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Incest घरेलू जब रंडी बनी ( no pakkau only Vasna )

Tumhari mummy

Shobna kashyap
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1,972
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अब तक आपने मेरी इस चुदाई की कहानी में पढ़ा था कि काका मोना की चुत चोद रहे थे और मोना झड़ चुकी थी। लेकिन काका का लंड अभी भी पूरी मस्ती से चुत के चिथड़े उड़ाने में लगा हुआ था।
अब आगे..

काका स्पीड से मोना की चुत में लंड के झटके मार रहे थे। अब मोना भी वापस गर्म हो गई और गांड को उछाल-उछाल के काका का साथ देने लगी। काका ने मोना को घोड़ी बना कर चोदना शुरू किया। अब हर झटके के साथ मोना की आह.. निकाल रही थी।

दस मिनट ऐसे ही गुजर गए अब काका का लावा किसी भी पल फूटने वाला था, वो और ज़्यादा स्पीड से चोदने लग गए थे।
मोना- आह.. आ काका उफ़फ्फ़ आज तो जिंदगी का आह.. आ असली मज़ा आ गया आह.. और जोर से आह.. मैं गई आह.. काका आह.. उईईइ आह।
काका- उम्म्ह… अहह… हय… याह… ले रांड आह.. मेरा भी आह.. निकलने वाला है आह.. अफ..

चुदाई का तूफान अपने चरम पे था काका के मूसल ने लावा बरसाना शुरू कर दिया। उसकी गर्म धार मोना की चुत को बड़ा सुकून दे रही थी.. उसी के साथ मोना भी झड़ गई।
काफ़ी देर तक दोनों हांफते रहे और एक-दूसरे को देख के मुस्कुराते रहे।

दोस्तों यहाँ तो रेस्ट टाइम हो गया तो चलो हम कहीं और जाकर आते हैं। वैसे आपको मेरा अंदाज तो पता है ना.. तो चलो इनको थोड़ा सुस्ता लेने दो, हम टीना के पास चलते हैं। वहाँ भी आज आपको गरमागर्म सीन देखने को मिलेगा।

रात को 11 बजे टीना चुपके से घर से बाहर निकल जाती है। बाहर संजय बाइक पे खड़ा उसका वेट कर रहा था। वो सीधी जाकर बाइक पर बैठ जाती है और दोनों एक मकान में चले जाते हैं।

टीना- ऐसी क्या जरूरत आ गई संजू जो तुमने मुझे ऐसे अर्जेंट में बुलाया?
संजू- सब्र कर मेरी जान.. ऐसी भी क्या जल्दी है, आराम से बैठ पहले.. फिर बताता हूँ।
टीना- ठीक है जानू जैसा तुम कहो, लो बैठ गई अब बोलो क्या बात है?
संजय- यार आज शाम से लंड में हलचल मची हुई है, सोचा तुझे बुलाकर तेरी चुत की ठुकाई करूँगा।
टीना- क्या बात है मेरे राजा.. इस हलचल की कोई खास वजह तो ज़रूर होगी?
संजय- हाँ वजह तो बहुत बड़ी है मगर तुझे बता नहीं सकता।
टीना- क्या यार संजू.. मुझपे भरोसा नहीं है क्या तुम्हें?
संजय- ऐसी बात नहीं है यार.. तू समझा कर, सही मौका आएगा तब तुझे बता दूँगा। फिलहाल तू कपड़े निकाल लंड में दर्द होने लगा है।
टीना- ही ही ऐसा क्या हो गया.. लगता है कोई बहुत ज़्यादा हॉट माल देख के आया है.. तभी ये हाल है। मगर मेरे राजा आज तो तुम्हारी टीना तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकती क्योंकि आज सिग्नल रेड है.. लंड की नो एंट्री हा हा हा हा हा..
संजय- अबे बहनचोद साली ये क्या बोल रही है.. सारा मूड खराब कर दिया।

टीना धीरे से संजय के पास गई और उसके लंड को सहलाते हुए कहा- अरे नाराज़ क्यों होता है, मेरे ये होंठ किसी चुत से कम हैं क्या और साथ में ऐसा नजारा दिखाऊंगी तुझे कि 5 मिनट में तू पानी फेंक देगा।
संजय सवालिया नज़रों से टीना को देख रहा था और टीना उसके लंड को पेंट से आज़ाद कर रही थी। टीना ने पेंट उसके घुटनों तक खिसका दी और अंडरवियर को भी नीचे कर दिया।

संजय का 8″ का लंड आज़ाद हो गया.. वो मोटा भी काफ़ी था। वैसे तो टीना कई बार उसको अपनी चुत में ले चुकी थी मगर आज ये कुछ ज़्यादा ही तना हुआ था।

टीना- ओ माय गॉड.. ये क्या संजय इतना कड़क.. प्लीज़ संजय बताओ ना ऐसा क्या हुआ कि आज ये जरूरत से ज़्यादा कड़क हो गया?
संजय- अबे ये सब बातें बाद में.. पहले इसका इलाज तो कर, लगता है आज फट ही जाएगा साला ये.. और वो नजारा क्या दिखाने वाली थी.. तू वो तो दिखा साली?
टीना- सब्र कर मेरे राजा पहले इसको थोड़ा प्यार तो कर लूँ।

टीना लंड को बड़े प्यार से अपनी जीभ से चाटने लगी और धीरे-धीरे सुपारे को अपने मुँह में भर लिया।

संजय- आह.. उफ़फ्फ़ टीना मज़ा आ रहा है आह.. साली तू पक्की चुदक्कड़ है आह.. क्या चूसती है अफ..
दस मिनट तक टीना लंड से खेलती रही उसको पूरा मुँह में लेकर चूसती कभी गोटियों को हाथ से छेड़ती तो कभी मुँह से चूसती।
ये हरकतें संजय को पागल बना रही थीं वो सिसक रहा था और मज़े में उसकी आँखें बंद थीं। अचानक टीना ने लंड मुँह से बाहर निकाल लिया और संजय को देख कर मुस्कुराने लगी।

अचानक मज़ा खराब होने से संजय ने जल्दी से आँखें खोलीं।

संजय- साली कुतिया क्या हुआ कितना मज़ा आ रहा था.. निकाल क्यों दिया?
टीना- तेरा स्टेमिना मुझसे छुपा नहीं है.. साला चुत का भुर्ता बना देता है तब जाकर तू झड़ता है। ऐसे चूसने से तेरा कुछ नहीं होगा, ये ले और इसको देख के मेरे मुँह को चुत समझ कर चोद.. तब तू हल्का होगा।

टीना ने सुमन का जो वीडियो बनाया था उसको चालू करके फ़ोन संजय को दे दिया और दोबारा उसके लंड को मुँह में लेकर होंठ भींच लिए।

सुमन का अनछुआ यौवन देख कर संजय की आँखें फटी की फटी रह गईं.. उसका लंड और ज़्यादा सख़्त और गर्म हो गया। सुमन की ब्रा में कैद चूचे और उसकी फूली हुई चुत उसको मदहोश कर रही थी। वो अब अपना आपा खो चुका था उसने टीना के सर को कस के पकड़ा और जोर-जोर से उसके मुँह को चोदने लगा।
संजय- आहह सुमन आह.. साली क्या मस्त है रे तू आह.. साली उफ़फ्फ़ पहले साली पूजा ने आह पागल किया आह साली अब तेरा यौवन देख के आह.. हाल बुरा हो गया आह.. ले साली ले उहह उहह उहह..

दो मिनट भी नहीं लगे उसको.. और उसका लंड फट गया। सारा रस टीना के गले में जा पहुँचा और लंड पिचकारी पे पिचकारी मारता रहा। शायद आज से पहले उसका इतना रस नहीं निकला था.. जितना आज निकला।

टीना ने सारा रस निगल लिया और लंड को अच्छे से चाट कर साफ किया और थोड़ा गुस्से से संजय की तरफ देखा- साले कमीने, मेरे लिए तो कभी ऐसा जोश नहीं आया तुझे.. और आज इस रंडी को देख के बहुत जल्दी पानी फेंक दिया तूने.. और ये पूजा कौन है, जिसके चक्कर में तू शाम से लंड कड़क करके घूम रहा है?

पूजा का नाम टीना के मुँह से सुनकर संजय की आँखें फटी की फटी रह गईं, वो सोचने लगा कि इसको पूजा के बारे में कैसे पता लगा। फिर उसने दिमाग़ पे जोर दिया तो उसको याद आया कि अभी मज़े के चक्कर में उसको पूजा याद आई थी और उसने उसका नाम लिया था।

टीना- अबे सोच क्या रहा है बता कौन है ये पूजा?
संजय- क्क..कौन पूजा मुझे क्या पता कौन है क्या बोल रही है तू?
टीना- देख संजू नाटक मत कर.. सच सच बता दे और मुझसे कैसा डर..! तू सुमन को चोद या किसी पूजा को, मुझे फरक नहीं पड़ता.. बस मेरी चुदाई बराबर करते रहना.. प्लीज़ बता ना यार?
संजय- पूजा को मार गोली और ये बता क्या तूने ये वीडियो शाम को बनाया? साली क्या मस्त लग रही है इसको देख के लंड बेकाबू हो गया और फट से पानी फेंक दिया।
टीना- हाँ मैं उसके घर गई थी वैसे एक बात तो माननी पड़ेगी। साली कुतिया सच में काफ़ी सुंदर है। एक बार तो मेरी भी लार टपकने लगी उसके जिस्म को देख कर.. मन किया साली की चुत चाट लूँ।
संजय- मेरी जान मैं तो उसको पहली बार देख कर ही समझ गया था, इसी लिए ये गेम खेला.. अब तू बस उससे टास्क करवाती जा और देख कैसे मैं उसको टॉप की रंडी बनाता हूँ।
टीना- अच्छा ये बात है.. चलो देखते हैं।

अचानक टीना को याद आता है कि संजय उसको बातों में लगा कर पूजा की बात को टाल रहा है।

टीना- यार संजू प्लीज़ तू मुझे बातों में उलझा मत.. बता ना पूजा का क्या चक्कर है और वैसे भी तूने आज तक कितनी लड़किया चोदी हैं मगर आज जो तेरी हालत थी, उससे लगता है ये पूजा कोई बम्ब नहीं पूरी की पूरी बारूद की फॅक्टरी है।
संजय- तू जैसा सोच रही है बात वैसी नहीं है यार!
टीना- अरे तो यार जो भी है तू बताएगा तब पता लगेगी ना.. चल बता अब!
संजय- साली तू ऐसे मानेगी भी नहीं, बताऊंगा थोड़ा सब्र कर गला सूख रहा है और बाथरूम भी जाना है तू ऐसा कर में बाथरूम में फ्रेश होकर आता हूँ तब तक तू फ्रीज़ से बियर निकाल के ला और गिलास भी साथ लाना।

संजय के दिमाग़ में कोई बहुत बड़ी बात घूम रही थी, वो टीना को बताए या ना बताए बस यही सोचता हुआ फ्रेश होने चला गया और टीना भी बियर लाने चली गई।

क्या यार कहाँ तो काका और मोना का सीन चल रहा था बीच में ये नया ट्विस्ट आ गया.. यही सोच रहे हो ना, टेंशन मत लो आपकी लाड़ली पिंकी का स्टाइल थोड़ा अलग है। संजय आए तब तक वापस काका के पास चलते हैं।

काका- क्यों मोना रानी, मज़ा आया या नहीं..!
मोना- काका मेरी जिंदगी में ऐसा मज़ा कभी नहीं आया, आपका लंड सच में बहुत तगड़ा है। देखो इसने मेरी चुत का क्या हाल किया है।
काका- अरे रानी अभी कहाँ.. अभी तो बस शुरूआत है, आगे-आगे देख.. मैं तुझे कितने मज़े देता हूँ।

काका की बात सुनकर मोना के होंठों पे एक मुस्कान आ गई। वो धीरे से काका के सीने से चिपक गई और लंड को सहलाने लगी। काका का लंड भी शायद इसी चाहत में था.. इसलिए मोना के हाथ लगते ही वो बढ़ने लगा।

काका- आह.. रानी तेरे हाथों में कैसा जादू है.. देख लंड कैसे तन गया उफ.. वैसे एक बात तो बता अगर मेरे बीज से तुझे पेट रह गया तो तू क्या करेगी?
मोना- करना क्या है काका ये तो ख़ुशी की बात है.. आपके तगड़े लंड से बच्चा पैदा होगा.. तो वो भी आपकी तरह मजबूत होगा, गोपाल के जैसा नामर्द नहीं होगा। उसकी बीवी आपको दुआ देगी सारी जिंदगी के कैसा मर्द पैदा किया है।
काका- अच्छा जरूरी थोड़े ही है.. कोई लड़की भी हो सकती है।
 

Tumhari mummy

Shobna kashyap
714
1,972
123
दोस्तो.. मेरी सेक्स स्टोरी में आपने अब तक पढ़ा था कि चचिया ससुर बहू सेक्स के बाद उन दोनों की बच्चे को लेकर बात चल रही थी।
अब आगे..

मोना- लड़की होगी तो भी अच्छा है उसमें मेरी खूबसूरती और आपके जैसी ताक़त होगी.. वो भी अपने पति को फुल मज़ा देगी।
अपनी बहू की बात सुनकर काका मुस्कुराने लगे और मोना को अपनी बांहों में भर लिया।

मोना की Xforum अब दोबारा जाग गई थी, वो लंड को अब मुँह में लेकर चूसने लगी थी। उधर काका भी अब गर्म हो गए थे- आह.. चूस रानी आज तो मेरे लंड के भाग खुल गए.. तेरी जैसी अप्सरा इसको चूस रही है.. ओफ.. चल रानी घूम जा और मुझे भी तेरी चुत का रस पीने दे।

अब दोनों 69 के पोज़ में हो गए और एक-दूसरे का रस चाटने लगे। दस मिनट तक ये चुसाई चलती रही उसके बाद काका सीधे होकर लेट गए और मोना को समझते देर ना लगी कि काका क्या चाहते हैं।

मोना सीधे जाकर काका के खड़े लंड पर अपनी चुत सैट करके बैठ गई और धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होने लगी।
काका- आह.. मोना रानी तू तो बड़ी समझदार है आह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… कूद रानी मेरे लंड पे कूद आह.. कर दे इसको अपनी चुत में गायब आह.. उहह ले आह.. ले पूरा खा ले।

काका भी अब नीचे से झटके मारने लगे थे और मोना गांड को ऊपर-नीचे करके मज़ा ले रही थी। अब कमरे में दोनों की आहें गूँजने लगी थीं और चुदाई का तूफान जोरों पे था।
मोना- आह.. काका आह जोर से आह.. काश मेरी शादी आपसे हुई होती आह.. मज़ा आ जाता आह.. कब से प्यासी थी में आह.. आज अपने मेरी चुत को तृप्त कर दिया आह.. आह..

बहू की बातें काका को और जोश दिला रही थीं.. वो स्पीड से धक्के मारने लगे और मोना को अपने ऊपर लेटा कर उसके निप्पल को चूसने लगे।

कुछ मिनट ये चुदाई चली, काका के तगड़े लंड के दमदार झटके मोना की चुत सह नहीं पाई और उसकी चुत का बाँध टूट गया.. वो लंबी साँसें लेते हुए झड़ने लगी। मोना तो ठंडी हो गई.. मगर काका के लंड का जोश तो वैसा का वैसा ही था। अब मोना को लंड की चोट बर्दाश्त नहीं हो रही थी.. वो झट से लंड से उठ गई और फ़ौरन लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी।

काका- आह साली छिनाल आह.. ये क्या किया चुत में मज़ा आ रहा था.. उफ़ चूस साली चूस आह.. अब तुझे घोड़ी बना के ऐसे शॉट मारूँगा आह.. तू क्या याद करेगी।

थोड़ी देर लंड चूसने के बाद मोना समझ गई कि ये लंड मुँह से नहीं चुत से ही ठंडा होगा तो वो घोड़ी बन गई- आह.. काका ले आह.. कर ले अपना अरमान पूरा आह.. ले तेरी घोड़ी तैयार है आजा चढ़ जा!

काका खड़ा हुआ और मोना के पीछे जाकर लंड को चुत पे सैट किया फिर मोना की कमर को कस के पकड़ के एक जोरदार धक्का मारा तो पूरा लंड एक हे बार में मोना की चुत में जड़ तक समा गया।
मोना- आआईइ काका मार डाला रे.. उफ़ आह.. आज तो बरसों की चुदाई आपने एक ही रात में कर दी आह.. आ उफ़फ्फ़ मारो आह.. और धक्के मारो आह.. आ..

काका अब स्पीड से मोना की चुत में लंड पेल रहे थे और साथ में अपनी उंगली से मोना की गांड का भी मुआयना कर रहे थे- आह.. ले साली रांड आह.. तेरी गांड तो बहुत कसी हुई लगती है आह.. गोपाल ने इसको ज़्यादा नहीं चोदा होगा।
मोना- आह.. ऑउच नहीं काका.. उफ़फ्फ़ प्लीज़ आप बस चुत से ही संतुष्ट हो जाओ.. आह.. गांड नहीं ये आपका मूसल झेल नहीं पाएगी।
काका- क्यों रानी आह.. ले दुनिया में कोई चुत और गांड ऐसी नहीं बनी जो लंड ना ले सके.. रानी भगवान ने ये बनाई ही चुदाई के लिए है आह.. ले आह आह ले..

काका अब बहुत तेज झटके मारने लगे थे.. उनका लंड फूलने लगा था। मोना की चुत तो फिर से झड़ गई मगर काका फिर भी 5 मिनट और उसको चोदते रहे, तब कहीं जाकर उनका लावा फूटा और वो निढाल होकर मोना के पास लेट गए। काका ने मोना को अपने सीने पे लिटा लिया।

काका- उफ साली क्या गर्म माल है रे तू कितनी चुदाई की.. साला मन ही नहीं भरता।
मोना- आह.. काका आप हो ही असली मर्द.. कसम से मज़ा आ गया। अब तो जब तक यहाँ हूँ.. रोज ऐसे ही आपसे चुदाई करवाऊंगी।
काका- अच्छा मेरी रानी को लंड इतना पसंद आया.. मगर आज तो कोई नहीं इसलिए खुल कर चुदाई हो गई। रोज थोड़े ऐसा हो सकेगा.. कल तो सब यहाँ होंगे ही फिर?
मोना- होने दो.. मुझे किसी का डर नहीं.. जब उस लड़के से चुदने मैं छत पर जा सकती हूँ.. तो आपसे क्यों नहीं?

काका- हा हा हा साली पक्की चुदक्कड़ है तू.. चल घबरा मत, मैं कोई ना कोई तरकीब लगा लूँगा। मगर आज बस एक बार तेरी गांड भी मार लेने दे.. साली बहुत कसी हुई है.. मेरा तो मन ललचा गया।
मोना- नहीं काका, प्लीज़ नहीं, ये तो गोपाल के लंड से ही बहुत दर्द करती है.. फिर आपका तो बम्बू है.. ये तो मेरी गांड को फाड़ ही देगा।
काका- अरे एक बार तो चुत में भी दर्द होता है.. तू डर मत.. मैं हौले-हौले मारूँगा और वैसे ये खुली हुई तो है ही, तो ज़्यादा दर्द नहीं होगा तुझे।
मोना- नहीं काका खुली हुई नहीं है, शादी के दस दिन बाद गोपाल ने एक बार मारी थी.. मेरी जान निकल गई थी। उसके बाद कोई 2 महीने बाद दोबारा मारी तब भी वही हाल हुआ। बस तब से ना गोपाल ने कहा.. ना मैंने कहा।

काका- ही ही मोना रानी तभी कहूँ ये गुलाबी छेद ऐसे बंद क्यों है.. तू ज़िद ना कर मैं तो गांड मारके ही रहूँगा। अब तू मेरी रानी है.. मेरी बात मानने का तेरा फ़र्ज़ बनता है.. समझी!
मोना- ठीक है काका.. आप इतना कह रहे हो तो मान लेती हूँ मगर मेरी भी एक शर्त है। आप आज मेरी गांड नहीं मारोगे.. क्योंकि आज तो चुत का ही हाल बुरा हो गया.. आप कल मेरी गांड मार लेना।
काका- अरे पगली.. कल तो सब होंगे गांड में लंड जाएगा तो तुझे दर्द होगा और तू चिल्लाएगी, तो सबको पता लग जाएगा।
मोना- नहीं काका.. आप मेरी चिंता मत करो मैं सब संभाल लूँगी प्लीज़ मान जाओ।
काका- अच्छा ठीक है.. मान गया मगर आज की रात चुत तो मरवाएगी ना!

दोबारा चुदाई के नाम से मोना की आँखें थोड़ी बड़ी हो गईं।
मोना- अरे काका आप आदमी हो या घोड़े.. कितना चोदोगे? देखो मेरी चुत का क्या हाल हो गया.. सूजन आ गई!

मोना की बात सुनकर काका को हँसी आ गई- अब तू घोड़ा समझ या घड़ा.. भाई मेरी तो आदत है एक बार में कम से कम 3 या 4 बार चुदाई ना करूँ तो मज़ा नहीं आता।
मोना- मन तो मेरा भी यही है मगर हाथ पैर जवाब दे गए। आपकी चुदाई इतनी लंबी होती है क्या बताऊं।
काका- अरे अभी थोड़े करूँगा.. तू थोड़ा आराम कर ले उसके बाद चुदाई करूँगा और वैसे तूने मेरा लंड रस भी नहीं पिया तो मैं अबकी बार तेरे मुँह में रस डालूँगा।
मोना- समझ गई काका.. आप नहीं मानोगे.. चलो मुझे थोड़ा सोने दो कमर में दर्द हो रहा है। उसके बाद आप चाहे चुत में पानी निकालो या मुँह में.. आपकी मर्ज़ी।
काका- चल ठीक है.. तू आराम कर मैं तब तक थोड़ा बाहर हो आता हूँ।

क्यों दोस्तो… मज़ा आ रहा है ना लगातार चुदाई ही चुदाई चल रही है। अभी जितना एंजाय करना है कर लो, बाद में स्टोरी अलग मोड़ पर जाएगी तब शायद चुदाई के मज़े थोड़े रुक जाएं.. हा हा हा हा डरो मत मजाक कर रही हूँ चलो आपकी वो पूजा के बारे में बताकर दुविधा दूर कर देती हूँ।

टीना और संजय आराम से बैठ कर बियर का मज़ा ले रहे थे।

टीना- यार संजय अब कितना तड़पाएगा.. बता भी दे क्या बात है कौन है ये पूजा?
संजय- देख टीना मैं तुझपे भरोसा करता हूँ इसलिए बता रहा हूँ.. मगर उन कमीनों को मत बताना समझी!
टीना- अरे यार तू जानता है.. मैं तेरी दीवानी हूँ। वो सब को तो तेरी वजह से झेलती हूँ.. तेरी कसम मैं किसी को नहीं बताऊंगी।
संजय- अच्छा तो सुन तू तो जानती है मैं अपने मॉम डैड का एक ही बेटा हूँ।
टीना- हाँ यार मुझे पता है।
संजय- सुन तो ले यार.. मेरे अंकल की बेटी आरती को भी तू जानती है ना!
टीना- हाँ जानती हूँ.. तू क्या अपनी फैमिली के बारे में बता रहा है? यार पूजा के बारे में बता ना मुझे।
संजय- अबे साली.. वही बता रहा हूँ ये बातें बताऊंगा तब तेरे भेजे में सब बात घुसेंगी.. अब चुपचाप आगे सुन।

संजय के गुस्सा होने से टीना सहम गई उसने बस ‘हाँ’ में गर्दन हिलाई और अपने दोनों हाथ गाल पर रख कर बैठ गई।

संजय- गुड ऐसे ही सुन तू.. अब देख मेरी कोई बहन तो थी नहीं.. तो मैं बचपन से आरती को अपनी बहन मानता था.. उसे मैं सग़ी से भी ज़्यादा मानता था।
‘ओके..’
‘आरती मुझसे 10 साल बड़ी थी वो एकदम छोटे भाई की तरह मेरा ख्याल रखती थी। यहाँ तक की जब उसकी शादी हुई, मैं इतना रोया कि क्या बताऊं तुझे!’
टीना- हूँउऊ.. ये बातें नहीं पता थी मुझे.. फिर आगे क्या हुआ?

संजय- होना क्या था.. उसकी शादी एक अच्छे लड़के से हुई, वो यहीं मुंबई में ही एक बैंक में जॉब करता था। धीरे-धीरे वक़्त गुज़रता रहा। आरती माँ बनी.. उसको एक लड़की हुई। छोटी गुड़िया के आने से मैं बहुत खुश था। जैसे-जैसे वो बड़ी हुई.. मैं उसके साथ खूब खेलता था। फिर दीदी को एक बेटा हुआ.. मेरी ख़ुशी और बढ़ गई। अब तो सारा दिन दीदी के घर आना-जाना लगा रहता था। दोनों बच्चे मुझसे इतने घुल गए कि क्या बताऊं, सारा दिन ‘मामा मामा..’ कहते मुझसे चिपके रहते थे।
टीना- वाउ यार तू तो किसी फिल्म की कहानी जैसे बता रहा है.. फिर क्या हुआ?

संजय- फिर जीजू की बैंक ने उनका ट्रान्सफर बंगलोर कर दिया.. पूरे 5 साल बाद दीदी और जीजू वापस मुंबई आए हैं क्योंकि दीदी की तबीयत ठीक नहीं रहती इसलिए जीजू ने वापस अपना ट्रान्सफर मुंबई करवा लिया। इत्तफ़ाक़ की बात ये है हमारे घर के सामने ही दोनों को घर मिल गया है।

अब इस पूजा के बारे में क्या कहानी बनती है वो मैं आपको इस ससुर बहू सेक्स स्टोरी में आगे लिखूंगी..
 
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