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Thriller शतरंज की चाल

Chutiyadr

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चलो मित्तल साहब के कातिल की भी समस्या खत्म कर दी मनीष ने
रेडीमेड कातिल रंगे हाथों पकड़ा गया

अब मुझे आश्चर्य नहीं होता कि कोई इतना बेवकूफ कैसे हो सकता है, उदाहरण मनीष के रूप में सामने है
Isee sabit hota hai ki hero ko chutiya dikhane se story achchi ban jaati hai:lol1:
 

Chutiyadr

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Manish ke
#अपडेट २६


अब तक आपने पढ़ा -


समर ने बताया था कि वाल्ट के अंदर पहुंचे लुटेरों को हथियार अंदर ही किसी वाल्ट से मिले, और उनके पास से वाल्ट का ब्लू प्रिंट भी मिला था, इन दोनों बातों को दबा दिया गया।


समाचार देखते देखते मेरे मन में बहुत तेज हलचल मची हुई थी, और मेरा दिल कर रहा था कि मित्तल सर को जा कर मैं सब कुछ बता दूं। इसी उधेड़बुन में शाम ढल गई और मेरे फ्लैट की डोर बेल बजी....


अब आगे -


ये समर था, मैने उसे अंदर आने दिया। वो भी काफी थका दिख रहा था।


कुछ देर ऐसे ही बात करके वो चला गया। उसने बताया कि वाल्ट के अंदर ही एक हैंडबैग में हथियार रखे मिले उन लोग को। फार्म हाउस में जो मारे गए माइकल उनमें से ही एक था। और जो लोग पकड़े गए हैं उनका एकमात्र कॉन्टेक्ट प्वाइंट माइकल ही था तो अभी तो फिलहाल कोई भी तरीका नहीं दिख रहा है उस मास्टरमाइंड तक पहुंचने का।


उसके जाने के बाद भी मैं उधेड़बुन में था कि मित्तल सर को बताऊं या नहीं। यही सोचते सोचते मैं सोफे पर ही सो गया। अगली सुबह ऑफिस जाने पर दिन भर पुलिस की इन्वेस्टिगेशन और लोगों की इंक्वायरी ही चलती रही। इस घटना के बाद शेयर मार्केट में भी कंपनी के शेयर को एक तगड़ा झटका लगा था। हालांकि मित्तल सर ने अपने कॉन्टेक्ट द्वारा सरकार से प्रेस नोट निकलवा दिया कि सरकार का सोना पूरी तरह से सुरक्षित है और सरकार भी इसकी सिक्योरिटी से संतुष्ट है। इससे बाजार में मची अफरा तफरी कुछ कम हुई। शाम को मैं एक बार मित्तल सर के बारे में पता किया तो वो शायद घर को निकल गए थे। इसीलिए उनसे मिले बिना मैं अपने फ्लैट पर आ गया।


मेरे फोन पर करण का फोन आया, और उसे किसी फाइल पर साइन लेने थे, पर आज की अफरा तफरी के कारण नहीं ले पाया था, इसीलिए मैने उसे अपने फ्लैट पर ही बुला लिया था। करीब 6 बजे वो मेरे घर आया। मैने उसे बैठा कर फाइल पर साइन किए और उसे ड्रिंक का पूछा, जिसपर वो तैयार हो गया। मैं अपने कमरे में व्हिस्की की बोतल और ग्लास लेने चला गया।


जब मैं बाहर आया तो करण सोफे से उठा हुआ था और कुछ बेचैन लग रहा था। मेरे बाहर आते ही उसने कहा, "सर, आज रहने दीजिए, अभी पापा का कॉल था, वो लोग यहीं है आज कल, और मां की तबियत कुछ सही नहीं है। इसीलिए थोड़ा जल्दी घर पहुंचना है।"


मैने उसे जाने की इजाजत दे दी। और खुद अकेले ही एक पैग बना कर बैठ गया। पीते पीते भी मैं यही सोच रहा था कि क्या सर को सब बता दूं, फिर एकदम से मैं उठा कर कार की चाभी ली और मित्तल मेंशन की ओर चल दिया।


मैं कोई आधे घंटे बाद मित्तल मेंशन के बाहर था, एक मिनिट को गाड़ी रोक कर मैं गेट के बाहर फिर से विचार किया कि सर को बताना चाहिए या नहीं, पर इस बार मन पक्का कर लिया और फिर एंट्री करवा कर अंदर चल गया।


पार्किंग में बाहर की तरफ गाड़ी लगा कर मैं अंदर गया, हॉल खाली था, कोई था नहीं वहां पर, फिर मैं सीधे अंदर की ओर बढ़ गया, नीचे सबसे पहले श्रेय का कमरा पड़ता था जो इस समय अंदर से बंद था। और उसी के पास से सीढ़ी थी ऊपर के फ्लोर पर जाने के लिए। रजत सर का परिवार ऊपर ही रहता था और महेश अंकल का नीचे। मैं सीढ़ी से ऊपर पहुंचा और सामने ही मित्तल सर की स्टडी थी, जिसकी लाइट जल रही थी। इसका मतलब वो अभी स्टडी में ही थे।


मैंने एक बार दरवाजा खटखटाया, मगर अंदर से कोई जवाब नहीं आया, तो मैने हल्के से दरवाजे को धक्का दिया तो वो खुल गया। अंदर मुझे कोई नहीं दिखा, मगर मुझे कुछ अजीब सा अहसास हुआ तो मैं अंदर की ओर बढ़ा। अंदर सर के की चेयर टेबल के पीछे गिरी हुई थी। ये देख मैं और आगे बढ़ा तो नीचे टेबल और गेस्ट चेयर के बीच कुछ गिरा हुआ था। मैने झुक कर उसे उठाया, और वो एक रिवॉल्वर थी। मैं उसे उठा कर जैसे ही सीधा हुआ टेबल के उस पार मित्तल सर औंधे मुंह गिरे हुए थे।


ये देखते ही मैने दौड़ कर उनको पलटा, उनके पेट और सीने में गोलियां लगी थी। जैसे ही मैने उनको पलटा, वैसे ही प्रिया उस स्टडी में आई और, मुझे और मित्तल सर को देखते ही वो चिल्लाई, "पापा... मनीष ये तुमने क्या किया??"



उसके इस सवाल को सुनते ही मेरा ध्यान अपने हाथ पर गया और उसमें रिवॉल्वर थी....
Manish ke to L lag gaye
 

dhparikh

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#अपडेट २६


अब तक आपने पढ़ा -


समर ने बताया था कि वाल्ट के अंदर पहुंचे लुटेरों को हथियार अंदर ही किसी वाल्ट से मिले, और उनके पास से वाल्ट का ब्लू प्रिंट भी मिला था, इन दोनों बातों को दबा दिया गया।


समाचार देखते देखते मेरे मन में बहुत तेज हलचल मची हुई थी, और मेरा दिल कर रहा था कि मित्तल सर को जा कर मैं सब कुछ बता दूं। इसी उधेड़बुन में शाम ढल गई और मेरे फ्लैट की डोर बेल बजी....


अब आगे -


ये समर था, मैने उसे अंदर आने दिया। वो भी काफी थका दिख रहा था।


कुछ देर ऐसे ही बात करके वो चला गया। उसने बताया कि वाल्ट के अंदर ही एक हैंडबैग में हथियार रखे मिले उन लोग को। फार्म हाउस में जो मारे गए माइकल उनमें से ही एक था। और जो लोग पकड़े गए हैं उनका एकमात्र कॉन्टेक्ट प्वाइंट माइकल ही था तो अभी तो फिलहाल कोई भी तरीका नहीं दिख रहा है उस मास्टरमाइंड तक पहुंचने का।


उसके जाने के बाद भी मैं उधेड़बुन में था कि मित्तल सर को बताऊं या नहीं। यही सोचते सोचते मैं सोफे पर ही सो गया। अगली सुबह ऑफिस जाने पर दिन भर पुलिस की इन्वेस्टिगेशन और लोगों की इंक्वायरी ही चलती रही। इस घटना के बाद शेयर मार्केट में भी कंपनी के शेयर को एक तगड़ा झटका लगा था। हालांकि मित्तल सर ने अपने कॉन्टेक्ट द्वारा सरकार से प्रेस नोट निकलवा दिया कि सरकार का सोना पूरी तरह से सुरक्षित है और सरकार भी इसकी सिक्योरिटी से संतुष्ट है। इससे बाजार में मची अफरा तफरी कुछ कम हुई। शाम को मैं एक बार मित्तल सर के बारे में पता किया तो वो शायद घर को निकल गए थे। इसीलिए उनसे मिले बिना मैं अपने फ्लैट पर आ गया।


मेरे फोन पर करण का फोन आया, और उसे किसी फाइल पर साइन लेने थे, पर आज की अफरा तफरी के कारण नहीं ले पाया था, इसीलिए मैने उसे अपने फ्लैट पर ही बुला लिया था। करीब 6 बजे वो मेरे घर आया। मैने उसे बैठा कर फाइल पर साइन किए और उसे ड्रिंक का पूछा, जिसपर वो तैयार हो गया। मैं अपने कमरे में व्हिस्की की बोतल और ग्लास लेने चला गया।


जब मैं बाहर आया तो करण सोफे से उठा हुआ था और कुछ बेचैन लग रहा था। मेरे बाहर आते ही उसने कहा, "सर, आज रहने दीजिए, अभी पापा का कॉल था, वो लोग यहीं है आज कल, और मां की तबियत कुछ सही नहीं है। इसीलिए थोड़ा जल्दी घर पहुंचना है।"


मैने उसे जाने की इजाजत दे दी। और खुद अकेले ही एक पैग बना कर बैठ गया। पीते पीते भी मैं यही सोच रहा था कि क्या सर को सब बता दूं, फिर एकदम से मैं उठा कर कार की चाभी ली और मित्तल मेंशन की ओर चल दिया।


मैं कोई आधे घंटे बाद मित्तल मेंशन के बाहर था, एक मिनिट को गाड़ी रोक कर मैं गेट के बाहर फिर से विचार किया कि सर को बताना चाहिए या नहीं, पर इस बार मन पक्का कर लिया और फिर एंट्री करवा कर अंदर चल गया।


पार्किंग में बाहर की तरफ गाड़ी लगा कर मैं अंदर गया, हॉल खाली था, कोई था नहीं वहां पर, फिर मैं सीधे अंदर की ओर बढ़ गया, नीचे सबसे पहले श्रेय का कमरा पड़ता था जो इस समय अंदर से बंद था। और उसी के पास से सीढ़ी थी ऊपर के फ्लोर पर जाने के लिए। रजत सर का परिवार ऊपर ही रहता था और महेश अंकल का नीचे। मैं सीढ़ी से ऊपर पहुंचा और सामने ही मित्तल सर की स्टडी थी, जिसकी लाइट जल रही थी। इसका मतलब वो अभी स्टडी में ही थे।


मैंने एक बार दरवाजा खटखटाया, मगर अंदर से कोई जवाब नहीं आया, तो मैने हल्के से दरवाजे को धक्का दिया तो वो खुल गया। अंदर मुझे कोई नहीं दिखा, मगर मुझे कुछ अजीब सा अहसास हुआ तो मैं अंदर की ओर बढ़ा। अंदर सर के की चेयर टेबल के पीछे गिरी हुई थी। ये देख मैं और आगे बढ़ा तो नीचे टेबल और गेस्ट चेयर के बीच कुछ गिरा हुआ था। मैने झुक कर उसे उठाया, और वो एक रिवॉल्वर थी। मैं उसे उठा कर जैसे ही सीधा हुआ टेबल के उस पार मित्तल सर औंधे मुंह गिरे हुए थे।


ये देखते ही मैने दौड़ कर उनको पलटा, उनके पेट और सीने में गोलियां लगी थी। जैसे ही मैने उनको पलटा, वैसे ही प्रिया उस स्टडी में आई और, मुझे और मित्तल सर को देखते ही वो चिल्लाई, "पापा... मनीष ये तुमने क्या किया??"



उसके इस सवाल को सुनते ही मेरा ध्यान अपने हाथ पर गया और उसमें रिवॉल्वर थी....
Nice update....
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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चलो मित्तल साहब के कातिल की भी समस्या खत्म कर दी मनीष ने
रेडीमेड कातिल रंगे हाथों पकड़ा गया

अब मुझे आश्चर्य नहीं होता कि कोई इतना बेवकूफ कैसे हो सकता है, उदाहरण मनीष के रूप में सामने है
रंगे हाथों मिला है, अब पकड़ा गया या नहीं वो तो आगे ही पता चलेगा।

और हां, अव्वल दर्जे का बेवकूफ है वो 😌
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Awesome update
Manish Ki किस्मत जैसे चमकी थी मित्तल साहब के संरक्षण में लगता है नेहा के आने से उसपर ग्रहण लग गया है,
अब सही से लोड़े लगने वाले है मनीष की किस्मत को,
डेलीबेली मूवी का सॉन्ग याद आ रहा है
भाग भाग डीके बॉस जो साउंड करता है भाग भाग भोसडीके ,
अब तो भागना ही पड़ेगा उसे 😂
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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कोई माने या न माने , जैसे ही मनीष साहब रजत मित्तल साहब के कक्ष मे प्रवेश किए और कक्ष मे मित्तल साहब के रिवाॅल्विंग चेयर की पोजीशन देखी - पढ़ी , तभी मुझे लग गया कि मित्तल साहब प्रभु को प्यारे हो गए ।

आसमान से गिरे और खजूर के पेड़ पर लटके । धरती नसीब ही नही हुआ । मनीष साहब का एक ग्रह राहु का कटा तो शनी का साढ़े साती शुरू हो गया । ढंग से , विधिवत रूप से पूजन करना आरंभ करे मनीष साहब !

बहुत बुरे फंसे है इस बार वह । मित्तल साहब को जिस रिवाल्वर की गोली से हत्या की गई है वह रिवाल्वर उनके हाथ मे और वह भी गवाह के साथ पाया गया है ।
एक बार फिर से तरनतारन की भुमिका बनने की घड़ी आ गई है उनके पुलिस आफिसर फ्रैंड समर सिंह साहब पर ।

जो भी कातिल है वह इस घर का कोई सदस्य ही है । इनवेस्टिगेशन का विषय यह होना चाहिए कि उस वक्त घर मे कौन कौन मौजूद है ! जो भी व्यक्ति घर मे मौजूद है , तहकीकात का केंद्र उन पर केंद्रित होना चाहिए ।

एक बात और श्योर है कि मित्तल साहब की हत्या इसलिए हुई कि उन्हे सच मालूम हो गया था । वह जान गए थे कि बैंक राॅबरी के पीछे कौन था , मनीष के साथ क्या हुआ था , घर का कौन सदस्य घर की नींव ढहाने पर उमादा था ।

बहुत ही खूबसूरत अपडेट रिकी भाई ।
आप की यह कहानी , मेरी नजर मे अब तक की सबसे बेहतरीन कहानी लग रही है ।
जगमग जगमग अपडेट भाई ।
 
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