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Incest YE NAHI HONA THA

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YE NAHI HONA THA - CHAPTAR 1


कहानी एक छोटे से गाव से सुरु होती एक सुंदर सा गाव इस गाव मे जयादा तर लोग खेती मजदूरी या दूसरे सेहर जा कर अपनी रोजी रोटी कमाते है गाव मे सन्ति बहोत है लेकिन रोजी रोटी के लिये बहोत मेहनत करनी परती है और अगर घर मे कोई बरी प्रोबलम हो गई तो लोगो को परेसानी का सामना करना परता है यही तो होता है गाव
गाव मे सांति सुकून तो मिलता है लेकिन लाइफ मुश्किल से कटती है

और इसी गाव मे हमारा राजू अपने परिवार के साथ रहता है

राजू के पिता रामु 6 महीने पहिले गुजर गय लेकिन गुजरने से से पहले रामु ने अपनी बेटी रीमा की सादी पास ही के एक गाव मे एक लरके से कर दी थी जिसका नाम पंकज था सादी के एक साल बाद ही रीमा ने एक बेटी को जन्म दिया रामु अपनी नातीन को देख कर इस दुनिया से चला गया रामु की मौत सराब पीने से हुई थी

रिमा की सादी मे खर्चा बहोत हुआ था रामु को अपनी बेटी की सादी के लिये कर्ज भी लेना परा था आधे कर्ज तो रामु ने चुका दिया था लेकिन आधे कर्ज राजू के ऊपर आ गया अब राजू इस कर्ज को चुका रहा है


रामु था तो सभी की लाइफ अच्छी चल रही थी हा घास भूस वाले घर मे रेहते थे लेकिन तीन वक्त का खाना और सरीर को ढकने के लिये कपड़े मिल ही जाते थे किसी के आगे अपना हाथ नही फैलाना परता था
लेकिन रामु के जाते ही राजू की घर ही हालत थोरि खराब हो गई
राजू का पढाई छुट गया

गाव मे सुकून सांती जरूर होती है लेकिन एक और चीज है गाव मे कोई भी किसी को खुश नही देख पाता

किसी की लाइफ अच्छी चल रही है उसे देख जलना गाव मे सभी किसी के सामने एक दूसरे के बारे मे अच्छी बाते करते है लेकिन अंदर ही अंदर उन्हें किसी की ख़ुशी देखी भी नही जाती

ये एक करवा सच है गाव की

और गाव मे सभी को ये पता होता है कौन किया किससे बारे मे किया केहता है सोचता है
लेकिन सामने नही कुछ केहते है सामने तो लोग अच्छे बन कर रहते है

राजू को ये बात पता की और राजू ये भी जानता था कर्ज कितनी बुरी चीज होती है अगर सही समय पर नही चुकाया गया तो जीना हराम कर देती है इस लिये राजू करी मेहनत करता है खेतो मे भी और मजदूरी भी ताकि कर्ज ज्यादा होने से पहले चुका सके उसके बाद तो नुन रोटी खा के भी जिंदगी जी लेगे चैन से


ये थी पूरी कहानी राजू के घर की लेकिन
एक और घटना हुई थी रीमा की सादी के कुछ महीने पहेले

एक दिन साम को राजू घर आता है राजू को अपनी दीदी के काम था तो राजू सीदा रीमा के कमरे कमरे की और जाता है जैसे ही राजू रीमा के कमरे के दरवाजे के पास पहुँचता है दरवाजा खुला था

अंदर राजू वो देख लेता है वो एक भाई को नही देखना चाहिये था लेकिन यही वो वक़्त था जब राजू के मन मे अपनी दीदी को लेकर गंदे सोच ने जन्म लिया
राजू को अंदर अपनी दी रीमा जो नंगी थी रीमा कपड़े सही कर रही थी पेहनने के लिये लेकिन रीमा के हाथ से कपड़े नीचे गिर जाते है रीमा कपड़े उठाने के लिये नीचे झुकती है और दिपु के सामने ये नजारा आ जाता है
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दिपु ये देख कर पागल हो जाता है कियुकी रीमा झुकी थी तो रीमा के मोटे गांड फैल गया था रीमा की बरी चूची भी लटके साफ दिखाई दे रहे थे रीमा एक का शरीर कमाल था था ज्यादा खूबसूरत नही थी लेकिन उसकी बॉडी कमाल की थी
रीमा की चुत साफ थी छोटे छोटे बाल है रीमा ने कुछ दिन पेहले ही चुत के बाल साफ किये थे जिसका फायेदा आज राजू को मिला
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राजू साफ देख सकता था रीमा की मोटी फूली चुत और झुकने के वजह से चुत के फाके भी फैल गये थे

ये नजारा किसी को भी पागल करने के लिये काफी था लेकिन राजू ने तो अपनी दीदी के खजाने को देखा था तो उसका हाल और बेहाल हो चुका था

राजू का लंड अपनी दीदी की चुत को देख कर इतना टाइट हो गया था की उसके लंड के नशे भी फुल गई थे राजू ने पैंट पेहना था फिर भी उसका लंड के उभार साफ दिखाई दे रहे थे

राजू धीरे से पीछे कदम लेता है और जल्दी से अपने कमरे मे जाकर अपने लंड को बाहर निकाल कर अपने लंड थूक लगा कर अपनी दीदी की चुत को याद कर के मुठ मारने लगता है
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राजू का लंड 2 ही मिनट मे एक जोर पिचकारी के पानी छोर लेता है आज राजू का पानी बहोत निकला था राजू सब जल्दी से साफ कर के फिर बिस्तर पर धेर हो जाता है

राजू पेहले कभी कभी मुठ मार लेता था लेकिन किसी को गंदी नज़र से या उसके मन मे किसी को लेकर गंदे ख्याल पेहले कभी नही आये थे


ये वो दिन था जिस दिन राजू के अंदर मे अपनो को अंदर गंदे विचार आये और हवस जाग गया

उस दिन से राजू अपनी दीदी की चुत मारने के लिये रीमा को पटाने की कोसिस करने लगा लेकिन ये कोई मजाक थोरि था

बाहर की लरकी की चुदाई करने के लिये भी कई महीने लरकी के पीछे जाना परता है लरकी पर पैसे खर्च करने परते है इस मे ही कई महीने चले जाते है उसके बाद भी किस्मत रही तो उस लरकी की चुत मिलेगी नही तो समय पैसा सब बर्बाद

लेकिन यहा तो मामला बहोत ही अलग थी राजू अपनी दीदी को को पेलना चाहता था

राजू को भी ये बात पता थी लेकिन फिर भी वो कोसिस करता रहता है

राजू उस दिन से रीमा के साथ ज्यादा समय गुजारने लगा मस्ती मजाक से लेकर रीमा के लिये कुछ ना कुछ खाने पीने के लिये लाता रेहता था अपनी पॉकेट मनी से

एक एक दिन गुजरते रहे रीमा अपने भाई से बहोत प्यार करती थी लेकिन राजू का मस्ती करना उसका ख्याल रखना ये सब रीमा के दिल मे राजू के लिये और प्यार बढ़ गया( भाई वाला प्यार )

दोनों जब भी समय मिलता साथ मे ही इधर उधर की बाते करने और खूब मस्तिया करते

25 -30 दिनों मे सिर्फ एक चीज बदली वो था पहले
रीमा और राजू मस्ती करते थे लेकिन दूर से बातो से
लेकिन अब दोनों मस्ती मस्ती मे एक दूसरे के ऊपर गिर जाते या एक दूसरे को पकर के मस्ती करते

इसी का फायदा राजू उठा लेता कभी धीरे से रीमा के चुचे दमा देता तो अभी गांड चुत को लेकिन राजू ये सब धीरे से करता था तो रीमा को पता भी नही चलता था

रीमा ये सब अपने भाई का प्यार समझती थी लेकिन राजू कुछ और चाहता था

इतना करने के बाद भी राजू आगे नही कुछ कर पाया कियुकी उसको डर लगता था
रीमा की सादी हो गई
और दिपु अपना लंड हिलाता रेह गया
लेकिन एक बार जब अंदर हवस चढ़ती है तो उतरती नही

रीमा के जाने के बाद राजू अपनी मा पर नज़र डालने लगा और अपनी मा के साथ भी करीब जाने की कोसिस करने लगा

मस्तिया करना मा को बाहों मे पकर लेना कभी कभी टच करना ये सब
लेकिन दिपु अपनी डर की वजह से अपनी मा से साथ भी उसके ज्यादा कुछ कर नही पाया



आज का दिन
रीमा की एक बेटी है रामु अब नही रहा राजू कर्ज चुका रहा है अभी भी बहोत कर्ज बाकी है राजू के मामा आते रेहते है लेकिन वो भी गरीब है तो ज्यादा मदद नही कर पाता है

राजू अभी भी लगा है की सायद मा के साथ कुछ हो जाये
❤❤
आप सभी अपनी राय जरूर देना देखो मे बाकी लोगो की तरह स्टोरी को बीच मे छोर कर नही जाने वाला हु रोज अपडेट दूंगा
लेकिन ये आप सभी के ऊपर है की मे इस स्टोरी को जल्दी पूरा करू या बीच मे छोर दु

ये सब आप सभी के पसंद पर है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏
Nice Start 👍🏼
 

ajay bhai

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तो पिछले chapter मे राजू और राजू की फैमलि मे किया हुआ था वो सब हमने जाना अब असली कहानी सुरु होती है


chapter 2

सुबह होने वाली थी थोरा थोरा अंधेरा था रीमा रोज की तरह उठ कर खेतो मे हल्का होने जाती है रीमा कुछ दूर जाके एक जगह पर अपनी सारी उठा के बैठ जाती है रीमा की गांड मोटी और बाहर निकली हुई थी ये सीन था रीमा ऐसे बैठी थी
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थोरि देर बाद रीमा घर आती है मुह धोकर नहाने लगती है रीमा अच्छी तरफ से अपने बदन के हर एक अंग को साफ करती है बरे बरे चुचे और चुत की भी सफाई करती है नहाने के बाद रीमा कमरे मे कपड़े पेहने लगती है ये सीन था रीमा का


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सब हो जाने के बाद रीमा खाना बनाने मे लग जाती है तो राजू अपने कमरे मे आराम से सो रहा था आज कोई काम रही था तो फुल नींद ले रहा था रीमा खाना भी बना लेती है

ये सब करते हुवे सूरज निकल आया चारों तरफ सूरज की सोसनी फैली हुई थी रीमा राजू के कमरे मे जाती है जो सो रहा था
राजू अपनी मा और बेहन के सपने देख रहा था जिसकी वजह से राजू का लंड फुल टाइट था लेकिन राजू पेट के बल लेट कर सो रहा था इसके लिये रीमा को राजू का खरा लंड दिखाई नही देता है

रीमा राजू को बरे प्यार से

रीमा - राजू बेटा उठ जा सुबह हो गई है कब तक सोयेगा

राजू को अपनी मा की प्यारी आवाज सुनाई देती है और राजू धीरे से अपनी आखे खोलता है लेकिन राजू को ये भी एहसास हो जाता है की उसका लंड खरा है तो राजू मा की तरफ देख के

राजू - ठीक है मा मे उठ गया वैसे मा आप हमेसा की तरह आज भी बहोत ही खूबसूरत लग रही है

रीमा - राजू को देख कर हस्ते हुवे तु ये रोज केहता है
राजू - हा केहता हु कियुकी आप मेरी प्यारी खूबसूरत मा हो आप इस की हकदार हो आप खूबसूरत हो तो कहूंगा हो

रीमा) हस्ते हुवे अच्छा बाबा ठीक है चल उठ जा नहा धो ले चल
रीमा ये केह के चली जाती है

राजू - चलो मा चली गई फिर राजू उठ कर बैठ जाता है और अपने लंड से साले तु हमेसा खरा ही रेहता है जिस चुत से निकला है उसी मे जाना है तुझे लेकिन चिंता मत कर कितना भी समय लगे लेकिन लेकिन मे हार नही मानुगा
अभी तो सपनो मे मा बेहन की चुत मरता हु जल्दी ही हकीकत मे मारूंगा उसके लिये चाहिये एक अच्छा प्लान नही तो मेरा सपना सपना ही रेह जायेगा और मे मुठ मारते मारते खतम हो जाऊंगा

राजू का ये रोज का था कैसे मा के साथ आगे जाये कैसे किया करे ये राजू रोज सोचता रेहता है ताकि की चुत तक पहोच सके

फिर राजू भी खेतो की तरफ जाता है हल्का होता है फिर नीम की लकरी से मुह धोते हुवे घर आता है नहाता है कपड़े चेंज करता है
राजू ने जीन्स सर्ट पेहना था रेडी हो कर कमरे से बाहर आता है


रीमा खाना निकाल रही थी राजू के लिये लेकिन राजू की नज़र रीमा की गांड पे थी कियुकी रीमा बैठ कर खाना निकाल रही थी तो राजू को अपनी मा की मोटी गांड की बनावट साफ सारी के ऊपर से दिखाई दे रही थी

राजू) मन मे मा को घोरी बना के चुदाई करने मे कितना मजा आयेगा वो सीन कैसा होगा जब मा मेरे सामने नंगी घोरी बनेगी

तभी एक आवाज
रीमा - किया सोच रहा है चल खाना खा ले
राजू) ठीक है मा राजू नीचे बैठ जाता है और रीमा राजू को खाना लगा देती है खाने मे रोटी और आलू की सब्जी बनी थी

राजू) मा आप को पता है ना रोज मे आप के साथ एक थाली मे खाता हु जल्दी से बैठ जाओ मेरे साथ
रीमा - ठीक है बाबा रीमा भी राजू के साथ बैठ जाती है

दोनों एक ही थाली मे खाना खाते है और ये सब कुछ दिनों से सुरु हुआ था राजू एक निवाला बना कर

राजू - निवाले को आगे करते हुवे मुह खोलो मा
रीमा राजू को हस्ते हुवे देख कर मे खा लुंगी ना बेटा
राजू) नही मे नही सुनुंगा चुप चाप खा लो
रीमा राजू को देखते हुवे निवाले को खा लेती है
रीमा - अब खुश है ना
राजू) जब आप को पता है मुझे आप को अपने हाथो से खिलाना अच्छा लगता है तो आप बिना नाना करे खा कियु नही लेती

रीमा - राजू को देखते हुवे जब बीवी आयेगी तुम्हारी तो मा को भूल जायेगा और उसे अपने हाथो से खिलायेगा इस लिये माना करती हु कही तुमहारे हाथो से खाने की आदत पर गई तो

राजू हैरान रीमा को देखता है
रीमा - ऐसे किया देख रहा है सच ही तो कहा ना मैने
राजू) मा को देखते हुवे अच्छा ऐसी बात है तो कान खोल कर सुन लो मा मेरे लिये पहले आप है और मे जब तक जिंदा ही रोज आप को सुबह साम अपने हाथो से खाना खिनायुगा और आप को बिना ना के खाना पड़ेगा समझी आप

रीमा) हस्ते हुवे अच्छा बाबा ठीक है अब मे आराम से अपने बेटे के हाथो से खाना खाउगी

राजू - हा ये सही है वैसे ये विचार आप के मन मे कब और कहा से आया आप के मन मे

रीमा) राजू को देख कर कियु जानना है तुझे
राजू - कियुकी ऐसी बाते पहले आप ने कभी नही कही और आप को सच बताना पड़ेगा अभी के अभी
रीमा- राजू को थोरि देर देखती है फिर दूसरी तरफ देखते है हुवे वो मालती एक दिन आई थी यहा हमने बैठ कर बाते की बातो बातो मे उसने मुझे बताया की उसका बेटा सादी के बाद से उसका ख्याल नही रखता है ज्यादा बाते भी नही करता है कभी हाल चाल भी नही पूछता है बस अपनी बीवी के आगे पीछे घूमता रेहता है तो

राजू - रीमा को देखते हुवे तो आप को लगा की मे भी सादी के बाद उसके जैसा ही करूँगा और आप का ख्याल नही रखुंगा है ना

रीमा - के आखो मे आसु आ जाते है रोते हुवे मालती के पास तो और लोग है उसका ख्याल रखने के लिये लेकिन मेरा सहारा तो सिर्फ तु ही है तेरे सिवा मेरा कोन है मेरा मालती की बाते सुन कर मे डर गई थी की कही

राजू - खरा हो कर अपनी मा के आसु साफ करता है और बाहों मे भर के मा आप को नही पता मे आप से कितना प्यार करता हु अगर कभी मेरी सादी होती भी है तो हमारा प्यार अभी जैसा है वैसा ही रहेगा और अगर मेरी बीवी आप का ख्याल नही रखेगी तो उसको घर से निकाल दूंगा और दूसरी बात मुझे सादी नही करना है

रीमा राजू की बात सुन कर सांत हो चुकी थी
रीमा - हस्ते हुवे सादी तो करनी पड़ेगी ना बेटा
राजू - कियु मे सादी किये बगैर नही रेह सकता आप हो ना मेरे साथ बस मुझे आप का प्यार चाहिये
रीमा - हस्ते हुवे मे तो हु लेकिन बीवी का प्यार अलग मिलेगा समझा
राजू मन मे मे जनता हु आप किया केहना चाहती हो और मे भी आप से ऐसे ही टॉपिक पे बात करना चाहता था

राजू - हस्ते हुवे अच्छा बीवी मुझे कोन सा प्यार देगी कियु आप नही नही दे सकती वो प्यार

रीमा - हैरान हो कर दिपु से नही बेटा अब ये बाते छोर और खेतो मे जाकर देख आ कही कीसीने नुकसान तो नही किया कुछ

राजू मन मे बात बदल दिया मा है इंतनी आसानी से सब नही होगा मुझे भी पता है

राजू - ठीक है मा लेकिन मेरा इनाम दे दो रोज का

रीमा - हस्ते हुवे अच्छा बाबा ले तेरा इनाम और ये केह कर रीमा राजू के गालो पर किस कर देती है
राजू) हस्ते हुवे ये हुई ना बात अच्छा मे जा रहा ही राजू थोरी दूर गया ही था की रीमा

रीमा) अरे बेटा रुक राजू रुक जाता है
राजू - किया हुआ मा
रीमा - अरे उस जंगलो से लकरिया ले कर आना खाना बनाने के लिये और हा ज्यादा अंदर तक मत जाना समझा
राजू - ठीक है मा और राजू खेतो की तरफ निकल परता है

थोरि देर बाद राजू अपने खेतो के पास आ जाता है राजू अपने खेतो की फसल को देखते हुवे केहता है फसल तो अच्छी हुई है एक बार बारिस हो जाये तो अच्छा होगा चलो सब ठीक है

अब बचा लरकी राजू पास के एक जंगल की तरफ जाने लगता है ये जंगल सरकारी जमीन पर थी राजू जंगल पहुँच जाता है जंगल मे छोटे से बरे पेर थे जंगलर बहोत घना था कोई बरे जानवर जैसे शेर बाघ ये सब नही थे इस जंगल मे लेकिन जहरीले कीरे और साप जरूर रेहते है

राजू - जंगल को देख कर साला कई बार मे बचा हु साप से इस जंगल मे डर लगता है अंदर जाने मे कही किसी दिन साप ने काटा तो किसी के चुत मे लंड घुसाये ही मर जाउंगा लेकिन मे ऐसा नही चाहता रे बाबा तो ध्यान से करना पड़ेगा
फिर राजू अंदर जाता है और जो लरकी गिरी थी उसे उठा काट एक
जगह पे रख रहा होता है

थोरि देर बाद

राजू अरे साला बाहर साइड तो ज्यादा लकरी भी नही है अब किया करू अंदर ही जाना पड़ेगा लेकिन मेरी फट रही है

राजू बहोत सोचने के बाद चलो जो होगा देखा जायेगा
राजू जंगल झारी को एक तरफ करते हुवे थोरा अंदर जाता है तभी राजू को किसी के चिल्लाने की आवाज सुनाई देती है आवाज सुन कर राजू की फट जाती हैं

राजू - अरे साला ये कही भूत की आवाज तो नही है

लेकिन फिर राजू को चिल्लाने की आवाज सुनाई देती है राजू गौर से सुनता है तो उसे अंदाजा हो जाता है

राजू) अरे रुको ये आवाज तो किसी इंसान की है जो जंगल के अंदर से आ रही है अगर मे थोरा अंदर नही आता तो मुझे ये आवाज सुनाई भी नही देती

किया करू मे कौन हो सकता है कियु चिल्ला रहा है आवाज मे दर्द है जैसे कोई दर्द मे है लेकिन फिर भी मुझे जा कर देखना पड़ेगा किया पता किसी को मदर की जरूर हो

ये सोच कर राजू धीरे धीरे जंगल के अंदर उस आवाज की तरफ जाने लगता है जैसे जैसे राजू आगे जाता है आवाज तेज हो रही थी राजू राजू रास्ता साफ करते हुवे आगे जाते रेहता है राजू को डर भी लग रहा था सापो से और वहा किया होगा ये सोच कर राजू अब आवाज के नजदिक पहोच चुका था लेकिन अब राजू को दो तीन लोगो की आवाज सुनाई देती है वो कुछ बाते कर रहे थे

राजू - साला अब तो तो दो तीन लोगो की आवाज आ रही है

राजू और आगे जा कर झारो को साइड कर से देखता है तो उसकी हालत खराब हो जाती है कियुकी एक अंकल जिसे बाँध कर नीचे बैठाया हुआ था और दो लोग जिसके हाथ मे गन था

राजू - इसकी मा का ये कौन है और उस अंकल के साथ किया करने वाले वो लोग कुछ बाते कर रहे है लेकिन मुझे सुनाई नही दे रहा मुझे और पास जाना होगा

राजू धीरे धीरे ताकि कोई आवाज ना हो थोरा और नजदिक जाता है तो अब राजू को उनकी बाते सुनाई देने लगती है

किलर 1 - चलो अब इसे मार कर यही गार देंगे इस जंगल मे कोई आता भी नही है किसी को इसकी लास नही मिलेगी
अंकल - देखो मुझे जाने दो आखिर तुम सब मुझे कियु मारना चाहते हो
किलर 2- हस्ते हुवे हम नही तुझे मारना चाहते है हमे तो तुझे मारने को कहा गया है और हमारा ये काम है
राजू किया ये किलर है नही नही ये दोनों उसे मार देगे
किलर 1 - लेकिन हमे माफ करना तुम एक अच्छे इंसान हो हमे पता चला की तुम अपनी आधी कमाई गरीबो मे बाट देते हो और अभी भी तुम आश्रम जा रहे थे उन अनाथो की मदद करने के लिये बस हमने प्लान बना लिया की किया करना है और तुम यहा तो

राजू ये सुन कर किया ये तो सच मे एक नेक इंसान है या कहे तो ये इस धरती पर गरीबो के लिये एक फरिस्ता है नही नही ने अंकल को कुछ नही होने दे सकता वो सभी अनाथ इस फरिस्ते का इंतज़ार कर रहे है उनके भविसय का सवाल है आज की दुनिया मे कोन गरीबो की परवाह करता है जिये या मरे

लेकिन मे कैसे अंकल को बचाउ दोनों के पास गन है किया करू किया करू अरे हा एक रास्ता है लेकिन इसमें खतरा भी है गलती की तो मे भी मारा जाउंगा

राजू फिर आस पास देखता है और उसे जो चाहिये था मिल जाता है एक मोटा ढंडा राजू उस ढंडे को लेकर धीरे धीरे दोनों किलर के पीछे पूरा घूम कर आ जाता है

और दोनों किलर अंकल को मारने ही वाले होते है राजू पीछे से एक किलर के सर पर ढंडे से वार करता है दूसरा कुछ कर पाता उसके पेहले राजू उसके भी सर पे भी ढंडे मे मार कर दोनों को नीचे गिरा देता है राजू देखता है की दोनों हिल नही रहे है तो वो भी नीचे बैठ कर अपने दिल को काबू करने लगता है जो डर के मारे जोर से धरक रहा था

तभी राजू अंकल को देखता है जो राजू को ही देखे जा रहे थे अंकल को मारा गया था लेकिन ज्यादा चोट नही आई थी
राजू अंकल की रसिया खोलते हुवे

राजू - अंकल आप ठीक तो हो ना
अंकल ) मे ठीक हु बेटा थोरि चोट आई है बस
राजू अंकल की रस्सी खोल देता है और अंकल खरे हो जाते है
अंकल - बेटा तुम्हारा सुक्रिया अगर तुम यहा नही आते और मुझे नही बचाते तो आज मे मारा ही गया था

राजू - अंकल ये तो उन अनाथो की उन लोगो की दुवा आप के ऊपर है जिनकी आप ने मदद की है तो भला आप को कैसे कुछ हो सकता है और आप जैसे फरिस्ते की जान बचाने का मुझे मौका मिला मे किस्मत वाला हु

अंकल ) राजू को गौर से देखते हुवे जो भी हो लेकिन ये सच है तुमने मेरी जान बचाई है तुम हिम्मत वाले भी हो दो किलर जिसके पास गन थी किसी की हालत खराब हो जाती

राजू - बाते बाद इन का किया करे
अंकल - दोनों को रस्सी से बाँध दो फिर अंकल फोन निकाल कर हा मे बोल रहा हु बाबा यादव मेरे लुकेसन पर जल्दी से आ जाओ दो किलर मुझे मारने आये थे लेकिन उसके पकर लिया है


पुलिस कमिसनर) सर किस की हिम्मत हो गई आप को मरने की मे अभी आ रहा ही अपनी थीम को लेकर

बाबा यादव ) ठीक है जल्दी आना
राजू दोनों चोर को बाँध के हो गया अंकल

बाबा यादव - अच्छा किया बेटा पुलिस आती ही होगी वैसे तुम्हारा नाम किया है कहा रेहते हो किया करते हो घर मे कौन कौन है

राजू अंकल को सुरु से लेकर अब तक उसकी लाइफ मे जो हुआ बता देता है सब सुनने के बाद

बाबा यादव - सच मे तुम एक दिलेर एक अच्छे लरके हो जो पिता के जाने के बाद कर्ज चुका रहे हो और मा का भी ख्याल रख रहे हो
लाइफ मे इतना सेहने के बाद भी तुमने हार नही मानी

राजू - जिंदगी इसी को केहते है हर किसी की लाइफ मे बुरा वक़्त आता है और सभी को उस से गुजरना ही परता है
बाबा यादव - किया बात कही है तुमने
तभी पुलिस वहा पर आ जाती है और इंतनी जल्दी आती भी कियु ना बाबा यादव लोगो के लिये एक फरिस्ता है लोग उन्हें भगवान् मानते है

रमेश ) सर मे आ गया

बाबा यादव - ठीक है ये दोनों को ले जाओ और अच्छे से पता करो कौन है जिसने इन दोनों को मुझे मारने के लिये भेजा था

रमेश) जैसा आप कहे हम उन कमीनो के बारे मे पता लगा लेगे फिर उनकी खैर नही

फिर पुलिस वाले दोनों किलर को ले जाते है राजू और बाबा यादव भी जंगल से बहार निकल कर रोड पर आ जाते है जहा बाबा यादव की कार लगी थी

बाबा यादव - राजू से बेटा माफ करना मे सभी को मीडिया को ये जरूर बताता की तुमने मेरी जान बचाई है लेकिन मे ऐसा नही कर सकता अगर लोगो को पता लगा मुझपे हमला हुआ है तो सभी बवाल मचा देगे

राजू - अरे अंकल कोई बात नही आप सही सलामत हो यही बहोत है
बाबा यादव - बेटा तुमने मेरी जान बचाई है ये मे कभी नही भूलूंगा तुम अपना अकाउंट नम्बर दो मुझे

राजू - लेकिन कियु अंकल
बाबा यादव - बाबा कहो मुझे और मैने कहा अपना अकाउंट नंबर दो
राजू भी एक छोटे अपना अकाउंट नंबर दे देता है बाबा यादव अकाउंट नंबर के साथ कुछ लिख कर किसी को maaage कर देते है

राजू ये देख रहा था आखिर बाबा कर किया रहे है तभी उसके बोमाइल पे एक मैसेज आता है राजू जब चैक करता है है तो उसकी आखे बाहर आ जाती है

राजू हैरान हो कर बाबा की तरफ देखता है
बाबा - मुस्कुराते हुवे अब तुम्हारा बुरा वक़्त खतम होता है
राजू - हैरान होकर लेकिन बाबा मे ये पैसे नही ले सकता
बाबा - कियु नही ले सकते
राजू - बाबा किसी के जान बचाने के बदले पैसा लेना मुझे अच्छा नही लग रहा

बाबा - राजू के कंधे पे हाथ रखकर बेटा मैने कई लोगो की मदद की है आगे जब तक जिंदा रहुंगा करता रहुंगा और तुमने मेरी और कई अनाथ की भी जान बचाई है इस पैसे को रख लो मे अपने खुशी से तुम्हे दिया है अगर तुम इस पैसे को नही लोगे तो मुझे बुरा लगेगा

राजू - ठीक है बाबा लेकिन ये एक करोड़ रुपए है बहोत ज्यादा है
बाबा - हस्ते हुवे मैने बस तुम्हे एक करोड़ दिये है इस से जो करना है करो और ये मेरा कार्ड है उसमे मेरा नंबर है जब भी किसी मदद या जो चाहिये खुल कर मांग ना मेरे पास पैसे की कमी नही है उपर वाले ने बहोत दिया है
तुमने मेरी जान बचाई है अपनी जान पर खेल कर

तो इसके ये पैसे कुछ नही है ये तो मैने समझो तुम्हे मजे करने के लिये दिये है मेरा कोई नही है अब से तुम मेरे अपने हो जब भी चाहो मुझसे मिलने आ जाना तुम्हे कोई नही रोकेगा अब मे चलता हु देर हो गई है सभी मेरा इंतज़ार कर रहे होगे

राजू - ठीक है बाबा और दिपु बाबा के पैर छु कर आशीर्वाद लेता है ये देख बाबा को भी अच्छा लगता है फिर बाबा चले जाते है बाबा के जाते ही

राजू नीचे बैठ जाता है उसके पैर काप् रहे थे राजू कपटी हाथो से अपने फोन मे मसैज को देख रहा था

मेसेज

आप के अकाउंन्ट मे एक करोड़ रुपये जमा कर दिये गये है
उस समय राजू सांत था लेकिन अब नही उसे पता था ये पैसे वो पूरी लाइफ कमाता तो भी इतना पैसा नही देख पाता

राजू - कुछ देर तक तो मे एक गरीब कर्ज मे डूबा हुआ आदमी था लेकिन अब मे करोड़ पति बन गया विश्वास नही हो रहा है

आज के लिये इतना ही 🙏🙏🙏🙏
 
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