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Incest अम्मी vs मेरी फैंटेसी दुनिया

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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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UPDATE 027

अतीत के पन्ने : 08


: वही नीचे वाले दराज में होगी देख ले न ( अम्मी बिस्तर पर लेटी हुई बोली और उसके हाथ में मोबाइल था जिसपे वो रिल्स स्क्रॉल कर रही थी )


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मै तेल निकाल कर उनकी ओर घुमा
अह्ह्ह्ह्ह महीनों बाद अम्मी के नंगे चूतड़ों के दीदार हुए ।
नरम गुलाबी और पहाड़ जैसा उभार , कसी हुई गहरी सकरी दरार देखकर की लंड अकड़ने लगा ।

मै धीरे से उनके पास आया और तेल की शीशी से बूंद बूंद अम्मी के कमर पर गिराने लगा मेरी नजर उनकी रसीली गाड़ के चिपकी हुई दरारों में थी और तेल की शीशी का मुहाना कब उसके गाड़ के ऊपर आ गया

एक दो तीन और फिर टिप टिप टिप टिप बूंदें अम्मी के गाड़ के दरारों में टिपकती रही
: शानू क्या कर रहा है , नहलाएगा ( अम्मी चिढ़ कर बोली )
मैने तेल की शीशी किनारे रख कर अम्मी के नंगी मखमली कमर को अपने सख्त हथेलियों से लिपने लगा
गर्म हथेलियों का स्पर्श पाते ही अम्मी का जिस्म अकड़ने लगा और एक गहरी आह भरते हुए वो अपना मोबाइल किराने रख कर अपने बाजुओं का तकिया बना कर सर टीका लिया
अम्मी को आराम पाता देख मै मुस्कुरा और अच्छे से उनकी मालिश कर रहा था , अम्मी आंखे बंद कर ली थी । उनके चेहरे पर गजब का सुकून दिख रहा था ।मैने उनके आधी पीठ से लेकर कूल्हे तक और अच्छे से मसाज कर रहा था ।

: उम्ममम थैंक यू बेटा , अह्ह्ह्ह्ह सच में इसकी जरूरत थी मुझे अह्ह्ह्ह्ह थोड़ा और नीचे उम्मम अह्ह्ह्ह


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मै मुस्कुरा कर अम्मी के कूल्हे अपने पंजे फैला आकर मसलने लगा और जांघों को रगड़ने लगा ।

इस दौरान तेल की बूंदे जो गाड़ की चिपकी दरारों में गई थी धीरे धीरे रिस कर अम्मी के गाड़ की सुराख और चूत की ओर बढ़ रही थी । हल्का हल्का अम्मी को वहां पर खुजली होने लगी थी , वो कभी अपने चूतड़ों को कस लेती तो कभी एकदम ढीला छोड़ देती और ऐसे करने से तेजी से तेल उनकी बुर तक आने लगा और धीरे धीरे बुर फांकों में इकठ्ठा होने लगा ।
इस दौरान मै उनकी जांघों की मालिश करता ।
कि अम्मी एकदम से अपने चूतड़ हवा में उठा कर नीचे बिस्तर पर त्रिकोण बनाते हुए अपना हाथ नीचे चूत पर ले गई और सूट से अपने बुर के फांके साफ करने लगी


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पीछे से ये नजारा ऐसा था मानो मै अम्मी को चोद कर उठा हु और वो अपनी फांकों से मेरी मलाई साफ कर रही हो। थूक हलक से उतारते हुए मै रुक कर उन्हें देखा , यकीन नहीं हो रहा था आज महीने भर बाद अम्मी के गाड़ की सुराख देख रहा था

और वो वापस लेट गई
: कितना तेल गिरा दिया था पागल ( अम्मी ने फिर डांट सी लगाई मुझे )
: सॉरी अम्मी ( मै मायूस सा होकर बोला )
: ठीक है अब जा आराम कर ले तू भी नानी के पास , सुबह उनकी पैकिंग करवा देना
: क्यों ( मै अचरज से )
: कल वो वापस जा रही है ( अम्मी उखड़ कर बोली )
: मुझसे तो नानी ने कुछ नहीं बताया ( मै चौक कर बोला )
: सब कुछ तू जाने जरूरी है क्या ? ( जा और दरवाजा लगा देना )

मै बिना कुछ बोले उठ गया और कमरे से निकल गया
मै और भी उलझ गया था, दोपहर में तो नानी ने सब ठीक कर दिया था । अम्मी भी एक नई शुरुआत के लिए राजी हो गई थी। मगर उनका गुस्सा नराजगी अभी भी जस की तस ही है । फिर अब नानी को क्या हुआ , वो भी ऐसे अचानक से क्यों जा रही है ।
मै परेशान होकर ऊपर चला आया , नानी का यू चला जाना मुझे ज्यादा तकलीफ दे रहे था वो भी बिना मुझे बताए ।

मै अपने कमरे में गया तो नानी बैठी हुई बेड के हेडबोर्ड से अपना सर टिकाए हुए झपकियां खा रही थी ।
मैने कमरे का दरवाजा लगाया तो उनकी नीद खुल गई ।
: आ गया बेटा , आ जा बत्ती बुझा कर ( नानी मुस्कुराते हुए बोली )
मै बिना कुछ कहे चुप चाप लाइट बुझा कर नानी के पास आया और उनसे लिपट कर उनकी जांघें पकड़ कर लेट गया । नानी अभी भी बैठी हुई थी ।
वो मेरे सर को सहला रही थी ।
: क्या हुआ , कुछ कहा क्या तेरी अम्मी ने ( नानी ने मुझे दुलार कर पूछी)
: उतना तो रोज सुनता हु मै ( मै उखड़ कर बोला )
: तेरी अम्मी भी न , कितना समझाया उसे दुपहर में फिर भी ( नानी सफाई देते हुए बोली )
: छोड़ो नानी , वैसे भी मुझे यहां रहने का मन नहीं कर रहा है अब । रिजल्ट आते ही मै यहां से चला जाऊंगा ( मेरी बातों की मजबूती में मेरे टूटे हुए दिल की खनक बुझ गई नानी )
: ऐसा नहीं कहते बेटा , घर में थोड़ी बहुत अनबन होती है । तू फिकर न तेरी अम्मी समझेगी देर सवेर ।
: और आप , आप भी तो जा रहे हो न कल बिना बताए मुझे ( किसका भरोसा करु मै अब )
: हम्म्म तो तू इस लिए परेशान है , अरे पागल आज नहीं तो कल मुझे जाना ही था और फिर बेटी का ससुराल है कबतक मै रहूंगी ।
मै चुप रहा कुछ भी नहीं बोला बस उनको पेट के पास जाकर और कस लिया । वो मेरे सर पर हाथ फिराने लगी : और फिर तेरे अब्बू तो आए नहीं तो भला मै यहां किसके लिए रुकूं ( नानी ने थोड़ा सा चिढ़ाया मुझे )
मै भीतर से इतना भावुक हो चुका था कि बस आंखे नहीं छलक रही थी मगर दिल छलनी हुआ पड़ा था ।
: तो आप क्या बस अब्बू के लिए आई थी मेरे लिए नहीं ( मै उनके छातियों के पास अपना सर उठा कर बोला )
: हा और क्या , और तेरी अम्मी भी तो आ ही गई है । आज नहीं तो कल उसका गुस्सा कम हो जाएगा तो मै यहां क्या करूंगी रुक कर ( नानी की बातों में मस्ती साफ झलक रही थी )
: भक्क नानी प्लीज रुको न ( मै उठ कर उनके बराबर में बैठ गया और उनके चूचों पर सर रख कर लिपट गया ) और अब्बू भी आ जायेंगे संडे तक .... शायद ?
: बेटा कुछ रिश्तों की अपनी एक मर्यादा होती है , उन्हें उनकी हद ने रहना पड़ता है । चाहते हुए भी मै यहां तेरे अब्बू के लिए नहीं रुक सकती ।
: क्यों ( मुझे समझ नहीं आ रहा था एकदम से क्या हो गया है नानी को )
: बेटा मै मेरी कामनाओं के लिए अपने बेटी का संसार नहीं उजाड़ सकती है । मैने तेरे अब्बू की दीवानगी बचपन से देखी है और अगर मैने उस चिनगारी को हवा दी तो ये घर जल जाएगा । ( नानी ने मुझे कस कर सीने से लगा लिया)
: पर आपको तो अब्बू का साथ चाहिए था न , आपके अक्कू का ( मैने सूट के ऊपर के उनके निप्पल के इर्द गिर्द अपनी हथेली घुमाई जिससे उनके बदन में अकड़न हुई )
: नहीं शानू मत कर ( नानी ने मेरे हाथ रोक दिए ) मै और नहीं खुद को बहकाना चाहती हूं। ( उनकी बातों में दर्द साफ झलक रहा था )
मुझे लगने लगा था कि जरूर अम्मी और नानी में कुछ बातें हुई है मेरी गैर हाजिरी में , लेकिन कब ... ओह गॉड मै शाम को सब्जी मंडी गया था ?
मेरा माथा ठनका और भीतर जिज्ञासाओं की लहर उठने लगी ।

: अम्मी ने कुछ कहा क्या ?
: क्या ? नहीं ! ( नानी सकपका कर बोली )
: नानी आपको मेरी कसम क्या हुआ था शाम को जब मैं मंडी गया था ( मै उठ कर अलग हो गया उनसे )
: बेटा तू जिद मत कर , आज की रात मेरे सीने से लगा रह मेरा बच्चा ( नानी एकदम रुआस सी हो गई थी )
: नानी अगर आपको मेरी परवाह है तो आप जरूर बताएंगी , मुझे जो कहना था मै कह दिया हु बाय गुड नाइट
मै उखड़ कर उनकी ओर पीठ करके करवट होकर लेट गया

कुछ देर की चुप्पी और फिर उन्होंने मेरे सर पर हाथ फिराने लगी , उनके सुबकते हुए नथुने की आवाज आई तो मै पसीज गया और उठ कर बैठ गया : नानी ?
मैने उनके गाल छुए तो मेरी हथेली भीगने लगी , नानी रो रही थी ।
: क्या हुआ नानी बोलो न
: कुछ नहीं बेटा , शायद ये मेरे लालच की हार जो उसने मुझे जीवन के इस मोड पर खड़ा कर दिया । कुछ पलो के लिए मै भी बहक कर लालची हो गई थी , मगर तेरी अम्मी ने मुझे आईना दिखाया।
: नानी आप फिर घुमा रहे हो , साफ साफ बताओ न क्या हुआ । ( मेरा कलेजा रो रहा थे भीतर से नानी को रोता देखकर )
: बेटा तेरी अम्मी को पता चल गया हमारे बारे में ?
: क्या ? , कैसे ? ( मेरी एकदम से फट गई ) उन्हें कैसे पता चला और उनके आने के बाद हमने तो कुछ किया भी नहीं
: पता नहीं शायद उसने मेरा मोबाइल चेक किया था और शाम को मै जब ऊपर से नीचे आई तो वो किसी से फोन कर बाते कर रही थी । लेकिन इतना पता है वो तेरे अब्बू तो नहीं थे नहीं तो बात और बिगड़ जाती । ( नानी साफ साफ समझा रही थी और मुझे समझते देर नहीं लगी कि जरूर अम्मी नगमा मामी से ही बातें शेयर कर रही होगी क्योंकि अब्बू से ज्यादा भरोसा वो नगमा मामी पर करती थी । )
: क्या कह रही थी अम्मी हमारे बारे में ( मै फिकर में बोला )

मै दरवाजे के पास खड़ी उसे सुन रही थी जैसे ही उसने मुझे देखा तो फोन काट दी ।
: फरीदा तू गलत मत समझ मुझे ( मै डर गई थी )
: अम्मी बस करें आप , और कितना बेवकूफ बनाएगी आप ( फरीदा गुस्से में मुझे फटकार रही थी )
: फरीदा ,पहले मेरी बात सुन ले और फिर तुझे जो कुछ कहना होगा कह लेना
: मुझे आपकी एक बात नहीं सुननी अम्मी , खुदा के लिए मेरे बेटे और मेरे परिवार से दूर ही रहिए आप । मैने आपके भरोसे अपने बेटे को सौंपा और आप उसकी नादानी का ये सिला दे रही थी छीइ ( फरीदा ने मुंह फेर कर मुझसे कहा )
: इसमें शानू की कोई गलती है न फरीदा जो कुछ हुआ बस एक छोटी सी शरारत से हुआ और... ( मै सफाई देना चाहती थी )
: बिल्कुल इसमें शानू की गलती नहीं मानूंगी मै , इसके लिए सिर्फ और सिर्फ आप जिम्मेदार हो और खबरदार अब से आपने मेरे बेटे से कोई वास्ता रखा तो मेरा
मरा हुआ मुंह देखेंगी आप
मरा हुआ मुंह देखेंगी आप
मरा हुआ मुंह देखेंगी आप
मरा हुआ मुंह देखेंगी आप




: शानू.... क्या हुआ बोल क्यों नहीं रहा ( फोन पर वापस नानी की आवाज आई )
: हा नानी ( मै अपने ख्यालों से बाहर आया)
: तू बोल क्यों नहीं रहा था ( नानी ने सवाल किया , मगर मै क्या जवाब देता सालों बाद उनके फोन ने मेरे अतीत के वो पन्ने खुल गए जिन्हें मै भी कभी नहीं पढ़ना चाहता था )
: जी कुछ नहीं , अभी अम्मी कैसी है ? तबियत कैसी है उनकी ? ( मै मेरे आंसू पोंछ कर नानी से फोन पर बोला )
: बिलख रही है और तेरे लिए परेशान थी , बेटा वो तेरी अम्मी है और उसे हमेशा से उम्मीद थी कि जब कभी वो नाराज होगी तो उसे मनाने जरूर जाएगा उससे पास , वो थोड़ा डांटेगी मारेगी मगर प्यार तो तुझसे ही करेगी न ( नानी की बातें सुनकर मेरा कलेजा डबडबा गया मानो )
: नानी मै अभी टिकट करा रहा हूं घर के लिए ( मै एकदम से तड़प उठा था अम्मी के लिए)
: तू उससे बात तो कर ले एक बार , तेरी राह निहार रही है । जुबैदा का फोन सुबह से लेकर बैठी है अपने पास । मेरी तो खुद हिम्मत नहीं हो रही थी कि किस मुंह से अपने लाडले के पास फोन करूं मगर तेरी अम्मी की हालत देख कर मैने फोन किया । अब बात कर ले बेटा ।
: जी नानी मै अम्मी से बात करके काल करता हूं आपको , बाय ।

मैने फोन काटा और मोबाइल में जुबैदा काकी का नंबर खोजने लगा ।
नंबर सामने था , मगर उंगलियां उसको स्वाइप करने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थी । पूरे बदन में कंपकपी होने लगी थी , कलेजा बैठने लगा था मेरा
मै उठ कर कमरे में टहलने लगा गहरी गहरी सांसे लेने लगा , ना जाने क्यों इतना मुश्किल लग रहा था अम्मी को काल करना । शायद इसमें भी मेरा गुरूर आड़े आ रहा था ।
मैने आइने में खुद को देखा और एक जोरदार थप्पड़ अपने गाल पर दिया
पूरा सिस्टम रिबूट हो गया अगले ही पल , खुद की ताकत का अहसास इतने सालों में पहली बार हुआ और जबड़े भी हिल गए मानो थोड़ा खुद पर हसी भी आई और फिर मैने गहरी सास लेते हुए जुबैदा चच्ची पर फोन घुमा दिया ।

घंटी बज रही थी मगर फोन नहीं उठा रहा था कोई, मन में कई कल्पनाएं उठ रही थी कि अम्मी जान बुझ कर फोन नहीं उठा रही है । या फिर जुबैदा चच्ची के घर फोन होगा उनका बेटा दौड़ते हुए मोबाइल अम्मी के पास ले जा रहा होगा । या फिर मोबाइल बज रहा है कोई सुन ही नहीं रहा होगा ।

तभी फोन पिकअप हुआ और मेरी धड़कने भारी होने लगी , फेफड़े मानो डर डर के सांसे ले रहो। मुंह सुख गया था मेरा

: अम्मीईई ( हिम्मत कर मैने उन्हें पुकारा )
वो एकदम चुप थी और उनके सिसकने की आवाज आई और मै पूरा पसीज गया
: अम्मीई प्लीज रो मत , मुझे माफ कर दो , प्लीज रो मत ( मै रुआंस होके बोला और अम्मी फूटफूट कर रोने लगी फोन कर और मेरी भी आँखें बहने लगी )
: अम्मीई मुझसे बात करो , आपको मेरी कसम है प्लीज
: नहीं करनी मुझे तेरे से कोई बात ( अम्मी सुबकते हुए नाराज होकर बोली )
: नहीं आपको करनी पड़ेगी , आप चाहे पूरा जिंदगी मुझसे गुस्सा रहो मानो नफरत करो मगर आपको मेरे से बात करनी पड़ेगी ( मै बिलख कर बोला )
: मारूंगी तुझे बदमाश जो दुबारा बोला, मै क्यों करूंगी तुझसे नफरत ? ( अम्मी ने रोते हुए मीठा सा डांटा मुझे )
: प्यार करती तो इतने दिन क्यों बात नहीं की मुझसे ( मै दुलराया उनके आगे )
: मार मार गाल लाल कर दूंगी कमीना , तू नहीं कर सकता था फोन इतना प्यार है अम्मी से तो ( अम्मी ने भी घुड़क कर जवाब दिया )
अम्मी की गाली से हंसी आई और मै आंसू पोछने लगा
: अच्छा सॉरी , आई लव यू अम्मी ( मैने उन्हें फुसलाया )
: हुंह , आई लव यू अम्मी ( अम्मी ने मुंह बना कर बोली ) नहीं चाहिए तेरा प्यार हूह मै ऐसी ही ठीक हु
: अच्छा तो रो क्यों रही थी मेरे लिए ( मैने भी थोड़ा छेड़ा उन्हें )
: मै क्यों रोऊंगी तेरे लिए, मै तो खुद की किस्मत पर रो रही थी । जिसे पाल पोस कर बड़ा किया और जिसके लिए इतना लड़ती आई उसने रत्ती भर परवाह नहीं की मेरी । चला गया मुझे छोड़ कर हूह ( अम्मी ने अपनी भड़ास निकाली और उनकी इस बात का कोई जवाब नहीं था । )
हम सब सामाजिक ढर्रे से जुड़े जीव है और समाज ने अपनी व्यवस्था में सभी रिश्तों नातों के लिए अपनी अपनी मर्यादाएं और नैतिकता दी है । सभी को उसी के हिसाब से चलना होता है जैसे बड़े और छोटे में अकसर ये होता है कि छोटे ही अपनी गलती माने और खुद से पहल करके आगे आए । भले ही प्रेम की बहस में गलतियां दोनो से हुई हो । अम्मी का कहना भी उसी सामाजिक ढर्रे से निकला था ।
मगर मैने अम्मी के साथ कभी बड़े छोटे का भेद पाया ही नहीं । उनके साथ एक दोस्ताना एक आशिक़ी भरा रिश्ता रहा था मेरा और जहां मैने कदम कदम पद उनसे अपने दिल की बात कही है , हर बार उन्हें जताया था कि दुनिया में मै उनसे ज्यादा प्यार किसी से नहीं करता । मेरी दिल की धड़कन सिर्फ उनके लिए ही धड़कती है , सांसों की साज सिर्फ उनके लिए ही खनकती है । अम्मी भी बखूबी मेरे जज्बातों और अरमानों को समझती है मगर हर बार वो मेरे दिए प्यार के फूल को लेकर बस मुस्कुरा कर आगे बढ़ जाती है कुछ नहीं कहती है । जिनती बार भी मैने अम्मी को अपनी दीवानगी का तोहफा दिया रिटर्न गिफ्ट में वो मुझे एक मां का प्यार ही लौटाई थी । मेरे हर प्रेम के भोग से सजे हुए थाल को उन्होंने अपनी ममता के आंचल से छिपा दिया । आज एक बार फिर अम्मी ने अपनी मां वाली लाठी चला कर चित कर दिया था ।

: बोल न चुप क्यों है ? ( अम्मी ने सवाल किया )
: सॉरी न अम्मी ( मै बचकानी अदा से बोला )
: अभी आऊंगी तो पक्का मारूंगी ( अम्मी की बातों में हसी की खनक आई ) जब देखो "सॉरी न अम्मी" , अपनी हर गलती से तू सिर्फ यही कह कर बच जाता है
: अच्छा माफ भी कर दो , आई लव यू न अम्मी , प्लीज ( मैने दुलरा कर बोला) मेरी प्यारी अम्मी , देखो मै आपके पैर पकड़ रहा हूं और जांघ पर सॉफ्टी सॉफ्टी छू रहा हूं। प्लीज मान जाओ
: हीही मारूंगी कमीना कही ( अम्मी मेरी बाते सोच कर खिलखिलाई )
: हीही थैंक यू लव यू उम्माआह ( मै खुश होकर उन्हें एक किस दी फोन कर ही )
: अरे अरे मै अभी मानी नहीं हु , गुस्सा हु ( अम्मी बोली )
: नहीं आप हस दिए मतलब फ़िट्टूस सब खत्म हीही ( मै खिलखिलाया )
: पागल मेरा बच्चा , लव यू ( अम्मी खुश होकर बोली )
: लव यू सो सो सो मच मेरी प्यारी अम्मी ( मै खुश होकर बोला )
: अच्छा इतना प्यार उम्मम
: हम्ममम शानू आपको बहुत बहुत प्यार करता है ( मै भीतर से खुश हो रहा था )
: अच्छा , शानू की अम्मी भी शानू को बहुत बहुत प्यार करती है , लेकिन उसकी पीटाई होगी जरूर ( अम्मी बोली )
: पिटाई ? अब क्यों ? ( मै चौका )
: होगी तो होगी , प्यार करती हु तो मारूंगी नहीं तुझे । ( अम्मी ने हक जताया )
: ठीक है मार लेना , अम्मी हो ( मैने भी हस कर बोला )

फिर हम दोनो खिलखिलाते रहे कुछ देर तक ।
: अच्छा बता , कब घर आ रहा है ? ( अम्मी ने पूछा , जी में आया कि कह दूं कि कल आ रहा हूं मगर मैने सोचा माहौल खुशनुमा है थोड़ा अम्मी को परेशान करूं )
: मै क्यों आऊ हर , आपका मन नहीं होता अपने बेटे के पास आने का । हमेशा अब्बू के पीछे लगी रहती हो ( मै मुंह बना कर बोला )
: क्या बोला फिर से बोल ( अम्मी चिढ़ गई )
: क्या मेरा इतना भी हक नहीं है कि आपके साथ अकेले में कुछ हफ्ते रहूं ( मै थोड़ा नाटक करके बोला )
: अरे ऐसा नहीं बेटा , तू तो तेरे अब्बू की आदत जानता है न ( अम्मी उदास होकर बोली)
: कितना झूठ बोलती हो अम्मी , आप खुद नहीं रह पाती हो और अब्बू को ब्लेम करती हो ( मैने उनके मजे लिए )
: बहुत मारूंगी तुझे शानू , बदमाश कही का ( अम्मी शर्मा कर मुझे डांट लगाई )
: हा तो चले आओ न , थोड़ा दिन अब्बू रह लेंगे अकेले तो क्या हो जाएगा । ( मैने दो चूड़ी और कसी )
: अच्छा ( अम्मी कुछ सोच कर ) चल ठीक है आती हूं मै फिर ( अम्मी पक्के स्वर में बोली )
: पक्का न , बाद में मुकर जाओगे तो ? ( मैने उन्हें परखा )
: हा भई पक्का आऊंगी जो होगा सो होगा ( अम्मी पूरे विश्वास से बोली )
: और अब्बू ? वो गुस्सा हुए तो ? ( मैने आखिरी जांच की )
: तेरे अब्बू को कैसे मनाना है मै जानती हूं ( अम्मी मुस्कुरा कर बोली )
: हा वो तो मुझे भी पता है ( मै हल्का सा बड़बड़ाया मगर शायद अम्मी सुन ली थी )
: क्या बोला, बहुत मारूंगी तुझे बदमाश कही का , बहुत बिगड़ गया है ( अम्मी मुझे डांट लगाती रही )
मै दिल से खुश हो गया था कि फाइनली अम्मी मान गई और सबसे बढ़ कर वो मेरे पास आ रही है रहे के लिए।
मै एकदम से चहक रहा था , अम्मी से बात करने के बाद मैने नानी को सारी बातें बताई फोन पर

: चल अच्छा है और इस बार कोई शरारत मत करना । नहीं तो खामखां बात बिगड़ जाएगी समझा ( नानी समझा कर बोली )
: परेशान करने के लिए मेरी सेक्सी नानी है न हीही ( मैने नानी को छेड़ा )
: धत्त बदमाश सेक्सी नानी , आकर देख मुझे बूढ़ी हो गई है तेरी नानी । चलना तो दूर अब उठना बैठना दूभर हो गया है , ना जाने कितनी रोज की जिन्दगी बची है ( नानी उखड़ कर बोली )
: क्या नानी ऐसे न कहो प्लीज ( नानी की बातों से मन उदास सा होने लगा )
: क्या न कहूँ, अरे मरने से पहले तेरा निगाह देख लू अब बस यही इच्छा है । कोई पटाई वटाई है या बस अम्मी के लिए ही जी रहा है । (नानी ने माहौल हल्का किया )
: नानी तुम भी न ( मै मुस्कुराया )
: अगर होगी तो मिलवा देना अपनी अम्मी से , झिझकना मत
: ठीक है और कुछ ( मै अलीना को अम्मी से मिलाने के बारे में सोच कर ही सिहर उठा )
: और मन करेगा तो मुझसे भी मिला देना मेरे जिंदा रहते और क्या ? ( नानी ने जवाब दिया )
: नानी , अच्छा ठीक है मिला दूंगा खुश । चलो मै रखता हु फोन आ रहा है ऑफिस से कुछ जरूरी है ।
: ठीक है रख दे ( नानी ने फोन काट दिया )


मोबाइल पर शबनम के फोन आ रहे थे । रेस्तरां से आने के बाद शाम हो गई थी और मैने उससे कुछ बात नहीं की थी । अम्मी से बात करते हुए एक बार अलीना का भी फोन आ चुका था ।


फोन पर
: हा शबनम बोलो ( मै खुश होकर बोला)
: क्या बोलो , तुम तो एकदम से निकल गए और फोन भी नहीं किया ( शबनम ने हड़काया मुझे ) सब ठीक है न
: हा अब सब ठीक है , तुम कहा हो
: कहा रहूंगी , घर पर अपने कमरे में अपने बिस्तर पर तुम्हारा इंतजार कर रही थी ( शबनम ने बातों को लपेटा )
उसकी बातों से ही लंड ने हरकत होने लगी
: उम्हू तो ठीक है आ रहा हूं 10 मिनट रुको ( मैने उसे डराया )
: क्या ? नहीं नहीं यहां कैसे पागल हो मामू काम से वापस आ गए है ( वो मना करते हुए बोली )
: हा लेकिन मुझे मिलने का मन है सीईईईई उम्मम जबसे तुमने बाथरूम ने इसको चूसा है अह्ह्ह्ह ये तो छोटा ही नहीं हो रहा है ( अपना अकड़ता लंड को पकड़ कर भींचता हुआ मै सिहरा)
: शानू नही मत याद दिलाओ न प्लीज ( शबनम की तेज धड़कने साफ महसूस हो पा रही थी उसके बातों में बेचैनी जाहिर हो रही थी )
: क्यों पसंद नहीं आया क्या मेरा बड़ा सा लंड , कितने प्यार से तुम उसको अपने होठों से लगाए थी अह्ह्ह्ह शब्बू उम्मम्म फिर से वैसे ही चूसो न उम्मम ( मैने उसको उकसाया )
: उफ्फ शानू मै यहां पागल हो जाऊंगी उम्ममम मत करो ऐसी बातें उम्मम मुझे देखने का मन करेगा ( शबनम बोली )
: रुको फोटो भेज रहा हु


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और मैने उसको कालिंग पर होल्ड रखे हुए व्हाट्सअप पर अपने लंड को के ऊपर से पकड़े हुए एक फोटो उसे भेजी
: देखो गया है ( मैने फोन पर बोला उसे )
: धत्त ऐसे नहीं ( शबनम सिहर कर बोली ) खोल कर दिखाओ न मेरी जान
मैंने उसे तुरन्त वीडियो काल की रिक्वेस्ट की और उसने पिकअप कर ली
: उम्मम क्या देखना है ( मैने मुस्कुरा कर उसे देखा और वीडियो काल पर आते ही वो शर्माने लगी )
: धत्त ऐसे नहीं फोटो भेजो न ( वो पूरी लाज से लाल होती हुई बोली और चेहरा छिपाने लगी )
मै कैमरा बैक करके अपने पेंट के ऊपर से लंड को मसलते हुए दिखाया : ये देखना है उम्मम
वीडियो काल पर शबनम की हालत खराब होने लगी ।
मै अपना पेंट खोलकर उसे अपना मोटा मूसल हाथ में सहलाते हुए दिखा रहा था


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: उफ्फफ अमीईई उम्मम कितना बड़ा है आह्ह्ह्ह अम्मीईई ओह्ह्ह्ह ( वीडियो काल पर शबनम के चेहरे के भाव बदल रहे थे । वो अपने होठ चबाते हुए बड़े गौर से मेरे लंड को निहारे जा रही थी । )
: क्या कर रही हो मोबाइल हिल रहा है कितना ( मै अपना सुपाड़ा खोलता हुआ बोला और उसने बैक कैमरा करके सामने आइने में जो दिखाया मेरा लंड पूरा अकड़ गया )
शबनम अपने कमरे में आलमारी के शीशे के आगे फर्श पर टांगे खोल कर बैठी हुई थी और उसके हाथ लेगी में घुसे हुए बुर सहला रहे थे


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: पागल हो गई हु शानू , उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई प्लीज अह्ह्ह्ह्ह चोद दो मुझे पेल दो मुझे इस मोटे लंड से अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अमीईईई अह्ह्ह्ह
मै उसकी खुमारी देखे जा रहा था और वो तेजी से अपनी चूत मसलते हुए अकड़ने लगी और तेजी झड़ने लगी
: अह्ह्ह्ह अम्मी ओह्ह्ह्ह्ह उम्मम शानू फ़क्कक्क अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम आ रहा है आह्ह्ह्ह ओह गॉड फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम


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( वीडियो कॉल पर शबनम अपने कूल्हे उठा कर झड़ रही थी और उसकी लेगी पूरी गीली हो गई थी इतना रस बह चुका था )
फिर वो शांत होकर मुस्कुराने लगी , मेरा लंड एकदम बेहाल हो गया था ।
फिर उसने लाज के मारे बाद में बात करने का बोल कर फोन काट दिया और मै अभी उठ कर फ्रेश होने का सोच रहा था कि व्हाट्सअप अप अलीना का मैसेज आया एक तस्वीर के साथ

Hey baby, are you missing me ?


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जारी रहेगी



कृपया अपडेट पढ़ने के बाद रेवो जरूर करें । जल्द ही अगला अपडेट पोस्ट किया जाएगा ।
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Besabri se intezar rahega Bhaiya

Bhai jaldi shuru karo aur intezar nahi HOTA 😢 😢 😢 😢

Bahut badhiya jaa rahi hai story bro. Continue.

:congrats: on completing100 pages!

Kya update diya hai bhai maza aa gaya padke

Gajab ki fantasy hai

Jabardast update

story to ab aur bhi interesting ho gaya, nice writing

Wah kay mast update diya hai bhai..chudia se jayada samwad jo hua dono ke beech usme jayada maza aaya

Agle update ka intejar ...kahin yeh sab sanu ka sapana hi na rah jaye

GREAT , SO NANI OBLIGED MY BOY BEFORE HER DAUGHTER DID. ANYWAYS LOVE AND WATER FLOW FROM TOP TO BOTTOM

Bhai story line bahot mast hai 👏👏
Bhai shanu or uski ammi ka bhi jaldi Milan karao

DREAMBOY40 bhai....

Aap ki story latest update 024 tak padhi.... Sach mein bohot maza aya.... Aam tor par incest stories mein itna seduction dekhne nahi milta... Incest mein kya adultery mein bhi....
Lekin aapne jo yahaan scenes create kiye hain.... wo sach bohot hi mast hain...

Aur aapke likhne ka style --- bohot unique..... 👌
Jo aap shuru se hi present and past scenes ka samagam le kar chale ho... wo bohot alag hai.....ek scene jo present mein chal raha hai uska event past ke dusre scene ko kholta hai... aur vice versa.......
usse kaafi scenes or events ki branches nikalti hain... jiski continuity dusre updates mein dikhti hai....

Shanu kahi ek young ladka hai jo apni maa ki taraf akarshit hai past mein aur present mein.... lekin usey uski girlfriend Alina se bhi bohot pyar hai... past mein Shanu ke alhadpane ki tasveer bhi dikhti hai... aur uski infatuations bhi... jo usey apni maa ki har harkat par nazar rakhne par majboor karti hai...

Jahan shanu ek alhad natkhat aur apni maa par tharki dikhta hai .. wahi mature bhi. Incest ke saath romance aur adultery bhi dikhti hai is story mein.......

ab tak filhal... usey naani ka saath mil chuka hai... aur launda hamara Shanu Naani ki gand ki maze le kar... unki chut ki gehrai naap chuka hai.......

Dekhna hoga ke Reshma uski dost hai ya wo bhi uska istemal kar rahi hai.... Shabnam ki kese expose karta hai... Neelu Aunty aur kis kis ko gift baat rahi hain
Aisa kya hua jo itne time se usne apni pyari maa se bhi baat nahi ki.....
Aur Alina ko kese pata chala ke wo uski maa Jamila ko bhi bhog chuka hai.......

Ye sab dekhna behad interesting hoga...

Bhai keep updating pleaseeeee

इस जर्रानवाजी के लिए आप का बहुत बहुत आभार ।
एक्चुअली , जर्रानवाजी राइटर के लिए होना चाहिए जो अपने अद्भुत लेखनी से रीडर्स को इम्प्रेस करता है ,
रीडर्स को अच्छा अच्छा रिव्यू देने के लिए बाध्य कर देता है ।
राइटर है तभी रीडर्स है । रीडर्स तो बस राइटर का हौसलाअफजाई करते हैं ।
इस थ्रीड के राइटर वैसे भी अद्भुत कौशल के धनी है । राइटिंग का अपना स्टाइल है इनका जो इन्हें अन्य राइटर्स से अलग करता है । :hug:

Bhai, kabhi mere story par bhi nazar daalo...bahut din ho gaye...koi comment nahi...main bhi tumhaare story pe comment karte rehta hoon 😜😜🙂🙂
look forward to hearing from you..thanks.

DREAMBOY40

Best story currently


Very nice, and gif selection is also to the point

Bahut bahut hot update

शायद शानु की वर्जिनिटी उसकी नानी ने ही भंग करी होगी ! शायद इसीलिए कहा क्योंकि स्टोरी के वर्तमान और पास्ट पर कन्फ्यूजन था ।
पर जो भी था , इस अवैध संबंध मे उम्र का ऐसा बड़ा अंतर था जो शायद इरोटिक नही होता , ऊपर से तब जब यह दूसरी पीढ़ी के साथ किया गया हो ।
नानी , दादी , बहुत ही बुजुर्ग औरत के साथ सेक्सुअल एनकाउंटर कभी भी इरोटिक नही हो सकता । छेड़खानी , हल्के फुल्के सेक्सुअल एनकाउंटर , परिस्थितिजन्य थोड़े-बहुत सेक्सुअल एनकाउंटर फिर भी चल जाते है लेकिन पुरा हलवा खाना शायद ही कोई खाना पसंद करे !

शानु साहब के पास कोई पकवान की कमी नही है , बल्कि एक से बढ़कर एक व्यंजन है फिर काहे को साठ सत्तर साल का बासी भोजन खाना !
बेहतरीन अपडेट भाई ।

Hot erotic update

Shaandar Mast Hot Kamuk Update 🔥 🔥 🔥

Super Update Guru Ji ❤️❤️❤️🙏❤️🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤️ awesome ❤️❤️❤️❤️❤️🙏🙏🙏🙏🙏

Bahut hi mast update

अतीत का एक और पन्ना पलटा
शानू शाहब की क़िस्मत का पन्ना पलटा नानी ने तो अपना काम कर दिया अब तो देखते है शानू की क़िस्मत कितना साथ देती है
शुक्रिया बेहतरीन अपडेट देने के लिए आपका।

:10::party:

Nice update

Update ummed se accha tha par ammi ka kuch samaj nahi aa raha..kabhi doctor se toh kabhi role play bhi karti hai par apne bacche se itna kyun dorri


bahut badhiya aur bahut hi lajawab update! bahut hi shandaar likhte hai aapne yaar!!!!

lajawab,exciting,bahut bahut amazing aur faadu update

Bahut hi shaandar aur behad hi exciting update diya hai aapne yaar
Nice and lovely writings

Nice update


Bahut bahut hot update

bahut badhiya update! bahut khoob! bahut acha tharika se likha aapne yaar
कहानी की अगली कड़ी पोस्ट कर दी गई है
पढ़ कर रेवो जरूर करें
 

Raj Kumar Kannada

Good News
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UPDATE 027

अतीत के पन्ने : 08


: वही नीचे वाले दराज में होगी देख ले न ( अम्मी बिस्तर पर लेटी हुई बोली और उसके हाथ में मोबाइल था जिसपे वो रिल्स स्क्रॉल कर रही थी )


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मै तेल निकाल कर उनकी ओर घुमा
अह्ह्ह्ह्ह महीनों बाद अम्मी के नंगे चूतड़ों के दीदार हुए ।
नरम गुलाबी और पहाड़ जैसा उभार , कसी हुई गहरी सकरी दरार देखकर की लंड अकड़ने लगा ।

मै धीरे से उनके पास आया और तेल की शीशी से बूंद बूंद अम्मी के कमर पर गिराने लगा मेरी नजर उनकी रसीली गाड़ के चिपकी हुई दरारों में थी और तेल की शीशी का मुहाना कब उसके गाड़ के ऊपर आ गया

एक दो तीन और फिर टिप टिप टिप टिप बूंदें अम्मी के गाड़ के दरारों में टिपकती रही
: शानू क्या कर रहा है , नहलाएगा ( अम्मी चिढ़ कर बोली )
मैने तेल की शीशी किनारे रख कर अम्मी के नंगी मखमली कमर को अपने सख्त हथेलियों से लिपने लगा

गर्म हथेलियों का स्पर्श पाते ही अम्मी का जिस्म अकड़ने लगा और एक गहरी आह भरते हुए वो अपना मोबाइल किराने रख कर अपने बाजुओं का तकिया बना कर सर टीका लिया
अम्मी को आराम पाता देख मै मुस्कुरा और अच्छे से उनकी मालिश कर रहा था , अम्मी आंखे बंद कर ली थी । उनके चेहरे पर गजब का सुकून दिख रहा था ।मैने उनके आधी पीठ से लेकर कूल्हे तक और अच्छे से मसाज कर रहा था ।

: उम्ममम थैंक यू बेटा , अह्ह्ह्ह्ह सच में इसकी जरूरत थी मुझे अह्ह्ह्ह्ह थोड़ा और नीचे उम्मम अह्ह्ह्ह


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मै मुस्कुरा कर अम्मी के कूल्हे अपने पंजे फैला आकर मसलने लगा और जांघों को रगड़ने लगा ।

इस दौरान तेल की बूंदे जो गाड़ की चिपकी दरारों में गई थी धीरे धीरे रिस कर अम्मी के गाड़ की सुराख और चूत की ओर बढ़ रही थी । हल्का हल्का अम्मी को वहां पर खुजली होने लगी थी , वो कभी अपने चूतड़ों को कस लेती तो कभी एकदम ढीला छोड़ देती और ऐसे करने से तेजी से तेल उनकी बुर तक आने लगा और धीरे धीरे बुर फांकों में इकठ्ठा होने लगा ।
इस दौरान मै उनकी जांघों की मालिश करता ।
कि अम्मी एकदम से अपने चूतड़ हवा में उठा कर नीचे बिस्तर पर त्रिकोण बनाते हुए अपना हाथ नीचे चूत पर ले गई और सूट से अपने बुर के फांके साफ करने लगी


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पीछे से ये नजारा ऐसा था मानो मै अम्मी को चोद कर उठा हु और वो अपनी फांकों से मेरी मलाई साफ कर रही हो। थूक हलक से उतारते हुए मै रुक कर उन्हें देखा , यकीन नहीं हो रहा था आज महीने भर बाद अम्मी के गाड़ की सुराख देख रहा था

और वो वापस लेट गई
: कितना तेल गिरा दिया था पागल ( अम्मी ने फिर डांट सी लगाई मुझे )
: सॉरी अम्मी ( मै मायूस सा होकर बोला )
: ठीक है अब जा आराम कर ले तू भी नानी के पास , सुबह उनकी पैकिंग करवा देना
: क्यों ( मै अचरज से )
: कल वो वापस जा रही है ( अम्मी उखड़ कर बोली )
: मुझसे तो नानी ने कुछ नहीं बताया ( मै चौक कर बोला )
: सब कुछ तू जाने जरूरी है क्या ? ( जा और दरवाजा लगा देना )

मै बिना कुछ बोले उठ गया और कमरे से निकल गया
मै और भी उलझ गया था, दोपहर में तो नानी ने सब ठीक कर दिया था । अम्मी भी एक नई शुरुआत के लिए राजी हो गई थी। मगर उनका गुस्सा नराजगी अभी भी जस की तस ही है । फिर अब नानी को क्या हुआ , वो भी ऐसे अचानक से क्यों जा रही है ।
मै परेशान होकर ऊपर चला आया , नानी का यू चला जाना मुझे ज्यादा तकलीफ दे रहे था वो भी बिना मुझे बताए ।

मै अपने कमरे में गया तो नानी बैठी हुई बेड के हेडबोर्ड से अपना सर टिकाए हुए झपकियां खा रही थी ।
मैने कमरे का दरवाजा लगाया तो उनकी नीद खुल गई ।
: आ गया बेटा , आ जा बत्ती बुझा कर ( नानी मुस्कुराते हुए बोली )
मै बिना कुछ कहे चुप चाप लाइट बुझा कर नानी के पास आया और उनसे लिपट कर उनकी जांघें पकड़ कर लेट गया । नानी अभी भी बैठी हुई थी ।
वो मेरे सर को सहला रही थी ।
: क्या हुआ , कुछ कहा क्या तेरी अम्मी ने ( नानी ने मुझे दुलार कर पूछी)
: उतना तो रोज सुनता हु मै ( मै उखड़ कर बोला )
: तेरी अम्मी भी न , कितना समझाया उसे दुपहर में फिर भी ( नानी सफाई देते हुए बोली )
: छोड़ो नानी , वैसे भी मुझे यहां रहने का मन नहीं कर रहा है अब । रिजल्ट आते ही मै यहां से चला जाऊंगा ( मेरी बातों की मजबूती में मेरे टूटे हुए दिल की खनक बुझ गई नानी )
: ऐसा नहीं कहते बेटा , घर में थोड़ी बहुत अनबन होती है । तू फिकर न तेरी अम्मी समझेगी देर सवेर ।
: और आप , आप भी तो जा रहे हो न कल बिना बताए मुझे ( किसका भरोसा करु मै अब )
: हम्म्म तो तू इस लिए परेशान है , अरे पागल आज नहीं तो कल मुझे जाना ही था और फिर बेटी का ससुराल है कबतक मै रहूंगी ।

मै चुप रहा कुछ भी नहीं बोला बस उनको पेट के पास जाकर और कस लिया । वो मेरे सर पर हाथ फिराने लगी : और फिर तेरे अब्बू तो आए नहीं तो भला मै यहां किसके लिए रुकूं ( नानी ने थोड़ा सा चिढ़ाया मुझे )
मै भीतर से इतना भावुक हो चुका था कि बस आंखे नहीं छलक रही थी मगर दिल छलनी हुआ पड़ा था ।
: तो आप क्या बस अब्बू के लिए आई थी मेरे लिए नहीं ( मै उनके छातियों के पास अपना सर उठा कर बोला )
: हा और क्या , और तेरी अम्मी भी तो आ ही गई है । आज नहीं तो कल उसका गुस्सा कम हो जाएगा तो मै यहां क्या करूंगी रुक कर ( नानी की बातों में मस्ती साफ झलक रही थी )
: भक्क नानी प्लीज रुको न ( मै उठ कर उनके बराबर में बैठ गया और उनके चूचों पर सर रख कर लिपट गया ) और अब्बू भी आ जायेंगे संडे तक .... शायद ?
: बेटा कुछ रिश्तों की अपनी एक मर्यादा होती है , उन्हें उनकी हद ने रहना पड़ता है । चाहते हुए भी मै यहां तेरे अब्बू के लिए नहीं रुक सकती ।
: क्यों ( मुझे समझ नहीं आ रहा था एकदम से क्या हो गया है नानी को )
: बेटा मै मेरी कामनाओं के लिए अपने बेटी का संसार नहीं उजाड़ सकती है । मैने तेरे अब्बू की दीवानगी बचपन से देखी है और अगर मैने उस चिनगारी को हवा दी तो ये घर जल जाएगा । ( नानी ने मुझे कस कर सीने से लगा लिया)

: पर आपको तो अब्बू का साथ चाहिए था न , आपके अक्कू का ( मैने सूट के ऊपर के उनके निप्पल के इर्द गिर्द अपनी हथेली घुमाई जिससे उनके बदन में अकड़न हुई )
: नहीं शानू मत कर ( नानी ने मेरे हाथ रोक दिए ) मै और नहीं खुद को बहकाना चाहती हूं। ( उनकी बातों में दर्द साफ झलक रहा था )
मुझे लगने लगा था कि जरूर अम्मी और नानी में कुछ बातें हुई है मेरी गैर हाजिरी में , लेकिन कब ... ओह गॉड मै शाम को सब्जी मंडी गया था ?
मेरा माथा ठनका और भीतर जिज्ञासाओं की लहर उठने लगी ।

: अम्मी ने कुछ कहा क्या ?
: क्या ? नहीं ! ( नानी सकपका कर बोली )
: नानी आपको मेरी कसम क्या हुआ था शाम को जब मैं मंडी गया था ( मै उठ कर अलग हो गया उनसे )
: बेटा तू जिद मत कर , आज की रात मेरे सीने से लगा रह मेरा बच्चा ( नानी एकदम रुआस सी हो गई थी )
: नानी अगर आपको मेरी परवाह है तो आप जरूर बताएंगी , मुझे जो कहना था मै कह दिया हु बाय गुड नाइट
मै उखड़ कर उनकी ओर पीठ करके करवट होकर लेट गया

कुछ देर की चुप्पी और फिर उन्होंने मेरे सर पर हाथ फिराने लगी , उनके सुबकते हुए नथुने की आवाज आई तो मै पसीज गया और उठ कर बैठ गया : नानी ?
मैने उनके गाल छुए तो मेरी हथेली भीगने लगी , नानी रो रही थी ।
: क्या हुआ नानी बोलो न
: कुछ नहीं बेटा , शायद ये मेरे लालच की हार जो उसने मुझे जीवन के इस मोड पर खड़ा कर दिया । कुछ पलो के लिए मै भी बहक कर लालची हो गई थी , मगर तेरी अम्मी ने मुझे आईना दिखाया।
: नानी आप फिर घुमा रहे हो , साफ साफ बताओ न क्या हुआ । ( मेरा कलेजा रो रहा थे भीतर से नानी को रोता देखकर )
: बेटा तेरी अम्मी को पता चल गया हमारे बारे में ?
: क्या ? , कैसे ? ( मेरी एकदम से फट गई ) उन्हें कैसे पता चला और उनके आने के बाद हमने तो कुछ किया भी नहीं
: पता नहीं शायद उसने मेरा मोबाइल चेक किया था और शाम को मै जब ऊपर से नीचे आई तो वो किसी से फोन कर बाते कर रही थी । लेकिन इतना पता है वो तेरे अब्बू तो नहीं थे नहीं तो बात और बिगड़ जाती । ( नानी साफ साफ समझा रही थी और मुझे समझते देर नहीं लगी कि जरूर अम्मी नगमा मामी से ही बातें शेयर कर रही होगी क्योंकि अब्बू से ज्यादा भरोसा वो नगमा मामी पर करती थी । )
: क्या कह रही थी अम्मी हमारे बारे में ( मै फिकर में बोला )

मै दरवाजे के पास खड़ी उसे सुन रही थी जैसे ही उसने मुझे देखा तो फोन काट दी ।
: फरीदा तू गलत मत समझ मुझे ( मै डर गई थी )
: अम्मी बस करें आप , और कितना बेवकूफ बनाएगी आप ( फरीदा गुस्से में मुझे फटकार रही थी )
: फरीदा ,पहले मेरी बात सुन ले और फिर तुझे जो कुछ कहना होगा कह लेना
: मुझे आपकी एक बात नहीं सुननी अम्मी , खुदा के लिए मेरे बेटे और मेरे परिवार से दूर ही रहिए आप । मैने आपके भरोसे अपने बेटे को सौंपा और आप उसकी नादानी का ये सिला दे रही थी छीइ ( फरीदा ने मुंह फेर कर मुझसे कहा )
: इसमें शानू की कोई गलती है न फरीदा जो कुछ हुआ बस एक छोटी सी शरारत से हुआ और... ( मै सफाई देना चाहती थी )
: बिल्कुल इसमें शानू की गलती नहीं मानूंगी मै , इसके लिए सिर्फ और सिर्फ आप जिम्मेदार हो और खबरदार अब से आपने मेरे बेटे से कोई वास्ता रखा तो मेरा
मरा हुआ मुंह देखेंगी आप
मरा हुआ मुंह देखेंगी आप
मरा हुआ मुंह देखेंगी आप
मरा हुआ मुंह देखेंगी आप




: शानू.... क्या हुआ बोल क्यों नहीं रहा ( फोन पर वापस नानी की आवाज आई )
: हा नानी ( मै अपने ख्यालों से बाहर आया)
: तू बोल क्यों नहीं रहा था ( नानी ने सवाल किया , मगर मै क्या जवाब देता सालों बाद उनके फोन ने मेरे अतीत के वो पन्ने खुल गए जिन्हें मै भी कभी नहीं पढ़ना चाहता था )
: जी कुछ नहीं , अभी अम्मी कैसी है ? तबियत कैसी है उनकी ? ( मै मेरे आंसू पोंछ कर नानी से फोन पर बोला )
: बिलख रही है और तेरे लिए परेशान थी , बेटा वो तेरी अम्मी है और उसे हमेशा से उम्मीद थी कि जब कभी वो नाराज होगी तो उसे मनाने जरूर जाएगा उससे पास , वो थोड़ा डांटेगी मारेगी मगर प्यार तो तुझसे ही करेगी न ( नानी की बातें सुनकर मेरा कलेजा डबडबा गया मानो )
: नानी मै अभी टिकट करा रहा हूं घर के लिए ( मै एकदम से तड़प उठा था अम्मी के लिए)
: तू उससे बात तो कर ले एक बार , तेरी राह निहार रही है । जुबैदा का फोन सुबह से लेकर बैठी है अपने पास । मेरी तो खुद हिम्मत नहीं हो रही थी कि किस मुंह से अपने लाडले के पास फोन करूं मगर तेरी अम्मी की हालत देख कर मैने फोन किया । अब बात कर ले बेटा ।
: जी नानी मै अम्मी से बात करके काल करता हूं आपको , बाय ।

मैने फोन काटा और मोबाइल में जुबैदा काकी का नंबर खोजने लगा ।
नंबर सामने था , मगर उंगलियां उसको स्वाइप करने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थी । पूरे बदन में कंपकपी होने लगी थी , कलेजा बैठने लगा था मेरा
मै उठ कर कमरे में टहलने लगा गहरी गहरी सांसे लेने लगा , ना जाने क्यों इतना मुश्किल लग रहा था अम्मी को काल करना । शायद इसमें भी मेरा गुरूर आड़े आ रहा था ।
मैने आइने में खुद को देखा और एक जोरदार थप्पड़ अपने गाल पर दिया
पूरा सिस्टम रिबूट हो गया अगले ही पल , खुद की ताकत का अहसास इतने सालों में पहली बार हुआ और जबड़े भी हिल गए मानो थोड़ा खुद पर हसी भी आई और फिर मैने गहरी सास लेते हुए जुबैदा चच्ची पर फोन घुमा दिया ।

घंटी बज रही थी मगर फोन नहीं उठा रहा था कोई, मन में कई कल्पनाएं उठ रही थी कि अम्मी जान बुझ कर फोन नहीं उठा रही है । या फिर जुबैदा चच्ची के घर फोन होगा उनका बेटा दौड़ते हुए मोबाइल अम्मी के पास ले जा रहा होगा । या फिर मोबाइल बज रहा है कोई सुन ही नहीं रहा होगा ।

तभी फोन पिकअप हुआ और मेरी धड़कने भारी होने लगी , फेफड़े मानो डर डर के सांसे ले रहो। मुंह सुख गया था मेरा

: अम्मीईई ( हिम्मत कर मैने उन्हें पुकारा )
वो एकदम चुप थी और उनके सिसकने की आवाज आई और मै पूरा पसीज गया
: अम्मीई प्लीज रो मत , मुझे माफ कर दो , प्लीज रो मत ( मै रुआंस होके बोला और अम्मी फूटफूट कर रोने लगी फोन कर और मेरी भी आँखें बहने लगी )
: अम्मीई मुझसे बात करो , आपको मेरी कसम है प्लीज
: नहीं करनी मुझे तेरे से कोई बात ( अम्मी सुबकते हुए नाराज होकर बोली )
: नहीं आपको करनी पड़ेगी , आप चाहे पूरा जिंदगी मुझसे गुस्सा रहो मानो नफरत करो मगर आपको मेरे से बात करनी पड़ेगी ( मै बिलख कर बोला )
: मारूंगी तुझे बदमाश जो दुबारा बोला, मै क्यों करूंगी तुझसे नफरत ? ( अम्मी ने रोते हुए मीठा सा डांटा मुझे )
: प्यार करती तो इतने दिन क्यों बात नहीं की मुझसे ( मै दुलराया उनके आगे )
: मार मार गाल लाल कर दूंगी कमीना , तू नहीं कर सकता था फोन इतना प्यार है अम्मी से तो ( अम्मी ने भी घुड़क कर जवाब दिया )
अम्मी की गाली से हंसी आई और मै आंसू पोछने लगा
: अच्छा सॉरी , आई लव यू अम्मी ( मैने उन्हें फुसलाया )
: हुंह , आई लव यू अम्मी ( अम्मी ने मुंह बना कर बोली ) नहीं चाहिए तेरा प्यार हूह मै ऐसी ही ठीक हु
: अच्छा तो रो क्यों रही थी मेरे लिए ( मैने भी थोड़ा छेड़ा उन्हें )
: मै क्यों रोऊंगी तेरे लिए, मै तो खुद की किस्मत पर रो रही थी । जिसे पाल पोस कर बड़ा किया और जिसके लिए इतना लड़ती आई उसने रत्ती भर परवाह नहीं की मेरी । चला गया मुझे छोड़ कर हूह ( अम्मी ने अपनी भड़ास निकाली और उनकी इस बात का कोई जवाब नहीं था । )
हम सब सामाजिक ढर्रे से जुड़े जीव है और समाज ने अपनी व्यवस्था में सभी रिश्तों नातों के लिए अपनी अपनी मर्यादाएं और नैतिकता दी है । सभी को उसी के हिसाब से चलना होता है जैसे बड़े और छोटे में अकसर ये होता है कि छोटे ही अपनी गलती माने और खुद से पहल करके आगे आए । भले ही प्रेम की बहस में गलतियां दोनो से हुई हो । अम्मी का कहना भी उसी सामाजिक ढर्रे से निकला था ।
मगर मैने अम्मी के साथ कभी बड़े छोटे का भेद पाया ही नहीं । उनके साथ एक दोस्ताना एक आशिक़ी भरा रिश्ता रहा था मेरा और जहां मैने कदम कदम पद उनसे अपने दिल की बात कही है , हर बार उन्हें जताया था कि दुनिया में मै उनसे ज्यादा प्यार किसी से नहीं करता । मेरी दिल की धड़कन सिर्फ उनके लिए ही धड़कती है , सांसों की साज सिर्फ उनके लिए ही खनकती है । अम्मी भी बखूबी मेरे जज्बातों और अरमानों को समझती है मगर हर बार वो मेरे दिए प्यार के फूल को लेकर बस मुस्कुरा कर आगे बढ़ जाती है कुछ नहीं कहती है । जिनती बार भी मैने अम्मी को अपनी दीवानगी का तोहफा दिया रिटर्न गिफ्ट में वो मुझे एक मां का प्यार ही लौटाई थी । मेरे हर प्रेम के भोग से सजे हुए थाल को उन्होंने अपनी ममता के आंचल से छिपा दिया । आज एक बार फिर अम्मी ने अपनी मां वाली लाठी चला कर चित कर दिया था ।

: बोल न चुप क्यों है ? ( अम्मी ने सवाल किया )
: सॉरी न अम्मी ( मै बचकानी अदा से बोला )
: अभी आऊंगी तो पक्का मारूंगी ( अम्मी की बातों में हसी की खनक आई ) जब देखो "सॉरी न अम्मी" , अपनी हर गलती से तू सिर्फ यही कह कर बच जाता है
: अच्छा माफ भी कर दो , आई लव यू न अम्मी , प्लीज ( मैने दुलरा कर बोला) मेरी प्यारी अम्मी , देखो मै आपके पैर पकड़ रहा हूं और जांघ पर सॉफ्टी सॉफ्टी छू रहा हूं। प्लीज मान जाओ
: हीही मारूंगी कमीना कही ( अम्मी मेरी बाते सोच कर खिलखिलाई )
: हीही थैंक यू लव यू उम्माआह ( मै खुश होकर उन्हें एक किस दी फोन कर ही )
: अरे अरे मै अभी मानी नहीं हु , गुस्सा हु ( अम्मी बोली )
: नहीं आप हस दिए मतलब फ़िट्टूस सब खत्म हीही ( मै खिलखिलाया )
: पागल मेरा बच्चा , लव यू ( अम्मी खुश होकर बोली )
: लव यू सो सो सो मच मेरी प्यारी अम्मी ( मै खुश होकर बोला )
: अच्छा इतना प्यार उम्मम
: हम्ममम शानू आपको बहुत बहुत प्यार करता है ( मै भीतर से खुश हो रहा था )
: अच्छा , शानू की अम्मी भी शानू को बहुत बहुत प्यार करती है , लेकिन उसकी पीटाई होगी जरूर ( अम्मी बोली )
: पिटाई ? अब क्यों ? ( मै चौका )
: होगी तो होगी , प्यार करती हु तो मारूंगी नहीं तुझे । ( अम्मी ने हक जताया )
: ठीक है मार लेना , अम्मी हो ( मैने भी हस कर बोला )

फिर हम दोनो खिलखिलाते रहे कुछ देर तक ।
: अच्छा बता , कब घर आ रहा है ? ( अम्मी ने पूछा , जी में आया कि कह दूं कि कल आ रहा हूं मगर मैने सोचा माहौल खुशनुमा है थोड़ा अम्मी को परेशान करूं )
: मै क्यों आऊ हर , आपका मन नहीं होता अपने बेटे के पास आने का । हमेशा अब्बू के पीछे लगी रहती हो ( मै मुंह बना कर बोला )
: क्या बोला फिर से बोल ( अम्मी चिढ़ गई )
: क्या मेरा इतना भी हक नहीं है कि आपके साथ अकेले में कुछ हफ्ते रहूं ( मै थोड़ा नाटक करके बोला )
: अरे ऐसा नहीं बेटा , तू तो तेरे अब्बू की आदत जानता है न ( अम्मी उदास होकर बोली)
: कितना झूठ बोलती हो अम्मी , आप खुद नहीं रह पाती हो और अब्बू को ब्लेम करती हो ( मैने उनके मजे लिए )
: बहुत मारूंगी तुझे शानू , बदमाश कही का ( अम्मी शर्मा कर मुझे डांट लगाई )
: हा तो चले आओ न , थोड़ा दिन अब्बू रह लेंगे अकेले तो क्या हो जाएगा । ( मैने दो चूड़ी और कसी )
: अच्छा ( अम्मी कुछ सोच कर ) चल ठीक है आती हूं मै फिर ( अम्मी पक्के स्वर में बोली )
: पक्का न , बाद में मुकर जाओगे तो ? ( मैने उन्हें परखा )
: हा भई पक्का आऊंगी जो होगा सो होगा ( अम्मी पूरे विश्वास से बोली )
: और अब्बू ? वो गुस्सा हुए तो ? ( मैने आखिरी जांच की )
: तेरे अब्बू को कैसे मनाना है मै जानती हूं ( अम्मी मुस्कुरा कर बोली )
: हा वो तो मुझे भी पता है ( मै हल्का सा बड़बड़ाया मगर शायद अम्मी सुन ली थी )
: क्या बोला, बहुत मारूंगी तुझे बदमाश कही का , बहुत बिगड़ गया है ( अम्मी मुझे डांट लगाती रही )
मै दिल से खुश हो गया था कि फाइनली अम्मी मान गई और सबसे बढ़ कर वो मेरे पास आ रही है रहे के लिए।

मै एकदम से चहक रहा था , अम्मी से बात करने के बाद मैने नानी को सारी बातें बताई फोन पर

: चल अच्छा है और इस बार कोई शरारत मत करना । नहीं तो खामखां बात बिगड़ जाएगी समझा ( नानी समझा कर बोली )
: परेशान करने के लिए मेरी सेक्सी नानी है न हीही ( मैने नानी को छेड़ा )
: धत्त बदमाश सेक्सी नानी , आकर देख मुझे बूढ़ी हो गई है तेरी नानी । चलना तो दूर अब उठना बैठना दूभर हो गया है , ना जाने कितनी रोज की जिन्दगी बची है ( नानी उखड़ कर बोली )
: क्या नानी ऐसे न कहो प्लीज ( नानी की बातों से मन उदास सा होने लगा )
: क्या न कहूँ, अरे मरने से पहले तेरा निगाह देख लू अब बस यही इच्छा है । कोई पटाई वटाई है या बस अम्मी के लिए ही जी रहा है । (नानी ने माहौल हल्का किया )
: नानी तुम भी न ( मै मुस्कुराया )
: अगर होगी तो मिलवा देना अपनी अम्मी से , झिझकना मत
: ठीक है और कुछ ( मै अलीना को अम्मी से मिलाने के बारे में सोच कर ही सिहर उठा )
: और मन करेगा तो मुझसे भी मिला देना मेरे जिंदा रहते और क्या ? ( नानी ने जवाब दिया )
: नानी , अच्छा ठीक है मिला दूंगा खुश । चलो मै रखता हु फोन आ रहा है ऑफिस से कुछ जरूरी है ।
: ठीक है रख दे ( नानी ने फोन काट दिया )


मोबाइल पर शबनम के फोन आ रहे थे । रेस्तरां से आने के बाद शाम हो गई थी और मैने उससे कुछ बात नहीं की थी । अम्मी से बात करते हुए एक बार अलीना का भी फोन आ चुका था ।


फोन पर
: हा शबनम बोलो ( मै खुश होकर बोला)
: क्या बोलो , तुम तो एकदम से निकल गए और फोन भी नहीं किया ( शबनम ने हड़काया मुझे ) सब ठीक है न
: हा अब सब ठीक है , तुम कहा हो
: कहा रहूंगी , घर पर अपने कमरे में अपने बिस्तर पर तुम्हारा इंतजार कर रही थी ( शबनम ने बातों को लपेटा )
उसकी बातों से ही लंड ने हरकत होने लगी
: उम्हू तो ठीक है आ रहा हूं 10 मिनट रुको ( मैने उसे डराया )
: क्या ? नहीं नहीं यहां कैसे पागल हो मामू काम से वापस आ गए है ( वो मना करते हुए बोली )
: हा लेकिन मुझे मिलने का मन है सीईईईई उम्मम जबसे तुमने बाथरूम ने इसको चूसा है अह्ह्ह्ह ये तो छोटा ही नहीं हो रहा है ( अपना अकड़ता लंड को पकड़ कर भींचता हुआ मै सिहरा)
: शानू नही मत याद दिलाओ न प्लीज ( शबनम की तेज धड़कने साफ महसूस हो पा रही थी उसके बातों में बेचैनी जाहिर हो रही थी )
: क्यों पसंद नहीं आया क्या मेरा बड़ा सा लंड , कितने प्यार से तुम उसको अपने होठों से लगाए थी अह्ह्ह्ह शब्बू उम्मम्म फिर से वैसे ही चूसो न उम्मम ( मैने उसको उकसाया )
: उफ्फ शानू मै यहां पागल हो जाऊंगी उम्ममम मत करो ऐसी बातें उम्मम मुझे देखने का मन करेगा ( शबनम बोली )
: रुको फोटो भेज रहा हु


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और मैने उसको कालिंग पर होल्ड रखे हुए व्हाट्सअप पर अपने लंड को के ऊपर से पकड़े हुए एक फोटो उसे भेजी
: देखो गया है ( मैने फोन पर बोला उसे )
: धत्त ऐसे नहीं ( शबनम सिहर कर बोली ) खोल कर दिखाओ न मेरी जान
मैंने उसे तुरन्त वीडियो काल की रिक्वेस्ट की और उसने पिकअप कर ली
: उम्मम क्या देखना है ( मैने मुस्कुरा कर उसे देखा और वीडियो काल पर आते ही वो शर्माने लगी )
: धत्त ऐसे नहीं फोटो भेजो न ( वो पूरी लाज से लाल होती हुई बोली और चेहरा छिपाने लगी )
मै कैमरा बैक करके अपने पेंट के ऊपर से लंड को मसलते हुए दिखाया : ये देखना है उम्मम
वीडियो काल पर शबनम की हालत खराब होने लगी ।
मै अपना पेंट खोलकर उसे अपना मोटा मूसल हाथ में सहलाते हुए दिखा रहा था


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: उफ्फफ अमीईई उम्मम कितना बड़ा है आह्ह्ह्ह अम्मीईई ओह्ह्ह्ह ( वीडियो काल पर शबनम के चेहरे के भाव बदल रहे थे । वो अपने होठ चबाते हुए बड़े गौर से मेरे लंड को निहारे जा रही थी । )
: क्या कर रही हो मोबाइल हिल रहा है कितना ( मै अपना सुपाड़ा खोलता हुआ बोला और उसने बैक कैमरा करके सामने आइने में जो दिखाया मेरा लंड पूरा अकड़ गया )
शबनम अपने कमरे में आलमारी के शीशे के आगे फर्श पर टांगे खोल कर बैठी हुई थी और उसके हाथ लेगी में घुसे हुए बुर सहला रहे थे


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: पागल हो गई हु शानू , उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई प्लीज अह्ह्ह्ह्ह चोद दो मुझे पेल दो मुझे इस मोटे लंड से अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अमीईईई अह्ह्ह्ह
मै उसकी खुमारी देखे जा रहा था और वो तेजी से अपनी चूत मसलते हुए अकड़ने लगी और तेजी झड़ने लगी
: अह्ह्ह्ह अम्मी ओह्ह्ह्ह्ह उम्मम शानू फ़क्कक्क अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम आ रहा है आह्ह्ह्ह ओह गॉड फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम


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( वीडियो कॉल पर शबनम अपने कूल्हे उठा कर झड़ रही थी और उसकी लेगी पूरी गीली हो गई थी इतना रस बह चुका था )
फिर वो शांत होकर मुस्कुराने लगी , मेरा लंड एकदम बेहाल हो गया था ।
फिर उसने लाज के मारे बाद में बात करने का बोल कर फोन काट दिया और मै अभी उठ कर फ्रेश होने का सोच रहा था कि व्हाट्सअप अप अलीना का मैसेज आया एक तस्वीर के साथ

Hey baby, are you missing me ?


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जारी रहेगी



कृपया अपडेट पढ़ने के बाद रेवो जरूर करें । जल्द ही अगला अपडेट पोस्ट किया जाएगा ।
bahut badhiya update❤️❤️❤️ bahut khoob❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️🙏 💯❤️❤️❤️❤️❤️❤️ Super
 
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Raj Kumar Kannada

Good News
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कहानी की अगली कड़ी पोस्ट कर दी गई है
पढ़ कर रेवो जरूर करें
Thanks For Update ❤️❤️❤️❤️❤️❤️
 

Enjoywuth

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Bahut kuch samaj aaya par abhi bhi kuch flash back baaki hai.... Ammi ke sath aisa kya hua jo baat karna aur apna sahar chod diya..ab ammi ke saath kahan se baat aage badegi woh dekhna hai

Nani ke sath ek baar milan jarori hai bahi
 
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Brustlove

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बहुत ख़ूब शानदार अपडेट था लेकिन अतीत में वह इनोवा वाला आदमी कौन था जो अम्मी को उतार कर गया था और ऐसा क्या हुआ जो अम्मी से दूर शहर आ गया अभी भी दिमाग कन्फ्यूज है।
 
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