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Fantasy 'सुप्रीम' एक रहस्यमई सफर

mistyvixen

𝒎𝒆𝒅𝒖𝒔𝒂
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mistyvixen meri story fantasy nahi hai kya?:bat:
Sach mein tag kahan hai fir :Sighing:
Devangri padhe hue bhi saalon beet gye last time 10th mein padhe the upar se aapke story ke characters western hai. Yahan koi bhi story padhe se pehle reviews dekh lete hoon kaise hai. Abhi tak ache hai saare time milne par ek saath padhungi 15-20 updates review bhi ban jayega badha sa okhay? :smirking:
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Sach mein tag kahan hai fir :Sighing:
Devangri padhe hue bhi saalon beet gye last time 10th mein padhe the upar se aapke story ke characters western hai. Yahan koi bhi story padhe se pehle reviews dekh lete hoon kaise hai. Abhi tak ache hai saare time milne par ek saath padhungi 15-20 updates review bhi ban jayega badha sa okhay? :smirking:
Pahli baat to ye ki maine tag kiya tha. :approve: Tumne reply bhi di thi, fir jab Ristrcted review de raha tha tab bhi hamari baat hui thi,
And 2nd baat ye hai ki agar aapka mann nahi hai to bilkul na padha, koi jabardasti nahi hai madam, pathan aur kathan dono iccha se hi hone chahiye🙏🏼
 

dev61901

" Never let an old flame burn you twice "
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#75.

सुनहरे मानव का रहस्य
(आज से 3 दिन पहले.... 5 जनवरी 2002, शिनवार 12:15, सीनोर राज्य, अराका)

रोजर आकृति के दिये हुए कमरे में पिछले 4 दिन से बोर हो रहा था।
आकृति ने अभी तक उसे कोई काम भी नहीं बताया था।

आकृति ना तो उसे कमरे से निकलने दे रही थी और ना ही कोई काम बता रही थी।

आकृति बस पूरे दिन भर में एक बार उससे मिलने आती थी और वह भी केवल 5 मिनट के लिये।

आज रोजर ने सोच रखा था कि वह आकृति से कहेगा कि या तो काम बता दो या फ़िर उसे बाहर जाने दो।

तभी दरवाजे की आवाज ने रोजर की सोच पर विराम लगाया।

आने वाली आकृति ही थी।

इससे पहले की रोजर आकृति को कुछ बोल पाता, वह स्वयं ही रोजर से बोल पड़ी- “रोजर तैयार हो जाओ, अब सुप्रीम पर जाने के लिये।“

रोजर यह सुनकर बहुत खुश हो गया। वह फौरन बिस्तर से उठा और एकदम चाक चौबंद नजर आने लगा।

लेकिन इससे पहले कि आकृति कुछ कर पाती, तभी कमरे के दरवाजे से एक चूहा और बिल्ली भागते हुए अंदर प्रविष्ट हुए।

आकृति यह देखकर कि कर चूहा और बिल्ली को देखने लगी। आकृति की तीव्र निगाहें दोनों जनवारों पर थी।

बिल्ली चूहे के पीछे पड़ी थी, पर वह चूहे को पकड़ नहीं पा रही थी। चूहे ने भागते हुए एक राउंड रोजर का मारा और फ़िर बिल्ली से बचते हुए वापस दरवाजे से बाहर की ओर भाग गया।

बिल्ली भी चूहे के पीछे-पीछे बाहर निकल गयी।

आकृति ने फ़िर से एक नजर रोजर पर मारी। रोजर ने भी आकृति को देख अपने दाहिने हाथ के अंगूठे को ‘थम्स-अप की तरीके से ऊपर उठाया, जो कि रोजर के रेडी होने का संकेत था।

आकृति ने रोजर को देखा और अपना ‘नीलदंड’ उठाकर रोजर की ओर लहराया।

नीलदंड से सुनहरे रंग की किरणें निकली और उन किरणों ने रोजर के शरीर को अपने घेरे में ले लिया।

रोजर ने डर के कारण अपनी आँखे बंद कर ली। अचानक रोजर का शरीर धीरे-धीरे पत्थर में तबदील होने लगा।

रोजर ने जब आँखे खोली तब तक उसके शरीर का गरदन तक का हिस्सा पत्थर में तबदील हो चुका था।

रोजर को कुछ समझ नहीं आया। उसने आकृति की ओर नजर उठा कर देखा। तब तक वह पूरा पत्थर का बन चुका था।

आकृति ने जब रोजर को पूरा पत्थर का बनते देखा तो फ़िर से अपने नीलदंड को उठाकर रोजर की ओर घुमाया।

इस बार रोजर के शरीर से एक सुनहरा प्रकाश-पुंज निकल कर बाहर आ गया।

वह प्रकाश-पुंज किसी सुनहरे मानव की तरह तेज चमक बिखेर रहा था।

“अब तुम सुनहरे मानव के रूप में परिवर्तित हो चुके हो। ये एक प्रकार का उर्जा रूप है, इस रूप में तुम किसी चीज को स्पर्श कर सकते हो, उसे उठा सकते हो और अपने हाव भाव व्यक्त कर सकते हो, मगर इस रूप में तुम किसी से बात नहीं कर सकते।

उर्जा के इस रूप में तुम्हे द्वीप की अदृश्य दीवार भी नहीं रोक पायेगी और तुम पानी पर दौड़ सकते हो या फ़िर पानी में साँस ले सकते हो।

तुम्हारा शरीर यहां मेरे पास सुरक्षित है। तुम्हारे पास केवल 8 घंटे का समय है। 8 घंटे से ज़्यादा तुम इस उर्जा रूप में नहीं रह सकते। 8 घंटा पूरा होते ही तुम्हारा उर्जा रूप स्वतः ही तुम्हारे शरीर में वापस आ जायेगा।

इसिलये याद रहे तुम्हे अपना काम इस 8 घंटे में ही पूरा करना पड़ेगा। क्या तुम अब तैयार हो यहां से जाने के लिये?" आकृति ने रोजर को सारी बातें अच्छे से समझा दी।

रोजर ने धीरे से सहमित से अपना सर हिलाया और उस कमरे से निकलकर उस गुफा के रास्ते से द्वीप के बाहर की ओर चल पड़ा।

रोजर द्वीप की अदृश्य दीवार को पारकर जैसे ही समुद्र के किनारे पहुंचा, उसे पूरा द्वीप पानी में नाचता हुआ दिखायी दिया ।

“ओ माई गॉड......यह द्वीप तो..... यह द्वीप तो पानी में घूम रहा है.... ऐसा कैसे संभव है? लगता है यह द्वीप अभी और बहुत से अंजान खतरों से भरा है।" रोजर मन ही मन बड़बड़ाया।

तभी रोजर को आसमान पर उड़ता हुआ एक हेलीकाप्टर दिखायी दिया।

रोजर को तुरंत अपने हेलीकाप्टर के साथ हुआ हादसा याद आ गया।

रोजर को लगा कि अब यह हेलीकाप्टर भी दुर्घटना ग्रस्त हो जायेगा, पर तभी उसे वह हेलीकाप्टर द्वीप से दूर जाता हुआ दिखायी दिया।

यह देख रोजर ने राहत की साँस ली।

तभी रोजर को हवा में उड़ती हुई एक झोपड़ी दिखायी दी ।

“ये मैं क्या देख रहा हुं, यह झोपड़ी हवा में कैसे उड़ रही है?"

वह झोपड़ी हवा में उड़ती हुई पोसाइडन की मूर्ति के पास जाकर गायब हो गयी।

तभी रोजर को द्वीप की धरती पर कुछ कंपन होते दिखे- “बाप रे....यह तो पूरी धरती कांप रही है। अब क्या होने वाला है?" रोजर बड़बड़ाया।

तभी द्वीप के किनारे से बहुत तेज तरंगे निकली और समुद्र में दूर तक चली गयी।

अभी रोजर इन तरंगो के बारे में सोच ही रहा था कि तभी वैसी ही तरंगे पूरे आसमान में भी फैल गयी।

रोजर को अब वह हेलीकाप्टर हवा में लहराते हुए दिखायी दिया। रोजर समझ गया कि अब वह हेलीकाप्टर दुर्घटना ग्रस्त होने वाला है।

हेलीकाप्टर का चालक हेलीकाप्टर को नीचे उतारने की कोशिश कर रहा था। हेलीकाप्टर आसमान में किसी परकटे पक्षी की तरह डोल रहा था।

थोड़ी देर के बाद उस हेलीकाप्टर के चालक ने हेलीकाप्टर का संतुलन बनाकर उसे पानी पर उतार लिया।

रोजर की आँखो में चालक के लिए प्रशंसा के भाव उभरे। रोजर अब पानी पर चलता हुआ उस हेलीकाप्टर की ओर बढ़ने लगा।

तभी रोजर को पानी की सतह पर बहती हुई एक बूढ़ी महिला दिखायी दी-

“यह कैसे संभव है? यह महिला पानी पर कैसे तैर रही है? नहीं..नहीं ये तो बेहोश है...या फिर शायद जिंदा ही नहीं है, पर यह इस महिला के आसपास का पानी हरा क्यों दिख रहा है? ....ओ माई गॉड...ये तो मेढक के जैसे हरे रंग के कीड़े हैं, पर यह इस महिला को उठाकर कहां ले जा रहे हैं?"

वह महिला अल्बर्ट की पत्नी मारिया थी।

तभी 'गुलुप' की आवाज के साथ मारिया का शरीर पानी में डूब गया।

“अरे, वह महिला कहां गयी? कहीं वह कीड़े उस महिला को पानी में तो नहीं खींच ले गये।" यह सोच रोजर ने पानी में डुबकी लगायी।

पानी के अंदर का दृश्य देखते ही रोजर के दिमाग ने काम करना ही बंद कर दिया।

पानी के नीचे नीली रोशनी बिखेरती एक बड़ी सी उड़नतश्तरी तैर रही थी। उड़नतश्तरी का आकार बिल्कुल गोल था। उसमें सैकड़ों दरवाजे बने दिखाई दे रहे थे।

उन्हिं में से एक दरवाजा खुला हुआ था, और वह हरे कीड़े मारिया को लेकर उसी दरवाजे से अंदर जा रहे थे।

रोजर ने घबराकर अपना सिर पानी के बाहर निकाल लिया।

तभी उसे पीछे की ओर से किसी बोट के इंजन की आवाज सुनाई दी।

रोजर ने पीछे पलट कर देखा, यह वही हेलीकाप्टर था, जो अब द्वीप की ओर बढ़ रहा था।

रोजर को एक पल के लिये समझ नहीं आया कि वह क्या करे? वह उड़नतश्तरी के पीछे जाये या फ़िर उस बोट के।

रोजर ने तुरंत फैसला ले लिया कि वह बोट की ओर जायेगा। शायद यह उसका अपनी दुनिया के प्रति लालच था।

यह सोच रोजर तुरंत पानी के बाहर आ गया और लहरो पर खड़ा होकर बोट को देखने लगा।

चूंकी इस समय बोट द्वीप की ओर बढ़ रही थी इसिलये रोजर ने बोट की ओर दौड़ लगा दी।

रोजर की स्पीड बहुत ज्यादा थी। धीरे-धीरे बोट पास आती जा रही थी।

तभी रोजर को बोट के पीछे एक विशालकाय व्हेल मछली दिखाई दी।
उस व्हेल ने बिना किसी तरह की आवाज किये हुए, पानी में एक ज़बरदस्त गोता लगाया, जिससे समुद्र का पानी बोट के पीछे लगभग 50 फुट तक ऊपर उठ गया।

रोजर के पास उस बोट के चालक को आगाह करने का भी समय नहीं था। इसिलये उसने अपने भागने की स्पीड और तेज कर दी।

उधर बोट पर मौजूद व्योम की निगाहें अब उस सुनहरे मानव की ओर थी।

तभी व्योम को अचानक से लगा कि उसकी बोट के पीछे कुछ है। जैसे ही वह पीछे पलटा उसे अपने पीछे समुद्र की लहरें लगभग 50 फुट ऊपर तक उठी हुई दिखाई दी।

“ओ माइ गॉड!......यह समुद्र की लहरें इतना ऊंचे कैसे उठ गई, ये तो मेरी बोट पर गिरने वाली है।"

व्योम ने घड़ी के सेकंडवे हिस्से में अपनी बोट से पानी में जम्प लगा दी।

तभी उसकी बोट के पीछे उठी लहर, बहुत तेजी से उसकी बोट पर आकर गिरी। एक बहुत तेज आवाज के साथ व्योम की बोट पूरी तरह टूटकर बिखर गयी।

व्योम अब पूरा का पूरा समुद्र के अंदर था।

एक सेकंड के लिये उसकी आंखें समुद्र में खुल गई और उसने समुद्र के अंदर जो दृश्य देखा, वह उसकी तो क्या? उसके सात पुस्तो को चौकाने के लिये काफ़ी थी।

पानी के अंदर एक उड़नतश्तरी नाच रही थी।
और इसी के साथ व्योम पर बेहोशी छाती चली गई।

रोजर ने व्योम को बेहोश होते देख उसे अपने हाथो में थाम लिया। अब उसने सोच लिया था कि वह व्योम को बचाकर ही रहेगा।

रोजर ने व्योम को अपने हाथो में ले द्वीप की ओर दौड़ लगा दी।

तभी ‘जन्नऽऽऽऽऽऽ‘की तेज आवाज करती वह उड़नतश्तरी, पानी के अंदर से निकली और उड़कर द्वीप के पास पहुंचकर गायब हो गयी।

उड़नतश्तरी के इतनी तेज नाचकर पानी में निकलने से पानी में एक विशालकाय भंवर बन गयी।

यह भंवर देख रोजर समझ गया कि उस रात ‘सुप्रीम’ के ऊपर से यही उड़नतश्तरी निकली होगी और इसी के वजह से पानी में भंवर बनी होगी, जिसमें कि सुप्रीम फंस गया था।

रोजर ने भंवर से बचने के लिये एक लंबा रास्ता चुना और व्योम को लेकर द्वीप की ओर चल दिया।

लगभग 25 मिनट के अंदर रोजर ने व्योम को द्वीप की दूसरी दिशा में ले जाकर समुद्र किनारे लिटा दिया।



जारी
रहेगा_______✍️
Badhiya update bhai

Bahut si chijen jo parde ke pichhe chhipi hui thi wo samne aa gayi ha ki vyom ko kisne bachaya maria ka kya hua ir wo ufo supreme ka bhanvar me fansna shayd maria jinda bhi ho sakti ha lekin agar un hare mendak wale jivon ne kuchh kar diya to fir keh nahi sakte kya pata kuchh experiement kar de maria per or Rojer babu hi sunahre manav the ye shayd guess kar liya tha jo ki ab sach sabit hua ha
 

dev61901

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#76.

रोजर काफ़ी देर तक व्योम को देखता रहा और फ़िर वहां से उठकर पुनः लहरो पर दौड़ने लगा।

आकृति के पास से निकले, रोजर को लगभग 3 घंटे हो गये थे। रोजर के पास अभी भी 5 घंटे का वक्त था।

पर इतने बड़े समुद्र में वह सुप्रीम को ढूंढे कैसे? यह भी बड़ा प्रश्न था। क्योंकि रोजर को तो यह भी नहीं पता था कि सुप्रीम है किस दिशा में?

तभी रोजर को उन हरे कीड़ो का ध्यान आया-
“वह हरे कीड़े कैसे थे? और वह बूढ़ी महिला...हो ना हो वह महिला जरूर सुप्रीम की ही होगी... मुझे उसी दिशा में चलना चाहिए जिधर से वह कीड़े आ रहे थे।“ यह सोचकर रोजर ने उस दिशा की ओर दौड़ लगा दी।

रोजर को दौड़ते हुए लगभग 2:30 घंटे बीत गये, पर ‘सुप्रीम’ कहीं नजर नहीं आ रहा था।

तभी रोजर को पानी की एक लहर तेजी से अपनी ओर आती दिखाई दी।

रोजर यह देखकर वहीं लहरो पर खड़ा हो गया- “क्या यह किसी तरह का खतरा है? जो मेरी ओर आ रहा है।"

कुछ ही देर में पानी की वह लहर तेजी से रोजर के बगल से निकली। लहर की स्पीड बहुत ज्यादा थी फ़िर भी रोजर को सब कुछ साफ-साफ दिखाई दे गया।

वह ऑक्टोपस की तरह का कोई विशालकाय जलीय जीव था, जिसकी एक भुजा में उसने लोथार को पकड़ रखा था।

उस जीव की स्पीड इतनी ज्यादा थी कि रोजर के लिये उसका पीछा कर पाना असंभव था।

सेकंड से भी कम समय में वह जीव रोजर की आँखो से ओझल हो गया।

“अब तो पक्का हो गया कि सुप्रीम इसी दिशा में है।" रोजर मन ही मन बड़बड़ाया और फ़िर पूरी ताकत से उस दिशा में दौड़ लगा दी।

कुछ ही देर में रोजर को ‘सुप्रीम’ नजर आने लगा।

लगभग 8 घंटे होने वाले थे। रोजर को पता था कि उसके पास समय बहुत कम है। इसिलये वह तेजी से दौड़ रहा था और इतनी ही तेजी से दौड़ रहा था रोजर का दिमाग भी।

जाने क्यों रोजर को आकृति पर भरोसा नहीं हो पाया था। उसे लग रहा था कि आकृति जरूर कुछ ना कुछ झूठ बोल रही थी।

रोजर के पास कोई चारा नहीं था, आकृति की बात मानने के सिवा, पर उसने सोच लिया था कि वह कैप्टन सुयश को सही राह ही दिखाएगा, भले ही आकृति उसे इसकी सजा ही क्यों ना दे दे।

क्यों कि सुप्रीम की जिम्मेदारी उसकी भी थी और वह नहीं चाहता था कि इतने खतरनाक द्वीप पर सुप्रीम पहुंचे।

बहरहाल उसकी सोच पर विराम लग गया क्यों कि तभी सुप्रीम से सिग्नल फ्लेयर आसमान में फ़ेंके जाने लगे।

रोजर समझ गया कि सुप्रीम के लोगो ने उसे देख लिया है।

वह फ्लेयर तेजी से आसमान में जाकर फट रहे थे। ऐसा लग रहा था जैसे बीच समुद्र में ‘दीपावली’ या ‘बैस्ताइल डे’ मनाया जा रहा हो।

अब रोजर सुप्रीम के काफ़ी पास पहुंच गया था। रोजर को सुप्रीम की डेक पर कुछ लोग खड़े दिखाई देने लगे।

अब रोजर सुप्रीम के बिल्कुल नीचे पहुंच गया।

उसे डेक पर खड़े सुयश, असलम, ब्रेंडन सहित जहाज के बहुत से लोग दिखाई दे गये। एक पल के लिये सबको इतने पास पाकर रोजर जैसे सब कुछ भूल गया।

क्षण भर के लिये मानो समय रुक सा गया।

डेक पर खड़े सभी लोग सम्मोहित अवस्था में विश्व के उस आठवें आश्चर्य को देख रहे थे। किसी के मुंह से कोई शब्द नहीं निकल रहा था।

रोजर की निगाह अब लगातार सुयश पर थी। उसके चेहरे के भाव तो नहीं दिख रहे थे, लेकिन यकीनन उसके चेहरे पर खुशी भरी मुस्कुराहट थी।

अच्छा ही हुआ कि रोजर के शरीर से इतनी तेज रोशनी निकल रही थी, वरना उसकी चेहरा देखकर ना जाने कितने यात्री बेहोश होकर गिर जाते और सबसे ज़्यादा अचंभा तो सुयश को होता।

अचानक जैसे रोजर को कुछ याद आया। उसने पहले सुयश की ओर देखा और फ़िर अपने सीधे हाथ की तर्जनी उंगली से एक दिशा में इशारा किया।

और इससे पहले की रोजर कोई और इशारा कर पाता, रोशनी का एक तेज झमाका हुआ और एक पल के लिये रोजर की आँखे बंद हो गई।

जब उसकी आँखे खुली तो वह आकृति के सामने उसके कमरे में था।

रोजर का ऊर्जा-रूप अब गायब था और रोजर का शरीर भी पत्थर से फ़िर सामान्य बन गया था।

‘सुप्रीम’ को याद कर रोजर की आँखो से 2 बूंद आँसू निकल गये, जिसे उसने तुरंत पोंछ लिया।

“क्या रहा?“ आकृति ने रोजर से पूछा- “काम हुआ या नहीं?"

“मैंने तो अपनी तरफ से कैप्टन सुयश को द्वीप की ओर आने का इशारा कर दिया, अब बाकी उसके ऊपर है कि वह मेरी बात मानता है या नहीं।" रोजर ने साफ झूठ बोलते हुए कहा।

“बहुत अच्छे.... तुमने अपना काम ईमानदारी से किया है, जल्दी ही मैं तुमहें यहाँ से छोड़ दूंगी।" आकृति
ने कहा और कमरे से बाहर निकलने लगी, तभी रोजर ने आकृति को रोक लिया।

“क्या मैं आपसे कुछ प्रश्न कर सकता हूँ?" रोजर ने पूछा।

यह सुन आकृति पलटकर वापस कमरे में आ गयी और रोजर की ओर देखते हुए बोली-

“कहो.... क्या पूछना चाहते हो?"

“मैंने देखा, ये द्वीप पानी पर घूम रहा था, ऐसा कैसे संभव है?" रोजर ने पूछा।

“यह एक साधारण द्वीप नहीं है। यह देवताओ के द्वारा निर्मित द्वीप है। इसिलये यह पानी पर तैर सकता है।" आकृति ने जवाब दिया।

“पानी पर तैरना एक बात होती है, पर यह द्वीप गोल-गोल घूम रहा था। ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई इसे चला रहा हो? इसके अलावा मैंने इस द्वीप से कुछ तरंगे भी निकलती हुई देखी है जो यह साबित करती है कि जरूर इस द्वीप का नियंत्रण किसी के पास है।"

रोजर के प्रश्नो में दम था क्यों कि शायद आकृति के पास भी इस बात का कोई जवाब नहीं था।

आकृति कुछ देर खामोश रही और फ़िर बोली- “इस बात का जवाब मेरे पास भी नहीं है। शायद देवताओ ने इस द्वीप की रक्षा के लिये, इसका नियंत्रण किसी के हाथ में दे रखा हो?"

“यह उड़ने वाली झोपड़ी का क्या रहस्य है?" रोजर ने तुरंत अगले सवाल का गोला दाग दिया।

“वह उड़ने वाली झोपड़ी तिलिस्मा में प्रवेश करने का द्वार है। उस झोपड़ी में हम घुस तो अपनी मर्जी से सकते हैं, पर निकल नहीं सकते। वह झोपड़ी इंसान को सीधा तिलिस्मा में ले जाती है। जिसे तोड़ कर ही कोई इंसान बाहर निकल सकता है।"

आकृति ने रोजर को देखते हुए कहा- “पर मानना पड़ेगा तुम्हें, एक दिन बाहर निकलते ही बहुत कुछ देख लिया तुमने? .... और कोई प्रश्न पूछना है या मैं जाऊं?"

“एक सवाल और ...।" जिद्दी रोजर ने मस्कुराते हुए एक सवाल और कर दिया- “वह उड़नतश्तरी किसकी है और उसमें मौजूद हरे कीड़े मृत लोगों को कहाँ ले जाते हैं?"

“वह उड़नतश्तरी ‘बुद्ध ग्रह’ की रासायिनक प्रयोगशाला है। वह हरे कीड़े भी वहीं के निवासी हैं, और उन लाशों पर कुछ प्रयोग कर रहे हैं।

इसका रहस्य पिरामिड से ही पता चल सकता है। क्यों कि ‘बुद्ध ग्रह’ के लोगो का देवता भी ‘जैगन’ ही है। इससे ज़्यादा मुझे उन हरे कीडो के बारे में कुछ नहीं पता।" आकृति ने कहा।

“बुद्ध ग्रह!" रोजर यह सुनकर हैरान हो गया- “तो क्या वह हरे कीड़े ‘एलियन’ हैं?"

“हां! कुछ ऐसा ही समझ लो।" आकृति ने कहा।

रोजर के पास फ़िलहाल कोई प्रश्न नहीं बचा था। उसने जानबूझकर व्योम वाली घटना आकृति को नहीं बताई।

आकृति रोजर को शांत होते देख वापस मुड़ी और कमरे से बाहर निकल गयी।

रोजर ने आकृति के जाने के बाद एक गहरी साँस भरी और वहां रखे फलों की थाली से एक फल निकालकर खाने लगा। उसने सोच लिया था कि इस द्वीप का पूरा रहस्य जानकर ही रहेगा।


शलाका महल
(8 जनवरी 2002, मंगलवार, 18:30, मायावन, अराका द्वीप)

चलते-चलते फ़िर शाम गहराने लगी थी। पर जंगल में कोई भी ऐसी जगह किसी को नहीं दिखी थी, जहां पर रात बितायी जा सके।

“अब हम क्या करेंगे कैप्टन?" असलम ने सुयश से कहा- “हमें अभी तक रात गुजारने के लिये कोई जगह नहीं मिली है और अंधेरा होने में कुछ ही मिनट अब बचा है।"

“सामने बड़े-बड़े पेड़ हैं, जिसकी वजह से आगे का दृश्य ज़्यादा नजर नहीं आ रहा है, थोड़ा और आगे देखते हैं, अगर इन पेडों के पीछे भी कोई जगह ना दिखी तो हमें आज रात पेडों पर बितानी पड़ेगी।" सुयश ने कहा।

पेडों पर रात बिताने का सुन जैक और जॉनी के शरीर में झुरझुरी सी उठी, पर उन्होंने बोला कुछ नहीं।

तभी ऊंचे पेडों का सिलसिला समाप्त हो गया और उन्हें कुछ दूरी पर खंडहर से नजर आये।

“अरे वाह!" एलेक्स ने खुशी से किलकारी मारते हुए कहा- “मिल गयी रात बिताने की जगह। रात बिताने के लिये ये खंडहर बिल्कुल सही हैं।"

“कोई भागकर वहां नहीं जायेगा।" अल्बर्ट ने चीखकर कहा- “पहले हमें वह जगह चेक कर लेने दो।"

अल्बर्ट की आवाज सुन भागता हुआ एलेक्स अपनी जगह पर रुक गया।

सभी अब खंडहर के अंदर पहुंच गये। खंडहर काफ़ी प्राचीन लग रहे थे। खंडहर के बाहर एक कुंआ भी बना था, जिस पर एक धातु की बाल्टी रस्सी से बंधी हुई रखी थी।

तौफीक ने बाल्टी को कुंए में डाल, पानी निकाल कर देखा। पानी बिल्कुल साफ और पीने योग्य था।

“लगता है आज से हजारों साल पहले यहां कोई रहता था?" जेनिथ ने खंडहर की दीवार को देखते हुए कहा- “खंडहर की दीवारें काफ़ी पुरानी लग रही हैं ।"

अब सभी खंडहर के अंदर की ओर चल दिये।

“यह खंडहर बहुत बड़े हैं, शायद यह पहले किसी का महल रहे होंगे?" क्रिस्टी ने कहा।

“कहीं ये देवी शलाका का महल तो नहीं?" शैफाली ने एक खंभे को छूते हुए कहा- “क्यों कि ध्यान से देखिये, हर दीवार पर कुछ वैसी ही आधी-अधूरी आकृतियां हैं, जैसी हमें देवी शलाका के महल में दिखि थी?"

“आपको सामने दीवार पर कोई आकृति नहीं दिख रही क्या?" शैफाली ने ब्रेंडन से आश्चर्य से पूछा।

“नहीं!" ब्रेंडन ने संछिप्त उत्तर दिया।

अब सभी की नजर सामने की दीवार पर थी, पर किसी को भी सामने कुछ भी नजर नहीं आया। सामने की दीवार पर केवल धूल और मिट्टी दिखाई दे रही थी।

यह देख शैफाली आगे बढ़ी और उसने अपने दाहिनी हाथ से सामने की दीवार पर लगी मिट्टी को हाथ से पोंछ दिया। मिट्टी के पीछे नटराज की तस्वीर थी, जो समय के साथ आधी खराब हो गयी थी।



जारी रहेगा_________✍️
Badhiya update bhai

Lagta to yahi ha ki is dwip ka control sach me kisi ke pas ha tabhi to kisi ko apne pas ane nahi deta lekin kon ha wo or jhopdi me lagta ha apni suyesh wali toli hi bethegi jo tilism tod sakti ha shayd
 

mistyvixen

𝒎𝒆𝒅𝒖𝒔𝒂
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Pahli baat to ye ki maine tag kiya tha. :approve: Tumne reply bhi di thi, fir jab Ristrcted review de raha tha tab bhi hamari baat hui thi,
And 2nd baat ye hai ki agar aapka mann nahi hai to bilkul na padha, koi jabardasti nahi hai madam, pathan aur kathan dono iccha se hi hone chahiye🙏🏼
Uske baat nhi kar rhi...tag matlab story tags upar title ke neeche Wale? Usmein fantasy jaisa kuch nhi hai.

Abhi tak maine koi story yahan pe puri nhi padhe hai... so isko personally mat lena bilkul bhi agar ache lage toh pure padh lungli kisi ek din mein pure! :Noting:

beech beech mein logon ek review dekhte rhete hoon kyuki yahan pe use se idea milta hai kaise chal rhe hai koi story.
 
Last edited:

dev61901

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Update 77 and 78

Ek dam jordar update tha bhai

Shalaka Aryan or Emu teenon ka rahasya ek bar me hi ujagar ho gaya to sach me Suyesh Aryan ka punarjanm ha lekin agar suyesh idhar itne khatre utha raha ha to shalaka udhar kya kar rahi ha kahin is brahm kalash ke chakkar me in dono ko koi shrap wagera to nahi mil gaya tha na jisse shalaka or uske bhai udhar ked ho gaye or ab aryan ka punarjanm hua ha suyesh ke roop me is shrap ko hatane ke liye lekin ek bat ha ye emu 5000 sal tak jinda kaise tha ye bat mujhe khatak rahi ha
 

Raj_sharma

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Uske baat nhi kar rhi...tag matlab story tags upar title ke neeche Wale? Usmein fantasy jaisa kuch nhi hai.

Abhi tak maine koi story yahan pe puri nhi padhe hai... so isko personally mat lena bilkul bhi agar ache lage toh pure padh lungli kisi ek din mein pure! :Noting:

beech beech mein logon ek review dekhte rhete hoon kyuki yahan pe use se idea milta hai kaise chal rhe hai koi story.
Dekho agar tag ki baat kar rahi ho to apna to prefix hi Fantasy hai :declare: Aur agar review ki baat karo to ek baar recently wale reviews padh kar dekh lo pata chal jayega👍
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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#73.

“पर आप ही तो कहते हैं, कि सामरावासी दिमाग से अत्यन्त चतुर हैं। ऐसे में मैं उन्हे ‘देवी शलाका’ बनकर कैसे बेवकूफ बना पाऊंगी। जबकि मेरे पास तो देवी जैसी कोई शक्ति भी नहीं है। ऐसे में सामरावासी मुझे तुरंत पहचान जायेंगे।" आकृति ने मकोटा को देखते हुए कहा।

“तुम्हारा चेहरा देवी शलाका से बिल्कुल मिलता है और मैंने तुम्हें अपना ‘नीलदंड’ भी दे दिया है। ऐसे में कोई भी तुम्हें पहचान नहीं पायेगा।

वैसे भी मैं सदैव तुम पर अपनी गुप्त शक्तियो से नजर रखे रहूँगा और समय आने पर तुम्हारी सुरक्षा भी करुंगा।" मकोटा ने आकृति को साँत्वना देते हुए कहा।

“ठीक है मैं तैयार हूँ। आप जब कहेंगे मैं सामरा राज्य चली जाऊंगी। वैसे “ऐमू” का कुछ पता चला क्या? वह 2 दिन से गायब है, पता नहीं कहां चला गया।" आकृति ने कहा।

“ऐमू का अभी कुछ नहीं पता। जैसे ही कुछ पता चलेगा, मैं तुम्हें बता दूंगा। अच्छा अब मैं चलता हूँ, किसी चीज की जरुरत हो तो मुझे बता देना।" यह कहकर मकोटा कमरे से बाहर निकल गया।

मकोटा के बाहर निकलते ही आकृति ने कमरे का द्वार बंद करके अपने नीलदंड को वहीं दीवार पर टांग दिया और आराम से आकर अपने बिस्तर पर लेट गयी।

इधर संदूक में छिपे रोजर को मकोटा और आकृति की कोई भी बात समझ में नहीं आयी। वह तो परेशान था कि अब वहां से भागे कैसे? तभी रोजर को आकृति की आवाज सुनाई दी- “अब संदूक से बाहर आ जाओ रोजर, मकोटा यहां से चला गया है।"

रोजर, आकृति की यह बात सुन आश्चर्य से भर गया। एक क्षण के लिये रोजर ने कुछ सोचा और फ़िर
संदूक से निकलकर बाहर आ गया।

अब रोजर की नजर आकृति पर थी।
आकृति ने रोजर को पास रखी एक कुर्सी की ओर बैठने का इशारा किया।

रोजर वहां रखी कुर्सी पर बैठ गया और सवालिया निगाहोंसे आकृति की ओर देखने लगा।

आकृति के चेहरे पर मुस्कुराहाट के भाव थे। उसने रोजर से अब बोलने का इशारा किया।

रोजर तो जैसे सवालों के बोझ से दबा हुआ था। आकृति का इशारा मिलते ही उसने बोलना शुरु कर दिया।

“आप कौन हो? मकोटा कौन है? मैं इस समय पर किस जगह पर हूँ? और आप मेरा नाम कैसे जानती हो?" रोजर ने एक साथ असंख्य सवाल पूछ डाले।

आकृति ने एक गहरी साँस भरी और फ़िर बोलना शुरु कर दिया-

“मेरा नाम आकृति है, मैं इंडिया से हूँ। मैं इस क्षेत्र के पास से, एक बार एक पानी के जहाज से जा रही थी। तभी मेरा जहाज मकोटा ने अपनी शैतानी शक्तियों से डुबो दिया।

सारे लोग मारे गये, केवल मैं और मेरा तोता ऐमू ही इस हादसे में बच पाये। मुझे पकड़कर मकोटा ने इस द्वीप पर कैद कर दिया। बाद में मुझे पता चला कि मेरा चेहरा इस द्वीप की देवी शलाका से मिलता है। इसीलिये मकोटा ने मुझे बचाया था।"

इतना कहकर आकृति एक क्षण के लिये रुकी और फ़िर बोलना शुरु कर दिया-

“जिस द्वीप पर तुम खड़े हो, इसका नाम अराका है। यह द्वीप अटलांटिस का अवशेष है। इस द्वीप पर दो प्रजातियां रहती हैं। एक का नाम सामरा है और दूसरे का सीनोर।

तुम इस समय सीनोर राज्य में खड़े हो। मकोटा इस द्वीप का एक खतरनाक मान्त्रिक है, जो अंधेरे के देवता ‘जैगन’ की पूजा करता है।

इस द्वीप की देवी का नाम शलाका है, जो पिछले 5000 वर्ष से पता नहीं कहां गायब है? शलाका की सारी शक्तियां एक काला मोती में है जो कि इसी द्वीप पर मौजूद ‘तिलिस्मा’ में है। मकोटा मेरी सहायता से वह काला मोती प्राप्त करना चाहता है।" इतना कहकर आकृति खामोश हो गयी।

“तुम मेरा नाम कैसे जानती हो?" रोजर के शब्दो में उलझन के भाव नजर आये।

“मकोटा ने मुझे काफ़ी शक्तियाँ दे रक्खी है, जिस्में से कुछ का इस्तेमाल में कभी-कभी अपने लिये भी कर लेती हूं। उनमें से ही एक शक्ति का इस्तेमाल करने पर मुझे तुम हैलीकाप्टर में दिखाई दिये। मेरी ही शक्तियो से तुम उस दुर्घटना से बच पाये हो।" आकृति ने कहा।

“आसमान में वह धुंध और द्वीप के ऊपर वह दीवार कैसी थी?" रोजर ने पूछा।

“वह धुंध और अदृश्य दीवार, इस द्वीप की सुरक्षा के लिये है। उस अदृश्य दीवार की वजह से किसी को भी सामरा और सीनोर द्वीप आसमान से दिखाई नहीं देते। यहां तक कि कोई बाहरी व्यक्ती जमीन के रास्ते से सामरा और सीनोर राज्य में दाख़िल भी नहीं हो सकता।" आकृति ने समझाया।

“सीनोर द्वीप पर वह पिरामिड कैसा है? और वह शेर से इंसान में बदल जाने वाला मानव कौन था? उसने मेरे पायलेट की लाश उस पिरामिड के बाहर क्यों रखी?" रोजर ने एक बार फ़िर प्रश्नो की बौछार कर दी।

“वह पिरामिड अंधेरे के देवता ‘जैगन’ का पूजास्थल है। वहां जैगन मृत इंसानो पर कोई प्रयोग करता है। जिसका पता मुझे नहीं है। इसीलिये मकोटा हर इंसान की लाश को पिरामिड के बाहर रखवा देता है, जिसे बाद में जैगन अपने सेवक ‘गोंजालो’ के द्वारा पिरामिड के अंदर मंगवा लेता है और वह शेर बना इंसान सीनोर का राजकुमार ‘लुफासा’ है, जिसके पास किसी भी जानवर में बदल जाने की शक्ति है।“आकृति ने कहा।

“अब आखरी प्रश्न। तुम्हारे पास इतनी शक्तियां है, फ़िर तुमने मुझे क्यों बचाया? मुझसे तुम्हारा क्या काम हो सकता है?" रोजर ने आिखरी सवाल किया।

“हूं..... ये सवाल सही पूछा तुमने।" आकृति ने रोजर की तारीफ करते हुए कहा- “दरअसल बात ये है कि मेरे पास जितनी भी शक्तियां हैं, वो सब मकोटा की दी हुई हैं। मैं उन शक्तियो का प्रयोग तो कर सकती हूं, पर इस स्थान से मकोटा की इच्छा के बिना कहीं जा नहीं सकती।

मुझे ये मकोटा के द्वारा पता चल गया है कि तुम्हारे जहाज ‘सुप्रीम’ में कुछ ऐसे लोग हैं, जो कि इस द्वीप पर मौजूद तिलिस्मा को तोड़ पाने में सक्षम हैं, पर वह इस द्वीप पर आना नहीं चाहते। तो तुम्हे उन्हें भटकाकर इस द्वीप पर लाना पड़ेगा।"

“ये कैसे संभव है? अभी तुम्हीं ने कहा कि सामरा और सीनोर राज्य एक अदृश्य दीवार से घिरा है, जिसके आरपार जाना इंसानों के बस की बात नहीं, तो मैं भला इस दीवार को जमीन के रास्ते से कैसे पार कर पाऊंगा? और फ़िर सुप्रीम तक कैसे पहुंचुंगा?" रोजर ने अपनी परेशानी को आकृति के सामने रखा।

“वो तुम मेरे ऊपर छोड़ दो।" आकृति ने कहा- “मैं मकोटा की शक्तियो से तुम्हें एक ‘ऊर्जा-मानव’ में बदल दुंगी। ऐसी स्थिति में तुम कुछ बोल नहीं पाओगे पर तुममें द्वीप से बाहर जाकर पानी पर दौड़ने की शक्तियां आ जायेंगी।

ऐसे में तुम सुप्रीम तक आसानी से पहुंच जाओगे। तुम्हें सुयश को देखकर द्वीप की दिशा की ओर इशारा करना है। ऐसा करने पर सुयश सुप्रीम को इस द्वीप की दिशा में मोड़ देगा और पास आने पर हम उसे इस द्वीप पर लेते आयेंगे।"

“तुम कैप्टन सुयश को कैसे जानती हो?" रोजर के शब्द उलझन से भरे थे।

यह प्रश्न सुन आकृति के चेहरे पर एक रहस्य भरी मुस्कान आ गयी, पर उसने कहा कुछ नहीं।

रोजर समझ गया कि आकृति उसे बताना नहीं चाहती इसिलये उसने ज़्यादा जोर नहीं दिया। रोजर समझ गया कि इस द्वीप को जितना साधारण वो समझ रहा था, उतना साधारण ये द्वीप है नहीं।

रोजर को सोचते देख आकृति ने फ़िर कहा- “देखो रोजर, यहां पर मैं भी कैदी हूं और तुम भी। यहां तक कि इस क्षेत्र से ‘सुप्रीम’ भी अब बाहर नहीं निकल सकता और हम सभी के बचने का एक ही तरीका है कि यह तिलिस्मा टूट जाये।

तिलिस्मा के टूटते ही हम सभी आजाद हो जायेंगे। यहां तक कि बारामूडा त्रिकोण का क्षेत्र भी हमेशा-हमेशा के लिये मुक्त हो जायेगा। तो अब ज़्यादा सोचो नहीं, बस हां कर दो।"

यह सुन रोजर ने हां में सिर हिला दिया।

“ठीक है फ़िर तुम अभी आराम करो, समय आने पर मैं तुम्हें बता दुंगी।" यह कहकर आकृति रोजर को एक दूसरे कमरे में ले गयी और आराम करने को बोल वहां से चली गयी।

इस समय रोजर काफ़ी थकान महसूस कर रहा था इसिलये वह बेड पर लेट कर सो गया।

चैपटर-6 आदमखोर पेड़
(8 जनवरी 2002, मंगलवार, 16:30, मायावन, अराका)

चलते-चलते काफ़ी समय बीत गया था। सभी एक साथ चल रहे थे। जंगल में कोई रास्ता ना बना होने के कारण सभी अपने हाथ में पकड़ी लकड़ी से, झाड़ियो को हटाते हुए आगे बढ़ रहे थे।

“पता नहीं ये द्वीप इतना विचित्र क्यों है? और पूरी पृथ्वी पर ऐसे पेड़ और जानवर क्यों नहीं पाये जाते?" अल्बर्ट ने कहा।

“मुझे लगता है कि इन विचित्रताओँ के पीछे कोई ना कोई कारण तो जरूर है?" तौफीक ने कहा- “पता नहीं क्यों मुझे ये सारी चीजे नेचुरल नहीं लग रही हैं। ऐसा लगता है कि जैसे किसी ने यह सब कुछ बनाकर यहां रख दिया हो?"

“ऐसी चीजे तो सिर्फ ईश्वर ही बना सकता है, मनुष्यो के तो बस में नहीं है ऐसी चीज़ो को बना पाना।" जेनिथ ने कहा।

“ईश्वर क्या है? क्या कोई बतायेगा?" अल्बर्ट ने एक बिलकुल विचित्र प्रश्न कर दिया।

किसी की भी समझ में नहीं आया कि अल्बर्ट क्या कहना चाह रहा है। इसिलये सभी चुप रहे।

अल्बर्ट ने सबको शांत देख स्वयं से ही ईश्वर की परिभाषा बताना शुरु कर दिया-

“ईश्वर वो है, जिसने हमको बनाया, यानी कि अगर हममें इतना ज्ञान आ जाये कि हम किसी जीव का निर्माण करने लगे, तो लोग हमारी भी तुलना ईश्वर से करने लगेंगे।

पर मुझे ये लगता है कि इस द्वीप की चीजे ईश्वर ने नहीं, बल्की हमारी ही तरह के किसी मनुष्य ने अपने ज्ञान और विज्ञान से की है। क्यों की ईश्वर द्वारा निर्मित हर वस्तु और जीव, कुछ सिद्धांतो पर काम करते है, पर यहां की हर वस्तु और जीव ईश्वर के सिद्धांतो से अलग दिख रही है। जैसे कि पेडों का स्वयं हरकत करना, उनका इंसान की भावनाएं समझ जाना, जीव के अंदर पानी को बर्फ में बदल देने की ताकत आदि।"

मगर इससे पहले कि कोई अल्बर्ट से कुछ पूछ पाता कि तभी वातावरण में एक आवाज गूंजी-

“दोस्त मिल गया.... दोस्त मिल गया....ऐमू का दोस्त मिल गया।"

ऐमू की आवाज सुन सभी की दृष्टि आसमान की ओर गयी। ऐमू सुयश के सिर के ऊपर हवा में गोल-गोल उड़ रहा था।

“यह ऐमू इस द्वीप पर कैसे आ गया?" असलम ने सुयश की ओर देखते हुए कहा- “यह तो शिप के डूबने के काफ़ी पहले ही गायब हो गया था।"

ऐमू अब सुयश के हाथ पर आकर बैठ गया- “अब ऐमू को छोड़ के मत जाना दोस्त। तुम बार-बार ऐमू को छोड़ के चले जाते हो।"

ब्रेंडन ऐमू को देख गुस्से से भर उठा- “मैं आज इस ऐमू के बच्चे को मारकर सारा किस्सा ही ख़त्म कर
देता हूँ। इसी के बताए रास्ते पर चलने की वजह से हमारा शिप डूब गया। यही है सारे मुसीबत की जड़।"

पर इससे पहले कि ब्रेंडन कुछ कर पाता, सुयश ने हाथ के इशारे से उसे रोक दिया।

अब सुयश की निगाहें पुनः ऐमू पर थी।

“तुम मुझे बार-बार दोस्त क्यों कहते हो?" सुयश ने ऐमू को देखते हुए पूछा।

“क्यों कि मैं ऐमू और तुम ऐमू के दोस्त।" ऐमू ने सुयश को देखते हुए भोलेपन से कहा।

“अच्छा ठीक है, तुम दोस्त ही हो।" सुयश ने मस्कुराते हुए कहा- “पर तुम इस द्वीप पर कैसे आये?"

“आकी ने बोला, आरू के पास जाओ। मैं आ गया।" ऐमू ने कहा।

ऐमू की बात सुन सबके चेहरे पर आश्चर्य के भाव आ गये।

“कौन ‘आरू’? कौन ‘आकी’?" सुयश ने आश्चर्यचकित होते हुए पूछा।

“आरू की आकी। तुम आरू। मैं आरू का दोस्त ।" ऐमू ने इस बार सुयश की आँखो में झांकते हुए कहा।

“पर मैं तो सुयश हूँ।" सुयश ने कहा- “मैं आकी को नहीं जानता।“

“तुम सब जानते .... तुम ऐमू के दोस्त।" यह कहकर ऐमू फ़िर से हवा में अपने पंख फड़फड़ाकर उड़ने लगा।

अब सुयश की नजर अपने आसपास खड़े सभी लोग पर गयी।

“मुझे लगता है कि ये ऐमू किसी गलतफहमी में है। यह मुझे अपना मालिक समझ रहा है।" सुयश ने इस बार अल्बर्ट की ओर देखते हुए कहा।

“आप सही कह रहे हो कैप्टन।" अल्बर्ट ने कहा- “मुझे भी कुछ ऐसा ही लगता है।"

“पर जो भी है कैप्टन अंकल, मुझे लगता है कि यह ऐमू आगे चलकर हमारे बहुत काम आने वाला है।" शैफाली ने कहा।




जारी
रहेगा________✍️
Shaandar jabardast Romanchak Update 👌 👌
 

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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Badhiya update bhai

Bahut si chijen jo parde ke pichhe chhipi hui thi wo samne aa gayi ha ki vyom ko kisne bachaya maria ka kya hua ir wo ufo supreme ka bhanvar me fansna shayd maria jinda bhi ho sakti ha lekin agar un hare mendak wale jivon ne kuchh kar diya to fir keh nahi sakte kya pata kuchh experiement kar de maria per or Rojer babu hi sunahre manav the ye shayd guess kar liya tha jo ki ab sach sabit hua ha
Last time bhi tumhara ek guess sach hua tha,👍 mariya ab nikal li bhi, and yess experiment bhi kar hi rahe hai, per kya? Aur kyu? :?: Iske liye aane wale updates ka wait karo:declare: Thank you very much for your wonderful review and support bhai :thanx:
 

Raj_sharma

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Lagta to yahi ha ki is dwip ka control sach me kisi ke pas ha tabhi to kisi ko apne pas ane nahi deta lekin kon ha wo or jhopdi me lagta ha apni suyesh wali toli hi bethegi jo tilism tod sakti ha shayd
Ho bhi sakta hai, per abhi to mujhe hi nahi pa:D Doondhta hu👍
Yess suyesh and co. Tilism ke andar jayegi, per jhopdi se ya kisi aur raaste se ye abhi nahi bata sakta, Thank you very much for your wonderful review and support :hug:
 
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