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★☆★ Xforum | Ultimate Story Contest 2025 ~ Reviews Thread ★☆★

Lucifer

ReFiCuL
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Unfortunately We are facing a server issue which limits most users from posting long posts which is very necessary for USC entries as all of them are above 5-7K words ,we are fixing this issue as I post this but it'll take few days so keeping this in mind the last date of entry thread is increased once again,Entry thread will be closed on 7th May 11:59 PM. And you can still post reviews for best reader's award till 13th May 11:59 PM. Sorry for the inconvenience caused.

You can PM your story to any mod and they'll post it for you.

Note to writers :- Don't try to post long updates instead post it in 2 Or more posts. Thanks. Regards :- Luci
 
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manikmittalme07

आपने जो एडिटिंग की है और कैसे और कब जोड़ा है इस कहानी में, उससे मैं रेटिंग को 7.5/10 कर रहा हूं। वैसे इस कहानी में कई झोल है अभी भी, जैसे पुलिस वालों को अगर जो जरा भी शक है तो वो उस शक को हर हाल में दूर करेंगे। जैसे जब सब खंगाला जा रहा है तो रजत और स्नेहा के कॉल रिकॉर्ड भी खंगाले लिए जाते। पुलिस वाले को बस शक भर होना चाहिए। फिलहाल कहानी आपकी अच्छी है, वो मैने पहले ही कहा था :applause:
Thx a lot bro for your revised review. Actually agar reality me dekhen to police wale kisi case me itni tension nahi lete. Unhe bas case solve karna hota hai. Thx bro for liking it🙏🙏🙏🙏
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Thx a lot bro for your revised review. Actually agar reality me dekhen to police wale kisi case me itni tension nahi lete. Unhe bas case solve karna hota hai. Thx bro for liking it🙏🙏🙏🙏
अब ये बहस बेमानी होजाएगी, लेकिन ऐसा नहीं होता कि शक होनौर पुलिस वाले छानबीन न करें। 🙏🏼
 

Shetan

Well-Known Member
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शैतान जी (यह नाम आपके जैसी उत्तम लेखिका के लिए इतना ख़राब है कि क्या कहूँ! :) :) ) -- आपने बहुत बड़ी बात कह दी।
आपकी कहानियाँ स्वयं इतनी सुन्दर और सकारात्मक होती हैं, कि बस आनंद ही आ जाता है। अभी तक आपकी चंदगीराम पहलवान वाली कहानी ही पूरी पढ़ पाया हूँ इस कांटेस्ट में। और क्या सुन्दर कहानी है वो!

आपने सही लिखा है - इस कहानी में ये सभी तत्व हैं। ठीक वैसे ही जैसे आम जीवन में होते हैं।



सच कहा।
मैंने देखा है कि वृद्ध शरीर अपूर्ण इच्छाओं का गढ़ होता है। इन्द्रियाँ शिथिल पड़ जाती हैं, लेकिन इच्छाएँ नहीं।
चूँकि अपने शरीर से वो इच्छाएँ साध्य नहीं हो पाती हैं, इसलिए वृद्ध होता मनुष्य अन्य लोगों से उम्मीद लगाने लगता है कि वो मेरी इच्छाएँ पूरे करे।
ऐसा न होने पर वो चिड़चिड़ा हो जाता है। अक्षमता (लाचारी) के कारण वो दूसरों पर दोष मँढ़ने लगता है।
ऐसे में अंधविश्वासों में उसको बड़ा सम्बल मिलता है। आप स्वयं देख सकती हैं कि सेवा-निवृत्त लोग ही इस तरह से तामझाम में लगे रहते हैं।



गिल्लू के माध्यम से विद्रोह और बदलाव को दर्शाने की कोशिश की है।
आपको कहानी पसंद आई, उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏



ये आप इसलिए कह रही हैं क्योंकि आप मेरी मित्र हैं और आपकी आँखों पर मैत्रीपूर्ण प्रेम की पट्टी चढ़ी हुई है, अपने रिकी भाई जैसी। 😂😂
अन्यथा अपने तटस्थ पाठक, आकाश जी की ही तरह आपको भी कहानी में कमियाँ दिख जातीं।

आपकी दूसरी कहानी शीघ्र ही पढ़ूँगा। पहले रिकी भाई, राज भाई, और अन्य दिलचस्प कहानियाँ पढ़ लूँ! :)
Avsji हमारी मित्रता से पहले मै आप की कहानी से प्रभावित हो चुकी थी. ये मेरा सौभाग्य है की आप ने हमें मित्रता योग्य समझा. बूढ़े कहते है ना की जैसी रंगत वैसी संगत. तो असर हम पर भी दिख रहा है. आप ने कुछ रिवॉल्यूशनकरने का जज़्बा हम मे जगाया है. तो हम भी आगे बढ़ रहे है. ये कांटेस्ट आप ही जीतो ऐसी भगवान से प्रार्थना रहेगी.
 

Mrxr

ᴇʏᴇꜱ ʀᴇᴠᴇᴀʟ ᴇᴠᴇʀʏᴛʜɪɴɢ ᴡʜᴀᴛ'ꜱ ɪɴ ᴛʜᴇ ʜᴇᴀʀᴛ
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Story ; meri zindgi ki sabse hasin raat
Written by ; arib
Story line ;
Incest​

Story ek kunal naam ke ladke ki hai,jo apni badi maa ke taraf akarsit hota hai,aur ek raat unme jismani rista banta hai.


Positive points

  • Story me waise toh koi positive point nahi dikha,par story ko saaf tarike se likha gaya hai.

Negative points

  • Story me emotional touch ki kami hai.
  • Story ke characters ki depth aur backstory nahi dikhai gai.
  • Kunal ka apni badi maa ke samne apni iccha jahir karna aur bina kisi jhijhak ke uska maan lena thoda unrealistic lagta hai.
  • Main point ye ki characters ki age samajh se pare hai..

Mistakes

Story me kuch words ki galtiya hai,jaise....mainai = maine.paragraphs kafi lambe ho gaye hain jinhe tod ke likha ja sakta tha,aur unki convo ko acche se dikhaya ja sakta tha,intimate scene ko thoda aur details me likha ja sakta tha.story me 1-2 twist dale ja sakte the family ke.

Story saafi se likhi gai hai jisse accha feel deti hai,incest read karne walon ko acchi lagegi.

Rating ; 6/10
 
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Shetan

Well-Known Member
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Story: परिंदा
Writer: Shetan

Story Line: दिल, दोस्ती और एक गजल, साथ में भारत पाकिस्तान के रिश्ते। कहानी शुरू होती है एक भारतीय वायु सेना के मिग 21 के पाकिस्तान में घुसने से, जो खुद एक दुर्घटना का शिकार है। उसे पाकिस्तान वायु सेना घेर लेती है, मगर घेरने वाला पायलट सरफराज उस मिग21 के पायलट वीर का दोस्त निकलता है, और कुछ यादें उसके जेहन में कौंधती है, जिसमें वो सरफराज को उसकी पत्नी, हिना से कैसे मिलवाता है वो उसे याद आता है। लेकिन दोस्ती अपनी जगह और फ़र्ज़ अपनी जगह। फिर भारत सरकार के कुछ कूटनीतिक प्रयासों से वीर को वापस भेजने की तैयारी होती है और सरफराज और हिना उसकी आवभगत करते हैं, जहां उन्हें वीर के परिवार के बारे में पता चलता है जो टूटने के कगार पर होता है। हिना एक बहुत ही बड़े सेना के ऑफिसर की बेटी होती है, वो वीर के परिवार को एक करने की ठनती है और वहां की एक गजल गायिका, जो वीर और उसकी पत्नी कविता के एक होने का कारण बनी थी, उनको वीर की एक चिट्ठी पहुंचा देती है। और इधर वीर जैसे ही भारत वापस आता है, कविता को अपनी गलती का अहसास होता है और वो फिर से एक ही जाते हैं।

Treatment: लेखिका ने फिर से एक बार सिद्ध किया है कि वो सच में कितनी होनहार है। भाषाशैली उनकी चिरपरिचित अंदाज में है, फ्लो शुरू में तो थोड़ा धीमा लगता है, पर जैसे ही कहानी फ्लैशबैक में जाती है, उसमें रफ्तार और जान दोनों आ जाती है।

Positive points: बहुत ही भावनात्मक तरीके से लिखी हुई कहानी है, दोस्ती और प्यार दोनों की गहराई महसूस होती है। एक जुड़ाव बन जाता है कहानी खत्म होते होते।

Negative points: स्पेलिंग और व्याकरण की गलती है, as usual. एक चीज अतिशयोक्ति लगी कि जो जहाज भटिंडा के करीब आग पकड़ लेता है उसे पहले लाहौर और फिर कश्मीर तक उड़ते हुए दिखाया गया है।

Suggestion: आगे भी ऐसा ही लिखते रहिए

Rating: 9/10
माफ करना. सबसे पहले जो दुविधा है. उसे दूर करना चाहूंगी. अगर कोई ऑब्जेक्शन उठाए उस से पहले ही सारे ज़वाब पहले से रट कर आई हु. मतलब की होमवर्क कर के आई हु.

सबसे पहले तो भटिंडा मे कोई एयरवेज नहीं है. पर फिर भी लाहौर से लट्टीट्यूड लोंगिट्यूड मतलब की नॉर्दर्न लाइन पेस्टिंग लाइन के स्केल पर निचे है.

पाक लाहौर एयरबस से पाक एयरक्राफ्ट ने उड़ान भरी. भारतीय एयरक्राफ्ट लाहौर मे नहीं लाहौर पाक सीमा मे घुसा. जिसकी हवाई सुरक्षा का जिम्मा लाहौर एयरवेज का था. रियल मे भी ऐसा ही है. और सीमा पर दोनों ही तरफ खेत खलियान गांव रिहाई सी इलाका है. और कहानी मे गेहूं की फसल का भी जिक्र है.


मुजे बहोत ख़ुशी हुई की आप को ये कहानी पसंद आई. हा मुझसे हर बार व्याकरण की गलती होती है. पर ये मेरी गलती है. कारन चाहे कुछ भी हो. मुजे ये खामियाजा भुगतना ही होगा. और मै कबूल करतीहु की ये सच है की मुजे व्याकरण नहीं आता. मै म्युनिसिपालिटी स्कूल मे हम सिर्फ खाना खाने जाते थे. पढ़ने नहीं. क्यों की पढ़ता तो वहां कोई नहीं था. आप 96 से 2006 तक के समय उन स्कूलो का हाल जानते ही हो. ऊपर से लड़कियों को लेट ही स्कूलो मे डाला जाता था. हम सांड जैसे बड़े हुए तब तो तीसरी क्लास मे पहोचे. बाकि रोने का कोई फायदा नहीं. मुजमे सुधार बहोत हुआ. ये मै जानती हु. फिर भी आप सब की सहायता से मुजे बहोत कुछ सिखने को मिला है.
 

Mrxr

ᴇʏᴇꜱ ʀᴇᴠᴇᴀʟ ᴇᴠᴇʀʏᴛʜɪɴɢ ᴡʜᴀᴛ'ꜱ ɪɴ ᴛʜᴇ ʜᴇᴀʀᴛ
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Story ; अहसास- ए -जिंदगी
Written by ; Chutiyadr
Story line ; ????

Story me ek ladke ke dwara jiye gaye,mahsoos kiye gaye ahsason ka warnan kiya gaya hai.

Positive points

  • Stroy me bhut hi acchi tarah se insaan ke un pahluon ko dikhaya gaya hai,jinhe jante hua bhi wo anjaan hote hain.
  • Story me kuch scenes realistic feel dete hain.jo story se connection accha jodte hain.
  • Jindgi ke ahsaason ko jis tarah se ubhar ke likha gaya hai,jo dimag pe apni gahri chaap chhodte hain.
  • Story youngsters ko motivation dene wali hai.

Negative points

  • Story ki length thodi lambi ho gai sayad,jisse padhne me thodi boring lagne lagti hai.
  • Story ke pariwar ke ahsaas wale part me bahen ka koi role nahi,jo ek acchi dost sabit hoti hai sayad.
  • Story story kam aur philosophy jyada lagti hai.

Mistakes

Story me na ke barabar galtiyan hai,kuch scenes ko chota kiya ja sakta tha,jaise....pariwar ka ahsaas,meditation point .....story padhte samaye aisa lagata hai ki koi kisi ka interview le raha ho uski jindagi ka.

Story bahut acche tarike se likhi gai hai jo padhne wale ko reality se connect karti hai. Ye story ek motivation ho sakti hai Un ladkon ke liye jo aaj kal depressed hoke apni jindgi ko barbaad kar lete hain.

Rating ; 8/10
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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माफ करना. सबसे पहले जो दुविधा है. उसे दूर करना चाहूंगी. अगर कोई ऑब्जेक्शन उठाए उस से पहले ही सारे ज़वाब पहले से रट कर आई हु. मतलब की होमवर्क कर के आई हु.

सबसे पहले तो भटिंडा मे कोई एयरवेज नहीं है. पर फिर भी लाहौर से लट्टीट्यूड लोंगिट्यूड मतलब की नॉर्दर्न लाइन पेस्टिंग लाइन के स्केल पर निचे है.
भटिंडा एयरबेस भटिंडा मे एक एयर शो आयोजित था. जिसमे भारत के स्वदेशी एयरक्राफ्ट LCH Tejas ने हिस्सा लिया हुआ था. Tejas की एक स्कॉर्डन के करतब पर तालिया बज रही थी.
ये आपका ही लिखा है देवी जी 🙏🏼

खैर कहानी है तो कुछ अतिशयोक्ति हो ही सकती है। मैने बस प्वाइंट आउट किया था। लेकिन ये इतना भी जरूरी नहीं है।
पाक लाहौर एयरबस से पाक एयरक्राफ्ट ने उड़ान भरी. भारतीय एयरक्राफ्ट लाहौर मे नहीं लाहौर पाक सीमा मे घुसा. जिसकी हवाई सुरक्षा का जिम्मा लाहौर एयरवेज का था. रियल मे भी ऐसा ही है. और सीमा पर दोनों ही तरफ खेत खलियान गांव रिहाई सी इलाका है. और कहानी मे गेहूं की फसल का भी जिक्र है.


मुजे बहोत ख़ुशी हुई की आप को ये कहानी पसंद आई. हा मुझसे हर बार व्याकरण की गलती होती है. पर ये मेरी गलती है. कारन चाहे कुछ भी हो. मुजे ये खामियाजा भुगतना ही होगा. और मै कबूल करतीहु की ये सच है की मुजे व्याकरण नहीं आता. मै म्युनिसिपालिटी स्कूल मे हम सिर्फ खाना खाने जाते थे. पढ़ने नहीं. क्यों की पढ़ता तो वहां कोई नहीं था. आप 96 से 2006 तक के समय उन स्कूलो का हाल जानते ही हो. ऊपर से लड़कियों को लेट ही स्कूलो मे डाला जाता था. हम सांड जैसे बड़े हुए तब तो तीसरी क्लास मे पहोचे. बाकि रोने का कोई फायदा नहीं. मुजमे सुधार बहोत हुआ. ये मै जानती हु. फिर भी आप सब की सहायता से मुजे बहोत कुछ सिखने को मिला है.
सुधार है, लेकिन कई चीजें मैने आपको कही है कि आप उच्चारण से पकड़ने की कोशिश करिए, तब वो खुद सही हो जाएगा।
 

SKYESH

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परिंदा(Drama)
दोस्तों यह कहानी न्यूज़ चेनल से मिली जानकारी के आधार पर लिखी गई है. नहीं किसी भी रष्ट्र की गोपनीयता को उजागर किया है. और ना ही किसी राष्ट्र को अपमानित किया गया है. यह कहानी बस एक कल्पना है.


पाकिस्तान के लाहौर एयरबेस कमांड कंट्रोल रूम से एक सक्स भागता हुआ एक डोर तक पहोंचा. उस रूम के डोर पर एक प्लेट लगी हुई थी. एयर चीफ मार्शल जनरल अहमद कुरैशी. उस सक्स ने तुरंत ही उस डोर को पुश किया और सीधा अंदर आ गया. अंदर आते ही उसे सामने दो सक्स बैठे दिखाई दिये. जिसमे से एक जनरल अहमद कुरैशी थे. और दूसरा सरफ़राज़ खान. उस सक्स के अचानक आ जाने से उन दोनों की नजरें भी उस पर गई. वो सक्स एकदम से रुक गया और जोरो से हाफने लगा.


कुरैशी : क्या बात है सलीम मिया. इस तरह हाफ क्यों रहे हो.


सलीम : (हाफना) जनाब... जनाब परिंदा. राडार पर एक परिंदा कैच हुआ है.


तुरंत ही कुरैशी साहब और फ़्लाइंग लेफ्टिनेंन सरफ़राज़ खान तेज़ी से सलीम के साथ कंट्रोल रूम पहोचे. स्क्रीन की ग्रीन लाइट मे एक डॉट सा दिखाई दे रहा था. स्क्रीन पर पहले से ही दो सक्स पाकिस्तानी एयरफोर्स की यूनिफार्म मे बैठे हुए थे. उनके कानो पर बड़े हड़फोन लगे हुए थे. जिसमे से एक ने अपने हड़फोन उतारे और सरफ़राज़ की तरफ देखा.


जनाब हिंदुस्तानी परिंदा लग रहा है.


सरफ़राज़ ने तुरंत ही कुरैशी साहब की तरफ देखा. चहेरे पर एक हेरत भरी सिकन थी.


कुरैशी : उस से कॉन्टेक्ट करने की कोशिश करो.


उस सक्स ने रेडिओ रिसीवर की मदद से आगाह करने वाला मैसेज भेजा.


( अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद)
सावधान आप पाकिस्तान एयरबेस लाहौर की सीमा मे हो. क्या आप हमें सुन सकते हो???


एक बार बोलने पर सिर्फ उन्हें रिसीवर से बस गुज गुज की आवाज आई. दूसरी बार वही मैसेज दोबारा रिपीट किया गया. सामने से जवाब आया. मगर ठीक से रिप्लाई नहीं आया. आधा सुनाई दिया. आधा उस गुज गुज की आवाज से गायब हो गया.


इंडियन एयरक्राफ्ट.... मिग... पॉइंट 00***37


कुरैशी साहब ने तुरंत सरफ़राज़ की तरफ गुस्से से देखा.


कुरैशी : (गुस्सा) ये हिंदुस्तानी परिंदा यही दफ़न होगा सरफ़राज़. जल्दी करो.


लाहौर एयरबेस से तुरंत ही दो JF17 फाइटर एयरक्राफ्ट ने उड़ान भरी. जो एयर टू एयर फायर करने वाली तथा एयर टू ग्राउंड फायर करने वाली मिसाइलो से लेस थे. इन दोनों एयरक्राफ्ट को उडाने वाले पाकिस्तानी पायलट मे से एक सरफ़राज़ था.


उसके कुछ घंटो पहले भारत के भटिंडा एयरबेस भटिंडा मे एक एयर शो आयोजित था. जिसमे भारत के स्वदेशी एयरक्राफ्ट LCH Tejas ने हिस्सा लिया हुआ था. Tejas की एक स्कॉर्डन के करतब पर तालिया बज रही थी. ज्यादातर उस एयर शो को देखने वाले स्कूल के बच्चे थे. जो हवाई जहाज के तरह तरह के करतब को देख कर बहोत उत्साहित हो रहे थे. एयरबेस की सुरक्षा ऊपर आसमान मे दो Mig 21 कर रहे थे. हिन्दुस्तनी हुकूमत भी जानती थी की Mig 21 एक उड़ता हुआ कॉफीन है. और इस बात का पता इंडियन एयरफोर्स को भी था. लेकिन वो जाबाझ अपने मुल्क की हिफाजत के लिए उस कॉफीन को भी उडाने के लिए तैयार थे.


उन दोनों Mig 21 पर तहनात भारतीय पायलेट ड्यूटी करते हुए रेडिओ सेट के जरिये आपस मे बातचीत करते है. बातचीत के दौरान दोनों मे हसीं मज़ाक भी खूब हो रहा था.


जम्बो 1 : जम्बो 2 जम्बो 2....


जम्बो 2: जम्बो 2 कैरी ऑन


यार भाभी ने तुझे इतने बड़े लिफाफे मे भेजा क्या है???


जम्बो 2 ने कोई जवाब नहीं दिया. पर जम्बो 1 की बेचैनी बढ़ती ही जा रही थी.


जम्बो 1 : ओय वीरू बोल ना साले.


उस जम्बो 2 पायलेट का नाम वीरू था. फ़्लाइंग लेफ्टिनेंन वीरेंद्र चौहान. और उसके साथ उड़ रहा दूसरा पायलेट अभिषेक था.


वीरू : (स्माइल) यार तू क्यों गांड जला रहा है अपनी. तुजसे पटनी होती तो तेरे कॉलेज मे ही पट जाती. साले 7 साल हो गए उसे मेरी बीवी बने. कब तक मन चोद के काम चलाएगा. साले अपनी बीवी के बारे मे भी सोच ले. नहीं तो वो कही किसी के साथ भाग गई तो....


अभिषेक : (स्माइल) बस कर साले. वैसे भाभी वो ब्लैक पटियाला शूट मे क्या लग रही थी यार.


वीरू एकदम जोरो से हँसा.


वीरू : उसे कविता कहु या गझल.
अल्फाझ कम है उसे बया करने के लिए.
इक इक अकसर पढ़ने को जी चाहता है मेरा.
बस बाहेकने से डर लगता है.


अभिषेक : साले ऐसी ही शायरीया बोल बोल के तू पटा गया. नहीं तो आज तू उसे भाभी कहे रहा होता.


वीरू : (स्माइल) भाभी तो मै अब भी कहता हु. मगर तेरी. चल अभी ड्यूटी पर दयान दे. वरना वो खड़ूस मद्रासी हम दोनों को नहीं छोड़ेगा.


अभिषेक : (स्माइल) अबे साले वो सुन रहे है.


वीरू के ध्यान से निकल गया की उसके विंग कमांडर भी लाइन पर है. और उन दोनों की बकवास सुन रहे थे.



विंग कमांडर ए एम अय्यर : (गुस्सा) सम्राट टू जम्बो रिपोर्ट ओवर.


वीरू : (धीमी आवाज) मर गया.


वीरू : जम्बो 2 केरी ऑन.



अय्यप्पा : पॉइंट *** क्लियर करो इम्मीडिएटली.


वीरू : ओके रोजर.


दरसल अभिषेक और वीरू दोनों मुंबई के ही रहने वाले थे. दोनों ने एक साथ ही एयरफोर्स ज्वाइन की थी. और दोनों ही मुंबई से ही थे. इस लिए दोनों की दोस्ती हो गई. अभिषेक ने वीरू को अपने कॉलेज के दोस्तों से एक बार मिलवाया. जिसमे कविता भी थी. पहेली मुलाक़ात मे ही कविता और वीर मे एक दूसरे के लिए आकर्षण पैदा हो चूका था.


वीरू के खुशमिजाज स्वाभाव और उसके शायराना अंदाज़ से कविता पट गई. और जल्दी ही दोनों ने शादी कर ली. अभिषेक भी कविता के साथ ही पढ़ा था. पूरी कॉलेज कविता की दीवानी थी. जिसमे से एक अभिषेक भी था. लेकिन प्रिंसेस मिली मारिओ को.


पर अभिषेक अपनी भाभी का नाम लेकर वीरू से अक्सर मज़ाक मस्ती करते रहता था. साले कैसे पटा ली. कॉलेज का सबसे टॉप का माल है भाभी. तेरा पत्ता कट हो जाए तो बता देना. बहोत कुछ वैसे वीरू और कविता की शादी को 7 साल भी हो चुके थे.


अभिषेक ने भी शादी कर ली थी. मगर मझाक मस्ती दोनों मे चलती रहती थी. वीरू भी अभिषेक को गांड जला वगेरा बहोत कुछ बोलते रहता था. वैसे ही उस मझाक को विंग कमांडर अय्यर ने सुन लिया. और वीरू को किसी और जगह को सर्च करने को कहा. वीरू अपने एयरक्राफ्ट Mig 21 को लेकर मूव करता है. तभि अचानक एयरक्राफ्ट के पीछे के हिस्से से धुँआ निकालने लगा. एक इंडिकेटर वीरू की स्क्रीन पर बजने लगा.


वीरू : जम्बो 2 कॉलिंग जम्बो 1 रिपोर्ट ओवर.


अभिषेक : जम्बो 1 कैरी ऑन.


वीरू : लगता है इंजन मे कोई प्रॉब्लम है. मुजे एयरक्राफ्ट को लैंड करना होगा.


अभिषेक ने वीरू के एयरक्राफ्ट की तरफ नजर डाली और देखा की वीरू के एयरक्राफ्ट मे पीछे इंजन की तरफ आग लगी हुई है.


अभिषेक : (सॉक) जम्बो 2 जल्दी इजेक्ट करो. आप के इंजन मे आग लगी हुई है.


वीरू : पागल हो क्या. निचे कितनी पब्लिक है. इजेक्ट करूँगा तो बहोत बड़ा एक्सीडेंट होगा.


लेकिन ये सब बाते विंग कमांडर ने भी सुन ली थी.



अय्यर : (हड़बडाट) सम्राट टू जम्बो 2 रिपोर्ट ओवर...


वीरू : जम्बो 2 ओके ओवर.



अय्यर : इमीडिएट लेट डाउन ओवर.


वीरू : सॉरी सम्राट. इंजन मे आग लग चुकी है. ब्लास्ट हुआ तो हमारा बहोत नुकसान होगा.



अय्यर : (हड़बडाट) फिर जल्दी से सेफ इजेक्ट करो इमिजेट...


वीरू ने हर तरफ देखने की कोसिस की. उसे हर तरफ रेसीडेंस ही नजर आ रहे थे. तभि एक शार्ट शर्किट हुआ. और उसमे उसके एयरक्राफ्ट का नेवीगेशन सिस्टम ख़राब हो गया. वो और बड़ी प्रॉब्लम मे आ गया. अब वो मैप के सहारे कोई जगह नहीं जा सकता था. वो जिस रास्ते को देखता है. और समाजता है. उसके सिवा उसके पास और कही जाने का रस्ता नहीं बचा. मगर हवाई रास्ते सिग्नल और नेवीगेशन पर चलते है. वीरू को कुछ समझ नहीं आ रहा था की वो लैंड कहा करें. या फिर इजेक्ट कहा करें.


क्यों की उसके इजेक्ट करते वो तो जिन्दा बच जाएगा. मगर उसका एयरक्राफ्ट किसी रिहासी इलाके मे गिरा तो बहोत जान जा सकती है. रेडिओ सेट पर लगातार अय्यर उसे हीदायत देने की कोसिस कर रहा था. वीरू बहोत ही समझदार और जिंदादिल पायलेट था. वीरू जानता था की अय्यर उसपर इजेक्ट करने का दबाव बनाएगा. इस लिए वीरू ने रेडिओ सेट ऑफ़ कर दिया. और वो अपना एयरक्राफ्ट लेकर कही सेफ प्लेस ढूढ़ने चल दिया.


उड़ते हुए उसका एयरक्राफ्ट कहा जा रहा है. उसे खुद पता नहीं चला. उसने अपना रेडिओ सेट ऑन किया. उसे कोई सिग्नल भी मिल रहा था. पर आवाज क्लियर नहीं आ रही थी. दूर उसे पहाड़िया दिखाई दीं. उसे आईडिया आया की वो अपने एयरक्राफ्ट को पहाड़ी से टकरा कर बर्बाद कर देगा. और वो पहाड़ो के करीब जा ही रहा था की उसके अगल बगल दो JF17 एयरक्राफ्ट आ गए. जिसे वीरु ने भी देखा.


वीरू : (मन मे) मर गया


वीरू को पता नहीं चला की वो इंडिया से पाकिस्तान की सीमा मे घुस चूका था. और उसे दो पाकिस्तानी एयरक्राफ्ट ने अरेस्ट कर लिया. जिसमे से एक JF17 मे सरफ़राझ था. जब एक JF17 सामने और एक बिलकुल पीछे आ गया तो वीरू को अपना Mig हवा मे ही स्थिर करना पड़ा. सामने जो JF17 था. उसने अपने विंग्स हिलाकर वीरू को ये जताया की आप अरेस्ट हो चुके हो.


वीरू ने भी अपनी विंग्स हिलाकर सरिनडर कबूल किया. क्यों की वीरू किसी जंग या जंगी ऑपरेशन मे शामिल नहीं था. वो गलती से उनकी सीमा मे घुसा था. वीरू सभी प्रोटोकॉल को अच्छे से निभा रहा था. उसका अपना रेडिओ सेट ऑन ही था. दोनों का कन्वर्सेशन स्टार्ट हुआ.


सरफ़राझ : (अंग्रेजी कन्वर्सेशन) आप पाकिस्तानी सीमा मे गेरकानूनी तरीके से घुसे हो. आप को अरेस्ट किया जता है.


वीरू ने ये आवाज कई सालो पहले सुनी हुई थी. वो ये आवाज अपने रेडिओ सेट पर सुनकर एक्ससिटेड और सॉक हो गया.


वीरू : क्या तुम सरफ़राझ हो??? ओवर


सरफ़राझ ने कोई जवाब नहीं दिया. क्यों की वीरू की आवाज सुनकर वो भी सॉक था. जैसे उसने भी ये आवाज कई सालो बाद सुनी थी. और उसके जहन में एक तस्वीर दिखने लगी.


लंदन
वीरू और सरफ़राझ दोनों एक दूसरे के कंधे पर हाथ रखे झूमते हुए आ रहे थे. दोनों ने शराब पी रखी थी. और दोनों गाना एक साथ गुन गुना रहे थे. ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे....


वीरू और सरफ़राझ दोनों की मुलाक़ात लंदन मे हुई थी. ब्रिटिश हुकूमत ने जिन मुल्को पर राज किया. उन्होंने उसी हुकूमत को अपने साथ एयरफोर्स एक्सरसाइज के लिए इन्वाइट किया. इंडिया की तरफ से जो टीम गई थी. उसमे वीरू था. वही पाकिस्तानी टीम के साथ सरफ़राझ था. उस वक्त दोनों मुल्को के रिश्ते सामान्य थे.


उस वक्त दुश्मनी की कोई ठोस वजह तो नहीं थी. इस लिए एक दूसरे की सोच जान ने के लिए दोनों ही आगे आए. पहले तो दोनों ने एक दूसरे की टांग खींचने की कोसिस की. मगर दोनों ने एक दूसरे को जान ने की भी कोसिस की. एक पवित्र आत्मा एक पाक रूह से मिली तो दोनों बहोत खास दोस्त बन गए. जब बिछड़े तो एक ने भगवान से प्रार्थना की और एक ने अल्लाह से दुआ पढ़ी की कभी भी हम आपस मे जंग के लिए ना मिले. लेकिन भगवान ने और अल्लाह ने उन्हें दोबारा जरूर मिला दिया. खेर प्रार्थना और दुआ दोनों कबूल हुई. क्यों की वो जंग तो नहीं थी.


सरफ़राझ : (गुस्सा) तुम तो बहोत उसूलो की बाते किया करते थे. अब इस तरफ इंलीगल मेरे मुल्क मे घुस आए. इस वक्त तुम्हारे सामने तुम्हारा दोस्त सरफ़राझ नहीं एक पाकिस्तानी सिपाही खड़ा है.


वीरू : ओय सरफ़राझ यार. क्या फ़िल्मी डायलॉग मार रहे हो यार. तुम देख नहीं रहे कितनी प्रॉब्लम मे मै हु यार. मुजे कही अपना एयरक्राफ्ट लॉस्ट करना है. ताकि किसी का कोई नुकसान ना हो.


सरफ़राझ पहले से ही देख चूका था की वीरू के Mig की टेल यूनिट पर आग लगी हुई है. और उसका एयरक्राफ्ट कभी भी ब्लास्ट हो सकता था.


सरफ़राझ : तो उसके लिए तुझे मेरा ही मुल्क मिला. साले अपने मुल्क मे मरना था.


वीर पहले तो चिल्लाकर मस्ती भरी आवाज नीकलता है.


वीरू : उउउउउ... चाहा था तेरी बाहो मे मर मिटेंगे सनम. मगर भूल गए की तुमने ही तो मेरी लम्बी उम्र की दुआ की है. अबे तेरा मेरा क्या कर रहा है. जल्दी मुजे लॉक डाउन कर. और जल्दी एयरक्राफ्ट ब्लास्ट कर.


सरफ़राझ : ला हॉल बिला कु वत. तू कितनी घटिया शायरी बोलता है. तेरा दिमाग़ ख़राब है. तू देख निचे. पंजाब(पाक) है. गेहूं की फसल पकी हुई है. हमें भूखे मरने का प्लान है क्या. जा अपने मुल्क मे ही आग लगा.


वीरू : ओय यार पंजाब तेरा हो या मेरा. सब का पेट भर रहा है. कोई और रस्ता दिखा यार. जल्दी समझ नहीं आ रहा मै क्या करू.


उनकी बाते कुरैशी साहब भी सुन रहे थे. अपने दुश्मन मुल्क के बारे मे तो उतना बुरा वो भी नहीं सोच सकते थे. लेकिन उनकी उम्मीद सरफ़राझ पर थी. सरफ़राझ सोचने लगा.


सरफ़राझ : हमारे साथ आओ. और हमें ही फॉलो करना. और कुछ गड़बड़ की तो याद रखना. जहन्नुम पहोंचा दुगा.


वीरू : हा मगर तू साथ होगा तो वो भी चलेगा. बस एक बोतल ले लेना.


सरफ़राझ : शट अप... बत्तमीज.


वीरू हसने लगा. उसका Mig दोनों JF17 के साथ चल पड़ा. दोनों JF17 उसके इर्द गिर्द थे. ताकि वीरू कही भागे नहीं. वो उसे POK की तरफ ले गया. उन्हें पहाड़िया दिखने लगी.


सरफ़राझ : जाओ वहां टकराओ और जल्दी जहन्नुम चले जाओ.


वीरू सिर्फ हँसा. उसने Mig उन पहाड़ियों की तरफ बढ़ा दिया. वक्त ज्यादा नहीं था. मगर डर सरफ़राझ को होने लगा. वो उसके Mig को देखता ही रहा. उस से रहा नहीं गया. और बोल पड़ा.


सरफ़राझ : (रेडिओ सेट) साले इजेक्ट कर ले.


मगर वीरू एन्ड तक जा रहा था. ताकि कोई गलती ना हो. सरफ़राझ की सांसे मनो रुक रही हो. और वो जोर से रेडिओ सेट पर चिल्लाया.


सरफ़राझ : (चिल्लाकर) वीरू इजेक्ट कर.....


Mig के टकराने से एन्ड वक्त पर वीरू ने इजेक्ट कर लिया. इंजेक्शन सीट तुरंत आसमान मे ऊपर तक उछली. और एक पैराशूट खुल गया. निचे पहले से ही वीरू को अरेस्ट करने की तैयारी हो चुकी थी. वीरू को अरेस्ट करने के लिए पाक आर्मी तैयार थी.


हवा मे उड़ते वीरू के कदम जैसे ही जमीन पर गिरे उसे पाक आर्मी ने धर दबोचा. वीरू को चार सिपाहियों ने घेर रखा था. उसके दोनों हाथ पीछे को बांध दिए गए. एक ऑफिसर आया और आते ही खींचकर एक मुक्का वीरू के मुँह पर दे मारा.


ऑफिसर : साले हिंदुस्तानी तेरी जुर्रत कैसे हुई यहाँ मेरे मुल्क मे आने की.


वीरू खुद एक एयरफोर्स अफसर था. वो प्रोटोकॉल समझता था. उसके होठो से खून निकालने लगा. पर वो मुस्कुराने लगा.


वीरू : (स्माइल) अरे जुर्रत का मत पूछो सनम. हम तो किसी के भी दिल मे बिना पूछे भी आ जाते है. जा तेरे जैसे खुद को खुदा समझने वाले बहोत देखे है.


वीरू का बस यही बोलना और उसपर लात घूंसो की बारिश हो गई. पर वीरू तो पागलो के जैसे हसता रहा. तभि एक सिपाही भागता हुआ वहां आया.


सिपाही : जनाब जल्दी करिये. जनरल साहब का हुकम है. मिडिया से पहले परिंदे को सलामत पिजरे तक ले जाना है.


वीरू : (स्माइल) जिसे अल्लाह ने खुद उड़ान दी है उसे तुम पिंजरे तक ले जाओगे??? अरे हम तो महोब्बत का पैगाम लेकर आए है सनम.


वीरू को प्यार का पैगाम लेजाना भारी पड़ा. उसे तुरंत उस अफसर ने एक और घुसा पेट मे दे मारा.


अफसर : चुप कर साले.


उस अफसर ने सिपाहियों को बस हिसारा किया. और वीरू को वो लोग खिंच कर लेजाने लगे. वो लोग वीरू को एक सडक तक ले आए. पर मीडिया वाले और बहोत सारी भीड़ पहोच चुकी थी. आर्मी(पाक) उन्हें घेरा बनाकर रोका हुआ था. सटासट वीरू के फोटो खींचे जा रहे थे.


उसकी वीडियो बन रही थी. मीडिया वाले कइयों के हाथो मे माइक और कइयों के हाथो मे बड़ा कैमरा था. पाकिस्तानी आर्मी की भी कई गाड़िया रोड पर ही खड़ी हुई थी. वीरू को एक बुलेटप्रूफ बंकर गाड़ी के पास लाया गया. वीरू ने उस भीड़ की तरफ देखा.


वीरू : (स्माइल) वाओ यार. क्या जबरदस्त वेलकम है.


तभि उसे पीछे कंधे पर एक सिपाही ने बन्दुख के बट से मारा. और वीरू को बड़ा दर्द हुआ. तभि सामने से एक मीडिया वाले ने चिल्लाकर वीरू से पूछा.


मीडिया : क्या तुम हिंदुस्तानी हो???


वीरू : (स्माइल) हा... मै हिन्दूस्तानी हु.


भीड़ मे हलचाल मच गई. कानाफुंसी होने लगी.


मीडिया : तुम हमारे मुल्क मे क्यों आए???


वीरू : (स्माइल) मै महोब्बत का पैगाम लाया हु दोस्तों.


तभि कही से एक पत्थर आया और वीरू के सर पे ही लगा. और अचानक बहोत सारे पत्थर वीरू पर बरसाने लगे. लेकिन पाक आर्मी ने जल्दी से वीरू को एक बुलेटप्रूफ बंकर वान मे बैठा दिया. अंदर बैठने के बाद भी उस वान पर पत्थर बरस रहे थे. अंदर बैठे वीरू ने एक बार ये सोचा जरूर. साला दोनों मुल्को की फौज, पब्लिक, मीडिआ सब एक जैसी ही है. फिर भी एक दूसरे से कितनी नफरत है.


वीरू को अचानक किसी ने पीछे से दबोच और उसकी आँखों पर काली पट्टी बांध दी गई. उसे कंधे पर कुछ चुबा. वीरू समझ गया की उसे बेहोश किया जा रहा है. वक्त नहीं लगा. और वीरू को नींद आ गई. और वो बेहोश हो गया. सरफ़राझ भी लैंड कर चूका था. और उसे वीरू के आने का इंतजार था.


सरफ़राझ बहोत परेशान था. और कुरैशी साहब भी वही थे. सरफ़राझ को इस तरह परेशान देख कुरैशी साहब भी हैरान थे.


कुरैशी : क्या ये वही है???


सरफ़राझ ने बस हलकासा हा मे सर हिलाया. और तेज़ी से एक अलमारी की तरफ बढ़ा. अलमारी खोली. अंदर से एक बोतल और ग्लास निकला. सरफ़राझ तेज़ी से एक पैग बनता है. और सूखा ही गटक जाता है. सरफ़राझ की हालत देख कर कुरैशी साहब वहां से चल दिए.


खुद सरफ़राझ को चेन नहीं आ रहा था. थोड़ी घबराहट और एक अजीबसा डर लग रहा था. वो एक सोफा चेयर पर बैठ गया. और अपनी आंखे बंद कर ली. सरफ़राझ आंखे बंद करते ही बीते कल को याद करने लगा.


लंदन रात का वक्त दोनों पार्टी मे जाने के लिए एक ही रूम मे तैयार हो रहे थे. सरफ़राझ वीरू से थोडा लम्बा था. दोनों ने ब्लैक पार्टी शूट पहना हुआ था. ब्लैक चमकते हुए बूट, क्लीन सेव, एकदम फिक्स मुछे. कुल मिलाकर दोनों बहोत हैंडसम लग रहे थे. मिरर के सामने खड़ा वीरू अपने बालो को चिपका रहा था. और सरफ़राझ अपनी पैंट की जीप बंद करने की कोसिस कर रहा था. तभि उस से अपने पैंट की जीप टूट गई.


सरफ़राझ : (सॉक) अबे साले टूट गई.


वीरू : (मिरर मे देखते हुए ) रहने देना. वैसे भी खोलनी ही है.


सरफ़राझ : (स्माइल) अबे इन गोरी मेम को देख कर कही मेरा तोता बहार ना आ जाए.


वीरू : (स्माइल) कोनसी गोरी मेम. वो अलीशा को देख कर???


सरफ़राझ वीरू के करीब आ गया.


सरफ़राझ : ओय हा यार. तू शाम उसे गोल्फ शिखाने वाला था ना??? क्या हुआ???


वीरू ने सरफ़राझ की तरफ स्माइल किए देखा.


वीरू : बेचारी को गोल्फ की जगह क्रिकेट सीखा दिया. खुश हो गई मेरी बेटिंग देख कर.


सरफ़राझ : (सॉक) साले तूने अलीशा को भी पेल दिया. ओय खस्मा नु खनियां. किसी को तो मेरे लिए बक्स दे.


वीरू : (स्माइल) तेरे लिए बक्सा हेना. हिना को.


हिना नाम सुनकर सरफ़राझ की बोलती बंद ही हो गई.


वीरू : अबे साले. तू उस से प्यार करता है तो बोलदे ना. फिर कब मिलेगी क्या पता. चल अब.


वो दोनों रूम से पार्टी मे जाने के लिए बहार निकले. पर बेचारे सरफ़राझ के पैंट की जीप तो टूटी हुई है. ये वो दोनों ही भूल गए. वो तेज़ी से बस रिसेप्शन तक ही पहोचे थे की सरफ़राझ किसी से टकराया.


हिना : (गुस्सा) देख कर नहीं चल सकते. बत्तमीज कही के.


सरफ़राझ गलती से हिना से ही टकराया. वो घबरा गया. सरफ़राज़ बहोत सीधा था. कूल बन ने की कोसिस करता. पर जनाब नेहयती शरीफ मगर मच मोर हैंडसम मेन था.


सरफ़राझ : (घबराहट) सॉरी मैडम. वो वो वो...


हिना : (गुस्सा) क्या सॉरी. मै जानती हु तुम जैसे नवाब जादो को. तुम और तुम्हारा वो दोस्त. जानबुचकर मुझसे टकराए ना. दोस्ती करने के ये तरीके पुराने हो गए है.


तभि एकदम से वीरू आ गया. और अपने दोस्त सरफ़राझ के पीछे से उसके ऊपर लटक गया.


वीरू : क्यों भई. क्या खराबी है मेरे दोस्त मे. जिसे तुम अपना दोस्त नहीं बना सकती. 100 टका खरा सोना है मेरा यार.


हिना : हम्म्म्म... सोना??? जिसके दोस्त तुम हो. वो सोना नहीं हो सकता.


हिना कुरैशी साहब की एक लौती बेटी थी. उस वक्त उसके पिता जनरल तो नहीं थे. मगर बहोत बड़े अफसर थे.


वीरू : ओओ मैडम. आप मेरे दोस्त की बेजती कर रही हो. वो नेहयति सरीफ इंसान है समझी आप.


हिना ने सरफ़राझ की पैंट की तरफ ही देखा. और तुरंत ही सरफ़राज़ और फिर वीरू की तरफ देखा.


हिना : हा..... वो तो दिख ही रहा है. नेहयति सरीफ.


बोलकर हिना वहां से चली गई.(वीरू जानता था की सरफ़राझ हिना को बहोत पसंद करता है. मगर कभी बोलेगा नहीं.)


सरफ़राझ : ओय यारा क्या जरुरत थी. थोडा बहोत बोल कर चली जाती. फालतू मे ज्यादा बेजती करवादी.


वीरू : चल अब. साले तू उसे पसंद करता है तो उसे बोलता क्यों नहीं.


वो दोनों भी पार्टी मे जाने लगे.


सरफ़राझ : अभी इतनी बेजती करवाई काफ़ी नहीं. याद है ना. उसने क्या बोला. तेरे जैसा यार हो तो बस..


वीरू : तो इसमें मेरी गलती है.


सरफ़राझ कुछ बोलता उस से पहले किसी दरबान ने बड़ा सा डोर खोल दिया. अंदर पार्टी चल रही थी. और सभी की नजर उन दोनों हैंडसम मर्दो पे ही गई. सरफ़राझ एकदम संभल गया. और दोनों पार्टी मे शामिल हो गए. दोनों ही मर्दो से लड़किया ज्यादा ही चिपक ने की कोसिस कर रही थी. वीरू तो लड़कियों मे ही लग गया. मगर सरफ़राझ जितना दिखावा कर रहा था. वैसा था नहीं.


नेहयती सरीफ इंसान था वो. उस स्मार्ट टॉल हैंडसम मैन को फिरंगी लड़कियों ने घेर लिआ. सरफ़राझ की हालत ही ख़राब हो गई. सरफ़राझ एक तरफ वीरू को देखता. जो हस हस कर लड़कियों से बाते कर रहा है. और एक तरफ और लोगो को. कही उसे कोई देख तो नहीं रहा. तभि पार्टी मे शामिल हिना से उसकी नजर मिली. जो उसे बड़े गुस्से से देख रही थी. वीरू का ध्यान भी उन दोनों पर था.


उसका दोस्त किसी को तहे दिल से चाहे और उसे ना पता चले ये कैसे हो सकता है. वो उन दोनों को करीब लाने का मौका ढूढ़ने लगा. सरफ़राझ ने जैसे ही देखा की हिना उसे बहोत बुरी तरह से घूर रही है. तो सरफ़राझ वहां से खिसक लिया. वक्त बीत ता गया. सरफ़राझ अकेला अपना पैग लिए एक साइड खड़ा था. तभि उसके पास से हिना गुजरती है. उसके साथ और भी लड़किया थी.


हिना के करीब आते अचानक से सरफ़राझ को धक्का लगा. और वो गलती से हिना से ही टकरा गया. उसके हाथ मे जो पैग था. वो हिना की ड्रेस पर ही गिर गया. हिना का गुस्सा सातवे आष्मान पर चले गया.


हिना : (गुस्सा) इडियट गवार जाहिल कहीं के. ये क्या किया. अब ये मत कहना की ये भी गलती से हुआ.


सरफ़राज़ को एकदम से किसी ने पुकारा और वो उस बीते कल से बहार निकला. अंदर एक सिपाही भागता हुआ आया.


जनाव वो परिंदा.


सरफ़राज़ झटके से खड़ा हुआ और बहार जाने लगा. उधर गाड़ियों का काफिला बेस कैंप के अंदर दाखिल हुआ. वहां कैंप के बहार भी मीडिया की भीड़ थी. मगर उन्हें अंदर नहीं आने दिया गया. दोपहर से रात का अंधेरा हो चूका था. और वीर को भी होश आने लगा था. मगर आँखों पर काली पट्टी लगी हुई थी. जिस वजह से उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. उसे बहोत थकावट महसूस हो रही थी.


वीर को ये तो पता चल गया की वो किसी ख़ुफ़िया जगह तक सायद पहोच गया है. वो जगह किसी एजेंसी या फिर आर्मी कैंप हो सकता है. वो अपने आस पास के लोगो की आवाज सुन सकता था. उन आवाज मे उसे एक आवाज सुनाई दी.


हिना : भाई जान....


कुरैशी : बेटी तुम इस वक्त बिच मे मत आओ.


कुरैशी साहब ने हिना का हाथ पकड़ लिया. और उसे रोक दिया. वीर को महसूस हुआ जैसे हिना को उस से कोई दूर ले जा रहा है. वो हिना को पुकारे बिना रहे नहीं पाया.


वीर : (स्माइल) हिना.... मेरी बहन.... मै ठीक हु. पर सोरी. अभी सायद हम मिल नहीं पाएंगे. सायद पहले बिरयानी.... हाआआ..


वीर को डायलॉग भी मरने नहीं दिया. और किसी ने उसके मुँह पर घुसा मारा. वो और कोई नहीं सरफ़राज़ था. वहां हिना ने सरफ़राज़ को बहोत गुस्से से देखा. पर सरफ़राज़ ने हिना की तरफ देखा ही नहीं. वो वीर को वहां से अंदर ले गया. हिना की आँखों मे अंशू थे. वो भी अंदर जाने की कोसिस करने लगी. पर उसे गार्ड ने रोक दिया. हिना बहोत गुस्से से झल्ला कर बोली.


हिना : (गुस्सा) मैं जनरल कुरैशी की बेटी हु.


गार्ड : हमें माफ करें. ये उन्ही का आर्डर है.


हिना गुस्से मे वहां से चकती हुई अपनी कार तक आई. और कार की फ्रंट सीट पर बैठ गई. उसकी आँखों से अंशू रुक नहीं रहे थे. अपने अंशू पोछते उसने भी आंखे बंद की. और अतीत मे एक बीते कल की तस्वीर उसके सामने आ गई.


लंदन.
हिना की ड्रेस पर जब सरफ़राज़ ने अपनी ड्रिंक गिरा दी. वो बहोत नाराज हुई. वो बाथरूम मे जाकर अपनी ड्रेस साफ कर रही थी. जब बहार निकल कर वो पार्टी की तरफ जा ही रही थी की पास लॉबी से वीर निकल कर आया.


वीर : जी मेम आप से दो मिनट बात कर सकता हु??


हिना ने वीर को देखा तो उसे और ज्यादा गुस्सा आने लगा. वो उसे गुस्से से देखने लगी. और बिना कुछ बोले जाने लगी. वीर ने उसे फिर से पुकारा.


वीर : मेम बस दो मिनट.


हिना गुस्से से पलटी.


हिना : मैं तुम जैसे लोफर से बात नहीं करती. बेहतर होगा की तुम दोबारा मुझे नहीं पुकारोगे.


वीर : पर एक भाई तो पुकार सकता है ना??


हिना एकदम से रुक गई. उसे समझ नहीं आया.


वीर : एक भाई तो अपनी छोटी बहन को पुकार सकता है ना.


हिना को भरोसा नहीं हो रहा था की एक प्लेबोय जैसी इमेज़ रखने वाला सक्स किसी लड़की को बहन बोल सकता है. वीर चलते हुए हिना के करीब आया.


वीर : (स्माइल) मैं जानता हु की तुम मुजे क्या समज़ती हो. पर मैं ऐसा ही हु. पर हिना मेरा यकीन मनो सरफ़राज़ मुज जैसा नहीं है. वो बस मुजे कूल बन कर दिखाने की कोसिस कर रहा है. हकीकत तो ये है की उसने कभी किसी लड़की से बात तक नहीं की. दोस्ती तो बहोत दूर की बात है.


हिना : पर ये सब आप मुजे क्यों बता रहे हो???


वीर : क्यों की वो कभी नहीं बोलेगा. पर वो तुमसे प्यार करता है.


हिना को भी सायद सरफ़राज़ पसंद था. मगर वीर के साथ हिना ने उसे कुछ और ही समझा. वो मुश्कुराने लगी.


हिना : (स्माइल) खेर वो छोडो. पर आप ने मुजे छोटी बहन कहा??


वीर : (स्माइल) हा. मेरा इस दुनिया मे कोई नहीं है. जो मुजे अच्छा लगता है. मैं उस से कोई रिस्ता बना लेता हु. सरफ़राज़ बहोत अच्छा लगा. तो वो दोस्त बन गया. तुम भी बहोत प्यारी हो. इस लिए तुम आज से मेरी छोटी बहन हो. चलो चलता हु.


वीर बोल कर जाने लगा. हिना बस उसे जाते देख रही थी. उसने भी वीर को पुकारा.


हिना : (स्माइल) भाईजान मैं तुम्हे कुछ और ही समझ रही थी. पर....


वीर चलते हुए ही पलटा.


वीर : (स्माइल) तुम मुजे बिलकुल सही ही समझ रही थी हिना. बस तुम मेरी बहन हो. सारी नहीं.


बोल कर वीर वहां से चले गया. और हिना बस उसे जाते देखती ही रही. हिना उस अतीत की तस्वीरों में खोई हुई थी की किसी ने उसकी कार का डोर नॉक किया. हिना ने सर घुमाया और देखा. एक गार्ड खड़ा था.


गार्ड : जी मेम जनरल साहब आप को बुला रहे है.


वहां वीर को किसी चेयर पर बैठाया गया. उसके हाथ और पेरो को बांध दिए गया. तभि एकदम से उसके आंखे से वो काली पट्टी हटी. मगर काफ़ी लम्बे वक्त से वो पट्टी उसकी आँखों पर थी. इस लिए वीर को पहले तो सब धुंधला नजर आ रहा था.


क्या नाम है तुम्हारा???


धीरे धीरे धुंधलापन कम हुआ. और वीर को दिखने लगा. एक सक्स उसके सामने झूका हुआ खड़ा था. तक़रीबन 40 की उम्र होंगी. मोटा ताज़ा हट्टा कट्टा. गहेरी बड़ी मुछे. मगर क्लीन शेव. वीर ने थोडा दए बाए भी देखा. दो सक्स और भी थे. और वो तीनो सिविल ड्रेस मे थे. वीर के सर के ऊपर एक बल्ब जाल रहा था. और चारो तरफ अंधेरा था. वो सक्स थोडा जोर देकर बोला.


क्या नाम है तुम्हारा???


वीर की हालत ख़राब थी. उसे बहोत ज्यादा थकान महसूस हो रही थी. वो फिर भी मुस्कुराया.


वीर : (स्माइल) दोस्त.


वीर को तुरंत एक घुसा पड़ा. तभि वहां कोई आया. वो कुरैशी साहब थे.


कुरैशी : हम्म्म्म वीर नाम हेना तुम्हारा.


वीर : (स्माइल) क्या वीर दोस्त नहीं कहे सकते???


कुरैशी : जरूर कह सकते है. अगर तुम यहाँ आने का अपना मकशद बता दो तो??


वीर : (स्माइल) वीर तो जनाब महोब्बत का पैगाम लाया है. क्यों क्या कहते हो?? करोगे हम से इश्क.


उसी पल वीर के मुँह पर एक घुसा पड़ गया.


कुरैशी : सुबह तक कुछ भी ऑर्डर्स आ सकते है. टाइम वेस्ट मत करो. जल्दी इसे सुई लगाओ.


कुरैशी साहब ने उस सक्स को सुई लगाने को कहा. सुई उनका नरको टेस्ट करने का कोड था. जिसे वीर बहोत आसानी से समझ गया.


वीर : अरे जनाब हम बीमार थोड़े है. जो ससससस अह्ह्ह्ह...


वीर को तुरंत ही एक इंजेक्शनलगा दिया गया. वीर कुछ पल तो बडबडाता रहा. वो सायरिया सुना रहा था. पर कुछ ही देर मे उसकी जुबान लड़खड़ाने लगी. उस से ठीक से बोला तक नहीं जा रहा था. वीर को नींद आने लगी. और वो सो गया. वो सपने मे एक दिन पहले के वक्त को देख रहा था. उसे अपनी बीवी के अल्फास सुनाई देने लगे.


कविता : (गुस्सा) बस मुजे डायवोर्सचाहिये. जब भी मै तुम्हे देखती हु तो मुजे आर्यन की याद आती है.


वीर : प्लीज कविता माना मेरी गलती थी. पर आर्यन को तुमने ही नहीं मेने भी तो खोया है.


वीर को ऐसा महसूस होने लगा जैसे कविता ने उसे थप्पड़ मारा. उसकी आंखे बंद हो गई. मगर जब आंखे खुली तो सामने फिर एक धुंधली सकल दिखने लगी. वो कोई लड़की थी.


लड़की : कविता कौन है. बोलो?? कौन है कविता???


वीर बेहोशी की हालत मे मुस्कुराया. गर्दन हिलाने लगा.


वीर : (स्माइल आंखे बंद) मेरी जान.


वो लड़की बार बार उसे जगा जगा कर पूछ रही थी.


लड़की : वो कहा है?? हम्म्म्म


वीर : मेरे मेरे दिल मे..


लड़की : तुम्हारा घर कहा है??? हम्म बोलो???


वीर : (स्माइल) सब के दिलो मे.


वीर को कोई और आवाज भी सुनाई देने लगी. वो कुरैशी साहब ही थे. जो गुस्से मे थे.


कुरैशी : (गुस्सा) डोज़ बढ़ाओ. यह ऐसा नहीं बोलेगा.


वीर को महसूस हुआ की उसे फिर एक इंजेक्शनदिया गया है. वो और ज्यादा बेहोशी के नशे मे चले गया. वीर को ये नहीं सुनाई दे रहा था की उस से क्या पूछा जा रहा है. वो बस रोते हुए बस एक ही लाइन बाडबड़ा रहा था.


वीर : (बेहोश रोते हुए) प्लीज मम्मी. मुजे माफ कर दो. अब मै कभी जुठ नहीं बोलूंगा. कभी सिगरेट को हाथ नहीं लगाऊंगा. प्लीज मम्मी मुजे माफ कर दो.


धीरे धीरे वीर गहेरी नींद मे चले गया. पर जब नींद खुली तो वो किसी हॉस्पिटल के बेड पर था. वो भी एक सेपरेट रूम मे. वीर को समझ नहीं आया. वो उठ कर बैठ गया. वीर ने चारो तरफ नजरें घुमाई. रूम मे उसके आलावा कोई नहीं था. तभि डोर खुला और सरफ़राज़ अंदर आया. दोनों की नजर आपस मे मिली. और सरफराज अपने आप को रोक नहीं पाया.


सरफराज : (स्माइल भावुक) अबे साले तू उठ गया. झप्पी पा मेरे यार.


सरफ़राज़ तेज़ी से वीर की तरफ बढा और वीर को गले लगा लिया. बरसो बाद मिले दोस्त को वीर ने भी बाहो मे कस लिया. कुछ पल दोनों मे से कोई भी नहीं बोला.


सरफ़राज़ : (भावुक) कभी सोचा नहीं था. जिंदगी मे दोबारा मिल भी पाएंगे.


सरफ़राज़ अलग हुआ और पास मे पड़े स्टूल पर बैठ गया.


वीर : ओय यार. मुजे समझ नहीं आया कुछ....


सरफ़राज़ हस पड़ा.


सरफ़राज़ : (स्माइल) ओय तू साले अपने मुल्क वापिस जा रहा है. मगर उस से पहले तेरा यार तेरी खातिरदारी करेगा.


वीर : आया बड़ा. कल देखि तेरी खातिरदारी. पर ये सब हुआ कैसे???


सरफ़राज़ : तुझे वापस भेजनें के ऑर्डर्स आ गए. हमारी ख़ुफ़िया एजेंसी ने पता लगाया. तू बेगुनाह है. वो एक एक्सीडेंट ही था.


सरफ़राज़ पूरी बात नहीं बता रहा था की अमेरिकी दबाव भी था. पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ने पता लगाया की हिंदुस्तान कोई प्लानिंग नहीं कर रहा था. और पाकिस्तानी मीडिआ वीर को पहले ही हीरो बना चुके थे.


वीर : (स्माइल) यह... ये हुई बात. ला अब सिगरेट पीला अब.


सरफ़राज़ पॉकेट से सिगरेट और लाइटर निकल कर जलाने लगा.


सरफ़राज़ : साले लगता है तू बचपन से बिगड़ा हुआ है.


वीर ने सरफ़राज़ के हाथ से सिगरेट ली और कश मरने लगा. और वही सिगरेट सरफ़राज़ की तरफ बढ़ा दी. ऐसे एक ही सिगरेट बारी बारी दोनों पीते बात करते रहे.


वीर : क्यों???


सरफ़राज़ : तू बेहोशी मे अपनी अम्मी से माफ़ी मांग रहा था. की अब कभी सिगरेट नहीं पिएगा.


वीर : यार वो सब छोड़. तू ये बता. मै बेहोशी की हालत मे क्या क्या बोल रहा था.


सरफ़राज़ : (स्माइल) तू साला जैसा होश मे है. वैसा ही तू बेहोशी मे भी वैसा ही है. अपनी घटिया शायरी और ग़ज़ल सुनाता रहा. मज़ाक करता रहा. और कुरैशी साहब को तो क्या क्या कहता रहा. देवानंद मधुबाला. नजाने क्या क्या. पता है वो क्या बोले???


वीर : (एक्साइड स्माइल) क्या??


सरफ़राज़ : तू उन्हें बोल रहा था की आप गाइड फ़िल्म के देवानंद लगते हो. तूने उनकी नब्ज़ पकड़ ली. देवानंद और मधुबाला दोनों ही उनकी कमजोरी है.


वो दोनों ही हस पड़े. तभि एक बार फिर वो डोर खुला. और अंदर हिना आई. हिना भी वीर को होश मे देख कर झूम उठी..


हिना : (एक्साइड स्माइल) भाई..... जान....


सरफ़राज़ के जैसे हिना भी वीर को लपक कर बाहो मे भर लेती है. उसने वीर के सर को चुम लिया.


हिना : अल्लाह का लाख शुक्र है. मै अपने भाई से मिल तो सकी.


वीर : कैसे ना मिलते मेरी बहन. तुजसे मिलने तो तेरा भाई फिर सीमा नांग जाएगा.


हिना वीर के बगल मे ही बैठ गई.


वीर : अच्छा ये बता. तूने इस गधे को हा कब कहा.


हिना हस पड़ी. और सरफ़राज़ शर्मा गया. हिना ने वीर को एक किस्सा सुनाया. लंदन से पाकिस्तान पहोचते पाक एयर फोर्स बेस मे सरफ़राज़ अपनी कार की तरफ बढ़ रहा था. वहां हिना अपनी कार के पास पहले ही खड़ी थी. दोनों की नजर एक दूसरे से मिली. हिना को भी सरफ़राज़ अच्छा लगने लगा था. दोनों मे से किसी की भी नजर एक दूसरे से नहीं हटी.


हिना : ऐसे क्या देख रहे हो?


सरफ़राज़ ने तुरंत ना मे सर हिलाया.


सरफ़राज़ : जी माफ करें. मै आप को नहीं देख रहा था.


हिना : ओह्ह अच्छा. तो जनाब आप हमें नहीं देख रहे थे. झूठ मत बोलिये. हमें पता है. आप हमें ही देख रहे थे.


सरफ़राज़ जैसे गिड़गिड़ाने लगा.


सरफ़राज़ : जी माफ करें मोहतरमा. पर मे सच मे आप को नहीं देख रहा था.


हिना : क्यों हम खूबसूरत नहीं है क्या?? जो आप हमें नहीं देख रहे थे???


सरफ़राज़ : (हड़ बढ़ाते) हा हो पर...


सरफ़राज़ बोल कर रुक गया. और हिना की तरफ हैरानगी से देखने लगा. वो खामोश थी. लेकिन सरफ़राज़ की हालत पर उसकी हसीं छूट गई. दोनों का सिलसिला ऐसे ही प्यार और शादी मे बदल गया. वीर ये किस्सा सुनता है तो जोरो से हस पड़ा.


हिना : (स्माइल) आप बताओ. आप ने निकाह पढ़ा या नहीं???


वीर अपनी जेब टटोल ने लगा. पर तभि सरफ़राज़ ने हाथ आगे बढ़ाया. उसके हाथो मे वीर का पर्स था. वीर ने स्माइल करते हाथो मे लिया. और पर्स से एक तस्वीर निकली. वो तस्वीर वीर की वाइफ कविता की थी. कविता की गोद मे एक बच्चा भी था.


हिना : (स्माइल एक्ससिटेड) वाह बहोत खूबसूरत है. बेटा है या बेटी???


वीर की मुश्कान फीकी पड़ गई.


वीर : (फीकी मुश्कान) बेटा था. पर अब हम साथ नहीं है. कविता ने डायवोर्स अप्लाई किया है. अब हम अलग हो रहे है.


हिना और सरफ़राज़ दोनों के चहेरे मायूस हो गए.


वीर : 3 साल पहले एक हादसा हुआ. मै ड्राइव कर रहा था. कविता और आर्यन भी साथ थे. तभि मेरी एक गलती से एक्सीडेंट हो गया. जिसमे हमने आर्यन को खो दिया. तुम जानती हो. वो सिर्फ 2 साल का था. और कविता इसका जिम्मेदार सिर्फ मुजे मानती है.


हिना : (भावुक) पर भाईजान गलती तो किसी से भी हो सकती है. और आर्यन को आप ने भी तो खोया है.


वीर : (स्माइल) ऊपर वाले को सायद यही मंज़ूर है. तुम बताओ.


सरफ़राज़ ने भी एक तस्वीर दिखाई. जिसमे दो बच्चे थे. एक बेटा और एक बेटी.


सरफ़राज़ : (स्माइल) मुबारक 5 साल का हो गया. और तबसुम 3 साल की है.


वीर : (स्माइल एक्सीडेंट) वाह.... ये तो बिलकुल हिना पर गई है.


सरफ़राज़ और हिना दोनों मुस्कुरा रहे थे. पर दोनों ही अब खुश नहीं थे. वो दोनों के दिल वीर के लिए अंदर से रो रहे थे. तभि हिना को याद आया की वो वीर के लिए स्पेशल बिरयानी बना के लाई थी.


हिना : ओह्ह माफ करना. मै भाईजान के लिए बिरयानी लेकर आई थी.


वीर : लो और अब बता रही हो. मै कब से भूखा हु.


हिना ने वीर और सरफ़राज़ दोनों के लिए प्लेट लगाई. और उन्हें बिरयानी दी. दोनों दोस्त बड़े चाव से बिरयानी खा रहे थे.


वीर : (खाते हुए) वाह क्या खुशबू है. क्या स्वाद है. मझा आ गया.


वो दोनों खाते रहे और हिना अपने मुँह बोले भाई को खाते हुए देख रही थी. हिना ने खाने के बाद वीर के हाथ धुलाए और पिने का पानी दिया.


हिना : भाईजान कुछ बताओ. मै आप के लिए क्या कर सकती हु??


वीर : क्या साहिदा मीर जी को मेरा एक ख़त पोस्ट कर सकती हो???


हिना ने सरफ़राज़ की तरफ देखा. जैसे उसकी परमिसन ले रही हो. सरफ़राज़ ने हा मे सर हिलाया.


हिना : हा हा भाईजान क्यों नहीं.


वीर : (स्माइल) फिर लाओ नोटपेड और पेन.


सरफ़राज़ रूम के बहार निकला. और कुछ 5 मिनट मे नोटपेड और पेन लेकर वीर को दे देता है. वीर साहिदा मीर जी को ख़त लिखने लगा. दरसल साहिदा मीर एक पाकिस्तानी सिंगर थी. जिनहे हिंदुस्तान और पाकिस्तान दोनों मुल्को मे सुना जाता था. और दोनों ही मुल्क के लोग उन्हें बहोत प्यार करते थे. साहिदा मीर अब बूढी हो चुकी थी. और वो बहोत ही कम गाने गा रही थी. वीर ने एक ख़त लिख कर हिना को दे दिया.


वीर : (स्माइल) प्लीज इसे पहोंचा दो तो बहोत एहसान होगा.


हिना : अरे इसमें एहसान की क्या बात है. मै अपने भाई के लिए इतना तो कर ही सकती हु.


वो दिन वीर के लिए बहोत खास रहा. वीर ने सरफ़राज़ और हिना के साथ अपना दिन बिताया. रात कुरैशी साहब ने उसे शानदार पार्टी दी. दोनों मे खूब गुफ़्तगू हुई. वीर कुरैशी साहब को भी बहोत पसंद आया. दोनों ने साथ मे ही पैग लगाए. और माहोल शायराना रहा. फिल्मो की भी बहोत बाते हुई. खासकर देवानंद साहब और मधुबाला जी की. वीर को रात सोने के लिए आलीशान कमरा दिया गया. मगर रात भर वीर को नींद नहीं आई.


दिन बदला और परिंदे की बिदाई का वक्त आ गया. वीर को जाने से पहले कई करवाई से गुजरना पड़ा. मेडिकल, डॉक्यूमेंट प्रोसेस, इसके आलावा ह्यूमन राइट्स को मद्दे नजर रखते वीर से एक नोट भी साइन करवाया गया की वीर को कोई भी प्रकार की क्षती नहीं पहोंचाई गई. ये मुल्क अपनी सेफ्टी के लिए करते है. वीर ने उसे साइन भी कर दिये. वीर को वघा बॉर्डर पर पाक रेंजर कैंप मे ही रोका गया.


बॉर्डर गेट सामने ही दिखाई दे रहा था. सुरक्षा को मद्दे नजर रखते हुए मीडिया को तक दूर रखा गया था. दोनों मुल्क कोई गलती नहीं करना चाहते थे. जाने से पहले सरफ़राज़ वीर से मिलने आया. दोनों की नजरें मिली. दोनों ही जानते थे की ये आखरी मूलकात है. दोनों ने एक दूसरे को कश के गले लगा लिया. दोनों कहना तो बहोत कुछ चाहते थे. पर दोनों ही कुछ बोल नहीं पाए. बस एक दूसरे को देखते ही रहे.


वीर : (भावुक) हिना???


सरफ़राज़ : वो नहीं आ पाएगी.


वीर और ज्यादा दुखी हो गया.


वीर : चलता हु.


जब वीर ने हिना को ख़त दिया. वो वहां से कुछ वक्त बाद निकल गई. हिना अपने मुँह बोले भाई के लिए कुछ करना चाहती थी. उसने अपने पिता से बात की. कुरैशी साहब जनरल थे. एक हेलीकॉप्टर का इंतजाम करना उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं थी. पर हिना उस ख़त को खोले बिना नहीं रहे पाई.


साहिदा मीर जी. एक हिंदुस्तानी परिंदे का आप को सलाम है. वैसे तो तमन्ना एक बार आप से रुबरु होने की थी. मगर सायद ये मुमकिन नहीं है. मेरी बीवी कविता आप की बहोत बड़ी फेन है. मेरी ही तरह. आप की गज़लो ने ही हमें मिलवाया है.


मगर अब सायद हम अलग हो रहे है. दरसल हमने मेरी गलती की वजह से कुछ खो दिया. आप से दरखास्त है की एक हिंदुस्तानी फेन के लिए कुछ ऐसा गा दीजिये की वो सायद दोबारा मुजे मिल जाए.


साथ कुछ शब्द भी थे. जो वीर ने लिखें थे. वो ख़त पढ़कर हिना पुरे रास्ते रोती ही रही. वो खुद साहिदा मीर जी से मिली. और ख़त के साथ उसने वीर की कहानी भी सुनाई. पर हिना के पास वक्त कम था. वो जल्द से जल्द वापस लौटने की कोसिस कर रही थी. हेलीकॉप्टर वापस लैंड करने के बाद वो तेज़ी से अपनी कार भगा रही थी. पहोचते ही वो पैदल भाग के आने लगी. मगर जब पहोची वीर जा रहा था. वो सरफ़राज़ के पास आकर खड़ी हाफने लगी. वो वीर को जाते हुए देख रही थी.


हिना : (चिल्लाकर) भाईजान...


वीर रुक गया. और तुरंत पलटा. वो स्माइल किए बस हिना को बाय कहता है. हिना की आँखों मे अंशू थे. और चहेरे पर मुश्कान. सरफ़राज़ ने तुरंत ही हिना का हाथ पकड़ लिया. मगर वीर पीछे मुड़कर चल पड़ा. वो कुछ पलों मे उन दोनों की आँखों से ओझल हो गया.


हिना : एक तो भाईजान बचपन से अनाथ है. और ऊपर से भाभीजान भी उन्हें छोड़ कर चली गई.


ये सुनकर सरफ़राज़ सॉक हो गया. क्यों की नारको टेस्ट के दौरान वीर बेहोशी के हालत मे मम्मी मम्मी कर के रो रहा था. सरफ़राज़ मुस्कुराया. वीर नारको टेस्ट मे भी काबू नहीं आया.


वही वीर जब सारी प्रोसेस के बाद जाब बॉर्डर क्रॉस करता है तो उसने देखा की सामने उसके विंग कमांडर अइयाप्पा खड़े है. वीर को देख कर उनके फेस पर भी स्माइल आ गई. वीर तुरंत उनके पास पहोंचा. और सलूट की.


वीर : जय हिन्द सर. मै सलामत वापस लोट आया हु.


पहले अइयाप्पा ने वीर को सलूट किया. और आगे आकर गर्मजोशी से उस से हाथ मिलाया.


अइयाप्पा : (स्माइल) हेई जोकर. तुमसे कोई मिलने आया है.


वीर ने देखा की दूर कविता अपने सारी के पल्लू को दांतो मे दबाई खड़ी वीर की तरफ ही देख रही है. अइयाप्पा ने वीर की पिठ पर थपकी मारी.


अइयाप्पा : जाओ मिलकर आओ.


वीर तुरंत कविता के पास पहोच गया. कविता तुरंत ही वीर को जोरो से बाहो मे भींच लेती है. वो रो पड़ी.


वीर : मेने डायवोर्स पेपर्स पर साइन कर दिये कविता. अब तुम्हे बार बार मुजे देखने की जरुरत नहीं है.


कविता : (रोते हुए) कोई जरुरत नहीं है. हमने आर्यन को तो खो दिया. अब मै तुम्हे नहीं खोना चाहती.


वीर के फेस पर स्माइल आ गई. वो अपनी बीवी को बाहो मे ही लिए ऐसे ही खड़ा रहा.


वीर : फिर मेरी कुछ वक्त इंक्वायरी चलेगी. तुम्हे इंतजार करना होगा.


कविता : (रोते हुए) फौजी की बीवी यही तो करती है. उसके सिवा और कोई चारा है क्या??


वीर हस पड़ा. उसने कविता का माथा चूमा और पीछे मुड़कर लोट गया. आर्मी कोर्ट के मुताबिक उसकी तीन महीने इंक्वारी चली. उसे बहादुरी के किए सन्मानित भी किया गया. और गलती के लिए माफ़ी भी मिली. मगर सजा के तौर पर उसे 6 महीने के लिए सस्पेंड भी किया गया. पर सबसे पहले एक लम्बी छुट्टी दी गई.


छुट्टी जाते वक्त उसे रिसीव करने कविता खुद आई. और अपनी वही कार से दोनों घर जा रहे थे. दोनों के फेस पर बहोत प्यारी स्माइल थी. मगर दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोल रहा था. दोनों ही बस मुस्कुरा रहे थे. बिच बिच मे एक दूसरे को भी देख रहे थे. माहोल रोमांटिक हुआ तो कविता को कुछ सुन ने का मन हुआ.


उसने रेडिओ ऑन कर दिया. इत्तफाक भी ऐसा की रेडिओ पर साहिदा मीर की ग़ज़ल सुनाई दी. पर उस से भी बड़ा इत्तफाक ये था की वो बोल वही थे. जो वीर ने हिना के जरिये फरीदा मीर जी को ख़त मे भेजे थे.


कविता : साहिदा जी के इन शब्दो मे कितना दर्द हेना. लगता है किसी आशिक ने सिद्दत से अपने प्रेमिका से सिफारिश की है.


वीर सिर्फ मुस्कुराया. तभि उनका गाना ख़तम हुआ. और साहिदा जी की आवाज उन्हें सुनाई दीं.


साहिदा मीर : दोस्तों ये गाना मुजे किसी हिंदुस्तानी ने एक ख़त के जरिये भिजवाया था. कम्बख्त उसने अपना नाम परिंदा बताया. उस बेचारे की बेगम उसे छोड़ कर जा रही है. अगर उसकी बेगम ये गाना सुन रही है तो मै गुजरीश करुँगी की उसे ना छोड़े. वरना वो बिखर जाएगा. जो तुमने खोया है. वो उसने भी तो खोया है. सब कुछ अल्लाह की मर्जी होती है. पर आप दोनों का रिस्ता अब भी आप की मर्जी पर है. मै बस गुजारिश ही कर सकती हु.


यह सुनकर कविता ने तुरंत ब्रैक मरी. और हैरानी से वीर की तरफ देखने लगी.


कविता : (सॉक) क्या वो तुम???


कविता समझ गई थी की वो परिंदा और कोई नहीं उसका पति वीर ही है. वीर ने स्माइल किए बस हा मे सर हिलाया. कविता फुट फुट कर रोने लगी. वीर ने उसे तुरंत अपनी बाहो मे कश लिया. दोनों ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. कुछ सालो बाद कविता ने एक बेटी को जन्म दिया. जिसका नाम दोनों ने अमन रखा.



The End
excellent ........................... :happy:
 
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ᴇʏᴇꜱ ʀᴇᴠᴇᴀʟ ᴇᴠᴇʀʏᴛʜɪɴɢ ᴡʜᴀᴛ'ꜱ ɪɴ ᴛʜᴇ ʜᴇᴀʀᴛ
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Story ; Ek adhuri kahani
Written by ; Mr. Magnificent
Story line ; Sci-fi

Story ek arjun naam ke ladke ki hai,jo ki ek scientist hai.aur wo ek project "maya" pe work kar raha hota hai,jo ek neuro-decoder hai,jo insaan ke consciousness(chetna) ki gahrayi ko samajh sake. Maya ke test karne pe wo apne atit ke pyaar se milta.

Positive points

  • Science kya kar sakti hai ye darsaya gaya hai.
  • Meera ka character suljha hua aur bhavnatmak lagta hai.

Negative points

  • Story me meera ka past dikha par arjun ka past nahi dikhai diya.
  • Physics ki details ki Wajah se story padhne me thodi confusing lagti hai,aur rhythm bhi tutta sa lagta hai.

Mistakes

Story me na ke barabar galtiyan hai,story ke end me last ke 2 paragraph sayad baad me badhaye gaye hai,kyonki un paragraph ke pahle hi arjun laboratory ki lights band kar ke bahar aake darwaja band kar chuka tha.

Story science aur love ko mix kar ke acchi likhi gai,
(Meri physics thodi week hai,toh mujhe story thodi confusing lagi)

Rating ; 7/10
 

Avaran

एवरन - I am Unpredictable
Supreme
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The Mindlink Experiment
Writer - Sanju Bhaiya
Story genre - sci- fiction
Story line - neuro chip xAi dwara develop ye insaani sharir mein fit ki jaati .jisse ek human brain dusre human brain se connected hota hai.

Story main character - zara ke around story progress karti hai.


Postive point- - story ka atmospheric feel,
.story ka ending twist
.story ka plot
. zara ka character jab uske body mein Mindlink chip install rehta hai aur uska mindbattle .


Negative point -. resistors ka story mein sudden appear hona
. Rohan ke character ko aur ache se develop kiya ja sakta tha.
.ending phase mein dome ko bomb se blast karna isse aur kuch idea laga ke end kar sakte thee yeh predictable laga.


Overall its a great story
Rating 7/10
 
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