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Thriller शतरंज की चाल

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Awesome update
तो श्रेय मित्तल sir से बहस कर रहा था जोकि मनीष को बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर में लेना चाहते थे
उनकी बहस में।मनीष को मालूम हुआ कि शिविका के साथ उसकी शादी की प्लानिंग थी और जिसमें श्रेय भी खुश था लेकिन अब वो मनीष के लिए खुन्नस पाले बैठा है
और आखिर वो कामयाब हो गया मनीष के लिए वोटिंग करवाने में
रिजल्ट क्या रहा जिससे mital सर भी चकित हो गए
श्रेय का विरोध सिर्फ शिविका से शादी नहीं हो पाई मनीष की इसलिए है या इसमें नेहा को लेकर कुछ अड़ंगा है
श्रेय का अड़ंगा क्यों है वो तो वही जानता है, फिलहाल तो शिविका की शादी का ही कारण सामने है।

धन्यवाद रेखा जी 🙏🏼
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Ohhooo to ye bat hai Shrey isileye bhais kar raha tha Mittal saheb se taki Manish ko Board me shamil nahi kia jaay or iski wajh thi Shivika jiski shadi Mittal saheb Chahte the Manish se ho lekin Manish ke dile Neha hai ye bat Mittal saheb ache se jante the or ye bhi jante the ki Manish unke kehne per ek bar shadi ke leye maan bhi jata Shivika se lekin uske bad ye bhi such hai ki Manish waisa pyar nahi kar pata Shivika se isiliye unhne ye bat nahi batai Manish ko
.
Kher ab to Mittal saheb Board me shamil karna chahte hai Manish ko jabki Shrey is bat ke sakth khilaaf hai or ab to Shrey jaroor kuch na kuch krega esa jisse Manish Board me shamil na ho paaya lekin kya or kaise Intresting hoga kafi
.
Very Amazing update Riky007 bhai
धन्यवाद भाई 🙏🏼
 

Rekha rani

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श्रेय का अड़ंगा क्यों है वो तो वही जानता है, फिलहाल तो शिविका की शादी का ही कारण सामने है।

धन्यवाद रेखा जी 🙏🏼
Kya malum श्रेय और नेहा का चक्कर हो और उसे अब मालूम हुआ कि नेहा से मनीष शादी करने की सोच रहा है इसलिए अड़ंगा लगा रहा हो
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Kya malum श्रेय और नेहा का चक्कर हो और उसे अब मालूम हुआ कि नेहा से मनीष शादी करने की सोच रहा है इसलिए अड़ंगा लगा रहा हो
हो सकता है, फिलहाल तो मुझे भी अभी कुछ नहीं मालूम :dontknow:
 

Ajju Landwalia

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#अपडेट १४


अब तक आपने पढ़ा -



वाल्ट के काम में मैं हर समय लगा रहता था। मित्तल सर के सबसे बड़े ड्रीम में से वो एक था, इसीलिए कोई कोताही नहीं रखना चाहता था मैं उसमें। तो इधर कई दिनों से नेहा से मुलाकात नहीं हो पाई थी। हां फोन पर हम रोज जरूर बात करते थे।


कोई 2 महीने की मेहनत के बाद वाल्ट बन कर तैयार हो चुका था।


अब आगे -



ये वाल्ट सरकारी और प्राइवेट दोनों के इस्तेमाल के लिए बनाया गया था। माडर्न सिक्योरिटी से भरपूर ये वाल्ट अपने समय का सबसे आधुनिक वाल्ट था।


जमीन से दो फ्लोर नीचे इसे बनाया गया था। ऊपर गेट पर गार्ड्स का एक रूम था, जहां बिना फिजिकल चेकिंग के कोई नहीं जा सकता था। हर जाने वाले के लिए हमेशा नया पास कोड दिया जाता था जो हर बार बैंक के हेडऑफिस, यानी कि मेरे ऑफिस से ही इश्यू होता था, और उसके ऑथोराइजेशन बस 3 लोग के पास थी, मेरे, मित्तल सर और महेश अंकल के पास। उसके बाद मेन वाल्ट के फ्लोर तक जाने के लिए लिफ्ट थी जो फिंगर सेंसर से चलती थी, जिसे ऑथोरिटी लेटर इश्यू करते समय ही रजिस्टर किया जाता था। जिसका एक बार रजिस्टर हो गया, वो दुबारा करने की जरूरत नहीं थी।


नीचे वाल्ट को दो हिस्सों में बांट गया था, एक ओर प्राइवेट वाल्ट थे, जो छोटी तिजोरी जैसे ही थे, और दूसरी ओर 5 बड़े कमरे, सरकार के लिए बनाए गए थे। दोनों की एंट्री एक ही गेट से होती थी और उसका लॉक भी फिंगर प्रिंट से खुलता था। उसके बाद हर वाल्ट का अलग अलग कोड था, और वो प्राइवेटली ही सेट किया जा सकता था, पर उसका रिकॉर्ड भी हेडऑफिस में मेंटेन होता था।


इनके अलावा पूरे परिसर में सीसीटीवी और मोशन सेंसर अलार्म लगे थे। मोशन सेंसर अलार्म दोनों वाल्ट में होने वाली गतिविधियों को मॉनिटर करते थे, और जब कोई प्राइवेट वाल्ट के इस्तेमाल की परमिशन लेकर जाएगा, उसे सरकारी वाल्ट में जाने की इजाजत नहीं होगी, और सरकारी वालों को प्राइवेट की तरफ जाने की। किसी के भी उधर जाते ही अलार्म ट्रिगर हो जाएगा, जो सीधा पास के थाने से जुड़ा था, और साथ साथ नीचे वाला गेट भी ऑटोमैटिक लॉक हो जात था, जिसे खोलने के लिए हेडऑफिस से ही पासवर्ड डाल कर खोला जा सकता था।


बिल्डिंग बनने और ये सारे सिस्टम अपग्रेड होते होते 2 महीने बीत गए थे। वाल्ट को हेडऑफिस के पास में ही बनाया गया था, जिससे कभी भी जरूरत पड़ने पर जल्दी से जल्दी वहां पहुंचा जा सके। इन दो महीनों में एक दिन का भी आराम मुझे नहीं मिला हां करण कई बार आ कर मुझे कुछ घंटों का रिलीफ दे देता था, मगर ये सारा काम मेरे ही देखरेख में हुआ था। इस दौरान मेरा नेहा से मिलना भी लगभग न के बराबर ही रहा।


जिस दिन ये सब बन कर तैयार हो गया, उसी दिन मैने पूरे सिस्टम को मित्तल सर को दिखाया और वो बहुत इंप्रेस हुए इससे।


"मनीष बहुत बढ़िया, मुझे लगता है ये मंत्री जी को पसंद आएगा, इसका कोई प्रेजेंटेशन बना लेना, जल्दी ही हमे दिल्ली चल कर मिलना होगा, और पूरा सिस्टम भी समझना होगा।"


"जी बिलकुल, मैं एक दो दिन में इसे तैयार कर देता हूं।"


" चलो एक पार्टी भी रख लेते हैं इसको सेलिब्रेट करने के लिए। आखिर तुमने जो मेहनत की है वो अपने ऑफिस में तो सबको पता चलनी चाहिए। कल शाम को ही एक पार्टी रख लेते हैं ऑफिस में।"


अगले दिन शाम को ऑफिस में एक बढ़िया सी पार्टी हुई, जिसमे सभी लोगों ने मेरे काम को बहुत सराहा। नेहा भी इतने दिनों के बाद मुझको मिली थी, तो पार्टी के बाद हम दोनो एक साथ ही निकल गए। और अपने फ्लैट में चले गए।


अगले दिन संडे था तो मैंने और नेहा ने पूरा दिन लगभग साथ में बिताया। शाम को जब हम घूमने निकले तो नेहा को थोड़ा डर सा लगा, क्योंकि जब आखिरी बार हम इस तरह से निकले थे तो हम पर हमला हुआ था। ये देख मैने उसे आश्वस्त करने के लिए गाड़ी में रखी रिवॉल्वर दिखा दी, जिसे देख वो थोड़ा तो निश्चिंत हुई लेकिन फिर भी उसके कहने पर इस बार हम एक माल में चले गए, जहां भीड़ भाड़ थी। फिर रात को अपने फ्लैट पर वापस आ कर मैं सो गया।


अगले दिन ऑफिस में बैठ कर मैं उसी प्रेजेंटेशन को बनाने में व्यस्त हो गया। दो दिन बाद मित्तल सर ने मुझसे उस प्रेजेंटेशन की जानकारी ली, जो लगभग तैयार था। मेरे हां कहने पर उन्होंने मंत्रालय में आपॉइंटम के लिए कॉन्टेक्ट किया, और शुक्रवार की आपॉइंटमेंट मिल गई उनको।


हम दोनो सुबह ही दिल्ली के लिए निकल गए, और दिन भर की मीटिंग के बाद हम फॉर्महाउस पहुंचे। वहां पर श्रेय भी आया हुआ था, अपने वर्टिकल के किसी काम से।


मित्तल सर ने अपना लैपटॉप मुझे दे कर कहा कि वो वाला प्रेजेंटेशन मैं उनके लैपटॉप में भी डाल दूं। मैं उनका लैपटॉप ले कर अपने कमरे में चला गया और फ्रेश हो कर उसमें प्रेजेंटेशन डालने बैठ गया।



कोई आधे घंटे बाद मैं लैपटॉप ले कर सर के कमरे में गया, पर वो अपने कमरे में नहीं थे, तो मैं लैपटॉप रख कर जाने लगा। तभी मुझे उनके स्टडी से कुछ आवाजें आई, सर शायद वहीं थे। मैं उस तरफ बढ़ने लगा, पर दरवाजे को खोलने से पहले ही मुझे ऐसा लगा वो किसी से बहस कर रहे हैं....

Bahut hi badhiya update he Riky007 Bhai,

Aakhirkar vault ka kaam pura ho gaya..................do mahine ki ji tod mehnat ki he manish ne.............

Lekin in do mahine me neha ne kya kiya...........kis kis se mili iska koi bhi andaza nahi he manish ko...............

Presentation wala laptop dene jab manish Mittal sir ke room me jata he to kuch bahas ki awaje aati he.........

Kya ye bahas Neha aur Manish se connected he?????????

Agli update ka intezar rahega Bhai
 

Ajju Landwalia

Well-Known Member
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#अपडेट १५


अब तक आपने पढ़ा -



कोई आधे घंटे बाद मैं लैपटॉप ले कर सर के कमरे में गया, पर वो अपने कमरे में नहीं थे, तो मैं लैपटॉप रख कर जाने लगा। तभी मुझे उनके स्टडी से कुछ आवाजें आई, सर शायद वहीं थे। मैं उस तरफ बढ़ने लगा, पर दरवाजे को खोलने से पहले ही मुझे ऐसा लगा वो किसी से बहस कर रहे हैं....


अब आगे -


ये श्रेय था। आज तक मैने कभी उसे मित्तल सर के साथ इतनी तेज आवाज में बात करते नहीं सुना था। मैं वहां से जाने लगा, पर तभी मुझे मेरा नाम सुनाई दिया। अब मैं कान लगा कर उनकी बहस सुनने की कोशिश करने लगा।


"चाचाजी, मनीष को मैं किसी भी सूरत में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल नहीं होने दूंगा।" श्रेय की आवाज आई।


"लेकिन क्यों? अच्छा लड़का है टैलेंटेड है, ऐसे लोगों की जरूरत है कंपनी को, वैसे भी मैं उसे अपना बेटा मानता हूं।"


"पर वो मानता है क्या? पहले मैं भी उसे अच्छा मानता था, पर उसने शिविका के साथ क्या किया?"


"श्रेय।" इस बार मित्तल सर की आवाज बहुत तेज थी। "उसमें उसकी क्या गलती थी? उसे तो पता भी नहीं कि हम उसकी शादी शिविका से करवाना चाहते थे, बतानि तो हमें ही थी ये बात, पर हम ही अपने स्वार्थ में पहले अपने सपने पूरे करवाने लगे उससे। और उसका दिल कहीं और लग गया, तो इसमें कोई क्या कर सकता है। और ऐसा नहीं है कि मैं बोलता तो वो शिविका से शादी नहीं करता, लेकिन ये सोचो फिर अपनी ही शिविका का जीवन कैसा हो जाता? क्या पता मनीष उसे वैसा प्यार दे पता या नहीं?"


"फिर भी चाचाजी, मैं नहीं चाहता कि वो बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में आए।"


"तुम इस कंपनी में मेरी ऑथोरिटी को चैलेंज कर रहे हो श्रेय?"


"नहीं चाचाजी, वो मैं कभी नहीं कर सकता। मुझे अच्छी तरह से पता है कि ये कंपनी आपके बिना यहां तक नहीं पहुंचती, और इसीलिए पापा भी कभी आपकी कोई बात नहीं टालते, लेकिन फिर भी मैं आपकी इस बात के खिलाफ हूं।"


" तक फिर मनीष बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में आएगा, ये मेरा फैसला है।"


"फिर मैं भी पूरी कोशिश करूंगा कि वो न आए।" श्रेय ने भी ऊंची आवाज में बोला।


मुझे लगा कि वो बाहर आने वाला है, इसीलिए मैं वहां से अपने कमरे में चला आया। मेरे और शिविका के बारे में मित्तल सर ने ये सोचा था इसे।जान कर मुझे खुद में कुछ ग्लानि होने लगी, शायद यही कारण था कि अब शिविका मुझसे कटी कटी रहने लगी थी। लेकिन शायद सर भी सही थे, उनके कहने पर मैं आज भी नेहा को छोड़ दूं, पर वो प्यार किसी और को दे पाऊंगा? शायद कभी नहीं।


श्रेय उसी समय वापस वापी के लिए निकल गया था। हमें अभी 2 से 3 दिन और लगने थे। अगले दिन गृह मंत्रालय से बुलावा आया और हम लोग वहां मीटिंग के लिए चले गए। मीटिंग अच्छी रही थी। सरकार अपने खजाने का कुछ हिस्सा रखने को तैयार थी, बस उनकी एक जांच समिति आ कर वाल्ट की सुरक्षा जांच करने के बाद ही इसका अप्रूवल मिलता था। हम वापस वापी आ गए।


अगले हफ्ते पहले ही दिन बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग बुला ली गई। फिलहाल इसमें 9 मेंबर हैं, मित्तल सर जो 15% होल्डिंग रखते हैं और फिलहाल मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, उनके अलावा महेश अंकल के पास 10%, दोनो की पत्नी और बच्चों के पास 5 5 % की होल्डिंग है। इनके अलावा 2 प्रमोटर है जो 5% की ही होल्डिंग रखते हैं। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में आने के लिए कम से कम 5% की होल्डिंग होना जरूरी था, और 1% से ऊपर की होल्डिंग बिना बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के अप्रूवल के नहीं मान्य थी। तो किसी को भी बोर्ड में शामिल होने के लिए इनकी अप्रूवल जरूरी थी।



हर मेंबर को एक वोट की ही वोटिंग राइट थी, लेकिन MD होने के नाते मित्तल सर की बात को कोई आज तक काटा नहीं था, तो वोटिंग को नौबत नहीं आई थी।


आज की मीटिंग में मुझे भी बुलाया गया था।


मीटिंग शुरू होते समय मुझे मित्तल सर के चेहरे पर कुछ टेंशन दिखी, जो मुझे बहुत चुभ रही थी। आज तक मैने उनको कभी इस प्रकार से तनाव में नहीं देखा था।


मीटिंग शुरू होने पर कुछ जनरल बाते डिसकस हुई, वाल्ट के लिए सरकार की ओर से लगभग मंजूरी मिलने की बात भी मित्तल सर ने बताई जिसे सुन सभी बहुत खुश हुए, और मुझे भी बधाई दी।


फिर मित्तल सर ने मुझे बोर्ड में शामिल होने का प्रपोजल दिया। जिसे पहले तो महेश अंकल ने एक्सेप्ट किया, लेकिन उसके फौरन बाद ही श्रेय ने उठ कर इस प्रस्ताव का विरोध कर दिया, और वोटिंग की बात कर दी। इसे सुन कर न सिर्फ मित्तल सर, बल्कि महेश अंकल भी टेंशन में आ गए।


वोटिंग के लिए चीफ अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी को कॉल किया गया, और उनके आने पर वोटिंग का प्रोसेस शुरू हुआ।



और पहले मोशन के विरोध में लोगों के वोट लिए गए, और उसके रिजल्ट देख सबसे बड़ा झटका मित्तल सर को लगा.....

Bahut hi shandar update he Riky007 Bhai

Jaisa socha tha khair vaisa to kuch nahi hua..........

Shivika aur manish ki shadi ka plan tha mittal sir ka..............

Neha ke aa jane se ye plan khair khatam hi ho gaya....................shrey ka gussa shayad isi liye he

Board of Directors me shamil hone ke liye shayad manish ko oppose me vote jyada mile.........

Agli dhamakedar update ka intezar rahega Bhai
 

Riky007

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#अपडेट १६


अब तक आपने पढ़ा -



वोटिंग के लिए चीफ अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी को कॉल किया गया, और उनके आने पर वोटिंग का प्रोसेस शुरू हुआ।


और पहले मोशन के विरोध में लोगों के वोट लिए गए, और उसके रिजल्ट देख सबसे बड़ा झटका मित्तल सर को लगा.....


अब आगे -


मोशन के खिलाफ वोट करने वालों में श्रेय और एक प्रमोटर के अलावा, प्रिया और मित्तल सर की पत्नी थीं। ये देख कर मित्तल सर का चेहरा तमतमा गया था। अब उस मोशन के पक्ष में चार लोग, महेश अंकल उनकी पत्नी, बेटी शिविका, और एक प्रमोटर था। जबकि खिलाफ में एक प्रमोटर, श्रेय, मित्तल सर की पत्नी और उनकी बेटी प्रिया।


खुद के ही परिवार को अपने खिलाफ देख कर उनका सर शर्म से झुक गया, चेहरा लाल हो गया। श्रेय के चेहरे पर एक मुस्कान थी, मित्तल सर के अपने परिवार को ही उनके खिलाफ करने की।


हालांकि अभी भी मित्तल सर का वोट उनके मोशन को अप्रूव कर सकता था। मगर वो भी उनकी ही हार होती।


वो अपना वोट करने ही वाले थे, कि मैंने खड़े हो कर कहा, "सर, आप मेरे सिर्फ पिता ही नहीं मेरे भगवान भी हैं और इतना समझ लीजिए कि चाहे कुछ भी हो जाय, मैं आपका साथ कभी नहीं छोडूंगा। लेकिन आपसे मेरी विनती है कि आप अपने इस प्रोपोजल को वापस ले लीजिए, मेरे लिए आपके नीचे काम करना मेरा सौभाग्य है और हमेशा रहेगा। चाहे वो मैं बोर्ड में रह कर करूं या बस एक अदना का कर्मचारी बन कर।"


"लेकिन मनीष.."


"सर, मैने कुछ आज तक आपसे मांगा नहीं है। इसे ही मेरी इक्षा समझ कर मान लीजिए।" मैन हाथ जोड़ते हुए कहा।


वो कुछ देर सोचने के बाद, "ठीक है मनीष, तुम्हारी मर्जी के कारण मैं ये प्रोपोजल वापस ले रहा हूं।"


इसी के साथ वो अपनी कुर्सी से उठ कर बाहर चले गए। आज उनकी चाल में वो रुतबा नहीं दिख रहा था। श्रेय ने जाते जाते मुझे एक कुटिल मुस्कान दी। प्रिया ने मेरी ओर देख भी नहीं। हां शिविका ने जरूर एक बार देखा, लेकिन उसकी आंखे सूनी सी थी।


सेंटर की टीम इंस्पेक्शन के लिए कुछ ही दिन आने वाली थी, तो मैं उसके तैयारियों में लग गया।


पूरा हफ्ता इसी में निकल गया। सेंटर की टीम संतुष्ट हो कर गई थी, और हमें उम्मीद थी कि सरकार अपना सोना रखने को तैयार हो जाएगी। इसी बीच नेहा भी देहरादून चली गई थी, क्योंकि उसके डाइवोर्स वाले केस की तारीख आने वाली थी, और उसने किसी तरह से पैसों का इंतजाम भी कर लिया था। मैने कई बार उसे पैसे लेने की कहा पर हर बार वो मुझे मना कर देती थी।


अगले हफ्ते इसकी मंजूरी भी आ गई, और इसी के उपलक्ष्य में एक बड़ी पार्टी रखी गई। ये पार्टी मित्तल मेंशन में थी, मुझे भी जाना था, पर अब मेरा मन नहीं करता था सर के परिवार के सामने पड़ने का। खैर जाना तो था ही, तो मैं भी वहां गया।


बहुत सी जानी मानी हस्तियां मौजूद थी उस पार्टी में। वहां मुझे समर भी दिखा।


"क्या भाई, तुम भी invited हो क्या?" मैने उससे पूछा।


"सरकारी नौकर हूं भाई, और मित्तल साहब की इतनी बड़ी पार्टी, सुरक्षा का भी तो खयाल रखना पड़ता है हम लोग को। ड्यूटी पर हूं।" उसने कहा।


"अरे भाई, मैने सोचा आज दोनो लोग साथ बैठते हैं।"


"चल किसी और दिन सही, आज तो मौका नहीं मिलना।" ये बोल कर समर अपनी ड्यूटी करने लगा और मैं पार्टी में चला गया। पार्टी अपने शबाब पर थी। खाना और पीना दोनों जोर शोर से चल रहे थे। मैं मित्तल सर के पास गया, और उन्होंने मेरा तारूफ कई बड़े बड़े लोगों से करवाया। फिर कुछ देर बाद उनकी इजाजत ले कर मैं एक पैग ले कर किनारे बैठ गया। तभी मुझे श्रेय दिखा, और उसने भी मुझे देखा। उसके साथ कई सारे लड़के लड़कियां थे उसके ही हमउम्र के।


मुझे देखते ही वो मेरे पास आया। "हेलो मनीष। कैसे हो भाई?" आवाज से पता लग रहा थी उसने पी रखी है


"बढ़िया हूं मैं, तुम बताओ।" मैने अनमने ढंग से उससे कहा।


उसने मेरे कंधे पर हाथ रखनकर कहा, "मनीष वो बोर्ड मीटिंग वाली बात, that was just business, nothing personal. बुरा मत मानना उसका भाई।"


"मैं उस बात को कबका भूल चुका हूं।" मैने उसी सपाट लहजे में कहा।


"बढ़िया है फिर।" ये बोल कर उसने मुझे गले लगा लिया।


"ठीक है भाई, enjoy the party. और ये है भी तुम्हारे ही कारण" बोल कर श्रेय चला गया। और मेरा मूड और खराब कर दिया उसने। मैं फौरन ही पार्टी से निकल गया।


घर पहुंच कर मैने और शराब पी और सोफे पर ही लुढ़क गया। आज नेहा भी नहीं थी कि मैं किसी के साथ वक्त बीतता।


धीरे धीरे ऐसे ही समय बीतने लगा, नेहा अभी भी नहीं आई थी। ऑफिस का काम भी सही तरीके आ चल रहा था। वाल्ट वाले डिवीजन में प्राइवेट लोग भी कई वाल्ट ले चुके थे। और सरकार ने भी अभी फिलहाल 10 टन सोना रखने की मंजूरी दे दी थी, जो 4 अलग अलग समय पर 6 महीने के अंदर आना था, और उसकी पहली खेप भी आ गई थी।


नेहा ने एक दिन कंफर्म किया कि उसका और संजीव का तलाक हो गया है, और वो जल्दी ही वापस आएगी। पर उसके बाद उसके फोन आने कम हो गए, और एक दिन जब उसका कॉल नहीं आया तो मेरे लगाने पर उसका फोन बंद आने लगा। ठीक उसी समय सरकार का सोना आ रहा था तो मैं उधर ज्यादा बिजी हो गया और एक हफ्ते तक रात को मैं रोज फोन लगाता था, पर वो बंद ही रहा। संडे को फ्री होकर मैं दिन भर उससे संपर्क करने की कोशिश करता रहा, लेकिन नतीजा वही....
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Night me padh kar review deta hu Riky abhi thoda busy hu :declare:

Kafi kuch is UPDATE me intresting raha dekhne ko jaise Manish ke ne jaise he Neha ko piche apni bahoo me leya Neha ne ek pal me Manish ko dekh call per bat kar rhe shaksh se bat palat di use papa bata dia sath he Manish se 25 lac ki bat bol di apne X husband ko Dene ki ye bol ke ki in paiso ko leke wo Neha ko divorce dede ga
.
Fir Karan ne jo bataya Manish ko ki Neha ko Shray se isharo me bat karte dekha tha Karan ne ab ye bat janne ke bad Manish aage kya karta hai ye janna intresting hoga aage
.
Filhal Neha ne Manish ke ghar aake acha romantic waqt bitaya sath me
.
Jabki Manish ne Neha ko achi shopping Kara di sath me pub me dance or Dinner kia
.
Update kafi majedar raha ye wala very well Riky007 bhai

🤔 Kya matlab SIRJI

Awesome update
Kya ye hamla sochi samjhi sajish ke tahat hua hai Kyoki lag rha hai ki neha apne ko.sahi sabit karne aur manish ki taraf se uske parti fikar mand hokar uske liye hua shak ko darkinar krvana hai,
Lekin samir ne neha ke.jel.jane.ka.bta kar phir manish ke man me shak paida kiya lekin uska bhi jald.hi.hal.ho.gya,
Kahani ek dum se do mahine aage bad gayi hai ,


Bhaut hi shandar update he Riky007 Bhai,

Chalo ek baat to sahi huyi ki koi jyada gambhir rup se zakhmi nahi hua................

Neha ka past abhi bhi ek dark side me he.............jiska din ba din koi naya rahasay khul raha he................

Revolver to manish ko mil gayi............lekin uska use kab karega.............aur uska kya parinam hoga ye dekhne wali baat hogi.............

Keep rocking Bro

Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki

नेहा की एक्टिविटी और किश्त बाई किश्त उसका पास्ट सामने आना उसे संदेह के घेरे मे ही लाता है ।
लेकिन उसने जिस तरह से मनीष को लगने वाला चाकू खुद पर ले लिया , वह उसके संदिग्ध कैरेक्टर से मेल नही खाता है ।
और जहां बात है उसके चिटफंड घोटाले मे शामिल होने की , तो पुलिस उसे पहले ही क्लिन चिट दे चुकी है ।

मनीष के शक की एक वजह थी कि उसने एक रात एक युगल प्रेमी को मित्तल निवास के टेरेस पर आपत्तिजनक स्थिति मे देखा और उसे इल्म हुआ कि लड़की नेहा हो सकती है ।
नेहा के अनुसार उस रात वो अपनी एक रिलेटिव के साथ फिल्म देख रही थी । अगर मनीष साहब चाहें तो वो उस रिलेटिव से इसका सत्यापन पता कर सकते है ।

कुल मिलाकर नेहा का किरदार अब भी मिस्ट्रीयस जैसा रहा है । उसके पास्ट शनैः शनैः सामने आ रहे है इसलिए उन पर थोड़ा-बहुत शक बनता ही है ।

लेकिन मनीष पर जानलेवा घात किसने किया ? क्या यह एक साधारण पब फाइट का तत्कालिक परिणाम था या फिर कोई अन्य कारण ?

वैसे शिविका के चेहरे के नूर का फीकापन अब दिखाई देने लगा है । लेकिन इस फीकापन का कारण वह स्वयं थी । वह मनीष को पसंद करती थी तो उन्हे मनीष को यह बात बताना चाहिए था ।

खुबसूरत अपडेट रिकी भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।

Bahut hi shaandar update diya hai Riky007 bhai....
Nice and lovely update....

Nice update....

Nice update

तो जैसा मुझे उम्मीद थी, शिविका का मनीष को ले कर दोस्त/प्रेमिका वाला भाव ही था!

लेकिन ऐसे गुप-चुप रह कर यह आशा करना कि अगला आपके मन की बात समझ जाएगा - मूर्खता होती है। वैसे, मेरे हिसाब से शिविका सही होती मनीष के लिए। नेहा के अतीत में ढेरों बोझ दिखाई दे रहे हैं, जिनके बारे में भाई को कोई ज्ञान नहीं है। वो भी उसको कुछ बताती नहीं - बस दूध मलाई खिला खिला कर बहलाती हुई दिख रही है।

रजत मित्तल के पास 15%; महेश मित्तल के पास 10%; तीनों बच्चों (प्रिया, श्रेयन, और शिविका) और दोनों श्रीमतियों के पास 55% -- मतलब औसतन 11% प्रति व्यक्ति? और दोनों प्रमोटर्स के पास 5-5% मिला कर 10% है। ये तो 90% ही बना! बचे हुए 10% कहाँ हैं? या फिर मैंने कुछ गलत समझ लिया? कृपया फिर से समझाएँ।

वैसे, यहाँ वोटिंग राइट शेयरहोल्डिंग पर आधारित नहीं है। नौ लोग हैं - अगर पाँच ने ‘न’ कह दिया, तो वो प्रपोजल ‘न’ ही रह जाएगा। मुझे लगता है कि श्रेयन, प्रिया, श्रीमति रजत मित्तल, श्रीमति महेश मित्तल, और दोनों प्रमोटर्स ने न कहा होगा (6 No और 3 Yes)। शिविका मनीष को चाहती है, इसलिए वो उसको यूँ नहीं काटेगी।

ख़ैर, शतरंज की बिसात वॉल्ट के इर्द-गिर्द बिछाई जा रही है। और मोहरा है मनीष। क्यों? क्योंकि उसके अलावा केवल रजत और महेश मित्तल को ही उसका एक्सेस है। लेकिन इसमें चाल क्या है, वो अभी मेरी समझ से परे है। मित्तल परिवार में अगर कोई चाहे तो मनीष को हटा सकता है। ख़ून से गाढ़ा कुछ नहीं होता!

तो शतरंज की चाल क्या है, समझ नहीं आ रहा है। मिशन इम्पॉसिबल को शतरंज की चाल नहीं कहा जा सकता है -- वो चोरी होती है। अगर सरकारी ख़जाने की चोरी होती है, तो पूरे ग्रुप का नुकसान होना है... किसी एक का नहीं! क्या पता, महेश ने रजत को हटाने के लिए कोई चाल चली हो। पुनः, वॉल्ट में अगर कोई लफ़ड़ा हुआ, तो पूरे ग्रुप को नुक़सान होगा - किसी एक को नहीं।

गाड़ी में पिस्तौल ले कर चलना मूर्खता है - गाड़ी का लॉक खोलना, संसार का सबसे आसान काम है।

बहुत बढ़िया कहानी है भाई! बहुत बढ़िया!
लेकिन आशा है कि शतरंज की चाल होगी - न कि चोरी डाका!
अपडेट पोस्टेड 🙏🏼
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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Bahut hi badhiya update he Riky007 Bhai,

Aakhirkar vault ka kaam pura ho gaya..................do mahine ki ji tod mehnat ki he manish ne.............

Lekin in do mahine me neha ne kya kiya...........kis kis se mili iska koi bhi andaza nahi he manish ko...............

Presentation wala laptop dene jab manish Mittal sir ke room me jata he to kuch bahas ki awaje aati he.........

Kya ye bahas Neha aur Manish se connected he?????????

Agli update ka intezar rahega Bhai
धन्यवाद भाई जी 🙏🏼
 
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