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khemucha

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I am not the writer of this story, the original writer of this story is Bhukhalund and the credit of this story should go to him and I give it to him.

The writer has given me permission to convert this story into Hindi and English. And I am presenting this story with his permission.



bhukhalund is still active on this forum - last post June 19, 2025 and last seen August 7, 20205. To agar unhone aapko permission di hai hindi aur english me translate karne ke liye to unse aagrah kariye ki ek baar aapke thread par aakar aapke prayas ko ashirwaad de dein ... warna keh to koi kuchh bhi sakta hai.

Aur agar permission hai to kahani ka sheershak aur patron ke naamo mein badlav ki kya jaroorat ... wohi original story wale naam chalne deti ...

Aur kis language se translate kar rahi hain app ... jahan thak mujhe yaad hai original story hindi bhasha me hinglish(roman) script me likhi gayi thi ... to yeh kya translation hua ... hinglish to hindi script to google tranlate bhi word to word kar deta hai.

Jaise maine kaha ... agar bhukhalund ek baar aakar iss thread ko ashirwaad de dein ... to yeh saare sawal aur saari shankaayen door ho jayengi ... nahi to keh to koi kuchh bhi sakta hai.

Woh active hain is forum par ... ek baar aggrah to kariye. mai unka aur unki kahanioyon ka purana prashansak houn ...
 

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सब से पहले आप khemucha का बहोत बहोत धन्यवाद् की आप ने अपना कीमती समय इस थ्रेड के लिए दिया, आलोचना ही सही पर उस पर भी आपने कुछ तो मेहनत की|

bhukhalund is still active on this forum - last post June 19, 2025 and last seen August 7, 20205. To agar unhone aapko permission di hai hindi aur english me translate karne ke liye to unse aagrah kariye ki ek baar aapke thread par aakar aapke prayas ko ashirwaad de dein ... warna keh to koi kuchh bhi sakta hai.

जी बिलकुल सही कहा आपने bhukhalund यही पर है| अब आते है आपके सुझाव पर: मुझे किसी के आशीर्वाद की नहीं पर लेखक की जरुरी मुद्दों पर परमिशन चाहिए थी जो मैंने ले ली| कहने के लिए तो दुनिया में बहोत कुछ है दोस्त, इतना करने के बावजूद आपने कुछ तो कहा|

Aur agar permission hai to kahani ka sheershak aur patron ke naamo mein badlav ki kya jaroorat ... wohi original story wale naam chalne deti ...

आपकी बात सही है लेकिन जो मुझे चाहिए था वो सभी अग्रिम परमिशन मैने ले ली थी | इस कहानी में शीर्षक से ले के पात्रो, प्रसंगों का एडिटिंग, डिलीट और एडिशन सब होने वाला था इसलिए यह जरुरी थाजो मैंने किया|

Aur kis language se translate kar rahi hain app ... jahan thak mujhe yaad hai original story hindi bhasha me hinglish(roman) script me likhi gayi thi ... to yeh kya translation hua ... hinglish to hindi script to google tranlate bhi word to word kar deta hai.

जी यह कहानी हिंगलिश में और इंग्लिश का मिक्षचर था या है, अब रही बात भाषांतर की , अगर आप इतना सब जानते है तो आप खुद ही कोशिश करके देखिये| ज्यादा नहीं सिर्फ एक दो एपिसोड ही भाषांतर कर के देखिये और परिणाम भी देखिये, गूगल सिर्फ मददगार है| दूसरा एकसाथ सब कुछ नहीं कर सकता और खास बात यह है की इस कहानी में पात्रो और प्रसंगों में बदलाव किये जायेंगे तो लिखना पड़ेगा दोस्त, गूगल करके नहीं देगा, गूगल को जितना समज आत है बस उतना ही करके देता है और वह भी ३०० वर्ड्स तक|फिर भी आप कोशिश करेंगे तो जान जायेंगे की उसमे भी काफी समय और मेहनत है|

अगर आप कही अटकते है तो मुझे कहियेगा मैं हेल्प कर दूंगी|

इस के साथ मैं आपको यह सलाह दूंगी की आप यह कहानी और ओरिजिनल कहानी से मेच कर के तो देखिये काफी फर्क दिखेगा


आशा है की आप यह करेंगे और अपने अनुभव यहाँ साझा करेंगे| मुझे भी सीखना मिलेगा


Jaise maine kaha ... agar bhukhalund ek baar aakar iss thread ko ashirwaad de dein ... to yeh saare sawal aur saari shankaayen door ho jayengi ... nahi to keh to koi kuchh bhi sakta hai.

जी शंकाए किस बात की ???? अगर आपको शंका है तो आप को लेखक से बात करनी चाहिए और उनको बताना चाहिए की ऐसा थ्रेड चल रहा है जिस में लेखिका आपका परमिशन मिला है का दावा करके लिख रही है क्या और कितना सही है?????????????

मेरा काम था उनसे परमिशन लेना जो मुझे लेखक ने दिया है उस से ज्यादा मुने उनसे कुछ नही चाहिए, वे यहाँ होंगे तो भी उनके विचार मुझे दुसरे तरीके से देंगे जो यहाँ साँझा नहीं करेंगे|

जैसा की मैंने पहले भी कहा की इतना करने के बाद भी सवाल तो आये ही!!!!!!!!!!!!!


आगे आपके सुझाव से मैं करू तो भी उसकी कोई गेरंटी नहीं की आगे भ इसवाल आयेंगे या नहीं| आपने आशीर्वाद लेने को कहा वो करुँगी तो कोई और आगे आके कहेगा हरा अपडेट में उनका प्रणाम होना चाहिए|



देखिये यह बात लेखक और अनुवादिका पर रहने दीजिये और आप कहानी में से अपना मनोरंजन लेते रहिये| वैसे आपकी और बाकी रीडर्स जानकारी के लिए बता दू की लेखक को यह कहानी के बारे में पता है उनको इस थ्रेड की लिंक भेज दी गई है| और उनका मंतव्य यहाँ नहीं आएगा पर मेरे इनबॉक्स आएगा|




Woh active hain is forum par ... ek baar aggrah to kariye. mai unka aur unki kahanioyon ka purana prashansak houn ...

अब आपका ही ऊपर का वाक्य मैंने गूगल में डाला तो भाषान्त मुझे इस तरह मिला

""""Woh active hain is forum par ... ek baar aggrah to kariye. mai unka aur unki kahanioyon ka purana prashansak houn ...""""
"""गूगल का भाषांतर : वो सक्रिय हैं फोरम पर... एक बार आगरा तो करूंगा। मैं उनका और उनकी कहानियों का पुराना प्रश्नोत्तरी हूं...""""

अब सोचिये कहानी होती तो इसका मर्म या अर्थ क्या होता??????????????????? आप पर छोड़ रही हु|

मुझे अब उनसे कुछ नहीं चाहिए और जो चाहिए मैं उनसे सीधा मांग या कह सकती हु, लेकिन जो भी करुँगी आपको या किसी को पूछ के नहीं करुँगी,
मुझे यह जानकार बहोत ख़ुशी हुई की अप bhukhalund जी के प्रशंशक है, लेकिन आप अकेले प्रशंशक भी तो नहीं है!!!!!!!!!!!
मुझे लगता है की मैंने आपकी हर शंकाओं का समाधान करने की पूरी कोशिश की है फिर भी अगर कोई शंका रह गई है तो मैं कुछ नहीं कर सकती हु|

फिर से आपका बहोत बहोत धन्यवाद की आप ने इस आलोचना से ही सही लेकिन इस कहानी के लिए आपने समय निकाला , आशा रखती हु की आप कहानी के साथ जुड़े रहेंगे और रिफ्रेश होते रहेंगे और खास कर कहानी जो बदलाव है उनको भी एन्जॉय करेंगे|


और हां, यह पूरा क्लेरिफिकेशन लिखा हुआ है..................


आभार सह.............
 
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Funlover

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Funlover

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रात में खाना खाने के बाद अपने कमरे में आया तो देखा की उसकी बहन बिल्कुल नंगी बैठी है और चूत को मसल रही है। परम ने महेक को बांहों में जकड़कर चूमा और चूची को दबाया। महेक ने फटाफट अपने भाई को भी नंगा कर दिया और बेड पर सीधा लिटा दिया। महेक भाई की जांघों के बीच घुटनों पर बैठ गयी और झुककर भाई के लंड से खेलने के लिए उसकी चमड़ी को ऊपर कर के लंड का सुपारे को बाहर आते देखा तो वह ज्यादा उत्साहित हो गई और मुँह में ले लिया। एक हाथ से लंड को जड़ से पकड़ी थी और दूसरे हाथ से बाल्स को भी दबा रही थी।

परम को बहुत अच्छा लग रहा था। ये पहला मौका था की किसी ने उसके लंड को मुँह में लिया था। परम बहन के बालों को सहला रहा था और आह्ह… आह्ह… करके मजा ले रहा था। महेक अपनी जीभ को पूरे लंड पर चला रही थी और कभी-कभी लंड को मुँह से निकालकर बोल्स को चाटती थी और गांड के छेद पर भी जीभ चलाती थी। इस तरह महेक खूब मजे से भाई के लंड का मजा ले रही थी। जीभ से सहला-सहलाकर गांड का छेद खुल गया था। महेक ने भाई की गांड में एक उंगली गाड़ दी और उंगली से भाई की गांड मारने लगी। फिर उसने गांड पर थूका और दो उंगली घुसाकर गांड मारने लगी। करीब 15 मिनट तक लंड को चूसने और गांड मारने के बाद परम के लंड ने पानी छोड़ दिया और जोश में अपनी बहन के सिर को लंड पर दबा दिया। महेक ने पूरा पानी गले के नीचे उतार लिया। लंड को जीभ से साफ करने के बाद उसने मुँह से लंड को निकाला और छपाक से दोनों उंगली को गांड से बाहर निकाला।
परम ने बहन को अपने सीने पर खींच लिया और पूछा-

“कहाँ से ये सीखा… बहुत मजा आया बहना…”

महेक ने भाई को किस करते हुवे कहा की उसकी दोस्त सुधा ने सिखाया- “आज उसका बाप और नौकरानी रिंकू ऐसे ही प्यार कर रहे थे। अब तुम मेरी चूत चाटो…” महेक दोनों पाँव फैलाकर सीधा लेट गयी- “भैया मेरी चूत तुम्हारा इंतजार कर रही है…”

परम ने जांघों के बीच बैठकर दोनों हाथों से उसकी कमर को जकड़कर चूत के क्लिट पर जीभ को ऊपर-नीचे किया।
महेक- “आहह… भैया… बहुत अच्छा…”
परम अपनी उंगली और जीभ से बहन की चूत और गांड को चाट रहा था। कभी-कभी दाँत से क्लिट को दबाकर खींचता था और महेक उछल पड़ती थी। चूत को चाटते-चाटते परम दोनों हाथ आगे बढ़ाकर टाइट बोबले को भी दबाने लगा। कभी उंगली से चूत की फांक को फैलाकर जीभ अंदर करता, तो कभी गांड चूसने लगता था। करीब 10 मिनट चाटने के बाद उसने एक उंगली बहन की गांड में घुसाया। गांड गीली हो गयी थी और एक नहीं दो-दो उंगली आराम से गांड के अंदर चली गयी। महेक ने अपनी गांड को ढीला छोड़ दिया ताकि भाई की उंगलिया आराम से उसकी गांड मार सके। हाला की थोडा दर्द हो रहा था पर उस आनंद के सामने यह दर्द कुछ भी नहीं था।

महेक ने अपने हाथों से दोनों टांगों को पकड़कर अपनी ओर खींच लिया था और चूतड़ उछाल-उछाल कर चूत चुसाई का मजा ले रही थी। परम एक साथ चूची दबा रहा था, चूत चाट रहा था और बहन की गांड में उंगली पेल रहा था। महेक खूब जोर-जोर से कमर उछाल रही थी और भाई से चुसाई का मजा ले रही थी, साथ-साथ अपनी गांड भी मरवा रही थी और उसका एक अलग ही आनंद ले रही थी।

लेकिन थोडा समय के बाद उसकी मंजिल आ ही गई,महेक की चूत ने पानी छोड़ दिया। चूत से सफेद गाढ़ा चूतरस बाहर आने लगा और परम ने चूत फैलाकर सारा रस चाट लिया। परम ने बहन की चूत चाटते हुए सोचा की कल दो और चूत, सुंदरी और रेखा की भी इसी तरह चाटेगा। परम से अब बर्दास्त नहीं हुआ। उसे लगा की झड़ जाएगा और फटाक से सीधा बैठकर लोडे को बहन की चूत पर रखा। लंड से सफेद रस निकलकर चूत पर फैलने लगा। महेक ने रस को चूत पर फैलाया और हाथों में उठा-उठाकर रस को प्यार से चाटने लगी। दोनों थक चुके थे। एक दूसरे को बाहों में लेकर सो गये।

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