;;
 
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